tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post4987705895212660618..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: मुद्दई तब भी थीं ग़ाफ़िल! ग़ालिबन् नज़रें यही : सोमवारीय चर्चामंच-1131अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-61405830164120805722013-01-22T23:04:37.139+05:302013-01-22T23:04:37.139+05:30प्रस्तुतियाँ पठनीय हैं । कहानी को यहाँ लेने का आभा...प्रस्तुतियाँ पठनीय हैं । कहानी को यहाँ लेने का आभार ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-4932236724137376132013-01-21T20:58:16.393+05:302013-01-21T20:58:16.393+05:30सुंदर प्रस्तुतिसुंदर प्रस्तुतिदिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-53506921901910400862013-01-21T19:21:23.675+05:302013-01-21T19:21:23.675+05:30बहुत ही बढ़िया लिंक्स ...
आभार।।।।
:-)बहुत ही बढ़िया लिंक्स ...<br />आभार।।।।<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90585619235525654072013-01-21T18:14:15.728+05:302013-01-21T18:14:15.728+05:30बहुत उम्दा लिंक्स संयोजन हेतु बधाई गाफिल जी,,,,
r...बहुत उम्दा लिंक्स संयोजन हेतु बधाई गाफिल जी,,,,<br /><br />recent post <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/01/blog-post_2254.html#links" rel="nofollow">: बस्तर-बाला,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81664616934817487202013-01-21T17:56:07.578+05:302013-01-21T17:56:07.578+05:30nice links sir......Thanks for including my post.....nice links sir......Thanks for including my post...:)S.VIKRAMhttps://www.blogger.com/profile/17252464333035334396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-30467706658282980332013-01-21T17:47:19.671+05:302013-01-21T17:47:19.671+05:30 गजब आदरेया-
कुंडली देखिये -
पंजा की पडवानियाँ... गजब आदरेया-<br /><br />कुंडली देखिये - <br /><br />पंजा की पडवानियाँ, गायन वादन नृत्य ।<br /><br />संचारित संवाद हों, अभिनय करते भृत्य ।<br /><br /><br />अभिनय करते भृत्य, कटे जब मुर्ग-मुसल्लम ।<br /><br />निकली है बारात, कटारी चाक़ू बल्लम ।<br /><br />सत्ता दुल्हन दूर, चाहती दूल्हा गंजा ।<br /><br />चिंतन दीपक पूर, भिड़ाओ छक्का-पंजा ।।<br /><br />रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7889149987404924072013-01-21T17:33:19.932+05:302013-01-21T17:33:19.932+05:30उ चिंतन सिबिर मा चिंता न हो के 'पंजा' की &...उ चिंतन सिबिर मा चिंता न हो के 'पंजा' की 'पंडवानी' हो रही थी<br />पंडवानी मा एक ठो बिसेषता है उ जे की इसमें पाँच ठो बिधा के <br />प्रदर्सन एके साथ होत है: -- गायन, बादन, नृत्य, अभिनय, अउर <br />संबाद संचार, <br /> राजू के पड़ोस के 42 बरस के ताऊ कहत रहीं, गुरूजी <br />हमका तो इ बिबाह समारोह लागत है किन्तु इहा दुलहनिया के <br />कोहू अता पता नई ए..... Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-47838452505994356472013-01-21T17:26:46.705+05:302013-01-21T17:26:46.705+05:30बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार।।।बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार।।।कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-66061279235218643532013-01-21T13:08:19.457+05:302013-01-21T13:08:19.457+05:30achhee santulit charchaa,mujhe sthaan dene ke liye...achhee santulit charchaa,mujhe sthaan dene ke liye dhanywaad Nirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-26118926014116173742013-01-21T12:49:07.617+05:302013-01-21T12:49:07.617+05:30बढ़िया सेतु चयन मौजू रचनाएं ,खूब सूरत टिप्पणियाँ ,...बढ़िया सेतु चयन मौजू रचनाएं ,खूब सूरत टिप्पणियाँ ,आभार हमें खपाने के लिए <br /><br /><br />राम मिलाई जोड़ी <br /><br /><br />मनमोहन सिंह जी :हिन्दुस्तान के संशाधनों पर पहला हक़ भारत का है .पाकिस्तान फौज छलबल से कोहरे का लाभ उठाके हमारे दो जवानों के सर काट के ले जाते हैं .यह चुप्पा मुंह एक हफ्ते बाद <br /><br />खुलता है .