tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post3993862231561033029..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: इन्द्रधनुषी माहौल: चर्चा मंच-1560अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67619678094922774762014-03-24T18:33:41.325+05:302014-03-24T18:33:41.325+05:30क्या चर्चा है। उल्लूक टाइम्स का "शब्दों के कप...क्या चर्चा है। उल्लूक टाइम्स का "शब्दों के कपडे" अच्छी थी।गुंज झाझारियाhttps://www.blogger.com/profile/06466487227391269653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16962057725574267222014-03-23T22:38:13.849+05:302014-03-23T22:38:13.849+05:30बहुत सुन्दर चर्चा और बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के लिं...बहुत सुन्दर चर्चा और बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के लिंक्स <br /><br />मेरी ग़ज़ल को शामिल करने हेतु हार्दिक धन्यवाद। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06050233256281686905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-37725313871290539802014-03-23T22:04:30.998+05:302014-03-23T22:04:30.998+05:30सादर आभार मयंक साब..!!सादर आभार मयंक साब..!!priyankaabhilaashihttps://www.blogger.com/profile/17633503503237589489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75397564751324743922014-03-23T19:43:34.394+05:302014-03-23T19:43:34.394+05:30very nice links .thanks very nice links .thanks Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-64615496048570551722014-03-23T19:37:55.355+05:302014-03-23T19:37:55.355+05:30सुंदर रोचक सूत्र...!
RECENT POST - प्यार में दर्द... सुंदर रोचक सूत्र...!<br /><br /><b>RECENT POST -</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2014/03/blog-post_20.html#links" rel="nofollow"> प्यार में दर्द है.</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-72422852081033063212014-03-23T19:36:07.860+05:302014-03-23T19:36:07.860+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16546389320034233982014-03-23T19:13:42.863+05:302014-03-23T19:13:42.863+05:30बड़े ही रोचक व पठनीय सूत्र।बड़े ही रोचक व पठनीय सूत्र।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78812849961662590402014-03-23T17:26:28.235+05:302014-03-23T17:26:28.235+05:30आदरणीय शास्त्री भाई मेरे ब्लॉग पर आते हैं तो मुझे ...आदरणीय शास्त्री भाई मेरे ब्लॉग पर आते हैं तो मुझे बहुत खुशी होती है <br />अभिभूत हो अनुगृहीत हूँ <br />बहुत बहुत धन्यवाद _/\_<br />विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-1622931757493391222014-03-23T13:19:05.570+05:302014-03-23T13:19:05.570+05:30कविता का बहुत सुंदर मंच ......
कविता का बहुत सुंदर मंच ......<br />अभिव्यंजनाhttps://www.blogger.com/profile/16260123959958947478noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-66996906666103629482014-03-23T12:44:22.172+05:302014-03-23T12:44:22.172+05:30वाह ! अभिलेख भाई बढ़िया प्रस्तुति के साथ बढ़िया लि...वाह ! अभिलेख भाई बढ़िया प्रस्तुति के साथ बढ़िया लिंक्स , अभिलेख भाई व मंच को धन्यवाद<br /><a href="http://www.samadhaaninhindi.blogspot.in/?m=1/" rel="nofollow">Information and solutions in Hindi ( हिन्दी में जानकारियाँ )</a>आशीष अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/05326902845770449131noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-68136268087682409772014-03-23T10:39:48.175+05:302014-03-23T10:39:48.175+05:30प्रेम के मायने, क्यूँ बदल हैं रहे
देख दिल रो पड़ा,...प्रेम के मायने, क्यूँ बदल हैं रहे<br />देख दिल रो पड़ा, लिख ग़ज़ल हैं रहे<br /><br />इश्क़ की राह में, लोग फिसले बहुत<br />जानते हैं सभी, पर फिसल हैं रहे<br /><br />मैं कहाँ था, कहाँ आज, हूँ आ गया<br />बात सुन के यहाँ, कर अमल हैं रहे<br /><br />दौर कैसा चला, किस तरह का चलन<br />मुंह मुझको चिढ़ा, खिल कमल हैं रहे <br /><br />जानते एक दिन, मौत आनी मगर<br />मौत से आज, सारे दहल हैं रहे<br /><br />हर कदम देख के, अब बढ़ाना 'अभी' <br />यहाँ जज़्बात, को सब, मसल हैं रहे<br />--अभिषेक कुमार ''अभी''<br />अच्छी कही है गज़ल अशआर भी हैं सभी नएvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89828275362191767152014-03-23T10:38:50.385+05:302014-03-23T10:38:50.385+05:30अच्छी कही है गज़ल अशआर भी हैं सभी नए अच्छी कही है गज़ल अशआर भी हैं सभी नए virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-30991931447119817042014-03-23T10:34:04.434+05:302014-03-23T10:34:04.434+05:30
अभ्यास वश जीना भी क्या जीना है ?
