tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post3836193594067568229..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: रावण तो जिन्दा है हमारे ही भीतर ( चर्चा - 1043 )अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-3541147290302544552012-10-26T02:31:39.801+05:302012-10-26T02:31:39.801+05:30हां महज़ एक रस्म अदायगी है .पिष्ट पेशन है .मन को भ...हां महज़ एक रस्म अदायगी है .पिष्ट पेशन है .मन को भ्रमित करना है रावण मारा गया .<br /><br /><br />पुतले का दहन बस मनोरंजन भर virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-47590060941864205142012-10-25T23:23:19.183+05:302012-10-25T23:23:19.183+05:30धर्म पताका फहराने , पापी को सबक सिखाने ,
चली राम क...<br />धर्म पताका फहराने , पापी को सबक सिखाने ,<br />चली राम की सेना रावण का दंभ मिटाने !<br />हर हर हर हर महादेव !<br /><br />रावण के अनाचारों से डरकर वसुधा है डोली ,<br />दुष्ट ने ऋषियों के प्राणों से खेली खून की होली ,<br />सत्यमेव जयते की ज्योति त्रिलोकों में जगाने !<br />चली राम की सेना ........................<br />हर हर हर हर महादेव !<br /><br />तीन लोक में रावण के आतंक का बजता डंका ,<br />कैसे मिटेगा भय रावण का देवों को आशंका ?<br />मायावी की माया से सबको मुक्ति दिलवाने !<br />चली राम की सेना ........................<br />हर हर हर हर महादेव !<br /><br />जिस रावण ने छल से हर ली पंचवटी से सीता ,<br />शीश कटे उस रावण का , करें राम ये कर्म पुनीता ,<br />पतिव्रता नारी को खोया सम्मान दिलाने !<br />चली राम की सेना ......<br />हर हर हर हर महादेव !<br /><br />एकोअहम के दर्प में जिसने त्राहि त्राहि मचाई ,<br />उस रावण का बनकर काल आज चले रघुराई ,<br />निशिचरहीन करूंगा धरती अपना वचन निभाने ! <br />चली राम की सेना .....................<br />हर हर हर हर महादेव !<br /><br /> शिखा कौशिक 'नूतन' <br /><br />सस्वर पाठ इस रचना का बालिका स्वर में मन को मुग्ध कर गया .गति और आवेग दोनों लिए है यह रचना कथ्य के अनुरूप .बधाई .कंठ कोकिला बालिका को भी कवियित्री को भी .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-562730750658659792012-10-25T23:16:04.133+05:302012-10-25T23:16:04.133+05:30रूठे सुजन मनाइए ,जो रूठे सौ बार ,
रहिमन फिर फिर प...रूठे सुजन मनाइए ,जो रूठे सौ बार ,<br /><br />रहिमन फिर फिर पोइए टूटे मुक्ताहार .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-49220011601865297862012-10-25T23:12:44.206+05:302012-10-25T23:12:44.206+05:30मार्क्सवाद को भारतीय संदर्भों में व्याख्यायित करने...मार्क्सवाद को भारतीय संदर्भों में व्याख्यायित करने वाले हिंदी के मूर्ध्न्य लेखक रामविलास शर्मा का लेखन साहित्य तक सामित नही है, बल्कि उससे इतिहास, भाषाविज्ञान, समाजशास्त्र आदि अनेक अकादमिक क्षेत्र भी समृद्ध हैं। साहित्य के इस पुरोधा ने हिंदी साहित्य के करोड़ों हिंदी पाठकों को साहित्य की राग वेदना को समझने और इतिहास के घटनाक्रम को द्वंद्वात्मक दृष्टि से देखने में सक्षम बनाया है, इसलिए भी उनका युगांतकारी महत्व है। अपने विपुल लेखन के माध्यम से वे यह बता गए हैं कि कोई भी चीज द्वंद्व से परे नही है, हर चीज सापेक्ष है और हर संवृत्ति (Phenomena) गतिमान है। साहित्यिक आस्वाद की दृष्टि से उन्होंने इंद्रियबोध, भाव और विचार के पारस्परिक तादाम्य का विश्लेषण करना भी सिखाया।<br /><br />रामविलाश शर्मा के संपूर्ण कृतित्व पर अगर अचूक दृष्टि डाली जाए तो यह स्पष्ट होगा कि प्रचलित अर्थों में वे मात्र साहित्यिक समालोचक न थे। वे साहित्य, कला एवं ज्ञान विज्ञान के विभिन्न अनुशासन के क्षेत्र में बौद्धिक हस्तक्षेप करने वाले अग्रणी कृतिकार, विद्वान और चिंतक थे। हालांकि, उनका साहित्यिक जीवन कविता लिखने के क्रम में हुआ था। झांसी में इंटरमीडिएट कक्षा के जब वे क्षात्र थे, तभी अंग्रेजी राज्य के विरूद्ध ‘हम गोरे हैं’ शीर्षक कविता लिखी थी। जब वे लखनउ विश्वविद्यालय से बी.