tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post3874000891489882323..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: खंडित ईश्वर की साधना (चर्चा - 1437)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-38427930145634580152013-11-22T11:03:29.621+05:302013-11-22T11:03:29.621+05:30nice links.
आभार.nice links.<br />आभार.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-35567993833453325972013-11-22T10:46:41.538+05:302013-11-22T10:46:41.538+05:30बहुत सुंदर चर्चा ! आज की,राजेंद्र जी.
मेरे पोस्ट क...बहुत सुंदर चर्चा ! आज की,राजेंद्र जी.<br />मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार !! राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78401834016592475012013-11-22T10:40:33.117+05:302013-11-22T10:40:33.117+05:30गुरुदेव चर्चा मंच का कोई भी लिंक नहीं खुल रहा है आ...गुरुदेव चर्चा मंच का कोई भी लिंक नहीं खुल रहा है आज देखें क्या गड़बड़ है ठीक करें। आभार। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18192441994651341492013-11-22T10:35:17.868+05:302013-11-22T10:35:17.868+05:30
ज़ाम दहशत के ढालने वालों,
पीड़ में सुर तलाश करते ...<br />ज़ाम दहशत के ढालने वालों,<br />पीड़ में सुर तलाश करते हो!<br /><br />सूखी दरिया में बसे बाशिन्दों,<br />क्यों समन्दर तलाश करते हो!<br /><br />“रूप” का आइना दिखा करके,<br />प्यार की जड़ तलाश करते हो!<br /><br />सुन्दर रचना है। गुरु समान भाई पीर शब्द ज्यादा कोमल है पीड़ से। <br /><br />माई री मैं का से कहूँ पीर अपने जिया की।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-26157620468960710152013-11-22T10:29:19.185+05:302013-11-22T10:29:19.185+05:30बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट श...बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-15832275006277130542013-11-22T10:28:06.865+05:302013-11-22T10:28:06.865+05:30वाह इस बेढ़ब उत्सवी माह को भी आपने संस्कृति के रंगो...वाह इस बेढ़ब उत्सवी माह को भी आपने संस्कृति के रंगों में बदल दिया एक बोध कथा सी सीख दे दी कबीर के झरोखे <br /><br />से .<br />जागो लोगो मत सुवो, न करू नींद से प्यार।<br />जैसा सपना रैन का ऐसा ये संसार।।<br />यदि समय पर कोई दूर की सोचकर नोन-तेल, लकड़ी के चक्रव्यूह में से बाहर निकलकर सही को चुन लेने में सक्षम होता है, तो उसे बाद में पछताना नहीं पड़ता है। समय रहते चेत जाना ही बुद्धिमानी है। इस बात को महान समाज सुधारक कबीरदास जी ने बहुत सटीक शब्दों में व्यक्त किया है-<br />चेत सबेरे बावरे, फिर पाछे पछताय।<br />तोको जाना दूर है, कहै कबीर बुझाय।।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90358564895486949612013-11-22T10:25:40.824+05:302013-11-22T10:25:40.824+05:30राजेन्द्र भाई इतनी सुन्दर चर्चा और तमाम सेतु। साथ ...राजेन्द्र भाई इतनी सुन्दर चर्चा और तमाम सेतु। साथ में हमने बिठाया ,हमारा मान बढ़ाया। बधाई सुन्दर चर्चा के लिए आभार हमने जगह देने के लिए आपका भी परम आदरणीय शास्त्री जी का भी। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-36697074798434720002013-11-22T10:22:18.425+05:302013-11-22T10:22:18.425+05:30अजीब बात है शालिनी जी मोदी की पार्टी के लोगों की त...अजीब बात है शालिनी जी मोदी की पार्टी के लोगों की तो प्रशंसा कर रहीं हैं ,मोदी को लांछित कर रहीं हैं। साफ़ क्यों नहीं कहतीं क्या कहना चाहतीं हैं मोदी के बारे में। बात ऐसे कर रहीं हैं जैसे भाजपा के साथ इनका अंतरंग उठना बैठना हो ,अंदर की सब बातें यह जानतीं हों। एक कंठ से अटल जी की प्रशंसा दूसरे से उन्हें भारत रत्न दिए जाने का विरोध। मोदी के प्रति वह सिर्फ नफरत दिखा रहीं हैं। मोदी की वजह से अपने मन में कूड़ा भर रहीं हैं। बेहतर होता सोनिया जी की कोई खूबी बतलातीं अपने आराध्य राहुल बाबा की कोई खूबी बतलातीं। पता चलता आप उनके भी बारे में क्या जानतीं हैं।<br /><br />फिलाल तो आपने वही किया है -<br /><br />कहीं की ईंट ,कहीं का रोड़ा ,<br /><br />भानुमति ने कुनबा जोड़ा।<br /><br />आप एक ऐसी वकील हैं जिसके वक्तव्य से यह पता नहीं चलता आप किसके पक्ष और किसके विपक्ष में बोल रहीं हैं।एक ऐसी वकील जो अपने मवक्किल के केस को हमेशा हारती रही होगी। इसे अनर्गल प्रलाप न कहा जाए तो क्या कहा जाए। आपके बोलने का तरीका अपने मन के कूड़े को औरों पर फैंकने की कोशिश है। जितना फैंका है उतना कूड़ा अंदर और बढ़ा लिया है।<br /><br />यह प्रलाप पागलपन की ओर बढ़ रहा है। जिसे पढ़कर कोई भी समझ सकता है इस शख्श को मानसिक इलाज़ की ज़रुरत है। आपने जो कुछ लिखा है अनर्गल लिखा है यह कोई राजनीतिक विश्लेषण नहीं है। जो लिखा है उसमें शालीनता भी कुछ नहीं है अपने नाम के अनुरूप कुछ तो लिख देतीं। दुर्भाग्य आपका यह है आप अपने प्रलाप का सार भी नहीं जानती।<br /><br />दाल भात में मूसल चंद।<br /><br />शालिनी ने मोदी को खलनायक बनाया है। लेकिन मोदी को गाली देने के लिए उन्हें दूसरों की तारीफ़ भी ढंग से करनी नहीं आई । वह जो सूर्य की ओर थूका करते हैं उनका थूक उन पर वापस आता है। सोनिया राहुल में क्या काबिलियत है आपको बताना चाहिए। मोदी की काबलियत से तो आज कांग्रेस की नींद उड़ी हुई है। <br /><br />मोदी जैसे नेता तो गली गली की खाक......<br />Shalini Kaushik<br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-45774333453691503682013-11-22T09:02:52.892+05:302013-11-22T09:02:52.892+05:30बहुत सुंदर चर्चा
उल्लूक देख रहा है
मयंक जी का को...बहुत सुंदर चर्चा <br />उल्लूक देख रहा है <br />मयंक जी का कोना <br />लगता है आज <br />थोड़ी देर बाद <br />आकर यहाँ <br />पहँच रहा है ! <br />:) सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44525601377060786062013-11-22T08:06:53.242+05:302013-11-22T08:06:53.242+05:30चर्चा मंच पर लिंक
मतलब
आज के दौर का स्तरीय लेखन ...चर्चा मंच पर लिंक <br />मतलब <br />आज के दौर का स्तरीय लेखन babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67733837870727573702013-11-22T07:51:01.216+05:302013-11-22T07:51:01.216+05:30सुन्दर चर्चा!
आभार!सुन्दर चर्चा!<br />आभार!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.com