tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post4873558041929381407..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: मंगलवारीय चर्चामंच (1027)उनका संदेसा उनके जाने के बाद आया!अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-56449978850381383162012-10-10T11:25:10.714+05:302012-10-10T11:25:10.714+05:30aabhar aapka .............mujhe aphsos hai ki vyas...aabhar aapka .............mujhe aphsos hai ki vyastata ke kaaran kal net par hajir nahi ho paayiDr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89369317550180425342012-10-09T21:53:52.107+05:302012-10-09T21:53:52.107+05:30वीरेंद्र कुमार शर्मा जी के साथ आप सब का हार्दिक आ...वीरेंद्र कुमार शर्मा जी के साथ आप सब का हार्दिक आभार Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13298821402628973902012-10-09T21:35:54.508+05:302012-10-09T21:35:54.508+05:30अति सुन्दर काव्य कथा .
"कुछ कहना है"
भग...अति सुन्दर काव्य कथा .<br /><br />"कुछ कहना है"<br />भगवान् राम की सहोदरा (बहन) : भगवती शांता virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67709679497389716112012-10-09T21:31:06.394+05:302012-10-09T21:31:06.394+05:30बहुत बढ़िया काव्य टिप्पणियाँ .नूरा कुश्ती तो बहुत ...बहुत बढ़िया काव्य टिप्पणियाँ .नूरा कुश्ती तो बहुत देखी यहाँ नूरा कुंडली कुंडली खेल रहें हैं आप और अरुण कुमार निगम साहब .बढ़िया तंज़ और व्यंजना ला रहे हो नित्य प्रति रविकर भैया .<br /><br />दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी<br />हरकारे *हरहा हदस, *हहर *हई हकलाय- - ये है नारी शक्ति<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41095120463290428812012-10-09T21:27:29.308+05:302012-10-09T21:27:29.308+05:30बढिया प्रस्तुति .मन गदगद हुआ .थोड़े में पूरी बात क...बढिया प्रस्तुति .मन गदगद हुआ .थोड़े में पूरी बात कहनी पड़ती है यही तो दोहों की विशेषता होती है श्याम जी के दोहे इस कसौटी पे खरे उतरतें हैं -<br /><br />ठेस –<br />स्वाभिमान पर अन्य के, पहुँचे कभी न ठेस।<br />ऐसा तू व्यवहार कर, उपजें नहीं कलेस।।<br /><br />ठेस –<br />स्वाभिमान पर अन्य के, कभी न पहुँचे ठेस।<br />ऐसा तू व्यवहार कर, उपजें नहीं कलेस।।.....ऐसा करने पर गेयता और भी बढ़ जाती है .श्यामजी गौर करें .<br />ठाले बैठे<br />SP2/1/1 कितने सीधे श्याम जी, यथा जलेबी रूप - डा. <br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-74288872628258224132012-10-09T21:12:06.796+05:302012-10-09T21:12:06.796+05:30श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,प...श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,पंडित जी .,<br /><br />बेहद सशक्त परिवेश और अंचल विशेष की रस्मों को सजीव करती कहानी का आकर्षक अंक .अगले अंक का इंतज़ार रहेगा .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-60122073773053852782012-10-09T21:11:29.279+05:302012-10-09T21:11:29.279+05:30ये स्पैम बोक्स फिर आगया अपनी औकात पे .संभालो इसे ....ये स्पैम बोक्स फिर आगया अपनी औकात पे .संभालो इसे .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-14564889366532426632012-10-09T21:10:34.956+05:302012-10-09T21:10:34.956+05:30श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,प...