tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post3837881451713594602..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: ये लोग देश हैं, देशद्रोही नहीं ( चर्चाअंक - 3656) अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-4402821517619632972020-04-03T14:17:11.977+05:302020-04-03T14:17:11.977+05:30रविन्द्र भाई शानदार भूमिका सटीक सार्थक ।
साथ ही शा...रविन्द्र भाई शानदार भूमिका सटीक सार्थक ।<br />साथ ही शानदार लिंक चयन <br />सभी रचनाएं आत्ममुग्ध करती ।<br />सभी रचनाकारों को बधाई।<br />मेरी रचना को शामिल करने केलिए हृदय तल से आभार।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-11630608714886201292020-03-31T13:58:01.549+05:302020-03-31T13:58:01.549+05:30सुंदर प्रस्तुति!सुंदर प्रस्तुति!रोली अभिलाषाhttp://lifeisash.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85285743504908603582020-03-31T09:32:34.889+05:302020-03-31T09:32:34.889+05:30बेहतरीन रचनाएँ .. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।बेहतरीन रचनाएँ .. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-32448710409414816102020-03-30T23:38:18.887+05:302020-03-30T23:38:18.887+05:30सुन्दर चर्चा आपका हार्दिक धन्यवाद सपने को शामिल क...सुन्दर चर्चा आपका हार्दिक धन्यवाद सपने को शामिल किया shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-29457490782262250862020-03-30T23:12:22.903+05:302020-03-30T23:12:22.903+05:30बहुत सुंदर श्रमसाध्य प्रस्तुति. बेहतरीन रचनाएँ. सभ...बहुत सुंदर श्रमसाध्य प्रस्तुति. बेहतरीन रचनाएँ. सभी को बधाई. आदरणीय शास्त्री जी सर के ब्लॉग पर मेरे साक्षात्कार को इस विशेष चर्चा में शामिल करने हेतु सादर आभार आदरणीय सर. <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41844440203381608332020-03-30T20:42:41.571+05:302020-03-30T20:42:41.571+05:30महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ ,बेहतरीन रचनाओं का स...महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ ,बेहतरीन रचनाओं का संकलन ,सादर नमन सर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-80808370290992081902020-03-30T12:32:08.420+05:302020-03-30T12:32:08.420+05:30आदरणीय सर सादर प्रणाम 🙏
सभी उत्क्रष्ट रचनाओं का ...आदरणीय सर सादर प्रणाम 🙏 <br />सभी उत्क्रष्ट रचनाओं का चयन किया आपने और प्रस्तुति भी बेहद उम्दा 👌सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।<br />आदरणीय सर भूमिका के माध्यम से जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपने हम सबका ध्यान आकृष्ट किया है और इन संस्थाओं पर जो प्रश्न खड़े किए है वो बेहद महत्वपूर्ण हैं और आज इन विषयों पर विचार करना,इस पर चर्चा करना बहुत आवश्यक भी है जिससे भविष्य में एसी पारिस्थितियों से लड़ने में हम सक्षम हो।Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-6325461937866156072020-03-30T11:13:56.195+05:302020-03-30T11:13:56.195+05:30बहुत सुन्दर सार युक्त चर्चा, आपका हृदय से आभार रवि...बहुत सुन्दर सार युक्त चर्चा, आपका हृदय से आभार रविन्द्र सिंह यादव जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए. उर्मिला सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02492149402964498738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-49716007780123376422020-03-30T09:45:56.504+05:302020-03-30T09:45:56.504+05:30सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की. आभार.सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल की. आभार.Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69995896086591573602020-03-30T05:59:40.249+05:302020-03-30T05:59:40.249+05:30सार्थक भूमिका के साथ अद्यतन लिंकों की शानदार चर्चा...सार्थक भूमिका के साथ अद्यतन लिंकों की शानदार चर्चा।<br />--<br />आपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53869671911501692692020-03-30T05:30:26.797+05:302020-03-30T05:30:26.797+05:30 विफलता में विकास का अंकुर भी छिपा रहता है। जब सर... विफलता में विकास का अंकुर भी छिपा रहता है। जब सर्वशक्तिमान होने का दर्प टूट जाता है। मानव जब अहंकार के रथ से नीचे उतर जाता है। तो उसे आत्मबोध होता है कि वह कुछ भी नहीं है । जो कुछ है वह प्रकृति है और यह प्रकृति कहती है कि सबको साथ लेकर चलो किसी का भी अत्यधिक दोहन मत करो। <br /> मुझे तो लगता है कि कुछ ही दिनों में मनुष्य का दृष्टिकोण बदल गया है। उसमें विश्व बंधुत्व का भाव जागृत हो रहा है।<br /><br /> सदैव की तरह सशक्त भूमिका के साथ ही रचनाएँ भी मंच पर श्रेष्ठ हैं। <br /> सभी को सादर प्रणाम। व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-60207884057161358292020-03-30T05:22:11.943+05:302020-03-30T05:22:11.943+05:30सुप्रभात ।बहुत सुंदर और सराहनीय अंक।सुप्रभात ।बहुत सुंदर और सराहनीय अंक।SUJATA PRIYEhttps://www.blogger.com/profile/04317190675625593228noreply@blogger.com