फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, अगस्त 24, 2013

मुद्रा हुई रसातली, भोगें नरक करोड़-चर्चा मंच 1347

मुद्रा हुई रसातली, भोगें नरक करोड़-


रविकर  

चलो मोदी को नहीं लाते..................बलवीर कुमार


yashoda agrawal 


कसके धो कर रख दिया, पूरा दिया निचोड़ |
मुद्रा हुई रसातली, भोगें नरक करोड़ |

भोगें नरक करोड़ , योजना बनी लूट की |
पाई पाई जोड़, गरीबी लगा टकटकी |

पर पाए ना लाभ, व्यवस्था देखे हँस के |
मोदी पर संताप, मचाती सत्ता कसके ||

आभार !

कालीपद प्रसाद 

 मेरे विचार मेरी अनुभूति
सर जी मंगल कामना, मना हर्ष उल्लास |
दौहित्री सह पौत्र का, आना आये रास |


आना आये रास, हुवे खुश बाबा नाना |
ख़त्म हुआ अवकाश, व्यस्त हो गया जमाना |


खेले कूदें साथ, चले अब अपनी मर्जी-
पकड़ हाथ में हाथ, मजे से घूमो सरजी |

कैंसर के विरोधाभास


Vikesh Badola 

 राई का करते खड़ा, ऊँचा बड़ा पहाड़ |
हाड़-तोड़ जो श्रम करें, उनकी मुश्किल ताड़ |


उनकी मुश्किल ताड़, बड़ा जीवन है मुश्किल |
गर अपना बीमार, कहाँ से भरते वे बिल |


बड़े बड़े ये लोग, बड़ी ही करें कमाई |
उठा सके ये खर्च, रूपिया रोग हराई ||

भारतीय जनता की सहनशक्ति अब जवाब दे रही है

S.K. Jha 



गधा सम्मेलन - 2013 के आयोजन की सूचना

ताऊ रामपुरिया 

प्रेम को कौन कब समझ सका है....

Amrita Tanmay 



जानिये क्या व कैसे होता है डायबिटीज (मधुमेह) रोग.


Sushil Bakliwal



जो दिल उदास हो ....


Dr (Miss) Sharad Singh 


अब लोगों को इंटरनेट से कॉल करने की आजादी मिल गई है।


DR. ANWER JAMAL 
 Blog News  



राम से बड़ा राम का नाम


shyama arora 



आभार !

कालीपद प्रसाद 


वो माँ की आँखें थी


शिवनाथ कुमार 




पाकिस्तानी सीज फायर !!


Bamulahija dot Com 


अनुपमा पाठक 



श्रीमद्भागवत गीता (श्लोक ५१ -५५ )


Virendra Kumar Sharma 


जिन्दगी बस प्यार है

श्यामल सुमन


अब कौन पढ़ाए…?


सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी 


ग़ज़ल (बहुत मुश्किल )

मदन मोहन सक्सेना की ग़ज़लें


मेरे पास कोई स्‍याहीसोख नहीं...


रश्मि शर्मा 



मयंक का कोना
--
गुणवत्‍ता वर्ष का काम पानी में बहा....

सत्‍यमेव जयते ! ... (?)

--
तुलसीदास
आपका ब्लॉग
--
जब लग नाता जगत का ,तब लग भगति न होय , 
नाता तोड़े हर भजे ,भगत कहावे सोय.
--
साधु कहावत कठिन है , लम्बा पेड़ खजूर , 
चढ़े तो चाख्ये प्रेम रस ,गिरे तो चकनाचूर।
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma 
--
मैं तो कोई दुर्वासा नहीं, जो श्राप दे दूंगा 
परन्तु जानने वाले जानते हैं 
कि इसका परिणाम कितना भयंकर होता है

प्यारे दोस्तों ! बात कुछ कड़वी है, परन्तु लिखना ज़रूरी है इसलिए लिख रहा हूँ . कवि-सम्मेलनों में तो कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं ही जो कि अन्य कवियों की हास्य रचनाएं उनकी अनुपस्थिति में सुना देते हैं क्योंकि वहां माला और माल दोनों मिलते हैं परन्तु ब्लॉगजगत और फेसबुक में तो न कोई पेमेन्ट मिलता है नहीं तालियाँ ...........तो फिर चोरी क्यों ...
Hasya Kavi Albela Khatri
--
पुरस्कार में दोयम दर्जें के लेखकों की भरमार :वीरेन्द्र यादव

लो क सं घ र्ष !

--
शब्दों की तलाश …

झरोख़ापरनिवेदिता श्रीवास्तव

--
"मोबाइल" 
बालकृति "नन्हें सुमन" से
एक बालकविता
"मोबाइल"
mobile 
पापा ने दिलवाया मुझको,
मोबाइल इक प्यारा सा।
मन-भावन रंगों वाला,
यह एक खिलौना न्यारा सा।।
नन्हे सुमन
--
"चले थामने लहरों को"
चौकीदारी मिली खेत की, अन्धे-गूँगे-बहरों को।
चोटी पर बैठे मचान की, लगा रहे हैं पहरों को।।

घात लगाकर मित्र-पड़ोसी, धरा हमारी लील रहे,
पर बापू के मौन-मनस्वी, देते उनको ढील रहे,
बोल न पाये, ना सुन पाये, ना पढ़ पाये चेहरों को।।
चोटी पर बैठे मचान की, लगा रहे हैं पहरों को।।
उच्चारण