श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,पंडित जी .,<br /><br />बेहद सशक्त परिवेश और अंचल विशेष की रस्मों को सजीव करती कहानी का आकर्षक अंक .अगले अंक का इंतज़ार रहेगा .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-60206179341441971652012-10-09T21:10:01.776+05:302012-10-09T21:10:01.776+05:30हाँ ये हमारे दौर की हकीकत थी वहां शादी ब्याह ही नह...हाँ ये हमारे दौर की हकीकत थी वहां शादी ब्याह ही नहीं कैरिअर्स भी नियोजित होते थे थोपे जाते थे ऊपर से हाई कमान की तरह .लेकिन सपने मरते कहाँ हैं पल्लवित होतें हैं .हम भी जब पढ़ते थे नौवीं में बनना चाहते थे संगीतकार .संगीत पढ़ सीख न सके .११ वीं में आये अभी भी एक इच्छा बाकी थी ,साहित्यकार बनना है ,एक नाम चीन लेखक बनना है .हिस्से में आया एमएससी फिजिक्स .लेकिन सपना मरा नहीं .प्रयास ज़ारी है .जन विज्ञान का बीड़ा उठाया हुआ है तीस पैंतीस सालों से .सपना मरा नहीं है .<br /><br />अधूरे सपनों की कसक (2)<br />रेखा श्रीवास्तव at मेरी सोच - राजेश कुमारी का सपना जो पूरा ना हुआ <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-35885607513419302512012-10-09T20:56:21.799+05:302012-10-09T20:56:21.799+05:30श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,प...श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,पंडित जी .,<br /><br />बेहद सशक्त परिवेश और अंचल विशेष की रस्मों को सजीव करती कहानी का आकर्षक अंक .अगले अंक का इंतज़ार रहेगा .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-34412658646500192472012-10-09T20:55:39.054+05:302012-10-09T20:55:39.054+05:308)छन्न पकैया, छन्न पकैया, कन्या भ्रूण मिटाया
...8)छन्न पकैया, छन्न पकैया, कन्या भ्रूण मिटाया <br /> कुछ ही वर्षों में बस समझो ,जग का हुआ सफाया<br /><br />नर नारी का विषम होता अनुपात ,मचाएगा एक दिन उत्पात .<br /><br />नारी को पहचानो<br />Rajesh Kumari at WORLD's WOMAN BLOGGERS ASSOCIATION<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-60324140316483782362012-10-09T20:48:04.909+05:302012-10-09T20:48:04.909+05:30श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,प...श्रृंगार ,क़ुबूल वाना ,सामने ,कन्या पक्ष ,पंडित ,पंडित जी .,<br /><br />बेहद सशक्त परिवेश और अंचल विशेष की रस्मों को सजीव करती कहानी का आकर्षक अंक .अगले अंक का इंतज़ार रहेगा .<br /><br />लालित्यम्<br />पीला गुलाब - 2 & 3 . - * चार साल बीत गए. उस दिन शृंगारvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-24551355327259848912012-10-09T16:12:06.662+05:302012-10-09T16:12:06.662+05:30बहुत ही उम्दा लिक्स ....एवं मेरी रचना को स्थान दे...बहुत ही उम्दा लिक्स ....एवं मेरी रचना को स्थान देने के <br />लिए आपका शुक्रिया मैम...आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-50682812960250848142012-10-09T15:51:20.848+05:302012-10-09T15:51:20.848+05:30राजेश कुमारी जी, ढेर सारे लिंक्स..सुंदर चर्चा..आभा...राजेश कुमारी जी, ढेर सारे लिंक्स..सुंदर चर्चा..आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-14260953363555909012012-10-09T13:09:50.660+05:302012-10-09T13:09:50.660+05:30सुंदर चर्चा... मेरी नयी रचना... http://www.kuldee...