ए (आनर्स) कर रहे थे,<br /><br />। इसके अलावा उन्होंने अगिया बैताल और निरंजन के उपनाम से वे राजनीतिक व्यंग कविताएं लिख रहे थे।यहां उल्लेखनीय है कि साहित्यिक सृजन के इस प्रारंभिक दौर में रामविलाश जी का <br /><br />प्रतिक्रिया :<br /><br />राम विलास पासवान जी हिंदी के प्रबल हिमायती थे .उनका मत था शब्द निर्मिती हिंदी के शब्दों से प्रत्यय लगाके की जाए जैसे इतिहास में इक जोड़ इतिहासिक ,विज्ञान में विज्ञानिक (साइंटिस्ट के लिए )अब हिंदी वाले वैज्ञानिक कार्य और साइंटिस्ट के लिए एक ही शब्द प्रयोग वैज्ञानिक में रमें हैं .हमने उन्हीं से विज्ञानी लिखना सीखा और अगले ही पल इसका प्रयोग जन प्रिय विज्ञान में शुरू कर दिया था .<br />)<br />आपने एक विस्तृत आलेख श्रम करके उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर मुहैया करवाया है आभार .बधाई।<br /><br />(मूर्धन्य ,युगान्तर -कारी ,तादात्मय , छात्र ,लखनऊ ,व्यंग्य .............)<br /><br />(बंधुवर आजकल वर्तनी की अशुद्धि /चूक की और संकेत कर दो तो लोग गाली गलौंच ,अप -भाषा पे उतर आतें हैं क्या आप भी हमसे नाराज़ हैं आना जाना छोड़ दिया .हम मेहनत करके अच्छी रचनाएं सभी पूरी पढ़तें हैं सिर्फ बढ़िया ,बढ़िया ,नाइस ,नाइस ,सुन्दर प्रस्तुति नहीं करते .नाराज़ हो तो मान जाओ .श्याम पैयां परूँ ,तोसे विनती करूं .)<br /><br />रूठे सुजन मनाइए ,जो रूठे सौ बार ,<br /><br />रहिमन फिर फिर पाइए टूटे मुक्ताहार .<br /><br />प्रेम सरोवर जी याद दिलवा रहे है रामविलास शर्मा जी की <br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-36319548429297584152012-10-25T22:46:12.441+05:302012-10-25T22:46:12.441+05:30
अब इसको पढ़ें कैसे ?कहानी ब्लॉग पोस्ट पर भी उ...<br /> <br /><br /><br />अब इसको पढ़ें कैसे ?कहानी ब्लॉग पोस्ट पर भी उपलब्ध कराओ .तब तक के लिए बधाई .समीक्षा पढने के बाद .<br /><br /><br />राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित हुई है रश्मि जी कहानी virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-493186542106109312012-10-25T22:44:24.152+05:302012-10-25T22:44:24.152+05:30Bahut bahut badhai ............ sabhi koBahut bahut badhai ............ sabhi komusafirhttps://www.blogger.com/profile/11319471665081550579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-33014068024055792812012-10-25T22:21:33.489+05:302012-10-25T22:21:33.489+05:30बढ़िया लिंक्स सुन्दर चर्चा,,,,बढ़िया लिंक्स सुन्दर चर्चा,,,,Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10271230543068989472012-10-25T22:18:27.642+05:302012-10-25T22:18:27.642+05:30
जहां बिछी हों
कनक-रश्मियाँ
जहां खिली हों
कागज ...<br />जहां बिछी हों <br />कनक-रश्मियाँ <br />जहां खिली हों <br />कागज की कलियाँ <br />गुंजन करते हों <br />जहाँ पर ...<br />भमरें संग <br />बहुरंगी तितलियाँ <br />उनसे नज़र बचाता चल<br /><br />कृत्रिमता पर कटाक्ष .<br /><br />मोती पाना है गर तो ?<br />साहिल को ठुकराता चल <br />गम ना कर तूं <br />गहराई से ....<br />सागर में उतराता चल <br /><br />ऐ दिल गुनगुनाता चल<br />गीत ख़ुशी के गाता चल ...<br /><br />जिसने जख्म दिए हैं तुमको<br />उनको भी सहलाता चल ..<br />धीरे-धीरे दुखी ह्रदय को<br />खुद से ही बहलाता चल <br />चलना अकेली है<br />नियति निशा की<br />उसको भी समझाता चल ...<br /><br />गीत में अविरल आगे बढ़ते जाने का आवाहन भी है दर्शन भी है :सफर आखिर अकेला है ,दुनिया का मेला है ,<br /><br />गीत ख़ुशी के गाता चल <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52745752472099545222012-10-25T22:10:05.939+05:302012-10-25T22:10:05.939+05:30अच्छा बिम्ब है जागी आँखों के ख़्वाब सा .
