tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post6813697749158589367..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: सोमवारीय चर्चामंच-935अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger55125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69470197920412530752012-07-10T16:45:46.637+05:302012-07-10T16:45:46.637+05:30--पहले लिंक--टिप्पणी --
क्या टिप्पणी भी विवाद रहित...--पहले लिंक--टिप्पणी --<br />क्या टिप्पणी भी विवाद रहित होती है....????????????.. विवाद के बिना टिप्पणी का क्या अर्थ है...हाँ विबाद संयत, शालीन होना चाहिए...<br />--विवाद = यदि बिना वाद तो उसका कोइ मूल्य ही नहीं वह तो आज्ञा =डिककटेटरशिप हुई ...अतः विवाद का अर्थ विशिष्ट वाद ...<br /><br /><br />लिंक-१..व्याकरण ..<br /><br />--- ट ठ ड ड़ ढ ढ़ ण।---सही नहीं ...बच्चों को उचित जबाव देना था कि .....इन अक्षरों पर नीचे बिंदु लगाने से ये बनता है ... ये व्याकरण का एक छोटा सा नियम है..<br /> <br /> -वस्तुतः ..संस्कृत में बिंदु का प्रयोग नहीं के बराबर होता है अनुस्वार आधे न से प्रयोग होता है अथवा अंग्(आधा ग् व ड व बिंदु का मिश्रण) या इयाँ ..परन्तु हिन्दी में आधा न व बिंदु दोनों समानार्थी हैं..<br /> ----अन्यथा फिर यह बताएं कि बिंदु का प्रयोग कहाँ होगा ..इसके लिए क्या नियम है...कब आधा ..न ..तथा कब बिंदु प्रयोग होना चाहिए...<br />----न ..अनुस्वार रूप ..विशिष्ट वर्ण है ......अन्यथा बाकी सभी वर्ण तो आधे के लिए आधे प्रयोग होते ही हैं कोइ व्यवधान नहीं ..<br />-- हिन्दी वर्णमाला जो बनी हुई है बहुत सशक्त है ..परिवर्तन की आवश्यकता शायद ही कोइ विद्वान अनुभव करता हिगा..\-पहले लिंक--टिप्पणी --<br />क्या टिप्पणी भी विवाद रहित होती है....????????????.. विवाद के बिना टिप्पणी का क्या अर्थ है...हाँ विबाद संयत, शालीन होना चाहिए...<br />--विवाद = यदि बिना वाद तो उसका कोइ मूल्य ही नहीं वह तो आज्ञा =डिककटेटरशिप हुई ...अतः विवाद का अर्थ विशिष्ट वाद ...<br /><br /><br />लिंक-१..व्याकरण ..<br /><br />--- ट ठ ड ड़ ढ ढ़ ण।--- बच्चों को गलत पढवा रहे हैं मास्टरजी ...बच्चों को उचित जबाव देना था कि .....इन अक्षरों पर नीचे बिंदु लगाने से ये बनता है ... ये व्याकरण का एक छोटा सा नियम है..न कि बच्चों की मान कर गलत पढ़ाना प्रारम्भ ...<br /> <br /> -वस्तुतः ..संस्कृत में बिंदु का प्रयोग नहीं के बराबर होता है अनुस्वार आधे न से प्रयोग होता है अथवा अंग्(आधा ग् व ड व बिंदु का मिश्रण) = ड.- या इयाँ = ञ. परन्तु हिन्दी में आधा न व बिंदु दोनों समानार्थी हैं..<br />---हिन्दी में गंगा व गन्गा दोनों ही सही हैं..<br /> ----अन्यथा फिर बिंदु का प्रयोग कहाँ होगा ..इसके लिए क्या नियम है...कब आधा ..न ..तथा कब बिंदु प्रयोग होना चाहिए...?<br />----न ..अनुस्वार रूप ..विशिष्ट वर्ण है ......अन्यथा बाकी सभी वर्ण तो आधे के लिए आधे प्रयोग होते ही हैं कोइ व्यवधान नहीं ..<br />-- हिन्दी वर्णमाला जो बनी हुई है बहुत सशक्त है ..परिवर्तन की आवश्यकता शायद ही कोइ विद्वान अनुभव करता होगा..डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20091584872337113062012-07-10T16:43:47.271+05:302012-07-10T16:43:47.271+05:30--पहले लिंक--टिप्पणी --
