tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post2212490488647380602..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: " करना मत कुहराम " (चर्चाअंक -3629) अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-74528525386494811952020-03-04T18:38:53.572+05:302020-03-04T18:38:53.572+05:30सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के ...सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार सखी ,सादर स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78223943656805799662020-03-04T18:37:35.218+05:302020-03-04T18:37:35.218+05:30सहृदय धन्यवाद रेणु , समसामयिक विषय पर तुम्हारी इ...सहृदय धन्यवाद रेणु , समसामयिक विषय पर तुम्हारी इस बेहतरीन समीक्षा और इस स्नेह से भरे प्रोत्साहन के लिए दिल से आभार सखी ,सादर स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53447579907479400932020-03-04T18:29:41.928+05:302020-03-04T18:29:41.928+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53393401539509165472020-03-03T23:33:03.798+05:302020-03-03T23:33:03.798+05:30प्रिय कामिनी , आज की चर्चा की -- भावों से भरी भ...प्रिय कामिनी , आज की चर्चा की -- भावों से भरी भूमिका मन को उद्वेलित कर रही है | सार्थक प्रश्न उठाये हैं तुमने | सचमुच कितना मुश्किल है दंगे- फसाद से पीड़ित लोगों की पीड़ा को अनदेखा करना | इंसान द्वीप नहीं , सामाजिक प्राणी है | एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहने में ही उस के जीवन की सार्थकता और शोभा है | पर कुछ कुटिल और अराजक तत्वों को निर्दोष लोगों का लहू बहाने और उनकी खुशियाँ बर्बाद करने में ही आनंद मिलता है | दिल्ली के दंगे इसका ताज़ा उदाहरण हैं | लोग तो शांति और सौहार्द से रह रहे थे , ये आपस में जहर घोलने वाले , धर्म के नाम पर हिंसा फ़ैलाने वाले लोग आखिर आये कहाँ से और हमने उन्हें पहचानने में देर कैसे कर दी ? यही एक प्रश्न है जो अनुत्तरित है | पर उस विकट स्थिति में आपसी वैमनस्य की भावना से दूर होकर ही हम उन लोगों के जख्में पर मरहम रख सकते हैं , निराशा के अँधेरे जिनका नसीब बन चुके हैं | आज की चर्चा में शामिल सभी रचनाओं को पढ़कर अच्छा लगा | सभी रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनाएं | मेरी पुरनी रचना को भी ले आई तुम | आभार पर्याप्त नहीं | मेरी शुभकामनाएं सखी | तुम यूँ ही आगे बढती रहो . मेरी यही कामना है | सस्नेह --- रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-73456204008445612182020-03-03T21:46:26.477+05:302020-03-03T21:46:26.477+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया कामिनी दीदी द्वारा. स...बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया कामिनी दीदी द्वारा. समसामयिक ज्वलंत विषय पर विचारणीय भूमिका. बेहतरीन रचनाएँ चुनी हैं आपने. सभी को बधाई.<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7087618711979429172020-03-03T20:42:43.324+05:302020-03-03T20:42:43.324+05:30हृदयतल से धन्यवाद प्रिय अनु ,मेरी भूमिका पर आपके व...हृदयतल से धन्यवाद प्रिय अनु ,मेरी भूमिका पर आपके विचार जानकर हार्दिक प्रसन्ता हुई ,हमेशा से ही विकट परिस्थितियों में देश की नजर आप जैसे युवापीढ़ी पर ही रही हैं ,आप आज के नवयुवक युवतियां ही परिस्थिति को अच्छे से सम्भाल सकते हैं। मैं तो अभी मुंबई में हूँ मगर मेरा पूरा परिवार,रिश्तेदार दिल्ली में हैं और हमारे घर के बच्चे और उनके दोस्त इस नेक काम में जुटे हुए हैं। आपकी इस सुंदर और सार्थक समीक्षा के लिए दिल से आभार ,स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-9161980157502234522020-03-03T17:16:04.703+05:302020-03-03T17:16:04.703+05:30आज की आपकी भूमिका ने तो मुझे बस बांध ही लिया कहां ...