tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post6404451893426425866..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: दूसरी सूची ; आप की पोस्ट यहाँ है क्या ? चर्चा मंच 988अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-15643457296170671782012-09-01T02:04:44.882+05:302012-09-01T02:04:44.882+05:30भगवन गर नाराज, पड़े डाक्टर के द्वारे |
डाक्टर गर न...भगवन गर नाराज, पड़े डाक्टर के द्वारे |<br />डाक्टर गर नाराज, हुए भगवन के प्यारे||<br /><br />बहुत सुन्दर चर्चा.smhttp://realityviews.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-40321970525243067182012-08-31T16:57:50.382+05:302012-08-31T16:57:50.382+05:30अच्छी प्रस्तुति।अच्छी प्रस्तुति।Ritesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/08778571076761815036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8226821279487620852012-08-31T16:05:24.966+05:302012-08-31T16:05:24.966+05:30बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-28021639997745330792012-08-31T13:43:03.287+05:302012-08-31T13:43:03.287+05:30बहुत बढ़िया चर्चा ...आभार रविकर जी ....अहम् को स्व...बहुत बढ़िया चर्चा ...आभार रविकर जी ....अहम् को स्वाहा करने की कोशिश करती हुई मेरी रचना यहाँ है ...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-70838805010854217302012-08-31T13:40:38.276+05:302012-08-31T13:40:38.276+05:30बेहतरीन लिंक्स और सुन्दर चर्चा..आभार .बेहतरीन लिंक्स और सुन्दर चर्चा..आभार .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-9209157863135060622012-08-31T12:07:20.732+05:302012-08-31T12:07:20.732+05:30बहुत सुन्दर चर्चा......रविकर जी....आभार
बहुत सुन्दर चर्चा......रविकर जी....आभार<br />Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-58632886530749905952012-08-31T11:34:39.769+05:302012-08-31T11:34:39.769+05:30बहुत सुन्दर चर्चा......
बेहतरीन लिंक्स.
मेरी रचना ...बहुत सुन्दर चर्चा......<br />बेहतरीन लिंक्स.<br />मेरी रचना को शामिल करने का शुक्रिया रविकर जी....<br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18179152611442928252012-08-31T10:25:38.959+05:302012-08-31T10:25:38.959+05:30राष्ट्रपति के क्षमादान के अधिकार को संविधान से समा...राष्ट्रपति के क्षमादान के अधिकार को संविधान से समाप्त कर देना चाहिये। क्षमादान के लिये तीन सदस्यों की ज्यूरी होनी चाहिये जो मानवी पहलूओं पर विचार करे दोनों पक्षों की दलीलें सुने और पन्दरह दिन के अन्दर ही फैसला करे। जो सिस्टम अभी चल रहा है यह देश की न्यायिक व्यवस्था पर कलंक है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89319259052129383582012-08-31T10:03:04.821+05:302012-08-31T10:03:04.821+05:30बहुत सुन्दर चर्चा बेहतरीन लिंक्सबहुत सुन्दर चर्चा बेहतरीन लिंक्सRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79223084139556334252012-08-31T09:48:00.681+05:302012-08-31T09:48:00.681+05:30दमदार काव्यात्मक टिप्पणियाँ..दमदार काव्यात्मक टिप्पणियाँ..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-84382986748964938242012-08-31T08:54:10.180+05:302012-08-31T08:54:10.180+05:30बहुत सुन्दर चर्चा!
