tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post1694994770008212397..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: (1000) चर्चा-मंच प्रणाम, आज तू हुआ हजारी -रविकरअमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger56125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56528407126000679702012-10-21T02:35:03.307+05:302012-10-21T02:35:03.307+05:30Touche. Great arguments. Keep up the amazing spiri...Touche. Great arguments. Keep up the amazing spirit.<br /><i>Review my web blog</i> <b><a href="http://angelwoodsnude.thumblogger.com" rel="nofollow">angelwoodsnude.thumblogger.com</a></b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81127673194873400332012-10-06T16:47:58.200+05:302012-10-06T16:47:58.200+05:30It's in point of fact a nice and useful piece ...It's in point of fact a nice and useful piece of information. I'm satisfied that you <br />shared this helpful information with us. 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<br />आक्रोश ही आक्रोश है ...और होना भी चाहिए <br />पी.सी.गोदियाल "परचेत" हार्दिक बधाई <br />न जाने क्या-क्या खोया ?<br />और क्या-क्या पाया है, आपकी याद में ...<br />दर्द भरी रचना बहुत अच्छी लगी <br />आदरणीय रविकर जी के द्वारा रचे इस कुंडली में छुपी अद्भुत प्रशंसा के आगे हम नतमस्तक है <br />दारुण दोहा दत्तवर, दिया दाद दिल-दाध ।<br />अरुण अशठ अमरीश अध , अवली असल अबाध ।<br />अवली असल अबाध, पुन: रोला जुड़ जाते ।<br />चढ़ा करेला नीम, देख रविकर घबराते ।<br />युगलबंद हो बंद, सुनो स्वर रविकर कारुण ।<br />हे आयोजक वृन्द, घटाओ लेबल दारुण ।।<br /><br /><br />अरुण भाई की भी कुंडली बहुत उम्दा है आपके उन भावों को नमन जिन भावों को आपकी कुंडली साध रही है <br />सिर्फ दृष्टि भ्रम एक, अरुण का उगना ढलना<br />लेकिन यह सत्कर्म , धर्म है रवि का जलना <br />बहुत बढ़िया लगे......उत्कृष्ठ रचना <br /> आदरणीय शास्त्री जी आपने इस कविता के माध्यम से कविता के लिखे जाने पर बहुत ही सटीक कहा है आपको बहुत बहुत बधाई <br />चूहा-बिल्ली, पिल्ला-पिल्ली से लगते हैं काले अक्षर।<br />इसी लिए तो कहते हैं जी काला अक्षर भैंस बराबर।।<br />मुकेश पांडे चन्दन जी ने अपनी उज्जैन यात्रा का बहुत रोचक वृतांत दिखाया और सुनाया बहुत बढ़िया लगा <br />केवलराम चलते चलते <br />बुराई कभी ख़राब नहीं होती ,<br /> ना समझने वाला ख़राब होता है . <br />मुनासिब सवाल का जबाब मिलना ,<br /> मुबारक है जरुरी नहीं.. <br /> सवाल का जबाब ना मिलना भी <br /> एक जबाब होता है .<br />सही कहा है सवाल जब किसी से भी पूछा जाये जरुरी नहीं हमें उसका उत्तर भी मिल जाये , और जिस सवाल का उत्तर आपको मिल जाये फिर तो आपकी सारी जिज्ञासा ही शांत हो जाये <br />बहुत मजेदार लगी <br />रजनी मलहोत्रा नैय्यर <br />आ गये घर जलने वाले हाथो में मरहम लिए ...उम्दा रचना है करारा व्यंग <br />आदरणीय धर्मेन्द्र सिंह जी की जुटा जूता पे लिखी गजल पर उन्हें दाद ही दाद है <br />जूता जैसे विषय पर इतना गहन चिंतन विरला ही कर सकता है <br />आदरणीय बहुत बहुत बधाई <br /><br />समय सृजन में गजल भी लाजवाब है <br />काम अब कोइ न आयेगा बस इक दिल के सिवा<br /><br />रास्ते बन्द हैं सब कुचा-ए-क़ातिल के सिवा<br />आदरणीय रविकर जी पुनः बधाई <br /><br />UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-76395782008376529642012-09-13T00:27:43.749+05:302012-09-13T00:27:43.749+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-68812019567000087442012-09-12T20:37:47.466+05:302012-09-12T20:37:47.466+05:30सुंदर लिंक्स काफी पोस्ट देखीं, बची भी देखेंगे सराह...