tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post7940709638480283857..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: फ़ास्ट ट्रैक न्यायपीठों के गठन की माँग को लेकर जनहित याचिका का समर्थन : चर्चा मंच 1112अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10855280460112445312013-01-11T15:15:18.586+05:302013-01-11T15:15:18.586+05:30प्रभावशाली ,
जारी रहें।
शुभकामना !!!
आर्यावर्त ...प्रभावशाली ,<br />जारी रहें।<br /><br />शुभकामना !!!<br /><br /><a href="http://www.liveaaryaavart.com/" rel="nofollow"> आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़) </a><br />आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।आर्यावर्त डेस्कhttps://www.blogger.com/profile/13966455816318490615noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8155022196981018062013-01-05T20:20:09.404+05:302013-01-05T20:20:09.404+05:30हमें भी शामिल करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ...हमें भी शामिल करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर!<br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-86479927039719057822013-01-03T21:58:05.320+05:302013-01-03T21:58:05.320+05:30सुन्दर और रोचक सूत्र..सुन्दर और रोचक सूत्र..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-139511927041168272013-01-03T09:22:38.633+05:302013-01-03T09:22:38.633+05:30@ आइटम सॉग की मल्लिकाओं हाज़िर हो !!
मुझे भी समझ ...@ आइटम सॉग की मल्लिकाओं हाज़िर हो !! <br />मुझे भी समझ नहीं आता की ये समृद्ध महिलाएं इतने घटिया , वाहियात गाने या नृत्य करने पर राजी क्यों होती है!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20868862500809817372013-01-02T19:09:11.221+05:302013-01-02T19:09:11.221+05:30मंगलवार, 1 जनवरी 2013
"आचार की बातें करें&qu...मंगलवार, 1 जनवरी 2013<br /><br />"आचार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')<br /><br />साधना, आराधना उपहार की बातें करें।। <br />प्यार का मौसम है, आओ प्यार की बातें करें। <br /><br />नेह की लेकर मथानी, सिन्धु का मन्थन करें,<br />छोड़ कर छल-छद्म, कुछ उपकार की बातें करें।<br /><br />आस का अंकुर उगाओ, दीप खुशियों के जलें, <br />प्रीत का संसार है, संसार की बातें करें। <br /><br />भावनाओं के भँवर में, छेड़ दो वीणा मधुर,<br />घर सजायें स्वर्ग सा, मनुहार की बातें करें। <br /><br />कदम आगे तो बढ़ाओ, सामने मंजिल खड़ी, <br />जीत के माहौल में, क्यों हार की बातें करें। <br /><br />बेचना मत आबरू को, "रूप" के बाज़ार में, <br />आओ हम परिवार में, आचार की बातें करें।<br /><br />सार्थक सामयिक सन्देश देती खूब सूरत रचना है भाई साहब .<br /><br />टिपण्णी स्पेम से निकालें रविकर भैया .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-64712201608342750622013-01-02T19:06:53.651+05:302013-01-02T19:06:53.651+05:30मंगलवार, 1 जनवरी 2013
