tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post428931622012257345..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: "जानवर तो मूक होता है" (चर्चा अंक 3536) अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-32860510209674962372019-12-02T11:58:13.143+05:302019-12-02T11:58:13.143+05:30देर से आने के लिए खेद है, सुंदर प्रस्तुति, आभार मु...देर से आने के लिए खेद है, सुंदर प्रस्तुति, आभार मुझे भी शामिल करने हेतु !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-59201915996333059212019-12-01T22:53:23.099+05:302019-12-01T22:53:23.099+05:30सुंदर प्रस्तुति प्रिय सखी अनीता जी ।सुंदर प्रस्तुति प्रिय सखी अनीता जी ।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-54025059029647409592019-12-01T20:58:46.280+05:302019-12-01T20:58:46.280+05:30बहुत सुंदरबहुत सुंदरOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79166613777628048452019-12-01T20:48:42.739+05:302019-12-01T20:48:42.739+05:30बिचारणीय भूमिका के साथ बेहतरीन चर्चा अंक ,सभी रचना...बिचारणीय भूमिका के साथ बेहतरीन चर्चा अंक ,सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं ,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48847765830192279812019-12-01T20:28:59.814+05:302019-12-01T20:28:59.814+05:30आभार आभार नीलांशhttps://www.blogger.com/profile/06348811803233978822noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13217658729155423052019-12-01T19:22:21.129+05:302019-12-01T19:22:21.129+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति विचारणीय भूमिका के साथ. शहरों...बहुत सुंदर प्रस्तुति विचारणीय भूमिका के साथ. शहरों में दर्दनाक हादसों का सिलसिला ख़तरनाक मोड़ पर है. प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस इंतज़ाम की सड़ी-गली व्यवस्था निंदनीय हालत में है. <br />बेहतरीन रचनाओं का संकलन. <br />सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ. Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-24879670423372515172019-12-01T18:49:08.655+05:302019-12-01T18:49:08.655+05:30सारगर्भित भूमिका के साथ बहुरंगी रचनाओं का सराहनीय ...सारगर्भित भूमिका के साथ बहुरंगी रचनाओं का सराहनीय संकलन है आज की चर्चा में। सुघढ़,सुरुचिपूर्ण प्रस्तुति प्रिय अनु आपकी।<br />मेरी रचना शामिल करने के लिए सादर शुक्रिया आपका बहुत आभारी हूँ।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10855751944103115092019-12-01T15:26:44.296+05:302019-12-01T15:26:44.296+05:30बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्य...बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।Nitish Tiwaryhttps://www.blogger.com/profile/06484230743667707116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-63018110272377779282019-12-01T15:03:38.307+05:302019-12-01T15:03:38.307+05:30 शहर गांव घर बाहर हर जगह जीवन में अनिश्चितता बढ़ ग... शहर गांव घर बाहर हर जगह जीवन में अनिश्चितता बढ़ गई है.. आने वाले पल में क्या होगा कुछ भी पता नहीं रहता है। लेकिन एक्सीडेंट जैसे मामलों में थोड़ी सी सतर्कता बरत कर बचा जा सकता है विचारणीय भूमिका रखी है। आपने सभी चयनित लिंक हमेशा की तरह आपने बहुत ही अच्छे चुने बस अब पढ़ना शुरू करूंगी..!Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-50311103535297683392019-12-01T10:33:14.376+05:302019-12-01T10:33:14.376+05:30बेहतरीन लिंक्स.... मेरी रचना का चयन करने के लिये द...बेहतरीन लिंक्स.... मेरी रचना का चयन करने के लिये दिल से आपका आभार आत्ममुग्धा https://www.blogger.com/profile/09368805902557364435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-64428131718924423492019-12-01T09:58:18.883+05:302019-12-01T09:58:18.883+05:30सुन्दर अंक।