आज की आपकी भूमिका ने तो मुझे बस बांध ही लिया कहां कि ऐसे विचार हर एक भारतीय के अंदर उत्पन्न हो जो आज भाईचारे नैतिकता को भूलकर आतंक मचाने को तैयार हो रहे हैं....l<br /> पूरी भूमिका नहीं प्रस्तुत विचार प्रेम भाईचारे को बढ़ावा दे रही है सही कहा जो लोग हमें तोड़ना चाहते हैं या तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं फिर भी हम चंद बचे कुचे लोग मिलकर होली मनाएंगे टूटे घरों को दोबारा जोड़ने की कोशिश करेंगे मन मोह लिया आपकी इस प्यारी सी भूमिका ने वाकई में यह हमारा नैतिक कर्तव्य होना यह चाहिए आज ऐसी परिस्थितियों में जो लोग अपने घरों को खो चुके हैं अपने परिवार को खो चुके हैं उनके साथ खड़े होने की कोशिश करनी चाहिए..<br />आपके विचार हमेशा दिल से निकलते हैं इसलिए आप की भूमिका हमेशा ही बहुत अच्छी लगती है और रही रचनाओं की बात वह तो सभी आपने एक से एक चुने हैं अभी बस पढ़ना ही शुरू किया है बहुत अच्छा लग रहा हैAnita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-64130786531266493322020-03-03T14:09:50.679+05:302020-03-03T14:09:50.679+05:30सहृदय धन्यवाद कुसुम जी ,इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के...सहृदय धन्यवाद कुसुम जी ,इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार ,सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89850152602186156532020-03-03T14:08:46.372+05:302020-03-03T14:08:46.372+05:30सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,सादर नमस्कार सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-83629291900776059062020-03-03T14:08:21.524+05:302020-03-03T14:08:21.524+05:30सहृदय धन्यवाद कविता जी ,सादर नमस्कार सहृदय धन्यवाद कविता जी ,सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-65936293328231118392020-03-03T14:07:39.940+05:302020-03-03T14:07:39.940+05:30सहृदय धन्यवाद सर ,बस आपका आशीर्वाद यूँ ही बना रहें...सहृदय धन्यवाद सर ,बस आपका आशीर्वाद यूँ ही बना रहें ,सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-30068932723631307762020-03-03T14:05:59.767+05:302020-03-03T14:05:59.767+05:30सहृदय धन्यवाद शशि जी ,मैं तो बस यही जानती हूँ कि ह... सहृदय धन्यवाद शशि जी ,मैं तो बस यही जानती हूँ कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन भय ही हैं। आपने ये बहुत ही अच्छी बात साझा की हैं कि -<br />" जहाँ चहुंओर में नफरत फैलाने की सियासत हो रही है। देश की राजधानी हिंसा से जल रहा है। वहीं हिन्दुओं के पवित्र शक्तिपीठ विंध्याचल से सटे कंतित शरीफ ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की दरगाह पर हर साल आयोजित होने वाले उर्स की शुरूआत आज भी एक हिन्दू परिवार द्वारा मजार पर चादर चढ़ाने के साथ ही होती है, जो अपने मीरजापुर में यह गंगा जमुनी तहजीब का गवाह है।"<br />ये इस बात का प्रतीक हैं कि आज भी इंसानियत और मुहब्बत ही सबसे ऊँचे मक़ाम पर हैं। <br />इतनी बेहतरीन प्रतिक्रिया देने के लिए दिल से आभार <br /><br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-22239915902732602112020-03-03T10:14:38.468+05:302020-03-03T10:14:38.468+05:30भूमिका आपके उत्कृष्ठ लेखन का परिचय है कामिनी जी बह...भूमिका आपके उत्कृष्ठ लेखन का परिचय है कामिनी जी बहुत बहुत सुंदर। सभी रचनाकारों की रचनाएं बहुत आकर्षक सार्थक सुंदर लिंक चयन।<br />सभी रचनाकारों को बधाई।<br />मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।<br />सस्नेह। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-88105458464762106482020-03-03T08:23:48.811+05:302020-03-03T08:23:48.811+05:30बहुत सुंदर संकलन ,
