tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post6492193345027494468..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: दीपक मशाल की शनिवासरीय चर्चाअमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39317740913151306182010-09-20T01:13:29.523+05:302010-09-20T01:13:29.523+05:30मेरा नेट खराब था दो दिन ..लगता है बहुत कुछ हो गया ...मेरा नेट खराब था दो दिन ..लगता है बहुत कुछ हो गया यहाँ .दीपक ने शायद अनजाने ही वो कह दिया जो बाकी चर्चाकारों को आहत करना स्वाभाविक था .<br />मेरे ख़याल से चर्चा पोस्ट की की जानी चाहिए न कि ये देख कर कि उसे लिखने वाला कौन है ..जान पहचान वाला ,या नया या पुराना .नए लोगों को चर्चा में शुमार करना जरुरी है वो अच्छी बात है परन्तु कोई भी इंसान जब कुछ पढता है और कुछ उसे प्रभावित करता है तो वो उसकी चर्चा करना चाहता है और सिर्फ इस वजह से कि वो उसे लिखने वाले जो जनता है इसलिए उसे चर्चा में शामिल न करे ये कहाँ का इन्साफ है .यहाँ भी कुछ अच्छे और पहचान के नाम दिखे जो दिखने ही चाहिए नए लोगों को भी तो पता लगे कि बाकि लोग क्या लिख रहे हैं .<br />सभी चर्चाकार कितनी मेहनत से चर्चा करते हैं यह बात सब जानते हैं .और जो मेहनत करता है उसे तुम्हारी बात बुरी लगनी संभव थी .इसीलिए शायद संगीता दी को बात ज्यादा अखर गयी .इस मंच में उनके योगदान से इनकार नहीं किया जा सकता..<br /><br />अच्छा हुआ माफी मांग ली गई है और दे दी गई है .@दीपक तुम बहुत प्रतिभाशाली हो अच्छी चर्चा की है तुमने पर हमेशा याद रखना कि फलों से लड़ा हुआ पेड़ हमेशा झुका होता है.दूसरों को कम आंकना कभी अपने गुणों को नहीं बढा सकता..एक अच्छी चर्चा के लिए तुम्हें बधाईshikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42998824720199717402010-09-19T23:48:02.498+05:302010-09-19T23:48:02.498+05:30आपकी कृपापूर्ण सूचना पर 'चर्चा मचं' देखा भ...आपकी कृपापूर्ण सूचना पर 'चर्चा मचं' देखा भी और पढा भी। प्रयास निस्सन्देह प्रशंसनीय है। साधुवाद।<br /><br />जिस विवाद के बारे में इतनी बातें हुई हैं वह 'चिन्दी का थान बन जाना' कहावत को चरितार्थ करता है। 'मुण्डे-मुण्डे मतिर्भिन्ना' के चलते ऐसे विवाद सहज और स्वाभाविक हैं। यह न तो पहला विवाद है और न ही अन्तिम। किन्तु क्षमा याचना और खेद प्रकाशन के बाद विवाद समाप्त मान लिया जाना चाहिए। उम्मीद है कि सब कुछ पूर्ववत सामान्य और सहज हो गया होगा। शास्त्रीजी ने निरस्तीकरण का अपना विचार निरस्त कर सामयिक विवेकशीलता बरती है। साधुवाद।<br /><br />मुझे विस्तारित करने तथा मेरा सम्मान बढाने के लिए कोटिश: धन्यवाद।<br /><br />तकनीक की जानकारी के मामले में सचमुच में 'शून्य' हँ। कुछ मित्रों ने बताया कि मेरे ब्लॉग की फीड नहीं मिल रही है। ऐसे मे आपने मेरा ब्लॉग कैसे प्राप्त कर लिया।<br /><br />फीड के बारे में मुझे क्या करना चाहिए, बताईएगा।<br /><br />यही कृपा भाव बनाए रखिएगा।<br /><br />कृपाकांक्षी,<br /><br />विष्णुविष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18092518859392338492010-09-19T23:48:01.701+05:302010-09-19T23:48:01.701+05:30आपकी कृपापूर्ण सूचना पर 'चर्चा मचं' देखा भ...आपकी कृपापूर्ण सूचना पर 'चर्चा मचं' देखा भी और पढा भी। प्रयास निस्सन्देह प्रशंसनीय है। साधुवाद।<br /><br />जिस विवाद के बारे में इतनी बातें हुई हैं वह 'चिन्दी का थान बन जाना' कहावत को चरितार्थ करता है। 