सुन्दर अंक।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-82644702552315094922019-12-01T07:36:27.971+05:302019-12-01T07:36:27.971+05:30बहुत सुंदर अंक ।सभी रचनाएँ सुंदर और शिक्षाप्रद।सभी...बहुत सुंदर अंक ।सभी रचनाएँ सुंदर और शिक्षाप्रद।सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। मेरी रचना को इस अंक में स्थान देने के लिए सादर धन्यबाद।जी नमस्ते।SUJATA PRIYEhttps://www.blogger.com/profile/04317190675625593228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-3751051671376261062019-12-01T07:30:47.531+05:302019-12-01T07:30:47.531+05:30हैप्पी बर्थडे
हैप्पी दीवाली
मेरी क्रिसमस
हैप्पी ती...हैप्पी बर्थडे<br />हैप्पी दीवाली<br />मेरी क्रिसमस<br />हैप्पी तीज त्योहार<br />देखो स्त्रियों के जिस्म से अतिशबाजी हो रही है<br />इनसे कितना रोशन है हमारा समाज<br />मजे की बात है इससे न ध्वनि प्रदूषण होता हैं <br />और न ही किसी की आंखे जल रही है।<br />सब मजे में।<br />हम पोत डाले स्याही को<br />रगड़ डाले कलम को खुशियों के गीतों में।<br />लाशों के अंगारों पर हम पका सकें<br />अपनी समझ को<br />ठंडी पड़ी राख पर कुरेद सकें कुछ पंक्तियां<br />या फिर कीलें उगा लेनी चाहिए <br />जूतों के तलवो में<br />और हकीकत के दर्द से रूबरू हो सके<br />और ठोकरों को भी ठोकर जैसी पीड़ा दे सकें।<br />ये जाड़े का मौसम है<br />बूढ़ों की तरह हाथ सेकने के लिए<br />या दर्द अनुभव करने के लिए<br />इससे बढ़िया वक्त ना मिलना।<br />-रोहित<br /><br /><br />बढ़िया लिंक्सRohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69665058475285619982019-12-01T04:52:52.782+05:302019-12-01T04:52:52.782+05:30मन, वाणी और वाहन इन तीनों का अनियंत्रित होना मानव ...मन, वाणी और वाहन इन तीनों का अनियंत्रित होना मानव जीवन के लिए अत्यंत घातक है..। अतः मनुष्य को इनकी गति पर ध्यान देना चाहिए ।व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44250463800674026312019-12-01T04:27:13.979+05:302019-12-01T04:27:13.979+05:30अपने उत्तरप्रदेश में नवंबर महीने को यातायात माह के...अपने उत्तरप्रदेश में नवंबर महीने को यातायात माह के रूप में जाना जाता है। कल ही इसका समापन हुआ है। पुलिस के अनुसार इस दौरान विशेष अभियान चलाकर न सिर्फ लोगों को जागरूक किया गया, बल्कि नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया। यातायात माह के दौरान जीवन रक्षा हेलमेट, शीट बेल्ट, प्रदूषण प्रमाणपत्र से जुड़े नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई हुई। <br /> परंतु हर वर्ष मैं अपने समाचारपत्र के माध्यम से यही सवाल उठाता रहा हूँ कि यातायात माह में ‘सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा’ जैसा स्लोगन कितना सार्थक हुआ.. ?<br /> क्या नवंबर महीने में सड़क दुर्घटनाओं में पुलिस के इस विशेष अभियान से किसी तरह की कमी आई..? <br /> सच तो यह है कि बीते माह भी सड़कें पूर्व की तरह रक्तरंजित होती रहीं । दुर्घटनाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं आई। इसके सबसे अधिक शिकार बाइक सवार हुये। जानते हैं क्यों..?<br /> वह इसलिए क्यों कि पुलिस इनके वाहन का कागज जाँच रही थी, परंतु इन मोटर साइकिलों की " अनियंत्रित गति " की जाँच उन्होंने नहीं की ..।<br /> वाहनों की अनियंत्रित गति ही सवारों के लिये मौत का पैगाम है।<br /><br /> समसामयिक भूमिका और सुंदर रचनाओं के मध्य मुझे भी स्थान देने के लिये अनीता बहन आपको धन्यवाद, आभार..।<br /> सभी को प्रणाम।<br /><br /> <br /> व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com