क्या टिप्पणी भी विवाद रहित...--पहले लिंक--टिप्पणी --<br />क्या टिप्पणी भी विवाद रहित होती है....????????????.. विवाद के बिना टिप्पणी का क्या अर्थ है...हाँ विबाद संयत, शालीन होना चाहिए...<br />--विवाद = यदि बिना वाद तो उसका कोइ मूल्य ही नहीं वह तो आज्ञा =डिककटेटरशिप हुई ...अतः विवाद का अर्थ विशिष्ट वाद ...<br /><br /><br />लिंक-१..व्याकरण ..<br /><br />--- ट ठ ड ड़ ढ ढ़ ण।---सही नहीं ...बच्चों को उचित जबाव देना था कि .....इन अक्षरों पर नीचे बिंदु लगाने से ये बनता है ... ये व्याकरण का एक छोटा सा नियम है..<br /> <br /> -वस्तुतः ..संस्कृत में बिंदु का प्रयोग नहीं के बराबर होता है अनुस्वार आधे न से प्रयोग होता है अथवा अंग्(आधा ग् व ड व बिंदु का मिश्रण) या इयाँ ..परन्तु हिन्दी में आधा न व बिंदु दोनों समानार्थी हैं..<br /> ----अन्यथा फिर यह बताएं कि बिंदु का प्रयोग कहाँ होगा ..इसके लिए क्या नियम है...कब आधा ..न ..तथा कब बिंदु प्रयोग होना चाहिए...<br />----न ..अनुस्वार रूप ..विशिष्ट वर्ण है ......अन्यथा बाकी सभी वर्ण तो आधे के लिए आधे प्रयोग होते ही हैं कोइ व्यवधान नहीं ..<br />-- हिन्दी वर्णमाला जो बनी हुई है बहुत सशक्त है ..परिवर्तन की आवश्यकता शायद ही कोइ विद्वान अनुभव करता हिगा..\-पहले लिंक--टिप्पणी --<br />क्या टिप्पणी भी विवाद रहित होती है....????????????.. विवाद के बिना टिप्पणी का क्या अर्थ है...हाँ विबाद संयत, शालीन होना चाहिए...<br />--विवाद = यदि बिना वाद तो उसका कोइ मूल्य ही नहीं वह तो आज्ञा =डिककटेटरशिप हुई ...अतः विवाद का अर्थ विशिष्ट वाद ...<br /><br /><br />लिंक-१..व्याकरण ..<br /><br />--- ट ठ ड ड़ ढ ढ़ ण।--- बच्चों को गलत पढवा रहे हैं मास्टरजी ...बच्चों को उचित जबाव देना था कि .....इन अक्षरों पर नीचे बिंदु लगाने से ये बनता है ... ये व्याकरण का एक छोटा सा नियम है..न कि बच्चों की मान कर गलत पढ़ाना प्रारम्भ ...<br /> <br /> -वस्तुतः ..संस्कृत में बिंदु का प्रयोग नहीं के बराबर होता है अनुस्वार आधे न से प्रयोग होता है अथवा अंग्(आधा ग् व ड व बिंदु का मिश्रण) = ड.- या इयाँ = ञ. परन्तु हिन्दी में आधा न व बिंदु दोनों समानार्थी हैं..<br />---हिन्दी में गंगा व गन्गा दोनों ही सही हैं..<br /> ----अन्यथा फिर बिंदु का प्रयोग कहाँ होगा ..इसके लिए क्या नियम है...कब आधा ..न ..तथा कब बिंदु प्रयोग होना चाहिए...?<br />----न ..अनुस्वार रूप ..विशिष्ट वर्ण है ......अन्यथा बाकी सभी वर्ण तो आधे के लिए आधे प्रयोग होते ही हैं कोइ व्यवधान नहीं ..<br />-- हिन्दी वर्णमाला जो बनी हुई है बहुत सशक्त है ..परिवर्तन की आवश्यकता शायद ही कोइ विद्वान अनुभव करता होगा..डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67873299275982449552012-07-10T00:03:58.583+05:302012-07-10T00:03:58.583+05:30गाफिल जी की टिप्पणी पर,,,,