'मुण्डे-मुण्डे मतिर्भिन्ना' के चलते ऐसे विवाद सहज और स्वाभाविक हैं। यह न तो पहला विवाद है और न ही अन्तिम। किन्तु क्षमा याचना और खेद प्रकाशन के बाद विवाद समाप्त मान लिया जाना चाहिए। उम्मीद है कि सब कुछ पूर्ववत सामान्य और सहज हो गया होगा। शास्त्रीजी ने निरस्तीकरण का अपना विचार निरस्त कर सामयिक विवेकशीलता बरती है। साधुवाद।<br /><br />मुझे विस्तारित करने तथा मेरा सम्मान बढाने के लिए कोटिश: धन्यवाद।<br /><br />तकनीक की जानकारी के मामले में सचमुच में 'शून्य' हँ। कुछ मित्रों ने बताया कि मेरे ब्लॉग की फीड नहीं मिल रही है। ऐसे मे आपने मेरा ब्लॉग कैसे प्राप्त कर लिया।<br /><br />फीड के बारे में मुझे क्या करना चाहिए, बताईएगा।<br /><br />यही कृपा भाव बनाए रखिएगा।<br /><br />कृपाकांक्षी,<br /><br />विष्णुविष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-11645282046192590172010-09-19T23:32:40.702+05:302010-09-19T23:32:40.702+05:30दीपक जी ......वैसे तो यह चर्चा मंच के चर्चाकारो का...दीपक जी ......वैसे तो यह चर्चा मंच के चर्चाकारो का निजी मामला है .....पर एक पाठक की हसियत से और किसी दुसरे ब्लॉग पर एक चर्चा कार की हसियत से भी कुछ कहने का बहुत मन कर रहा है .........अगर मेरी कोई बात बुरी लग जाए तो ४ रोटी ज्यादा खा लीजियेगा ;-)........कल से आई फ्लू से ग्रसित हूँ सो पहले नहीं आ पाया !<br /><br />'ये चर्चा सिर्फ तभी पढ़ें, या इस पर सिर्फ तभी टिप्पणी करें जब आपको सच में इसमें कुछ नया दिखे यानि इसमें मिलने वाले वो ब्लॉग जिनपर आप कभी गए नहीं.. उनपर आप जाएँ. यदि सिर्फ चर्चा देखने भर को देखनी है तो इन चर्चाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता.'<br /><br />आप अपने पाठक को कैसे निर्देशित कर सकते है कि वह आपको कैसे और क्यों पढ़े ?<br />टिप्पणी करना या ना करना पाठक का अधिकार है सो इस मामले में भी आपका कहना नहीं बनता !<br />नयापन निर्धारित करने का क्या मापदंड है ? जो आपके लिए नयापन है हो सकता है मेरे लिए पुराना हो !<br />फिर जब यहाँ इतना विवाद खड़ा हो ही गया था कि शास्त्री जी ने इस मंच को बंद करने के बारे में भी लिख दिया तो क्या एक बार यहाँ आ कर अपनी बात कहना आपने जरूरी नहीं समझा !?!?<br />आपके साथ के २ चर्चाकारो ने इस मंच पर चर्चा करने से भी मना कर दिया था और शायद दोनों आपसे काफी बड़े है कम से कम उम्र में तो है ही ! <br />दीपक जी कभी कभी हम यह सोच कर चुप रहते है कि बात खत्म हो गयी अब इस पर क्या कहना पर सच कुछ और ही होता है !!!<br />इस मंच के एक पुराने पाठक की हैसियत से आपसे विनती है अपनी बात साफ़ करें .....खुले में !<br /><br />लगे हाथो एक शिकायत और .........कर ही देता हूँ .......बहुत बार मैंने आपकी पोस्ट अपनी ब्लॉग वार्ताओ में ली है और आप सूचित भी किया है पर आप नहीं आये वहाँ ....आते तो आप टिप्पणी तो जरूर ही करते पर ......आप की टिप्पणी तो मिली नहीं ......फिर मेरी चर्चाओं का कोई औचित्य नहीं रह जाता............क्यों है ना ???<br /><br />शास्त्री जी, एक विनती है आपसे ......हलाकि आपसे मेरी बात हो चुकी है.......फिर भी .... इस चर्चा मंच रुपी परिवार के मुखिया आप है .........सभी सदस्यों का मान सम्मान बना रहे .....यह तो आपको ही देखना होगा हमेशा की तरह !! अगर परिवार में एकता ना रही तो परिवार टूटेगा .......बढेगा नहीं !!शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52966480269663424012010-09-19T17:45:01.477+05:302010-09-19T17:45:01.477+05:30दीपक जी,