पल पल झप...अच्छा बिम्ब है जागी आँखों के ख़्वाब सा .<br /><br />पल पल झपकती <br />पुतलियों के मध्य <br />पनपता एक दृश्य <br />श्वेत श्याम सा <br />तैरता खारे पानी में <br />होता बेकल <br />उबरने को <br />होने को रंगीन <br />हर पल <br />जाने क्या क्या समाये रखती हैं <br />खुद में ये ठिठकी निगाहें।<br />ठिठकी निगाहें <br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-87520298770029064772012-10-25T22:08:52.859+05:302012-10-25T22:08:52.859+05:30अच्छा बिम्ब है जागी आँखों के ख़्वाब सा .
पल पल झप...अच्छा बिम्ब है जागी आँखों के ख़्वाब सा .<br /><br />पल पल झपकती <br />पुतलियों के मध्य <br />पनपता एक दृश्य <br />श्वेत श्याम सा <br />तैरता खारे पानी में <br />होता बेकल <br />उबरने को <br />होने को रंगीन <br />हर पल <br />जाने क्या क्या समाये रखती हैं <br />खुद में ये ठिठकी निगाहें।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67370255808526730812012-10-25T22:02:52.027+05:302012-10-25T22:02:52.027+05:30अच्छाई, राम की-
बुराई, रावण की-
सीख लेने की बनाई ग...अच्छाई, राम की-<br />बुराई, रावण की-<br />सीख लेने की बनाई गई रीत<br />अच्छाई की बुराई पर जीत<br />विजय की खुशी मनाने का प्रतीक,<br />विजयादशमी.<br /><br />बढ़िया है अभियक्ति धीरेन्द्र भाई साहब .आभार .<br /><br />मात्र पर्व नहीं, प्रतीक है विजयदशमी <br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75808461117556181752012-10-25T17:07:11.962+05:302012-10-25T17:07:11.962+05:30बहुत सुन्दर लिंक्स ।बहुत सुन्दर लिंक्स ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-24603398049816354602012-10-25T16:01:22.293+05:302012-10-25T16:01:22.293+05:30बहुत सुंदर पोस्ट
Add Happy Diwali Greetings to yo...बहुत सुंदर पोस्ट<br /><br /><a href="http://techprevue.blogspot.in/2012/10/happy-diwali-greetings.html" title="Tech Prévue · तकनीक दृष्टा « Blogging, SEO, Make money, Computer technology, tutorials, tips and tricks" rel="nofollow">Add Happy Diwali Greetings to your blog - मित्रों को शुभ दीपावली बधाइयाँ दीजिए</a><br />Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-84502733130586397172012-10-25T14:35:24.762+05:302012-10-25T14:35:24.762+05:30बढ़िया लिंक्स सुन्दर चर्चा,,,,
मेरी रचना को शामिल क...बढ़िया लिंक्स सुन्दर चर्चा,,,,<br />मेरी रचना को शामिल करने के लिये आभार,,,,<br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67566343420598317752012-10-25T14:04:39.572+05:302012-10-25T14:04:39.572+05:30बढ़िया चर्चा ......सुन्दर लिंक्स...