"आचार की बातें करें&qu...मंगलवार, 1 जनवरी 2013<br /><br />"आचार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')<br /><br />साधना, आराधना उपहार की बातें करें।। <br />प्यार का मौसम है, आओ प्यार की बातें करें। <br /><br />नेह की लेकर मथानी, सिन्धु का मन्थन करें,<br />छोड़ कर छल-छद्म, कुछ उपकार की बातें करें।<br /><br />आस का अंकुर उगाओ, दीप खुशियों के जलें, <br />प्रीत का संसार है, संसार की बातें करें। <br /><br />भावनाओं के भँवर में, छेड़ दो वीणा मधुर,<br />घर सजायें स्वर्ग सा, मनुहार की बातें करें। <br /><br />कदम आगे तो बढ़ाओ, सामने मंजिल खड़ी, <br />जीत के माहौल में, क्यों हार की बातें करें। <br /><br />बेचना मत आबरू को, "रूप" के बाज़ार में, <br />आओ हम परिवार में, आचार की बातें करें।<br /><br />सार्थक सामयिक सन्देश देती खूब सूरत रचना है भाई साहब .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-4099805395736819282013-01-02T19:02:31.364+05:302013-01-02T19:02:31.364+05:30TUESDAY, 1 JANUARY 2013
जोखिम से बच मूर्ख, मार नह...<br />TUESDAY, 1 JANUARY 2013<br /><br />जोखिम से बच मूर्ख, मार नहिं मुंह चौतरफा -<br /><br /><br /><br /> सेहत :Deep kissing spreads 'mono'disease: Study<br />Virendra Kumar Sharma <br /> ram ram bhai <br /> कीड़ा जब वासना का, लेता उनको काट |<br />पीड़ा लेते हैं मिटा, इधर उधर सब चाट |<br />इधर उधर सब चाट, हाथ साबुन से धोते |<br />भोगें किसिंग डिजीज, जिंदगी भर फिर रोते | |<br />जोखिम से बच मूर्ख, मार नहिं मुंह चौतरफा |<br />काम काम से काम, अन्यथा जीवन तल्फा ||<br /><br />हिम्मत जुटा जटायु, बजा दे घंटी रविकर -<br /><br />दुर्जन निश्चर पोच अघ, फेंकें काया नोच ।<br />विकृतियाँ जब जींस में, कैसे बदले सोच ?<br />कैसे बदले सोच, नहीं संकोच करे हैं ।<br />है क़ानूनी लोच, तनिक भी नहीं डरे हैं ।<br />हिम्मत जुटा जटायु, बजा दे घंटी रविकर ।<br />करके रावण दहन, मिटा दे दुर्जन निश्चर ।।<br /><br />मारक करो प्रहार, कठिन है सोच बदलना-<br /> सोच बदलने पर दिया, बड़ा आजकल जोर ।<br />कामुक अपराधी दनुज, खाएं किन्तु खखोर ।<br />खाएं किन्तु खखोर, कठिन है सोच बदलना ।<br />स्वयं कुअवसर टाल, संभलकर खुद से चलना ।<br />रहो सुरक्षित देवि, उन्हें तो जहर उगलना।<br />मारक करो प्रहार, कठिन है सोच बदलना। <br /><br /> फ़ास्ट ट्रैक न्यायपीठों के गठन की माँग को लेकर जनहित याचिका का समर्थन<br /> सुज्ञ <br /><br /><br />अपराधी गर आदतन, कुकृत्य करता जाय ।<br />सोच बदलने की भला, उससे को कह पाय । <br />उससे को कह पाय, दंड ही एक रास्ता ।<br />करिए ठोस उपाय, सुता का तुझे वास्ता ।<br />फांसी कारावास, बचाए दुनिया आधी ।<br />फास्ट ट्रैक पर न्याय, बचे न अब अपराधी ।। <br /><br />बहुत खूब सूरत अर्थ मय ,भाव पूर्ण प्रस्तुति <br /><br />रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो-<br /> "लिंक-लिक्खाड़" <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-58809316645699818832013-01-02T18:57:05.647+05:302013-01-02T18:57:05.647+05:30
चर्चा मंच में बिखरे हुए हैं रविकर के रंग और श्रम ...<br />चर्चा मंच में बिखरे हुए हैं रविकर के रंग और श्रम कण .(स्वेद कण पढ़ें इसे ).महनत समझे इसका मतलब वह नहीं है जो आप समझ रहें हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41387167978774936072013-01-02T18:54:28.774+05:302013-01-02T18:54:28.774+05:30आपने सटीक विवेचना की है .प्रकृति में नर और मादा प...आपने सटीक विवेचना की है .प्रकृति में नर और मादा पुरुष और प्रकृति के अधिकार समान हैं इस लिए एक संतुलन है ,प्रति -सम हैं प्रकृति के अवयव ,दो अर्द्धांश एक जैसे हैं .आधुनिक मानव एक <br /><br />अपवाद है .