tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post1126660418338771665..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: तकलीफ जिंदगी है...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1483अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-80219492234580013412014-01-07T09:23:28.036+05:302014-01-07T09:23:28.036+05:30देर से आने के लिए खेद है..आभार तथा बधाई सुंदर चर्च...देर से आने के लिए खेद है..आभार तथा बधाई सुंदर चर्चा के लिए Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-76778027884403475832014-01-06T14:32:18.686+05:302014-01-06T14:32:18.686+05:30बहुत अच्छे अच्छे लिंक्स. चर्चा मंच में मुझे शामिल ...बहुत अच्छे अच्छे लिंक्स. चर्चा मंच में मुझे शामिल करने के लिए धन्यवाद.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-36278731967876049182014-01-05T22:31:14.447+05:302014-01-05T22:31:14.447+05:30बहुत सशक्त और प्रासंगिक अभिव्यंजना लिए रहे काजल का...बहुत सशक्त और प्रासंगिक अभिव्यंजना लिए रहे काजल का चित्र व्यंग्य<br /><br />कार्टून :- <br />मजमून भाँप लीजिए लिफ़ाफ़ा देखकर <br /><br />--<br />चूरण की गोली दो, खिच-खिच दूर करो<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-61373806766154095802014-01-05T22:29:20.306+05:302014-01-05T22:29:20.306+05:30सशक्त काव्यात्मक टिपण्णी एक परिपूर्ण पोस्ट टिपण्णी...सशक्त काव्यात्मक टिपण्णी एक परिपूर्ण पोस्ट टिपण्णी का अतिक्रमण करती हुई .<br /><br /><br />सरदारी दस साल की, रही देश को साल-<br /><br />विदाई वेला की ज़हालत ये देश ऐसा मानता है कि वोट बड़ी चीज़ है पर श्रीमनमोहन सिंह को इसके लिए एक संविधानिक पद को कलंकित करने की क्या ज़रुरत थी। संविधान इस बात की किसी भी तरह इज़ाज़त नहीं देता कि प्रधानमंत्री किसी राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में इतनी नितांत घृणास्पद और व्यक्तिगत जहरीली बात करें ,विष वमन करें।<br />Virendra Kumar Sharma <br />आपका ब्लॉग <br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /> सरदारी दस साल की, रही देश को साल |<br />उलटे सीधे फैसले, करें देश कंगाल |<br /><br />करें देश कंगाल, आज यह गाल बजाये |<br />कठपुतली सा नाच, बाज फिर भी ना आवे |<br /><br />कुटिल आखिरी बोल, भरी जिसमे मक्कारी |<br />खोली खुद की पोल, कलंकित की सरदारी ||<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-71539677141456089712014-01-05T22:26:38.843+05:302014-01-05T22:26:38.843+05:30कुहरे की फुहार...डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
---...कुहरे की फुहार...डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’<br />-----------------------------------------------<br />कुहरे की फुहार से,<br />ठहर गया जन-जीवन।<br />शीत की मार से,<br />काँप रहा मन और तन।<br />--<br />माता जी लेटी हैं,<br />ओढ़कर रजाई।<br />काका ने तसले में,<br />लकड़ियाँ सुलगाई।<br /><br /><br />सुन्दर शब्द चित्र मौसिम की बदसुलूकी का। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85305580141085049782014-01-05T22:24:23.630+05:302014-01-05T22:24:23.630+05:30तुमने अमृत बरसाया तो,
मैं कितना अभिभूत हो गया!
मन ...तुमने अमृत बरसाया तो,<br />मैं कितना अभिभूत हो गया!<br />मन के सूने से उपवन में,<br />फिर बसन्त आहूत हो गया!<br /><br />आसमान में बादल गरजा,<br />आशंका से सीना लरजा,<br />रिमझिम-रिमझिम पड़ीं फुहारें,<br />हरा-भरा फिर ठूठ हो गया!<br /><br />बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-82551256323478773642014-01-05T22:21:30.688+05:302014-01-05T22:21:30.688+05:30
बेहतरीन अभिव्यंजना
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५.जहरमोहरा ....अ...<br />बेहतरीन अभिव्यंजना <br /><br />-----------<br />५.जहरमोहरा ....अमृता तन्मय<br />-----------------------------------------------<br /><br /><br />शून्य को खाते-पीते हुए<br />शून्य को ही मरते-जीते हुए<br />हम जैसे शून्यवादी लोग<br />अंकों के गणित पर<br />या गणित के अंकों पर<br />आदतन आशिक-मिज़ाजी से<br />किसकदर ऐतबार करते हैं<br />ये हमसे कौन पूछता है ?<br />कौन पूछता है हमसे कि<br />हम क्यों अंकों के<br />आगे लगने के बजाय<br />हमेशा पीछे ही लगते है<br />या फिर हमें बेहद खास से<br />उन तीन और छह को<br />अपने हिसाब से आगे-पीछे<br />या ऊपर-नीचे करते रहना<br />औरों की तरह क्यों नहीं आता है ?<br /><br />३६ का आंकड़ा हमारे और परमात्मा के बीच भी है वह हमारे हृदय में बैठा है हम उसकी तरफ पीठ किये हैं मुंह भौतिक ऊर्जा (माया )की तरफ है हमारा यही राजनीति में है ३६ का अ-प्रेम ,प्रेम पूर्ण सहयोग virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78756203147390534822014-01-05T22:15:57.592+05:302014-01-05T22:15:57.592+05:30बेहतरीन अभिव्यंजना