आपका चर्चा लगाने का तरीका सबसे जुदा है और...दीपक जी,<br />आपका चर्चा लगाने का तरीका सबसे जुदा है और मै इतनी देर से आयी उसके लिये माफ़ी चाहती हूँ क्योंकि मै बिज़ी चल रही थी।<br /><br />यहाँ इतना बडा विवाद खडा हो गया जानकर दुख हुआ ……………यही कामना करूँगी कि आगे इस प्रकार का कोई विवाद न हो…………कभी कभी छोटी छोटी बातों से गलतफ़हमी बढ जाती है और उग्र रूप धारण कर लेती है और हम चर्चाकारों को तो कम से कम इस तरफ़ जरूर ध्यान देना चाहिये तभी हम चर्चा सही और सार्थक तरीके से कर पायेंगे।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81885555963633624402010-09-19T17:12:05.387+05:302010-09-19T17:12:05.387+05:30हमें तो दीपक द्वारा की गई चर्चा अच्छी ही लगी। नये ...हमें तो दीपक द्वारा की गई चर्चा अच्छी ही लगी। नये लिंक्स देखने को मिले।<br />आभार दीपक का भी और चर्चा मंच का भी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79343538932564324132010-09-19T15:55:07.505+05:302010-09-19T15:55:07.505+05:30अब सोच रहे हैं कि टिप्पणी पहले दें या लिंक पर पहले...अब सोच रहे हैं कि टिप्पणी पहले दें या लिंक पर पहले जाएं:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44688913587937106512010-09-19T13:19:37.067+05:302010-09-19T13:19:37.067+05:30Deepakji,
Aapki duniya kitni badi hai!! main to i...Deepakji,<br /><br />Aapki duniya kitni badi hai!! main to iske tip par baitha hoon. Sach to ye hai ki samay bhi nahi mil pata. <br /><br />Bahut -2 dhanyavad mere blog se dusroon ko rubroo karane ke liyeअशोक कुमारhttps://www.blogger.com/profile/03318722487634999551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42919155253626331222010-09-19T12:39:22.264+05:302010-09-19T12:39:22.264+05:30चर्चा अच्छी लगी. रात गयी बात गयी. आज नया सबेरा है ...चर्चा अच्छी लगी. रात गयी बात गयी. आज नया सबेरा है आओ हम सब मिलकर उसका अभिवादन करें. <br />आभाररचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39447685187722619772010-09-19T12:24:58.776+05:302010-09-19T12:24:58.776+05:30dipakji,
charchamanch par mera blog laane ke liye ...dipakji,<br />charchamanch par mera blog laane ke liye bahut bahut dhnyvadसंजय कुमार चौरसियाhttps://www.blogger.com/profile/06844178233743353853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-9019216827894312582010-09-19T11:17:20.082+05:302010-09-19T11:17:20.082+05:30चर्चा में नवीनता है
इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-
(आपने...चर्चा में नवीनता है<br /><br />इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-<br />(आपने भी कभी तो जीवन में बनाये होंगे नियम ??)<br />http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_19.htmlओशो रजनीशhttps://www.blogger.com/profile/02490589981699767958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-34771491999044186092010-09-19T11:16:54.170+05:302010-09-19T11:16:54.170+05:30चर्चा में नवीनता है
इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-