जीवन कथा -
अके...<br />अभ्यास वश जीना भी क्या जीना है ?<br /><br />जीवन कथा - <br />अकेला ये मन सोचे हरदम <br />सुख-दुख का झमेला जीवन <br />मारे दंश फिर भी सहे जाये <br />यह ही हृदय का दमखम ।। <br />नहीं कोई मरहम समय अति निर्मम <br />खारे आँसू भी न करे दर्द कम ...<br />कविता<br />पशु-पक्षी औ इस धरा के प्राणी<br />गत जीवन मे रची है कहानी<br />विकार नहीं संवेदना है ये<br />है हमने भी अब जीने की ठानी ।।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-71238693850791696402014-03-23T10:29:24.072+05:302014-03-23T10:29:24.072+05:30खाकी की महिमा
मुर्गा और संविधान में प्रदत्त बन्...खाकी की महिमा <br /><br /><br />मुर्गा और संविधान में प्रदत्त बन्धुत्व और गरिमा... <br />कल मेरे एक मित्र ने मुझसे संविधान की प्रस्तावना के बारे में पूछा था. उन्हें पूरी याद थी और मैं भूल चुका था. इसमें समाजवादी प्रभुत्व सम्पन्न, बन्धुत्व और गरिमा जैसे बड़े बड़े शब्द थे और आत्मार्पित करने जैसा गुरुतर दायित्व.... <br />भारतीय नागरिक-Indian Citizenvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-33114322741949566652014-03-23T10:26:54.318+05:302014-03-23T10:26:54.318+05:30बहुत सशक्त कही है गज़ल साफ़ लफ़्ज़ों में
"पढ़त...बहुत सशक्त कही है गज़ल साफ़ लफ़्ज़ों में <br /><br /><br />"पढ़ती हूँ जब-जब..तुमको लिखे ख़त बेशुमार.. <br />नमी दीवार-ए-रूह..जाने क्यूँ उभर आती है.. <br />आज दफ़ना दूँगी..बेसबब यादें..जज़्बात.. <br />परत जाने कितनी..आँखों पे जम जाती हैं... <br />प्रियंकाभिलाषी..<br />'दीवार-ए-रूह..' <br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-87992352451243346342014-03-23T10:22:06.461+05:302014-03-23T10:22:06.461+05:30सुन्दर भूमिका विश्लेषण प्रधान सशक्त भाव गंगाएं नौन...सुन्दर भूमिका विश्लेषण प्रधान सशक्त भाव गंगाएं नौनिहालों की नौनिहालों के लिए <br /><br />"बालकृति 'नन्हे सुमन' की भूमिका" <br />उड़नतश्तरी वाले समीर लाल जी ने<br />लगभग 3 वर्ष पूर्व मेरी बालकृति<br />“नन्हे सुमन” की भूमिका लिखी थी!<br /><br />एक अद्भुत संसार - ’नन्हें सुमन’<br />नन्हे सुमन<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-22521375129885525372014-03-23T10:18:08.357+05:302014-03-23T10:18:08.357+05:30चर्चा मंच पे ये गज़ल बांचते बांचते पता चल गया था ये...<br />चर्चा मंच पे ये गज़ल बांचते बांचते पता चल गया था ये पैरहन ये गज़ल आपकी है। <br /><br />भजन-पूजन, कथा और कीर्तन में<br /><br /><br />सुधा के बिन अधूरा आचमन है<br /><br /><br />"ग़ज़ल-बहारों के बिना सूना चमन है" <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81056665338808882732014-03-23T10:14:40.299+05:302014-03-23T10:14:40.299+05:30सशक्त भावाभिव्यक्ति बढ़िया बिम्ब बढ़िया रूपकत्व लिए ...सशक्त भावाभिव्यक्ति बढ़िया बिम्ब बढ़िया रूपकत्व लिए अप्रतिम रचना नए अर्थ और साज़ लिए नया पैरहन लिए 'नीर 'का <br /><br /><br />ख्यालों के अंतर्मन को टटोलती नीरज जी कि रचना बहुत खूब है <br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10757190321010246072014-03-23T09:39:19.668+05:302014-03-23T09:39:19.668+05:30आज के इन्द्रधनुषी चर्चा में एक रंग "शब्दों के...आज के इन्द्रधनुषी चर्चा में एक रंग "शब्दों के कपड़े उतार नहीं पाने की जिम्मेदारी तेरी हो जाती है" उलूक का भी शामिल किया आभार । सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-60551315733816501252014-03-23T09:17:13.157+05:302014-03-23T09:17:13.157+05:30प्रिय श्रीअभिलेख द्विवेदी जी, इस मनमोहक चर्चा प्रस...प्रिय श्रीअभिलेख द्विवेदी जी, इस मनमोहक चर्चा प्रस्तुति और मेरी रचना को स्थान एवं सराहना के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। Have a good day to every one. Thanks Again.Markand Davehttps://www.blogger.com/profile/17453483015065286737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-73914175586148266772014-03-23T08:34:43.817+05:302014-03-23T08:34:43.817+05:30खूबसूरत एवं मोहक चर्चा बहुत आभार ..मेरी रचना को स्...खूबसूरत एवं मोहक चर्चा बहुत आभार ..मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद .Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75755323614193725372014-03-23T07:19:16.808+05:302014-03-23T07:19:16.808+05:30बहुत खूबसूरत सूत्र संजोये हैं आज के चर्चामंच में !...बहुत खूबसूरत सूत्र संजोये हैं आज के चर्चामंच में ! मेरी रचना को सम्मिलित किया आभारी हूँ ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-50507529070934175332014-03-23T07:14:03.806+05:302014-03-23T07:14:03.806+05:30सुन्दर और संक्षिप्त चर्चा।
आभार अभिलेख द्विवेदी जी...सुन्दर और संक्षिप्त चर्चा।<br />आभार अभिलेख द्विवेदी जी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com