सुंदर लिंक्स काफी पोस्ट देखीं, बची भी देखेंगे सराहेंगे टिपियाएंगे ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-9422309805827134772012-09-12T20:19:27.422+05:302012-09-12T20:19:27.422+05:30 टॉइलेट पेपर पर भी अशोक चक्र तो क्या सरकार भी है ग... टॉइलेट पेपर पर भी अशोक चक्र तो क्या सरकार भी है गुनहगार ?<br />SACCHAI <br />AAWAZ <br /><br />ये जो कर रहे हैं कर ही रहे हैं<br />जो इनको डिफेण्ड कर रहे हैं <br />उनको कोई भी तो नहीं कहीं<br />हम आप सस्पेंड कर रहे हैं !!सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-31628831012819436222012-09-12T20:13:51.087+05:302012-09-12T20:13:51.087+05:30 Anil Singh: Dhu-Dhu Kr Jlti Betiyan
Aziz Jaunpuri... Anil Singh: Dhu-Dhu Kr Jlti Betiyan<br />Aziz Jaunpuri <br />Zindagi se muthbhed<br /><br />उम्दा !!<br /><br />ये तो कुछ कुछ ऎसा हो गया है<br />जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना नहीं........<br /><br />जलाओ उन्हें पर रहे ध्यान इतना<br />जलाने वाल फिर कोई बच ना पाये...<br /><br />आदमी जला भी दिया गया माना<br />बात तो तब है जब कोई उसकी<br />ये जलाने वाली आदत को जलाये<br />फिर इस जहाँ में भूल से भी<br />बेटी जल गयी कहीं कोई कह ना पाये !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-77988859702846843432012-09-12T20:09:50.843+05:302012-09-12T20:09:50.843+05:30हजारी होने की शुभकामनायें, बहुत ही सुन्दर सूत्र..हजारी होने की शुभकामनायें, बहुत ही सुन्दर सूत्र..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-25952861164382393882012-09-12T20:05:35.982+05:302012-09-12T20:05:35.982+05:30 काल भैरव मंदिर जो कि भगवन शिव का क्रुद्ध अवतार है... काल भैरव मंदिर जो कि भगवन शिव का क्रुद्ध अवतार है , इन्हें शराब का भोग लगता है , आश्चर्य की बात ये है , कि काल भैरव इसका सेवन करते हुए दिखाई पड़ते है , जब पुजारी एक प्याले में शराब डाल कर काल भैरव की मूर्ति के मुख के पास रखते है, तो प्याले में से मदिरा धीरे-धीरे ख़त्म हो जाती है ! <br />भाई साहब गणेश जी भी इस देश में दूध पी चुकें हैं ,अब लगता है भारत में अमीरों के स्वान और देवता ही दूध पीते हैं ,बच्चों को तो मिलता नहीं .ये पेटी कोट चेक करने की बात भी अजीब रही क्या आगे की सामिग्री भी चेक की जाती है .?आपने यिस यात्रा का सटीक विवरण मुहैया करवाया है हट्टे कट्टे सिल बट्टे साधू भी दिखलायें हैं ,सांस्कृतिक झांकी के नाम पर यहाँ क्या क्या होता है मन्दिर में तोपों की सलामी ,देवदासियां .....रोमांटिक खाऊ पीर पंडित जी ,शराब और घूंघट में शबाब ,कहीं भगवान् की नजर न लग जाए या भगवान् को भगतानी की नजर न लग जाए ..क्या कहना है भैरव जी का ....<br /><br />.इंडियन मीडिया सेंटर :उज्जैन यात्रा <br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-30193607354193922962012-09-12T20:00:47.163+05:302012-09-12T20:00:47.163+05:30 vally of flowers .chamba , himachal , फूलो की घाट... vally of flowers .chamba , himachal , फूलो की घाटी ,हिमाचल प्रदेश में<br />Manu Tyagi <br />yatra <br /><br />बहुत सुंदर संकलन है फूलों के चित्रों का मन्मोहक !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-29977581721806185512012-09-12T19:57:40.688+05:302012-09-12T19:57:40.688+05:30एस. एम. मासूम साहब का Major Operation