एक अर्द्धांश को दोयम दर्जे का समझा जाता है उसके विरोध को पुरुष स्वीकार नहीं कर पाता ,उसकी समझ में नहीं आता है वह क्या करे लिहाजा वह प्रति क्रिया करता है .घर में नारी <br /><br />स्थापित हो तो बाहर समाज में भी हो .इस दिशा में हर स्तर पर काम करना होगा .बलात्कार जैसे जघन्य अपराध तभी थमेंगे .<br /><br />प्रासंगिक वेदना को स्वर दिया है .<br /><br />ये कविता नहीं हमारे वक्त का रोज़ नामचा है .<br /><br /><br /><br /> व्यंग्य और तंज अपनी जगह हैं सच ये है ये नजला इन कलाकारों पर नहीं डाला जा सकता .हेलेन के दौर से केबरे का दौर रहा है समाज में .डिस्कोथीक और नांच घर सातवें दशक में भी थे भारत <br /><br />में उससे पहले भी नवाबों के बिगडेल लौंडों को तहजीभ सीखने ,समाज में उठ बैठ सीखने तवायफों के कोठों पे भेजा जाता था .लेकिन समाज इतना टूटा न था कानून इतना अपंग न था .कुछ मूल्य थे <br /><br />,क़ानून के शासन का भय था जो अब नहीं है . बेशक अब क़ानून को अपराध को ग्लेमराइज किया जा रहा है .चैनलों पर .लम्पट चरित्र के लोग संसद में भी विराजमान हैं .मूल्य बोध कहाँ है समाज में <br /><br />क्या घर में औरत की कोई सुनता है उसके साथ दुभांत नहीं है ?समस्या का एकांगी दोषारोपण किसी एक पक्ष पर नहीं लगाया जा सकता .<br /><br />आइटम सोंग करना पेशा है .ग्लेमर है .इसके निचले पायेदान पे बार गर्ल्स हैं जो अपनी आजीविका पूरे एक परिवार का भरण पोषण करने निकलीं थीं .उन्हें अपने धंधे से बे -दखल कर दिया मुंबई ने .<br /><br />लेकिन अपराध .और बलात्कार बदस्तूर ज़ारी हैं मुंबई में .<br /><br />क्या आपने शबाना आज़मी और जया बच्चन की सिसकियाँ नहीं सुनी चैनलों पर संसद में ?<br /><br />आइटम सॉग की मल्लिकाओं हाज़िर हो !!<br />डॉ शिखा कौशिक ''नूतन '' <br />! नूतन ! <br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48823642673020986322013-01-02T18:50:19.423+05:302013-01-02T18:50:19.423+05:30सस्वर पाठ को सुनते सुनते यह गीत होंठों पे आ गया .र...सस्वर पाठ को सुनते सुनते यह गीत होंठों पे आ गया .रवायत भी ऐसी ही है आपके गीत की .<br /><br />वतन की राह पे वतन के नौ ज़वान शहीद हो .........<br /><br />बहुत सुन्दर प्रस्तुति भाव और विचार और माहौल की सशक्त अभिव्यक्ति हुई है रचना में .<br /><br />एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :<br /><br />♥नव वर्ष मंगबलमय हो !♥<br />♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥<br /><br /><br /><br />कमेंट करते वक़्त पंक्तियां उद्धृत करना चाहें तो आपकी सुविधा के लिए पूरी रचना <br /><br />लहू रहे न सर्द अब उबाल को तलाश लो<br />दबी जो राख में हृदय की ज्वाल को तलाश लो<br /><br />भविष्य तो पता नहीं , गुज़र गया वो छोड़ दो<br />इसी घड़ी को वर्तमान काल को तलाश लो<br /><br />सृजन करें , विनाश भूल’ नव विकास हम करें<br />तो गेंती-फावड़े व हल-कुदाल को तलाश लो<br /><br />धरा को स्वर्ग में बदलना साथियों ! कठिन नहीं<br />दबे-ढके-छुपे हुनर-कमाल को तलाश लो<br /><br />भटकना मत जवानों ! मां का कर्ज़ भी उतारना<br />निकल के वहशतों से अब जलाल को तलाश लो<br /><br />किया दग़ा जिन्होंने हिंद से उन्हें न छोड़ना<br />नमकहराम भेड़ियों की खाल को तलाश लो<br /><br />हमें ही हल निकालना है अपनी मुश्किलात का<br />जवाब के लिए किसी सवाल को तलाश लो<br /><br />यहीं पॅ चंद्र हैं , भगत सुभाष हैं , पटेल हैं<br />यहीं शिवा प्रताप छत्रशाल