tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post3830649537280003280..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: "मन ही तो है" (चर्चा अंक-3552)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39380658338082871322019-12-18T10:06:06.567+05:302019-12-18T10:06:06.567+05:30बहुत ही सुंदर आज की चर्चा में मेरी पोस्ट को स्थान ...बहुत ही सुंदर आज की चर्चा में मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आभार और साधुवादSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-3703125171251543852019-12-17T19:04:52.224+05:302019-12-17T19:04:52.224+05:30बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति सर.
मेरी रचना को स...बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति सर. <br />मेरी रचना को स्थान देने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10536311223897753102019-12-17T14:55:02.469+05:302019-12-17T14:55:02.469+05:30सुंदर चर्चा !सुंदर चर्चा !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89628062659183723962019-12-17T11:35:52.396+05:302019-12-17T11:35:52.396+05:30सामयिक विषयों पर चिंतन के साथ विविध रसमय रचनाएँ. स...सामयिक विषयों पर चिंतन के साथ विविध रसमय रचनाएँ. सुंदर प्रस्तुति आदरणीय शास्त्री जी द्वारा. <br />सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ. <br />मेरी रचना को चर्चा मंच पर प्रदर्शित करने के लिये सादर आभार आदरणीय शास्त्री जी. Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-87740452315449260522019-12-17T10:41:54.770+05:302019-12-17T10:41:54.770+05:30सुप्रभात
उम्दा लिंक्स|
मेरी रचना शामिल करने के लि...सुप्रभात <br />उम्दा लिंक्स|<br />मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |<br />Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89393844028815404112019-12-17T06:57:35.114+05:302019-12-17T06:57:35.114+05:30आभार आपका अनु जीआभार आपका अनु जीव्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-29793945133790037902019-12-17T06:56:21.268+05:302019-12-17T06:56:21.268+05:30सही कहा सही कहा शशि जी ने मनुष्य का ह्रदय बड़ा मम...सही कहा सही कहा शशि जी ने मनुष्य का ह्रदय बड़ा ममतव प्रेमी होता है.. किसी के जिंदगी में साथ चलने से जितनी खुशी होती है उसके अचानक ही छोड़कर चले जाने से बहुत ही ज्यादा दुख होता है आपके दोहों का जवाब नहीं एवं साथ ही बहुत ही अच्छी लिंक्स का चयन किया है आपने अभी पढ़ा नहीं है एक ही पढ़ पाई हूं,<br />सभी चयनित रचनाकारों को बधाईAnita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75279313982327087152019-12-17T04:46:16.211+05:302019-12-17T04:46:16.211+05:30सम्बन्धों के नाम पर, मत करना अनुबन्ध।
केवल दुआ-सला...सम्बन्धों के नाम पर, मत करना अनुबन्ध।<br />केवल दुआ-सलाम तक, रहने दो सम्बन्ध।।<br /> बिल्कुल सही कहा आपने गुरुजी..<br /> क्योंकि मनुष्य का हृदय बड़ा ही ममत्व प्रेमी होता है। जब भी किसी से उसका संबंध स्थापित होता है, वह उससे स्नेह करने लगता है और इस संबंध के नष्ट होने पर उसे अत्यंत दुःख भी होता है। अब जबकि इस अर्थयुग में पारिवारिक एवं सामाजिक संबंध स्वार्थ के तराजू पर तौले जा रहे हैं, तो ऐसे में जो संवेदनशील एवं भावुक व्यक्ति है ,उसका हृदय इससे आहत हो रहा है। ऐसे निश्छल हृदय वाले व्यक्ति को आपका यह दोहा संबंधों का सच बताते हुये सजग कर रहा है। <br /> मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हृदय से आभार और सभी को प्रणाम। <br /> <br /><br />व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com