आप के शीघ्...एस. एम. मासूम साहब का Major Operation <br />आप के शीघ्र स्वास्थ लाभ की कामना करते हुऎ खुदा से आपके लिये दुआ करते हैं !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79327131808488221012012-09-12T19:49:29.245+05:302012-09-12T19:49:29.245+05:30नजर लग जायेगी जनाब
घूँघट की ओट में रहना अच्छा
कहन...नजर लग जायेगी जनाब <br />घूँघट की ओट में रहना अच्छा<br />कहना हुआ तो बुदबुदा लिया<br />लिखने की जहमत लेना नहीं अच्छा !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41156816906804062702012-09-12T19:43:30.427+05:302012-09-12T19:43:30.427+05:30चेहरा तो छिपा लिया तुमने
पर आँखों का क्या करोगे
अक...चेहरा तो छिपा लिया तुमने<br />पर आँखों का क्या करोगे<br />अक्स सच्चाई का<br />उनसे स्पष्ट झांकता |<br />सब से छिपाया नहीं बताया<br />अपने मन के भावों को<br />कैसे छिपा पाओगे<br />प्रेम के आवेग को<br />गवाह हैं आँखें तुम्हारी<br /> उजागर होते भावों की |............ये आँखें ये रंगत सब कुछ कह रही है ....तेरी सुबह कह रही है तेरी रात का फ़साना .....देह की अपनी बड़ी सशक्त भाषा होती है जिसका मुख हमारी आँखें ही तो होतीं हैं ....यही है देह भाषा ,दैहिक मुद्रा ,दैहिक लिपि ,मानो या न मानो ...तुमने प्रेम किया है ....तुमने ही कहा था एक दिन -अगर तलाश करोगे ,कोई मिल ही जाएगा ,मगर वो आँखें हमारी ,कहाँ से लाएगा ?<br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-62033792347046869242012-09-12T19:30:58.124+05:302012-09-12T19:30:58.124+05:30बहुत अच्छा रच रहें हैं अरुण शर्मा ,कविताओं में लय ...बहुत अच्छा रच रहें हैं अरुण शर्मा ,कविताओं में लय ताल के अलावा एक ताजगी विषय की प्रस्तुति की मिली कहीं कहीं दुष्यंत जी से प्रभावित दिखे .उसी तरफ जाना होगा .बधाई इस व्यक्तित्व और कृतित्व परिचय के लिए .दोनों को पोस्टकार को अरुण जी को . <br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-22637407705956289272012-09-12T19:21:34.960+05:302012-09-12T19:21:34.960+05:30ईश्वर से यही कामना इस सेरिब्रल वैस्कुलर एक्सीडेंट ...ईश्वर से यही कामना इस सेरिब्रल वैस्कुलर एक्सीडेंट (ISCHAMIC BRAIN ATTACK )से आप जल्दी उबरें .दिल को भी आइन्दा दुरुस्त रखना पडेगा ,दिलसे चलके ही खून का थक्का दिमाग तक पहुंचता है .अपने न्यूरोलोजिस्ट का सौ फीसद कहा माने .छ :महीने लग जायेंगे आपको उबरने में लेकिन आप स्वास्थ्य लाभ पूरा प्राप्त करेंगे ."मैं अब स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहा हूँ ....ठीक हूँ यही सोचें ...). <br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-4867415803196754272012-09-12T19:13:47.758+05:302012-09-12T19:13:47.758+05:30हुज़ूर कई लोग तो अपने घर से ही नहीं निकलते ,(आत्म...हुज़ूर कई लोग तो अपने घर से ही नहीं निकलते ,(आत्म -विमुग्धता की स्थिति में रहतें हैं ,एक स्थिति को प्राप्त हो चुके अवस्थी हैं ये तमाम लोग- लुगाई ) कहें उन्हें : हवा लगाया करें खुद को (अपने ब्लॉग को ,टिपियाया भी करें अन्यत्र )वरना फंगस लग जायेगी .<br />कोपलें फिर फूट आईं ,शाख पे कहना उसे ,<br />वो न समझा है ,न समझेगा मगर कहना उसे .<br />ram ram bhai<br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7978645087200132292012-09-12T19:02:21.318+05:302012-09-12T19:02:21.318+05:30ज़ुल्म की नई तहरीर लिखकर किताबों में