को तलाश लो<br /><br />राजेन्द्र देशभक्त हर गली शहर में गांव में<br />किसी भी घर में जा’के मां के लाल को तलाश लो<br />-राजेन्द्र स्वर्णकार<br />©copyright by : Rajendra Swarnkar<br />वहशत = भय / डर / त्रास <br />जलाल = तेज / प्रताप / अज़मत<br /><br />1 जनवरी 2013 6:41 amvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-14404875878720152822013-01-02T17:59:53.167+05:302013-01-02T17:59:53.167+05:30♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥♥नव वर्ष मंगल...<b> </b> <br /><b> </b> <br />♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow">♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥</a></b><br />♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥<br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> </b> नव वर्ष के प्रथम <b> चर्चा मंच </b> में सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत आभार <br /><b> आदरणीय रविकर जी</b>!<br /><b> </b> बहुत ही अच्छी और सफल चर्चा है । <br />बहुत बढ़िया उम्दा लिंक्स संकलित किए हैं आपने ।<br /><b> </b> बधाई !<br />कुछ ब्लॉग पर पहुंचा हूं... सभी पोस्ट्स देखूंगा .<br /><b> </b><b> </b> <br /><b> चर्चा मंच </b> से जुड़े सभी मित्रों से भी निवेदन है कि - <br />अपने बहुमूल्य समय में से कुछ पल निकाल पाएं तो मेरे ब्लॉग <b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow">शस्वरं</a></b> पर रचना पढ़-सुन कर प्रतिक्रिया देने पधारिएगा ...<br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/2013/01/blog-post.html" rel="nofollow"><br />हमें ही हल निकालना है अपनी मुश्किलात का<br />जवाब के लिए किसी सवाल को तलाश लो<br /><br />लहू रहे न सर्द अब उबाल को तलाश लो<br />दबी जो राख में हृदय की ज्वाल को तलाश लो</a></b><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b>चर्चा मंच के सभी मित्रों को <br />नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित… </b> <br />राजेन्द्र स्वर्णकार <br />◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►<br /><b> </b> <br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-31810837630799544102013-01-02T17:16:49.937+05:302013-01-02T17:16:49.937+05:30बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85965782579758094032013-01-02T16:31:24.661+05:302013-01-02T16:31:24.661+05:30रविकर जी, आपका हार्दिक आभार
चर्चा मंच के सभी सदस्य...रविकर जी, आपका हार्दिक आभार<br />चर्चा मंच के सभी सदस्यों, पाठकों और मित्रों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं PAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56800958600745342772013-01-02T15:28:34.708+05:302013-01-02T15:28:34.708+05:30बहुत सुंदर लिंक्स
बेहतर चर्चाबहुत सुंदर लिंक्स<br />बेहतर चर्चामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13614607385002324492013-01-02T14:36:59.438+05:302013-01-02T14:36:59.438+05:30बहुत सुन्दर लिंक्स..सार्थक चर्चा..आभार बहुत सुन्दर लिंक्स..सार्थक चर्चा..आभार Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-23647555717833913682013-01-02T14:23:35.402+05:302013-01-02T14:23:35.402+05:30.सार्थक अभिव्यक्ति शुभकामना देती ”शालिनी”मंगलकारी ....