सुंदर चर्चा... मेरी नयी रचना... http://www.kuldeepkikavita.blogspot.comkuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7173895055717297232012-10-09T12:55:44.025+05:302012-10-09T12:55:44.025+05:30बहुत ही अच्छे लिंक्स लिए उत्तम चर्चा बहुत ही अच्छे लिंक्स लिए उत्तम चर्चा सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75892517906570943362012-10-09T10:34:39.585+05:302012-10-09T10:34:39.585+05:30अच्छी चर्चा हुई है। पोस्ट में भी,टिप्पणी में भी!अच्छी चर्चा हुई है। पोस्ट में भी,टिप्पणी में भी!कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39721547138282065362012-10-09T09:14:19.393+05:302012-10-09T09:14:19.393+05:30बेहतरीन सूत्र एक से बढ़कर एक सुंदर चर्चा!बेहतरीन सूत्र एक से बढ़कर एक सुंदर चर्चा!सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53772568146870519312012-10-09T08:14:26.673+05:302012-10-09T08:14:26.673+05:30राजेश कुमारी जी चर्चा मंच में शामिल करने का बहुत ब...राजेश कुमारी जी चर्चा मंच में शामिल करने का बहुत बहुत धन्यवाद ...शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-76603754332404117362012-10-09T07:35:51.666+05:302012-10-09T07:35:51.666+05:30शरीफों के तरह ही घर में आना सीख जाएगा
लगेगी चोट ज...शरीफों के तरह ही घर में आना सीख जाएगा <br />लगेगी चोट जब वो घर चलाना सीख जाएगा <br /><br />कोई आता नहीं है सीख कर हर बात ऊपर से <br />अभी बच्चा है वो पढ़ना-पढ़ाना सीख जाएगा <br /><br />न इसको ढील दो इतनी कहीं जिद्दी न हो जाये <br />ये मन है प्यारे तुमको नित सताना सीख जाएगा <br /><br />ज़माने को हमेशा जानने में वक़्त लगता है <br />हमारा बच्चा भी रस्मे ज़माना सीख जाएगा <br /><br />न बोला कीजिये ऊँचे स्वरों में आप बच्चे पर <br />अभी से ए सजन वो सहम जाना सीख जाएगा <br /><br />बहाना मत बनाया कीजिये बच्चे से कोई आप <br />बहाना वो भी वरना नित बनाना सीख जाएगा <br /><br />उसे भी खेलने दो `प्राण` सब हँसते हुओं के संग <br />तुम्हारा बच्चा भी हँसना-हँसाना सीख जाएगा <br /><br />बेहतरीन अश - आर क्या मतला क्या मक्ता .पूरा मानव मनोविज्ञान और परवरिश का सलीका उड़ेल दिया है गजल में आपने .धैर्य और दृष्टा भाव जीवन में बहुत ज़रूरी है .उम्र सब सिखा देती है बा -शर्ते आदमी आदमी हो कांग्रेसी न हो .<br />ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /><br />मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012<br />प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-45272717547424855002012-10-09T07:26:39.743+05:302012-10-09T07:26:39.743+05:30स्रोत हो तुम प्राथमिक आहार का ,स्रोत हो तुम सम्पूर...स्रोत हो तुम प्राथमिक आहार का ,स्रोत हो तुम सम्पूर्ण आहार का , <br /><br />क्यों बनो तुम ग्रास कर्के-रोग का ?<br /><br /> (कर्क रोग बोले तो कैंसर ,मुम्बैया में मराठी में कैंसर को कर्क रोग ही कहा जा रहा है )<br /><br />रौनकें आयद सभी तुमसे यहाँ ,<br /><br />आंच हो जिस वक्ष में नासूर क्यों ?प्यार हो जिस वक्ष में नासूर क्यों ,<br /><br />आईने के सामने तुम आइए,आईने के सामने खुद आईये <br /><br />वक्ष के अर्बुद से न घबराइए .<br /><br />राह है आसान अब हर रोग की ,<br /><br />वक्त से बस बा -खबर हो जाईये .<br /><br />सतीश जी आपने बहुत सार्थक गीत लिखा है और देखिए हमसे भी कुछ लिखवा लिया आपके इस रागात्मक संचारी गीत ने .आभार .<br /><br />एक बात और सतीश जी ,यहाँ अमरीका के हरेक राज्य में जब तब पिंक वाल्क का आयोजन होता है .