रचना को स्थान देने के लिए हार्द...बहुत सुंदर संकलन ,<br />रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभारanita _sudhirhttps://www.blogger.com/profile/15009341605719883004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5659825170838176662020-03-03T07:47:00.005+05:302020-03-03T07:47:00.005+05:30बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुतिबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुतिकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-64454039849771719592020-03-03T06:15:43.163+05:302020-03-03T06:15:43.163+05:30बहुत सधी हुई और संतुलित चर्चा।
आदरणीया कामिनी सिन्...बहुत सधी हुई और संतुलित चर्चा।<br />आदरणीया कामिनी सिन्हा जी धन्यवाद आपको। <br />मंगल प्रभात सभी पाठकों को।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53809863496436260422020-03-03T03:53:59.653+05:302020-03-03T03:53:59.653+05:30सप्ताह भर बाद होली का पर्व,
पर कैसा पर्व जब इंसान ...सप्ताह भर बाद होली का पर्व,<br />पर कैसा पर्व जब इंसान एक दूसरे के रक्त से होली खेल रहा हो <br />और प्रबुद्ध लोग विभिन्न चैनलों के मनोरंजन कक्ष में बैठकर डिबेट के नाम पर मछली बाजार सजाए हो।<br /> पता नहीं ऐसे लोगों में से कितनों ने दंगा स्वयं झेला होगा।<br />यहाँ तो अपने बचपन के वे दिन याद आ जाते हैं जब वाराणसी में दंगा होने पर हमारे अभिभावक हम लोगों को पलंग के नीचे छुपा कर स्वयं दरवाजे पर रात भर खड़े रहते थे ।<br />और दिन में मैं किसी तरह से गली-गली घूम कर खाने का सामान जुटाया करता था, जब भी अवसर मिलता था, <br />पुलिस वाले अंकल जी कह खाली झोली दिखला दिया करता था..।<br /><br /> मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभारी हूँ कामिनी जी ।<br /><br /> भूमिका और प्रस्तुति समसामयिक है। परंतु जिन इलाकों में दंगे हुए हैं , जिनमें हमारे अपने खो गए हैं ,सबकुछ लूट गया हो , पुनःउस से गुजर ना आसान नहीं होता है। <br /><br /> आज भी जब बनारस जाता हूँ, मदनपुरा से कर जाने का साहस नहीं जुटा पाता हूँ, रेवड़ी तालाब से होकर जाता हूँ। <br /> अफवाहें फैली नहीं कि जरा सा में हम हिंदू और मुसलमान बन जाते हैं। <br /> अज्ञात भय से हम सिहर उठते हैं। <br /><br />यहाँ मिर्जापुर में भी सुबह पाँच बजे के समय ऐसे माहौल में जब इमामबाड़ा -रामबाग आदि क्षेत्रों से गुजरता हूँ तो एक आशंका मन में बनी तो रहती ही है, चाहे कितने भी पहचान वाले लोग हो, पर दंगाइयों का कोई चेहरा नहीं होता है।<br />खैर, जहाँ चहुंओर में नफरत फैलाने की सियासत हो रही है। देश की राजधानी हिंसा से जल रहा है। वहीं हिन्दुओं के पवित्र शक्तिपीठ विंध्याचल से सटे कंतित शरीफ ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की दरगाह पर हर साल आयोजित होने वाले उर्स की शुरूआत आज भी एक हिन्दू परिवार द्वारा मजार पर चादर चढ़ाने के साथ ही होती है, जो अपने मीरजापुर में यह गंगा जमुनी तहजीब का गवाह है।<br /><br /> <br /> व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com