(आपने...चर्चा में नवीनता है<br /><br />इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-<br />(आपने भी कभी तो जीवन में बनाये होंगे नियम ??)<br />http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_19.htmlओशो रजनीशhttps://www.blogger.com/profile/02490589981699767958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-17001122663472463032010-09-19T11:01:55.082+05:302010-09-19T11:01:55.082+05:30लगता है तरक्की हो रही है। इस तरह के विवाद ऊंचाईयों...लगता है तरक्की हो रही है। इस तरह के विवाद ऊंचाईयों को इंगित करते हैं। चर्चा मंच अब काफ़ी ऊंचाईयों को छूने लगा है। और पृकृति के नियम का अपवाद नही है। अन्य चर्चाएं भी इन्हीं ऊंचाईयों से गर्त को प्राप्त हुई हैं। <br /><br />हे परमपिता परमेश्वर, आपसे अनन्य विनम्र अनुरोध है कि इस मंच को थोडे समय और उम्र बख्सना क्योंकि आजकल बलागवाणी भी बंद हो चुका है और इसके अलावा सिर्फ़ ब्लाग4वार्ता ही जिंदा बचा है बाकी सब चर्चाएं तो दफ़न हो चुकी है। ऐसे यही एक सहारा है।<br /><br />हे चर्चा देवो/देवियो...आप सबसे यह समुद्रिय प्राणी ढ्पोरसंख अनुरोध करता है कि मेरी प्रार्थना पर गौर किया जाये। मैं अनेक समय से अपने खोल में बैठा आनंदित था पर आज यह सब देखकर मुझे अपने खोल से बाहर आना पडा।<br /><br />अगर किसी को यह टिप्पणी अशोभनीय लगे तो हटा दी जाये मुझे बुरा नही लगेगा, क्योंकि आजकल अपने अनुकुल टिप्पणि को स्थान नही मिलता।ढपो्रशंखhttps://www.blogger.com/profile/14074234658513322278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13066783370519265882010-09-19T10:59:37.403+05:302010-09-19T10:59:37.403+05:30deepak ji bahut accha laga ek hi link apr kai link...deepak ji bahut accha laga ek hi link apr kai link<br />padhan assan rehte he<br /><br />badhaiKhare Ahttps://www.blogger.com/profile/08834832296834095341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44357872528664281652010-09-19T10:12:41.338+05:302010-09-19T10:12:41.338+05:30शास्त्री जी मंच कोई भी रहा हो मगर वो झगडा आपकी चर्...शास्त्री जी मंच कोई भी रहा हो मगर वो झगडा आपकी चर्चा मे हुया था आपको सब कुछ पता है। आपका मेल भी मिला था मुझे। उसके बावजूद भी हमेशा आपके ब्लाग पर जाती हूँ। क्योंकि मै आपकी और आपकी प्रतिभा की बहुत इज़्ज़त करती हूँ। अगर इसमे कोई शक है तो मुझे बता दें। अगर मुझे कभी लगा कि ये रचना पहले आपके ब्लाग पर पढी है तो इसमे क्या बडी बात है कई रचनायें कुछ ऐसा आभास दे जाती हैं। आपने अब तक बताया क्यों नही? हाँ मुझे याद नही रहता कुछ भी मगर आपका ब्लाग खूब याद रहता है। और उस मंच पर मिली गालियाँ अब तक नहीं भूली तब आपने क्यों उस शख्स की भर्त्सना नहीं की?<br />धन्यवादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-23740728086599405002010-09-19T07:39:31.918+05:302010-09-19T07:39:31.918+05:30कई ब्लाग्स के बारे में अच्छी जानकारी ..सराहनीय पोस...कई ब्लाग्स के बारे में अच्छी जानकारी ..सराहनीय पोस्टRAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-57317354078038212092010-09-19T05:23:07.427+05:302010-09-19T05:23:07.427+05:30शास्त्री जी ने इस मंच को चालू रखने का स्वागत योग्य...शास्त्री जी ने इस मंच को चालू रखने का स्वागत योग्य निर्णय लिया, साधुवाद.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-4001006670788152582010-09-19T00:16:32.687+05:302010-09-19T00:16:32.687+05:30कई ब्लाग्स के बारे में अच्छी जानकारी ..सराहनीय पो...कई ब्लाग्स के बारे में अच्छी जानकारी ..सराहनीय पोस्टDr.Aditya Kumarhttps://www.blogger.com/profile/01722871928993772254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-12405265149443407832010-09-18T23:22:21.667+05:302010-09-18T23:22:21.667+05:30भ्राता मनोज कुमार जी!