पुराने लिंक पढ़ने में आनन्द आया...बहुत सुन्दर चर्चा!<br />पुराने लिंक पढ़ने में आनन्द आया!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-2790484103698802022012-08-31T08:41:58.922+05:302012-08-31T08:41:58.922+05:30सुंदर लिंक्स की सुंदर प्रस्तुति.....सुंदर लिंक्स की सुंदर प्रस्तुति.....अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-63577881946983644262012-08-31T08:38:30.589+05:302012-08-31T08:38:30.589+05:30आप मुड़ कर न देखते
नीरज गोस्वामी
नीरज
चीखता... आप मुड़ कर न देखते<br />नीरज गोस्वामी <br /> नीरज <br /><br />चीखता है वही सदा " नीरज"<br />जिसकी बातों में दम नहीं होता<br /><br />बहुत खूब लिखा है !<br /><br />वो इतना बेदम कर चुके हैं <br />चीखने का दम बचा ही नहीं !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69418607666982119722012-08-31T08:34:13.579+05:302012-08-31T08:34:13.579+05:30हवन का ...प्रयोजन.....!!
Anupama Tripathi
anupama&... हवन का ...प्रयोजन.....!!<br />Anupama Tripathi<br />anupama's sukrity. <br /><br />वाह बहुत खूब !<br /><br />अपने अपने अहं का <br />दाह संस्कार बहुत बार <br />करके चले आते हैं <br />पूरा का पूरा जलाते हैं <br />भस्म भी उठा के <br />कटोरे में ले आते हैं<br />अहं जलने के बाद <br />फिर से पनप जाता है <br />पेड़ पर उगने वाले <br />पैरा साईट की तरह <br />मन में पैर जमा <br />के फैल जाता है !<br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-191745135296495482012-08-31T08:25:28.855+05:302012-08-31T08:25:28.855+05:30 कमल का तालाब
देवेन्द्र पाण्डेय
बेचैन आत्मा
पे... कमल का तालाब<br />देवेन्द्र पाण्डेय <br />बेचैन आत्मा <br /><br />पेज तो खुल रहा है<br />रविकर की टिप्पणी भी<br />वहाँ नजर आ रही है<br />पर हम कहाँ पर टिप्पणी<br />करेंगे वहाँ जाकर <br />ये बात हमको वो नहीं<br />कहीं दिखा रही है !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-6621671306079703672012-08-31T08:14:25.971+05:302012-08-31T08:14:25.971+05:30तारों की घर वापसी
my dreams 'n' expressi... तारों की घर वापसी<br /> my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन..... <br />बहुत सुंदर !<br />घर निकाला नहीं दिया था<br />बस चाँद ने तारों से <br />कुछ कुछ कह दिया था<br />तारों को बुरा लग गया था<br />एक तारा कूद पड़ा गुस्से में<br />आसमान से जब उस समय<br />बचाने को उसको तारों <br />का झुंड भी कूद पड़ा था<br />बात बहुत छोटी सी थी<br />चाँद ने तारों से बस यही<br />तो कह दिया था <br />कि जगे रह्ते हें वो रात भर<br />थोड़ा सोते क्यों नहीं हैं !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8897790432323312042012-08-31T07:45:57.701+05:302012-08-31T07:45:57.701+05:30हाँ और न के बीच का फासला उतना कम भी नहीं है और दीय...हाँ और न के बीच का फासला उतना कम भी नहीं है और दीये की बाती भी घट गई है ,जीवन बीत रहा है ,यही द्वंद्व है इस रचना में ,एक मारक अंडर टोन भी है जो उदास कर जाती हैइतना भी<br />घुप्प अँधेरा न करो<br />कि तड़ातड़ तड़कती <br />तड़ित-सी विघातक<br />व्यथा-वेदना में<br />तुम भी न दिखो...बढ़िया बिम्ब है------- इस दिए का क्या ?<br />तेल चूक गया है<br />बाती भी जल गयी है<br />बची हुई<br />चिनकती चिनगारी में<br />इतना धुआँ भी नहीं<br />कि भर दे जलन<br />तुम्हारी आँखों में...<br />क्या कहूँ ?