शुक्रिया दिलबाग...बढ़िया चर्चा ......सुन्दर लिंक्स...<br />शुक्रिया दिलबाग जी...<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-77316613574280680952012-10-25T13:18:22.927+05:302012-10-25T13:18:22.927+05:30बहुत ही सुन्दर सूत्र..बहुत ही सुन्दर सूत्र..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-173287232858152482012-10-25T12:52:04.252+05:302012-10-25T12:52:04.252+05:30बहुत बढ़िया रोचक सूत्रों से सजी चर्चा हेतु दिलबाग ...बहुत बढ़िया रोचक सूत्रों से सजी चर्चा हेतु दिलबाग जी आपको बधाई Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-24120359941519265422012-10-25T11:22:41.171+05:302012-10-25T11:22:41.171+05:30बहुत ही अच्छे लिंक्स बहुत ही अच्छे लिंक्स सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-46292003214716924102012-10-25T11:05:20.922+05:302012-10-25T11:05:20.922+05:30आदरणीय भ्राताश्री दिलबाग जी बेहद सुन्दर लिंक्स लाय...आदरणीय भ्राताश्री दिलबाग जी बेहद सुन्दर लिंक्स लाये हैं आप आज की चर्चा में। मेरे नए ब्लॉग को इतना सम्मान और आदर देने हेतु आपका अनेक-2 धन्यवाद। अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-36587133099174236782012-10-25T11:00:53.325+05:302012-10-25T11:00:53.325+05:30दशहरा तो समाप्त हो गया पर आज का चर्चा मंच दशहरा को...दशहरा तो समाप्त हो गया पर आज का चर्चा मंच दशहरा को ही समर्पित लग रहा है | बहुत उम्दा लिंक्स लगाया है आपने | बहुत खूब | आभार |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-83330419263025109332012-10-25T10:55:58.721+05:302012-10-25T10:55:58.721+05:30टिप्पण-कर्ता का करूँ, अभिनन्दन आभार |
चर्चा का होत...टिप्पण-कर्ता का करूँ, अभिनन्दन आभार |<br />चर्चा का होता नहीं, बिन टिप्पण उद्धार |<br />बिन टिप्पण उद्धार, रार भी हो जाती है |<br />लेकिन यह तकरार, सदा मुंह की खाती है |<br />मिले पाठकों प्यार, आप ही कर्ता धर्ता |<br />यह चर्चा संसार, बुलाता टिप्पण कर्ता || रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-62788380748572004032012-10-25T08:45:28.762+05:302012-10-25T08:45:28.762+05:30बहुत खुबसूरत चर्चा-
तरह तरह के रावण |
शुभकामनायें ...बहुत खुबसूरत चर्चा-<br />तरह तरह के रावण |<br />शुभकामनायें आदरणीय ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-19747434032726559972012-10-25T08:32:21.588+05:302012-10-25T08:32:21.588+05:30
SORT
अविनाश वाचस्पति मुन्नाभाई
सहज हास्य के जरिए...<br />SORT<br /><br />अविनाश वाचस्पति मुन्नाभाई<br />सहज हास्य के जरिए समाज की विसंगतियों पर तीखे कटाक्ष करने के लिए लोकप्रिय कुशल साधक जसपाल भट्टी की आँच आज एक हादसे में तिरोहित हो गई । हिंदी ब्लाॅगरों, व्यंग्यकारों और नुक्कड़ समूह की विनम्र श्रद्धांजलि ।<br /><br />चर्चा मंच और इसके सभी चिठ्ठाकारों और चिठ्ठों की भावपूर्ण श्रृद्धांजलि .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-37797942335005616232012-10-25T08:29:01.261+05:302012-10-25T08:29:01.261+05:30बहुत खूब दोस्त !जाके पैर न फटी बिवाई ,वो क्या जाने...बहुत खूब दोस्त !जाके पैर न फटी बिवाई ,वो क्या जाने पीर पराई .<br /><br /><br />आंकड़े और गरीबी virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10199658851072814902012-10-25T08:25:10.452+05:302012-10-25T08:25:10.452+05:30और ताजगी का ये आलम एक पूरा विशालकाय हिमनद (ग्लेशिय...और ताजगी का ये आलम एक पूरा विशालकाय हिमनद (ग्लेशियर )समा जाता है झील में .झील की ताजगी किसी और के पास नहीं फिर भी मेरे भारत में <br /><br />झील मृत हैं .<br /><br />उद्वेलित होता है मन इस रचना को पढ़के :<br /><br /><br />झील सी <br />होती हैं स्त्रियाँ <br />लबालब भरी हुई <br />संवेदनाओं से <br />चारों ओर के किनारों से <br />बंधक सी बनी हुई <br />सिहरन तो होती है <br />भावनाओं की लहरों में<br />जब मंद समीर <br />करता है स्पर्श <br />पर नहीं आता कोई <br />ज्वार - भाटा<br />हर तूफान को <br />समां लेती हैं <br />अपनी ही गहराई में <br />झील सी होती हैं स्त्रियाँ <br /><br />किनारे तोड़ <br />बहना नहीं जानतीं <br />स्थिर सी गति से <br />उतरती जाती हैं <br />अपने आप में<br />ऊपर से शांत <br />अंदर से उदद्वेलित <br />झील सी होती हैं स्त्रियाँ । <br /><br />झील का विस्तार <br />नहीं दिखा पाता <br />गहराई उसकी <br />इसीलिए <br />नहीं उतर पाता <br />हर कोई इसमें <br />कुशल तैराक ही <br />तैर सकता है <br />गहन , शांत , <br />गंभीर झील में<br />झील सी होती हैं स्त्रियाँ । <br /><br />.virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com