चर्चा मंच के प्रति आपका, अदा...<b>भ्राता मनोज कुमार जी!<br />चर्चा मंच के प्रति आपका, अदा जी का, संगीता स्वरूप जी का और अनामिका जी का जुड़ाव देखकर अभिभूत हूँ!<br />--<br />मैं एक विनम्र निवेदन तो अपने सभी सहयोगी चर्चाकारों से कर ही सकता हूँ कि "आप सभी अपनी चर्चा में कोई भी इस प्रकार का शब्द न लिखें, जिससे कि हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को ठेस पहुँचे।"<br />--<br />यह बात केवल आप पर ही नहीं मैं स्वयं अपने पर भी लागू करता हूँ!<br />--<br />मैंने यह "चर्चा मंच" रूपी पौधा लगाया था आप इसको पल्लवित कर रहे हैं! मेरे लिए तो यही सबसे अधिक प्रसन्नता की बात है!<br />--<br />प्रकरण यहीं समाप्त हो गया!<br />इसके लिए आप सभी मेरी श्रद्धा के पात्र है!<br />--<br />कल आदरणीय मनोज कुमार जी की चर्चा आपको बाँचने के लिए मिलेगी!</b>डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-11349275987327652432010-09-18T23:09:14.841+05:302010-09-18T23:09:14.841+05:30@ NIRMALA KAPAILA JI
मुझे तो लगता है ये चर्चा मन्च...@ NIRMALA KAPAILA JI<br />मुझे तो लगता है ये चर्चा मन्च न हो कर झगडे की जड हैं इसी मंच पर किसी ने मेरे लिये अपशब्द कहे थे तब से मै इस मन्च पर नही आती। मैने वैसे मैने दीपक की पोस्ट पढी है मुझे नही लगा कि उसने चर्चाकारों के लिये कुछ कहा है फिर भी संगीता जी से कहूँगी कि वो अभी बच्चे हैं आप परिपक्व है। आपको इस बात को इस तरह नही लेना चाहिये। मै यहाँ दीपक की वकालत नहीं कर रही--- बस अपनी बात रख रही हूंम। मुझे नही लगता यहाँ उन पोस्ट्स का भी जिक्र होता है जो टिप्पणी करने नही आते। अगर है तो धन्यवाद। बडे काम करने वालों को छोटी छोटी बातें नजर अंदाज़ करनी पडती हैं।<br />--<br />आपकी टिप्पणी सर माथे पर!<br />बहुत आदर करता हूँ मैं आपका!<br />लेकिन यह भी लिखना चाहूँगा कि आप "चर्चा मंच" पर व्यर्थ का दोषारोपण कर रही हैं!<br />--<br />आपका कोई भी विवाद कभी भी चर्चा मंच पर नही हुआ था! <br />--<br />मुझे भली-भाँति याद है कि आपका विवाद "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की" ब्लॉग पर हुआ था!<br />--<br />मैं आपकी दिक्कत समझ गया हूँ कि आप भूल बहुत जल्दी जाती हैं! इसीलिए कभी-कभी मेरी उच्चारण पर छपी नई रचना को भी कह देती हैं कि यह आपने पहले भी उच्चारण पर पढ़ी है!<br />--<br />इस समय मेरे चर्चा मंच परिवार में छोटी सा विवाद होने पर आपने भी बहती गंगा में हाथ धोने का अच्छा अवसर देखकर अपने मन की बात कह ही दी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67298861882764211672010-09-18T23:06:09.318+05:302010-09-18T23:06:09.318+05:30दीपक जी आप बहुत अच्छी चर्चा लगाते हैं इस में कोई स...दीपक जी आप बहुत अच्छी चर्चा लगाते हैं इस में कोई संदेह नहीं. इस बार भी आपने चर्चा अच्छी लगायी है.<br />लेकिन अफ़सोस है की आप दूसरे सदस्यों की मेहनत को हल्का मान कर खुद के काम को श्रेष्ट बताए ये अच्छी बात नहीं.