- -----------------इस दीये का क्या ..........तेल चुक गया ..........चिनकती चिंगारी में ....इसीलिए कहतीं हूँ एक अन्धेरा एक धुंध सार्वजनिक रूप से रचो ,और उसी धुंध का फायदा उठा अपनी बात कहो .....सीधे सीधे कुछ कह नहीं पाती ही कवियित्री इस रचना में ......दीपक की बाती..तेल के चुक जाने की बात कहती है .....बढ़िया रचना है भाव व्यंजना लिए एक अंडर टोन लिए ..,. यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?<br />. यहाँ भी पधारें -<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-4940234641731399132012-08-31T07:43:08.492+05:302012-08-31T07:43:08.492+05:30पहियों पर ज़िन्दगी अजब इत्तेफाक है आज ही "आंच...पहियों पर ज़िन्दगी अजब इत्तेफाक है आज ही "आंच " पर इसकी समीक्षा पढ़ी .सब खेल धरा रह जाएगा ,जब छोड़ मुसाफिर जाएगा ,. यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-17589472638855657702012-08-31T07:39:07.470+05:302012-08-31T07:39:07.470+05:30क्या करें डॉ .दिव्या यह सरकार ही रिमोटिया है .एक ...क्या करें डॉ .दिव्या यह सरकार ही रिमोटिया है .एक मौन सिंह हैं जिन्हें हमने कागभगोड़ा कहना भी मुल्तवी कर रखा है ,पक्षी भी इस पर बीट(बिष्टा )करके भाग खड़े होतें हैं .मियाँ फखरुद्दीन ने आपातकाल लगने के बाद अगले दिन अध्यादेश पे दस्तखत किए थे .. यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16702815112551046562012-08-31T07:33:23.961+05:302012-08-31T07:33:23.961+05:30,हाँ और न के बीच का फासला उतना कम भी नहीं है और दी...,हाँ और न के बीच का फासला उतना कम भी नहीं है और दीये की बाती भी घट गई है ,जीवन बीत रहा है ,यही द्वंद्व है इस रचना में ,एक मारक अंडर टोन भी है जो उदास कर जाती है इतना भी<br />घुप्प अँधेरा न करो<br />कि तड़ातड़ तड़कती <br />तड़ित-सी विघातक<br />व्यथा-वेदना में<br />तुम भी न दिखो...बढ़िया बिम्ब है------- इस दिए का क्या ?<br />तेल चूक गया है<br />बाती भी जल गयी है<br />बची हुई<br />चिनकती चिनगारी में<br />इतना धुआँ भी नहीं<br />कि भर दे जलन<br />तुम्हारी आँखों में...<br />क्या कहूँ ?- -----------------इस दीये का क्या ..........तेल चुक गया ..........चिनकती चिंगारी में ....इसीलिए कहतीं हूँ एक अन्धेरा एक धुंध सार्वजनिक रूप से रचो ,और उसी धुंध का फायदा उठा अपनी बात कहो .....सीधे सीधे कुछ कह नहीं पाती ही कवियित्री इस रचना में ......दीपक की बाती..तेल के चुक जाने की बात कहती है .....बढ़िया रचना है भाव व्यंजना लिए एक अंडर टोन लिए .. यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-54854097017794820992012-08-31T07:29:46.033+05:302012-08-31T07:29:46.033+05:30इत्तेफाक आज ही "आंच "पर पहिये की कसावदार...इत्तेफाक आज ही "आंच "पर पहिये की कसावदार समीक्षा भी पढ़ी ,सब खेल धरा जाएगा अजब छोड़ मुसाफिर जाएगा ,अकड फाकड ,पहिये की हवा ,पहिये<br />देवेन्द्र पाण्डेय <br />बेचैन आत्मा यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012<br />लम्पटता के मानी क्या हैं ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42603028862617672452012-08-31T07:25:55.232+05:302012-08-31T07:25:55.232+05:30Nice links.Nice links.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-35644127253578734802012-08-31T07:01:17.194+05:302012-08-31T07:01:17.194+05:30अच्छी और कई लिंक्स दी हैं पठन हेतु |
आशा अच्छी और कई लिंक्स दी हैं पठन हेतु |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.com