सार्थक अभिव्यक्ति <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">शुभकामना देती ”शालिनी”मंगलकारी हो जन जन को .-2013</a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-30592329948240330592013-01-02T14:02:55.737+05:302013-01-02T14:02:55.737+05:30@ "आचार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास...@ "आचार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')<br /><br />खुशियों की बस बात हो, आये न कोई दुर्दिन ।<br />आशा का संचार हो, विश्वास बढे हर दिन ।।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42996558240354394392013-01-02T13:57:59.103+05:302013-01-02T13:57:59.103+05:30@आज मैं फिर जी उठी हूँ
-andana gupta
जज्बा और वि...@आज मैं फिर जी उठी हूँ<br />-andana gupta <br /><br />जज्बा और विश्वास ही, करता हमें सफल ।<br />जीवन सत्य का भाग है, नहीं ख्वाब के पल ।।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-1081703220115002612013-01-02T13:50:16.530+05:302013-01-02T13:50:16.530+05:30आदरणीय रविकर जी, आपका हार्दिक आभार मेरा आग्रह स्वी...आदरणीय रविकर जी, आपका हार्दिक आभार मेरा आग्रह स्वीकार कर आज चर्चा लगाने के लिए ।<br />लम्बे अंतराल के बाद आपकी चर्चा से मंच पुनः खिल उठा है । बहुत ही सफल चर्चा । बहुत उम्दा लिंक्स ।<br />चर्चा मंच के सभी सदस्यों, पाठकों और मित्रों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं । आशा है गत वर्ष की सारी गलतियाँ इस वर्ष सुधारी जाये, और जो गत वर्ष न मिल पाया वो इस वर्ष मिले । आशा है यह वर्ष आप सभी के परिवार, बंधुओं, मित्रों और इस देश तथा देशवाशियों के लिए मंगलमय हो ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-65750567138778228082013-01-02T11:48:53.890+05:302013-01-02T11:48:53.890+05:30सुन्दर लिंक संयोजन्…………बढिया चर्चासुन्दर लिंक संयोजन्…………बढिया चर्चाvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-58540377178496174002013-01-02T11:23:00.780+05:302013-01-02T11:23:00.780+05:30रविकर भाई , कई दिन के बाद आपने आज की चर्चा सजाई। औ...रविकर भाई , कई दिन के बाद आपने आज की चर्चा सजाई। और वापसी के साथ की इस बेहतरीन चर्चा के लिए आपका स्वागत है। और इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड पोस्ट शामिल करने पर आभार। Gulsco Digital Marketinghttps://www.blogger.com/profile/07830935084143692549noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-15987815352059755522013-01-02T07:32:14.492+05:302013-01-02T07:32:14.492+05:30बहुत सुंदर लिँक्सबहुत सुंदर लिँक्सAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/07358539338823945647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-71695463846752092422013-01-02T07:22:29.862+05:302013-01-02T07:22:29.862+05:30रविकर जी आपको और सभी पाठकों को नववर्ष की शुभकामनाए...रविकर जी आपको और सभी पाठकों को नववर्ष की शुभकामनाएँ!<br />आज की चहकती महकती चर्चा को पढ़कर आनन्द आ गया।<br />दिन में आराम से धूप में बैठकर सभी लिंकों को पढ़ूँगा।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-19597871676384112252013-01-02T07:17:07.500+05:302013-01-02T07:17:07.500+05:30समसामयिक चर्चा | लिंक्सकी विबिधता |
आशा समसामयिक चर्चा | लिंक्सकी विबिधता |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.com