रविकरजी की बात से पूरी...गाफिल जी की टिप्पणी पर,,,,<br /><br />रविकरजी की बात से पूरी तरह सहमत <br />गुणवता की जाच हो फिर दे अपना मत <br />फिर दे अपना मत, संख्या पर न जाये<br />सारगर्भित टिप्पणी,वाले का नाम बताये<br />ऐसा करना मंच के लिए होगा हितकर<br />बाकी सब ठीक जैसा बतारहे है दिनकरधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89935592124083413142012-07-09T21:41:45.442+05:302012-07-09T21:41:45.442+05:30Bahut dhanywaad ,chandrbhooshanji,sadaa kee tarah ...Bahut dhanywaad ,chandrbhooshanji,sadaa kee tarah ,mujhe aur meree rachnaa ko sthaan dene ke liyeNirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-32900245354401566332012-07-09T20:50:00.847+05:302012-07-09T20:50:00.847+05:30शास्त्री जी के हुक्म का ज़रा नहीं था भान।
माना की ग़...शास्त्री जी के हुक्म का ज़रा नहीं था भान।<br />माना की ग़फ़लत हुई माफ़ करो श्रीमान्॥चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-25634481674815600542012-07-09T19:24:20.111+05:302012-07-09T19:24:20.111+05:30केवल संख्या मात्र से, मत तय कर उत्कृष्ट |
गुणवत...केवल संख्या मात्र से, मत तय कर उत्कृष्ट |<br />गुणवत्ता की जांच कर, उलट-पुलट के पृष्ट |<br />उलट-पुलट के पृष्ट, सात हर हफ्ते चुनिए | <br />नियमित चर्चाकार , सदा ही बाहर गिनिये |<br />कम से कम की तीन, टिप्पणी जिन लोगों ने |<br />उस में से ही चुने, टिप्पणीकार सलोने ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-27798531294964341392012-07-09T19:14:49.616+05:302012-07-09T19:14:49.616+05:30बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ चर्चा प्रस्तुति ..आभारबहुत बढ़िया लिंक्स के साथ चर्चा प्रस्तुति ..आभारकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-66892845756843484622012-07-09T18:43:37.680+05:302012-07-09T18:43:37.680+05:30acche links avm acchi prastuti aabhar nd dhanyavad...acche links avm acchi prastuti aabhar nd dhanyavad.......Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-77457025659051219122012-07-09T18:39:34.366+05:302012-07-09T18:39:34.366+05:30गिन लेना सब टिप्पणियाँ, श्रीमती राजेश।
कल की चर्चा...गिन लेना सब टिप्पणियाँ, श्रीमती राजेश।<br />कल की चर्चा में करो, नम्बर वन सन्देश।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-61065242336468414202012-07-09T18:37:37.080+05:302012-07-09T18:37:37.080+05:30भूल गये आदेश को, उनका ग़ाफ़िल नाम।
दिये अमूल्य सुझ...भूल गये आदेश को, उनका ग़ाफ़िल नाम।<br />दिये अमूल्य सुझाव पे, आगे होगा काम।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-1561548499042371862012-07-09T18:35:01.777+05:302012-07-09T18:35:01.777+05:30पिछड़ गये धीरेन्द्र जी, उल्लू जी हैं बीस।
रविकर तो...पिछड़ गये धीरेन्द्र जी, उल्लू जी हैं बीस।<br />रविकर तो बरसात में, उनसे हैं उन्नीस।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79187796365336546292012-07-09T18:29:40.626+05:302012-07-09T18:29:40.626+05:30गाफिल जी की टिप्पणी पर,
शास्त्री जी ने कल कहा आज ...गाफिल जी की टिप्पणी पर,<br /><br />शास्त्री जी ने कल कहा आज गए है भूल <br />इसी बात को लेकर मन में उठ रहा शूल<br />मनमें उठ रहा शूल,अपना वचन निभाओ<br />अच्छे टिप्पणीकार का,पहले नाम बताओ<br />अच्छी टिप्पणी करने में समय है लगता<br />पढ़ना पडता पोस्ट, फिर लिखना है पडताधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-61403477394889693402012-07-09T15:58:01.558+05:302012-07-09T15:58:01.558+05:30बहुत बढिया चर्चा....