<br />माना की आपके कहने का तात्पर्य कुछ और हो लेकिन जिस से और सदस्यों को ठेस पहुंचे तो वहाँ तात्पर्य गलत साबित हो <br />जाता है...इसलिए आप से अनुरोध है की आप लिखने से पहले अपने शब्दों पर विचार करें और दूसरों की भावनाओं को समझे.<br />और शुक्रिया की आपने माफ़ी मांग कर बात को खत्म करने की कोशिश की..अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81922856585386392892010-09-18T23:05:54.524+05:302010-09-18T23:05:54.524+05:30आदरणीय शास्त्री जी,
आपकी बातों को पढा। आप थोड़े आह...आदरणीय शास्त्री जी,<br />आपकी बातों को पढा। आप थोड़े आहत थोड़े चिंतित लग रहे हैं।<br />पर आप हम चर्चाकारों में श्रेष्ठ हैं। इतना त्वरित निर्णय की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। हम सब इस मंच से जुड़े हैं। इसके प्रति जिम्मेवार भी। इसको नई बुलंदियां देना चाहते हैं। अदा जी की बात पर गौर कीजिए। <br />संगीता जी किसी बात से आहत हुईं और उनकी प्रतिक्रिया उसका ही नतीज़ा प्रतीत होता है। उन्होंने न सिर्फ़ प्रतिक्रिया दी बल्कि यह भी तो कहा<br />"चलिए मैंने आपको माफ किया ...अब इसके बाद मैं इस विषय को यहीं खत्म करती हूँ ...आभार"<br />तो उन्होंने अपनी तरफ़ से तो बात खतम कर ही दी है।<br />इसलिए मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस मंच के मुखिया होने के नाते अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसको (मंच को) और गति प्रदान करने हेतु अपने अनुभव से उचित मार्गदर्शन भी दें, देते रहें।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-50932449467049438952010-09-18T23:01:18.836+05:302010-09-18T23:01:18.836+05:30धन्यवाद दीपक जी, ऐसे लिनक्स से रूबरू करवाने के लिए...धन्यवाद दीपक जी, ऐसे लिनक्स से रूबरू करवाने के लिए जो सामाजिक जागरूकता का सन्देश दे रहे है..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20684072751338127372010-09-18T22:30:03.472+05:302010-09-18T22:30:03.472+05:30सामाजिक सरोकारों के इतने लिंक एक साथ उपलब्ध कराने ...सामाजिक सरोकारों के इतने लिंक एक साथ उपलब्ध कराने के लिए आभार.......उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-33467771081479082042010-09-18T21:47:36.624+05:302010-09-18T21:47:36.624+05:30मुझे तो लगता है ये चर्चा मन्च न हो कर झगडे की जड ह...मुझे तो लगता है ये चर्चा मन्च न हो कर झगडे की जड हैं इसी मंच पर किसी ने मेरे लिये अपशब्द कहे थे तब से मै इस मन्च पर नही आती। मैने वैसे मैने दीपक की पोस्ट पढी है मुझे नही लगा कि उसने चर्चाकारों के लिये कुछ कहा है फिर भी संगीता जी से कहूँगी कि वो अभी बच्चे हैं आप परिपक्व है। आपको इस बात को इस तरह नही लेना चाहिये। मै यहाँ दीपक की वकालत नहीं कर रही--- बस अपनी बात रख रही हूंम। मुझे नही लगता यहाँ उन पोस्ट्स का भी जिक्र होता है जो टिप्पणी करने नही आते। अगर है तो धन्यवाद। बडे काम करने वालों को छोटी छोटी बातें नजर अंदाज़ करनी पडती हैं।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com