tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post1637128749274656893..comments2024-03-17T16:48:49.459+05:30Comments on चर्चामंच: " जय बोलें किसकी" (चर्चा अंक-1565)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-45103915400765485532014-04-01T10:46:07.429+05:302014-04-01T10:46:07.429+05:30bahut khushi hui ki mujhe bhi liye.......links bah...bahut khushi hui ki mujhe bhi liye.......links bahut achche lage.....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-21379804921060973602014-03-28T23:11:02.328+05:302014-03-28T23:11:02.328+05:30मार्मिक व्यंग्य विडम्बन
आर आई पी डा. जे सी पंत
स...मार्मिक व्यंग्य विडम्बन <br /><br />आर आई पी डा. जे सी पंत<br />सुशील कुमार जोशी<br />बहुत बार समझाया <br />दिखा कर उदाहरण <br />कई बार बातों बातों <br />में सब कुछ बताया <br />अभी समय है <br />बना ले किसीvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53553443868097757372014-03-28T23:02:37.395+05:302014-03-28T23:02:37.395+05:30राजनीति के शातिरों पे व्यंग्य बाण ,
खुलके चलाना ज...राजनीति के शातिरों पे व्यंग्य बाण ,<br /><br />खुलके चलाना जानते हैं ,<br /><br />हम गधे हैं देश के ,खुद को लुटाना जानते हैं शास्त्री जी आज पूरे रंग में हैं :चुनावी बाण लिए हैं <br /><br /><br />"ग़ज़ल-शासन चलाना जानते हैं" <br /><br />उच्चारणvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67029692000238862032014-03-28T22:58:45.544+05:302014-03-28T22:58:45.544+05:30सर्पों के बारे में विज्ञान सम्मत एवं प्रचलित गल्प ...सर्पों के बारे में विज्ञान सम्मत एवं प्रचलित गल्प का बड़ा सटीक आलोचनातमक विवरण कोई आप जैसा विज्ञपाठक ही <br /><br />मुहैया करवा करवा सकता है। आभार आपकी निरंतर प्रेरक टिप्पणियों का।<br /><br /><br />सिनेमा,सांप और भ्रांतियां<br /> राजीव कुमार झा <br /><br />सांप को लेकर कई भ्रांतियां और मिथक लोगों में है.सांप को देखते ही भय इस कदर व्याप्त हो जाता है कि इसे मारना ही श्रेयस्कर समझते हैं.इसका कारण अतीत में सर्पदंश से हुई मौतें और जनमानस के जेहन में समाया हुआ डर भी है.यह धारणा भी लोगों में बनी हुई है कि सांप बदला लेते हैं.इस कारण न केवल गाँव,देहातों में बल्कि शहरों में भी लोग सांप को मारने के बाद उसके फन को कुचलते और आँख फोड़ देते हैं क्योंकि यह भ्रांतियां फैली हुई हैं कि सांप की आँखों में मारने वाले की छवि अंकित हो जाती है.<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5078796605153078502014-03-28T19:19:49.557+05:302014-03-28T19:19:49.557+05:30बहुत बढ़िया चर्चा ..
आभार ..बहुत बढ़िया चर्चा ..<br />आभार ..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-83789631261834487272014-03-28T18:59:55.317+05:302014-03-28T18:59:55.317+05:30बहुत अच्छे और सुधारपरक विषयों पर चर्चा !बहुत अच्छे और सुधारपरक विषयों पर चर्चा !देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-43079576581963138592014-03-28T12:54:39.540+05:302014-03-28T12:54:39.540+05:30बहुत सुंदर चर्चा ।मेरी पोस्ट को शामिल करने का शुक्...बहुत सुंदर चर्चा ।मेरी पोस्ट को शामिल करने का शुक्रिया ..आभारMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-558399317497358962014-03-28T11:58:54.169+05:302014-03-28T11:58:54.169+05:30बढ़िया सूत्रों के साथ बढ़िया चर्चा , राजेन्द्र भाई...बढ़िया सूत्रों के साथ बढ़िया चर्चा , राजेन्द्र भाई व मंच को धन्यवाद !<br /><a href="http://www.samadhaaninhindi.blogspot.in/" rel="nofollow">Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )</a>आशीष अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/05326902845770449131noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-86203184588124991402014-03-28T11:45:50.217+05:302014-03-28T11:45:50.217+05:30लिंक्स अच्छे लगे ...मेरी पोस्ट को शामिल करने का शु...लिंक्स अच्छे लगे ...मेरी पोस्ट को शामिल करने का शुक्रिया भी ...शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-14439906637608142272014-03-28T10:53:59.688+05:302014-03-28T10:53:59.688+05:30बहुत सुन्दर, ज्यादातर आज के लिंक्स को पहले पढ़ चूका...बहुत सुन्दर, ज्यादातर आज के लिंक्स को पहले पढ़ चूका हूँ। मैं सोच रहा था की मैं अपनी चर्चा में शामिल करूँगा पर भाई साहब आपने पहले ही सेंध लगा दी। बहुत बधाई <br />जितनी सुन्दर आज आपने चर्चा सजाई है भाई साहब राजेंद्र जी,<br />उतनी ही वज़नदार बात सर जी ने भी कही है। <br />सर जोशी जी, मैं आपसे सहमत हूँ और इस दिशा में आज ६ दिन से कोशिश भी। सुझाव उत्कृष्ट है। <br />सादर <br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06050233256281686905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-19622848069707177362014-03-28T10:03:06.782+05:302014-03-28T10:03:06.782+05:30बहुत सुंदर चर्चा ।सुंदर सूत्र । हर लिंक पर नहीं भी...बहुत सुंदर चर्चा ।सुंदर सूत्र । हर लिंक पर नहीं भी जाया जाता है पर इतना समय तो ब्लागर निकाल ही सकता है कि अपनी पोस्ट को पोस्ट करने के साथ दूसरे ब्लागर्स की थोड़ी हौसला आफजाई कर सके । ब्लागिंग में बहुत कुछ है बस एक यही कमी नजर आती है । बहुत से लोग बहुत अच्छा लिख रहे हैं पर थोड़ा सा समय दूसरे के ब्लाग पर जा कर दो शब्द कह देने में इतनी कंजूसी किस लिये? बहुत बार इस बात पर बात उठती है । एक चर्चा इस बात पर भी क्यों नही :) <br /><br />आभार उलूक का उसका सूत्र "आर आई पी डा. जे सी पंत" को स्थान दिया आज की चर्चा में ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67356755769326193062014-03-28T09:08:31.738+05:302014-03-28T09:08:31.738+05:30बहुत सुंदर चर्चा.
मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए ...बहुत सुंदर चर्चा.<br />मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार. राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16068785025802184832014-03-28T07:14:08.143+05:302014-03-28T07:14:08.143+05:30श्रम से सजायी गयी सुन्दर चर्चा।
आपका आभार भाई राजे...श्रम से सजायी गयी सुन्दर चर्चा।<br />आपका आभार भाई राजेन्द्र कुमार जी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-22721811790060917032014-03-28T07:13:23.327+05:302014-03-28T07:13:23.327+05:30अत्यन्त रोचक व पठनीय सूत्र।अत्यन्त रोचक व पठनीय सूत्र।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com