लिंक 16-
ईश्वर कण -डॉ. श्याम...बहुत बढिया चर्चा....<br /><br />लिंक 16-<br />ईश्वर कण -डॉ. श्याम गुप्त ...रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद श्री चन्द्र भूषण मिश्र जीSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5069575856359539812012-07-09T14:16:09.566+05:302012-07-09T14:16:09.566+05:30सुन्दर सूत्रों में सजी अति सुन्दर चर्चा के लिए बधा...सुन्दर सूत्रों में सजी अति सुन्दर चर्चा के लिए बधाई..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56095192972590173612012-07-09T13:53:03.041+05:302012-07-09T13:53:03.041+05:30इन्द्र धीर हो जाय तो बनेगी कैसे बात।
हो अधीर धीरेन...इन्द्र धीर हो जाय तो बनेगी कैसे बात।<br />हो अधीर धीरेन्द्र जी अब दो मेरा साथ।।<br />अब दो मेरा साथ पढ़े क्या लिंक एक ही,<br />हो अधीर अब बुला रहे हैं सादर सब ही,<br />'रविकर' और 'सुशील' पढ़ लिए अब तक सबको,<br />चूक रहे क्यूं आप न जाने इन्द्र धीर हो।।चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-766563194349703682012-07-09T13:51:10.979+05:302012-07-09T13:51:10.979+05:30बहुत उम्दा लिंक सजाये हैं गाफिल जी बहुत शानदार चर्...बहुत उम्दा लिंक सजाये हैं गाफिल जी बहुत शानदार चर्चाRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-2029971398384248132012-07-09T12:27:55.780+05:302012-07-09T12:27:55.780+05:30वाह बेहतरीन प्रस्तुतिवाह बेहतरीन प्रस्तुतिअरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-77210183923698220722012-07-09T12:01:17.963+05:302012-07-09T12:01:17.963+05:30चर्चा मंच की चर्चा का है अंदाज़ निराला ,
इतने सारे...चर्चा मंच की चर्चा का है अंदाज़ निराला ,<br />इतने सारे लिंक से खूब सजा डाला.<br /><br /><br /><br /><br /><a href="http://ishq-love.blogspot.com/" rel="nofollow">मोहब्बत नामा</a> <br /><a href="http://masters-tach.blogspot.com/" rel="nofollow">मास्टर्स टेक टिप्स</a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11687562436927833964noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-70312961579545998762012-07-09T11:40:37.563+05:302012-07-09T11:40:37.563+05:30लिंक न० १ पर,,,
सुंदर क्या बात है,बढ़िया बात बताई,...लिंक न० १ पर,,,<br /><br />सुंदर क्या बात है,बढ़िया बात बताई,<br />शिशु की हिन्दी से, वर्णमाला पढ़वाई<br />वर्णमाला पढवाई, बढ़िया याद कराया<br />व्याकरण में,व्यञ्जन का पाठ पठाया <br />शास्त्री,ने व्याकरण,कुछ कमी बतलाई <br />आज हमलोगो ने उम्दा जानकारी पाईधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-59314300518037302232012-07-09T10:48:00.123+05:302012-07-09T10:48:00.123+05:30और अंत में वो जो हमारे समझ में कम आता है पर शास्त्...और अंत में वो जो हमारे समझ में कम आता है पर शास्त्री जी की बलिहारी बहुत सुंदर तरीके से बताया है ।<br />लिंक 1-<br />बातें हिन्दी व्याकरण की -डॉ. रूप चन्द्र शास्त्री ‘मयंक’सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53503291213609847512012-07-09T10:40:39.124+05:302012-07-09T10:40:39.124+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-88038676461436216292012-07-09T10:39:17.142+05:302012-07-09T10:39:17.142+05:30लिंक 2-
बलात्कार करो!...मैं हूँ न!.. मैं बचा लूंगी...लिंक 2-<br />बलात्कार करो!...मैं हूँ न!.. मैं बचा लूंगी (क्योंकि मैं कांग्रेस हूँ)-दिव्या श्रीवास्तव ZEAL <br /><br />कैसे कहें कुछ <br />कहीं फंसा दिया <br />हमको भी कहीं<br />क्यौकि वो "काँग्रेस" है।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5582961467833074972012-07-09T10:37:35.319+05:302012-07-09T10:37:35.319+05:30लिंक 3-
जाने सारा देश, रेप वह कर न सकता -दिनेश चन्...लिंक 3-<br />जाने सारा देश, रेप वह कर न सकता -दिनेश चन्द्र गुप्त ‘रविकर’<br /><br />रविकर जो ना करे <br />उस पर कौन क्या कहे?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-37915313646051601512012-07-09T10:36:09.584+05:302012-07-09T10:36:09.584+05:30लिंक 4-
आर्थिक जगत की विश्वस्नीय साथी -डॉ. शरद सिं...लिंक 4-<br />आर्थिक जगत की विश्वस्नीय साथी -डॉ. शरद सिंह <br />बहुत सुंदर आलेख<br />स्त्री शक्ति के बढ़ते सशक्त कदमों की आहट दिख रही है साफ साफ !!सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8989272419094111952012-07-09T10:33:10.313+05:302012-07-09T10:33:10.313+05:30लिंक 5-
दिन का बुलावा -रजनीश तिवारी
बहुत अच्छी र...लिंक 5-<br />दिन का बुलावा -रजनीश तिवारी <br /><br />बहुत अच्छी रचना!सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com