31 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात...
    आभार रविकर भाई
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. रविकर "लिंक-लिक्खाड़"
    चर्चा गजब की होती है
    खूबसूरत अंदाज में
    उसकी मयंक के कोने
    से जुगलबंदी जब होती है !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया चर्चा भाई रविकर जी।
    आप सब चर्चाकारों के बल पर ही तो आज चर्चा मंच नम्बर-1 पर है।
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. waah bahut sundar links . anand aa gaya ,sach kaha chacha ji charcha manch jaisa koi nahi , ham is parivar me yah sah bhav hi behas sukhad hai .sadar

      हटाएं
  4. सच! इस सम्मानीय मंच की बात ही कुछ और है..आभार..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर कल पहली चर्चा में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar

      हटाएं
  5. बहुत ही बढ़िया लगे आज के लिंक्स...सभी लेखकों को और आपको हार्दिक बधाई/शुभकामनाएँ!!
    सादर/सप्रेम,
    सारिका मुकेश

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रासंगिक एवं बहु मुखी सेतु समेटे बेहतरीन चर्चा। शुक्रिया हमारे सेतु को खपाने का। हमें यहाँ बिठाने का।

    जवाब देंहटाएं
  7. प्रासंगिक एवं बहु मुखी सेतु समेटे बेहतरीन चर्चा। शुक्रिया हमारे सेतु को खपाने का। हमें यहाँ बिठाने का। चर्चा तो चर्चा रही परिचर्चा कोना होय।

    जवाब देंहटाएं
  8. उत्तर
    1. हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर कल पहली चर्चा में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar

      हटाएं

  9. चर्चा तो चर्चा रही ,परिचर्चा कोना होय

    रविकर बैठें हों जहां ,निशा उजेरा (सोजरा )होय।

    जवाब देंहटाएं
  10. यह जो निगूढ़ नाद है
    न मालूम कबसे चल रहा है
    हो-न-हो दो बिछुड़े शून्यों में
    अश्लेष अर्थ-सा पल रहा है !

    आत्मा और परमात्मा अलग रहे बहु -काल,……

    प्रेम में खोना ही पाना है।



    तू मुझमें है मैं तुझमे हूँ।

    प्रेम को कौन कब समझ सका है....
    Amrita Tanmay
    Amrita Tanmay

    जवाब देंहटाएं
  11. बढिया चर्चा, बहुत सुंदर लिंक्स

    जवाब देंहटाएं
  12. कसके धो कर रख दिया, पूरा दिया निचोड़ |
    मुद्रा हुई रसातली, भोगें नरक करोड़ |

    भोगें नरक करोड़ , योजना बनी लूट की |
    पाई पाई जोड़, गरीबी लगा टकटकी |

    पर पाए ना लाभ, व्यवस्था देखे हँस के |
    मोदी पर संताप, मचाती सत्ता कसके ||

    जवाब नहीं इस लिखाड़ी का .

    जवाब देंहटाएं

  13. शुक्रिया आपका आपकी टिप्पणियों के लिए प्रभु का अनुकम्पा के लिए। मुबारक धेवताई।

    आभार !
    कालीपद प्रसाद
    मेरे विचार मेरी अनुभूति

    जवाब देंहटाएं
  14. जो दिल उदास हो , सब कुछ उदास लगता है ,

    नमी हो आँख में ,तो खाब भी सुलगता है।

    न आस हो मिलने की ,प्यार भी खटकता है।

    बहुत सशक्त रचना है। बधाई। विरह चित्र को दो शब्दों में बाँधना -

    हैरत से कम नहीं ,तू मिले न मिले गम नहीं।

    जो दिल उदास हो ....

    Dr (Miss) Sharad Singh
    Sharad Singh

    जवाब देंहटाएं
  15. ये सब का भाग्य विधाता है ,


    नन्ना सा सेल हमारा है।

    ये फ़ो टू भी दिखलाता है ,

    गाने भी खूब सुनाता है।

    अति उत्तम रचना है ये :



    रोज सुबह को मुझे जगाता,
    मोबाइल कहलाता है।
    दूर-दूर तक बात कराता,
    सही समय बतलाता है।।

    एक बालकविता
    "मोबाइल"

    पापा ने दिलवाया मुझको,
    मोबाइल इक प्यारा सा।
    मन-भावन रंगों वाला,
    यह एक खिलौना न्यारा सा।।
    नन्हे सुमन

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत सुंदर लिंक्स

    मेरी रचना को सामिल किये ,आपका आभार

    जवाब देंहटाएं
  17. हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर कल पहली चर्चा में आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर .... Lalit Chahar

    जवाब देंहटाएं
  18. भाग्य में यह सब भी देखना लिखा था। सुन्दर सूत्र संकलन

    जवाब देंहटाएं
  19. सुंदर चर्चा सजाई है आपने.....मेरी रचना शामि‍ल करने का शुक्रि‍या..

    जवाब देंहटाएं
  20. नेटवर्क की सुविधा से लम्बे समय से वंचित रहने की कारण आज विलम्ब से उपस्थित हूँ !
    भाद्र पट के आगमन की वधाई !!
    अच्छे चर्चा-संयोजन के लिये वधाई !!

    जवाब देंहटाएं
  21. रविकर जी, देरी से आने के लिए खेद है, आभार !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।