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५.जहरमोहरा ....अम...बेहतरीन अभिव्यंजना <br /><br />-----------<br />५.जहरमोहरा ....अमृता तन्मय<br />-----------------------------------------------<br /><br /><br />शून्य को खाते-पीते हुए<br />शून्य को ही मरते-जीते हुए<br />हम जैसे शून्यवादी लोग<br />अंकों के गणित पर<br />या गणित के अंकों पर<br />आदतन आशिक-मिज़ाजी से<br />किसकदर ऐतबार करते हैं<br />ये हमसे कौन पूछता है ?<br />कौन पूछता है हमसे कि<br />हम क्यों अंकों के<br />आगे लगने के बजाय<br />हमेशा पीछे ही लगते है<br />या फिर हमें बेहद खास से<br />उन तीन और छह को<br />अपने हिसाब से आगे-पीछे<br />या ऊपर-नीचे करते रहना<br />औरों की तरह क्यों नहीं आता है ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-34125196297316948212014-01-05T22:00:51.328+05:302014-01-05T22:00:51.328+05:30सुंदर चर्चा !सुंदर चर्चा ! राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44573355516504233212014-01-05T20:42:36.459+05:302014-01-05T20:42:36.459+05:30बेहतरीन सूत्र समायोजन, संयोजक महोदय को कोटिश: आभार...बेहतरीन सूत्र समायोजन, संयोजक महोदय को कोटिश: आभार..इस विशाल मँच पर मेरी कविता को स्थान देने के लिए, <br />सभी पाठकोँ को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँअभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-63972558644668350902014-01-05T19:20:16.728+05:302014-01-05T19:20:16.728+05:30बहुत ही सुन्दर सूत्रों का संकलन...सुन्दर चर्चा -बहुत ही सुन्दर सूत्रों का संकलन...सुन्दर चर्चा -Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-3496101682899629752014-01-05T14:40:52.472+05:302014-01-05T14:40:52.472+05:30बहुत सुंदर रविवारीय चर्चा ! उल्लूक का "ठीक नह...बहुत सुंदर रविवारीय चर्चा ! उल्लूक का "ठीक नहीं किया जैसा किया जाता रहा था वैसा ही क्यों नहीं किया " को शामिल किया ! आभार ! सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-38956152145508402922014-01-05T14:40:21.579+05:302014-01-05T14:40:21.579+05:30सुन्दर चर्चा -
आभार आपका-
सादर -सुन्दर चर्चा -<br />आभार आपका-<br />सादर -रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48440845573308782362014-01-05T12:30:58.058+05:302014-01-05T12:30:58.058+05:30NICE LINKS .THANKS NICE LINKS .THANKS Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-80854726748215127302014-01-05T11:52:59.244+05:302014-01-05T11:52:59.244+05:30चर्चा का अन्दाज़ दिल को भा गया राहुल मिश्रा जी ………...चर्चा का अन्दाज़ दिल को भा गया राहुल मिश्रा जी ………सुन्दर व संयत चर्चा के लिये आपको बधाई और शुभकामनायें ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10204827624232106762014-01-05T10:34:52.088+05:302014-01-05T10:34:52.088+05:30नव वर्ष की शुरूआत अति सुंदर चर्चा से करने के लिए...नव वर्ष की शुरूआत अति सुंदर चर्चा से करने के लिए बधाई।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-63727076271771638872014-01-05T09:42:37.290+05:302014-01-05T09:42:37.290+05:30बहुत ही सुन्दर सूत्रों का संकलन.बहुत ही सुन्दर सूत्रों का संकलन.Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-71379810850889146742014-01-05T08:39:42.249+05:302014-01-05T08:39:42.249+05:30सुप्रभात
उम्दा सूत्रों से सजा चर्चा मंच |
सुप्रभात <br />उम्दा सूत्रों से सजा चर्चा मंच |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81764819083500479322014-01-05T07:54:00.956+05:302014-01-05T07:54:00.956+05:30धन्यवाद राहुल जी ! सार्थक सुंदर सूत्रों से सुसज्जि...धन्यवाद राहुल जी ! सार्थक सुंदर सूत्रों से सुसज्जित चर्चामंच पर आपने मेरी रचना को भी स्थान दिया ! आभारी हूँ ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56611423549967207652014-01-05T07:18:45.778+05:302014-01-05T07:18:45.778+05:30आज की चर्चा बहुत सुन्दर।
सुप्रभात...! आपका दिन मं...आज की चर्चा बहुत सुन्दर। <br />सुप्रभात...! आपका दिन मंगलकारी हो।<br />--<br />आभार राहुल मिश्रा जी आपका।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-2396075188996672362014-01-05T07:12:14.487+05:302014-01-05T07:12:14.487+05:30बहुत ही सुन्दर और पठनीय सूत्रबहुत ही सुन्दर और पठनीय सूत्रप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com