शब्द '...ज़ुल्म की नई तहरीर लिखकर किताबों में <br /> शब्द 'बेटी'का क्यूँ वेहद विषैला कर दिया है<br /><br /> फिज़ाओं में ज़हर के उन्नत बीज बोकर<br /> हवाले मौत के अब बेटिओं को कर दिया है <br /><br /><br />शब्द 'बेटी'का माथे की सिकन अब हो गया<br />वहशिओं ने कितना घुप अँधेरा कर दिया है ...........बेहद चुभन भरी व्यंजना ...बड़ा गर्क हो इन वाशियों का इनके पूत दिलवाएं इन्हें काशी करवट ,....<br />ram ram bhai<br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-23403377409827249212012-09-12T18:53:01.083+05:302012-09-12T18:53:01.083+05:30मनु त्यागी जी ,कुछ का होना ही फूलों की तरह सुन्दर ...मनु त्यागी जी ,कुछ का होना ही फूलों की तरह सुन्दर और सुकून भरा होता है -चाह नहीं में सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं .....एक फूल की अभिलाषा याद आ गई ...स्वभाव के बारे में भी आपकी सीख बहुत खूब रही आदमी अपना स्वभाव न छोड़े अपने आत्म स्वरूप में स्थित प्रग्य रहे ,वाह क्या बात है .<br /><br />छायांकन में आपने बहुत ही कोमल रंगों का इस्तेमाल किया है सारा कमाल केमरे की आँख नहीं आपके नयनों का है ,हैं न ये नैन बावरे ...<br />ram ram bhai<br />बुधवार, 12 सितम्बर 2012<br />देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5344730229064665492012-09-12T18:45:51.587+05:302012-09-12T18:45:51.587+05:30रविकार जी की टिप्पणी, होती लच्छेदार।
लच्छेदार जलेब...रविकार जी की टिप्पणी, होती लच्छेदार।<br />लच्छेदार जलेबियाँ, होती हैं रसदार।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-38099455662108204882012-09-12T18:43:25.773+05:302012-09-12T18:43:25.773+05:30काम अब कोइ(कोई ) न आयेगा बस इक दिल के सिवा…अली सर...काम अब कोइ(कोई ) न आयेगा बस इक दिल के सिवा…अली सरदार जाफरी<br /><br />*<br /><br />काम अब कोइ(कोई ) न आयेगा बस इक दिल के सिवा,<br /><br />रास्ते बन्द हैं सब, कुचा(कूचा )-ए-क़ातिल के सिवा/बढ़िया प्रस्तुति .<br />ram ram bhai<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16402405510219265202012-09-12T18:40:57.913+05:302012-09-12T18:40:57.913+05:30घोटालों के देश में, देशभक्त बदनाम।
कलाकार को जेल क...घोटालों के देश में, देशभक्त बदनाम।<br />कलाकार को जेल का, मिलता है ईनाम।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-14437024617060724022012-09-12T18:38:22.631+05:302012-09-12T18:38:22.631+05:30रहीमा की व्यथा-कथा बहुत मार्मिक है।रहीमा की व्यथा-कथा बहुत मार्मिक है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48203566646314432622012-09-12T18:36:29.548+05:302012-09-12T18:36:29.548+05:30जो सुख-दुख को बाँट ले, मित्र उसी का नाम।
करे परोक्...जो सुख-दुख को बाँट ले, मित्र उसी का नाम।<br />करे परोक्ष बुराइयाँ, वो साथी बदनाम।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-80284731754026433002012-09-12T18:35:11.460+05:302012-09-12T18:35:11.460+05:30मासूम साहब के लिये फिक्र है मैने फोन से बात की थी ...मासूम साहब के लिये फिक्र है मैने फोन से बात की थी वह अब कुशल पूर्वक है. 1000 वी पोस्ट के लिये बधाईPAWAN VIJAYhttps://www.blogger.com/profile/14648578581549077487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-57542426833382483532012-09-12T18:31:28.430+05:302012-09-12T18:31:28.430+05:30अपने-अपने माप से नाप रहे हैं देश।
भेद-भाव के साथ म...अपने-अपने माप से नाप रहे हैं देश।<br />भेद-भाव के साथ में, बिगड़ रहा परिवेश।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com