लोग दौड़तें हैं किसी न किसी के लिए ५ -१० -१५ -२० मील .जिसके लिए दौड़ते हैं वह कैंसर कोष के लिए चैक देता है .स्वेच्छा से .तमाम रास्ते दौड़ने वालों के लिए स्वयंसेवी पानी लिए खड़े रहते हैं .इस दिन सब कुछ पिंक होता है .लिबास पिंक ,साइकिल की गद्दी पिंक ,बास्किट पिंक ,पानी पिंक ,पिंक ही पिंक .पिंक रिबन वाली टोपी सब पहने रहते हैं .पिंक ट्रांसफोर्मर ,बम्बिल बी (सभी कार्टून करैक्टर्स ).<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67604743328279650272012-10-09T07:24:39.950+05:302012-10-09T07:24:39.950+05:30स्रोत हो तुम प्राथमिक आहार का ,
क्यों बनो तुम ग्र...स्रोत हो तुम प्राथमिक आहार का ,<br /><br />क्यों बनो तुम ग्रास कर्के-रोग का ?<br /><br />(कर्क रोग बोले तो कैंसर ,मुम्बैया में मराठी में कैंसर को कर्क रोग ही कहा जा रहा है )<br /><br />रौनकें आयद सभी तुमसे यहाँ ,<br /><br />आंच हो जिस वक्ष में नासूर क्यों ?<br /><br />आईने के सामने तुम आइए,<br /><br />वक्ष के अर्बुद से न घबराइए .<br /><br />राह है आसान अब हर रोग की ,<br /><br />वक्त से बस बा -खबर हो जाईये .<br /><br />सतीश जी आपने बहुत सार्थक गीत लिखा है और देखिए हमसे भी कुछ लिखवा लिया आपके इस रागात्मक संचारी गीत ने .आभार .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67348146511006633382012-10-09T07:22:32.670+05:302012-10-09T07:22:32.670+05:30बहुत सशक्त रचना है लेकिन अनुनासिक की अनदेखी ने फिर...बहुत सशक्त रचना है लेकिन अनुनासिक की अनदेखी ने फिर रुला दिया हर जगह नहीं कहीं नहीं नहीं ,नहीं नहीं नहीं .....नही न लिखो प्लीज़ !कर्म की और सहज प्रेरित करती सोच को धक्का देती रचना .<br /><br />ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /><br />मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012<br />प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )<br /><br />ज़ख्म…जो फूलों ने दिये<br />शुभ मुहुर्त - ना जाने कैसे रिवाज़ हैं निकलवाते हैं<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39384882719249640192012-10-09T07:21:01.821+05:302012-10-09T07:21:01.821+05:30बहुत सशक्त रचना है लेकिन अनुनासिक की अनदेखी ने फिर...बहुत सशक्त रचना है लेकिन अनुनासिक की अनदेखी ने फिर रुला दिया हर जगह नहीं कहीं नहीं नहीं ,नहीं नहीं नहीं .....नही न लिखो प्लीज़ !कर्म की और सहज प्रेरित करती सोच को धक्का देती रचना .<br /><br />ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /><br />मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012<br />प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39759663945541146642012-10-09T07:14:24.428+05:302012-10-09T07:14:24.428+05:30दे दो मुझको
भूला भटका
कुछ सूना सूना
बस मेरा अपना
व...दे दो मुझको<br />भूला भटका<br />कुछ सूना सूना<br />बस मेरा अपना<br />वो नभ का कोना...<br /><br />बहुत बढ़िया भावाभिव्यक्ति एक टुकड़ा आसामान ही हो ,कौना एक नभ का हो ,.....कुछ तो हो ....<br /><br />ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /><br />मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012<br />प्रौद्योगिकी का सेहत के मामलों में बढ़ता दखल (समापन किस्त )<br /><br />नभ का कोना<br />expression at my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com