लेकिन ज़नाब की तब नींद उड़ गई थी जब एक मुसलमान को संदिग्ध अवस्था में आतंकी होने के सुबहे (शक )में ऑस्ट्रेलिया में धर लिया गया था .<br /><br /><br />सुशील कुमार शिंदे :ये लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुस पैंठ की बात करते हैं जबकि हमारे पास पुष्ट रिपोर्टें हैं BJP और RSS IS इस देश में आतंकी कैम्प चला रहें हैं .<br /><br />राहुल गांधी :आप पूर्व में RSS की तुलना SIMI से कर चुकें हैं .<br /><br />इन तीनों लोगों में एक साम्य है .तीनों सेकुलर हैं .<br /><br /><br />इन दिनों एक चुटकुला ज़ोरों पर है :कल तक वह भी इंसान था ,आज सेकुलर हो गया .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-6743927131121458692013-01-21T12:46:03.407+05:302013-01-21T12:46:03.407+05:30ग़ज़ल का फ़कीराना स्वर -अदम गोंडवी और उनकी ग़ज़लें...ग़ज़ल का फ़कीराना स्वर -अदम गोंडवी और उनकी ग़ज़लें<br /><br />बहुत खूब अशआर ,बहुत खूब विश्लेषण प्रधान समीक्षा अदम साहब की <br /><br />.पढ़िए ब्लॉग पोस्ट :<br /><br />मंगलवार, 18 दिसम्बर 2012<br /><br />ग़ज़ल का फ़कीराना स्वर -अदम गोंडवी और उनकी ग़ज़लें<br /><br />http://sunaharikalamse.blogspot.in/2012/12/blog-post.html?showComment=1358751378222#c9024366953742600010<br /><br />जितने हरामखोर थे कुर्बो -जवार में <br />परधान बनके आ गए अगली कतार में virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75179752621586287802013-01-21T12:44:48.501+05:302013-01-21T12:44:48.501+05:30
Virendra Sharma · शीर्ष टिप्पणीकार · Sagar Unive...<br />Virendra Sharma · शीर्ष टिप्पणीकार · Sagar University (M.Sc.PHYSICS.)<br />हुल्लड़ होता है हटकु, *हालाहली हलोर ।<br /><br />हुई सुमाता खुश बहुत, कब से रही अगोर ।<br /><br />कब से रही अगोर, हुआ बबलू अब लायक ।<br /><br />हर्षित दिग्गी-द्रोण, सौंप के सारे ^शायक ।<br /><br />नीति नियम कुल सीख, करेगा अब ना फाउल ।<br /><br />सब विधि लायक दीख, आह! दुनिया को राहुल ।।<br />*दारू ^तीर<br /><br />म्याऊँ बारम्बार, जीत करके हुंकारे -लिंक लिक्खाड़<br />उत्तर दें · पसंद करें · पोस्ट का पालन करें · लगभग एक मिनट पहलेvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-55808022930310543232013-01-21T12:44:03.364+05:302013-01-21T12:44:03.364+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-23227576314771212522013-01-21T12:41:17.639+05:302013-01-21T12:41:17.639+05:30
हुल्लड़ होता है हटकु, *हालाहली हलोर ।
हुई सुमा... <br /> हुल्लड़ होता है हटकु, *हालाहली हलोर ।<br /><br />हुई सुमाता खुश बहुत, कब से रही अगोर ।<br /><br />कब से रही अगोर, हुआ बबलू अब लायक ।<br /><br />हर्षित दिग्गी-द्रोण, सौंप के सारे ^शायक ।<br /><br /><br />नीति नियम कुल सीख, करेगा अब ना फाउल ।<br /><br />सब विधि लायक दीख, आह! दुनिया को राहुल ।।<br />*दारू ^तीर<br /><br />म्याऊँ बारम्बार, जीत करके हुंकारे -लिंक लिक्खाड़<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18568317992337066112013-01-21T12:36:23.439+05:302013-01-21T12:36:23.439+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67712700726458241012013-01-21T12:36:00.724+05:302013-01-21T12:36:00.724+05:30ग़ज़ल का फ़कीराना स्वर -अदम गोंडवी और उनकी ग़ज़लें...ग़ज़ल का फ़कीराना स्वर -अदम गोंडवी और उनकी ग़ज़लें<br /><br />बहुत खूब अशआर ,बहुत खूब विश्लेषण प्रधान समीक्षा अदम साहब की <br /><br />.पढ़िए ब्लॉग पोस्ट :<br /><br />मंगलवार, 18 दिसम्बर 2012<br /><br />ग़ज़ल का फ़कीराना स्वर -अदम गोंडवी और उनकी ग़ज़लें<br /><br />http://sunaharikalamse.blogspot.in/2012/12/blog-post.html?showComment=1358751378222#c9024366953742600010<br /><br />जितने हरामखोर थे कुर्बो -जवार में <br />परधान बनके आ गए अगली कतार में <br /><br />दीवार फांदने में यूँ जिनका रिकार्ड था <br />वो चौधरी बने हैं उमर के उतार में <br /><br />फौरन खजूर छाप के परवान चढ़ गई <br />जो भी जमीन खाली पड़ी थी कछार में <br /><br />बंजर ज़मीन पट्टे में जो दे रहे हैं आप <br />ये रोटी का टुकड़ा है मियादी बुखार में <br /><br />जब दस मिनट की पूजा में घंटों गुजार दें <br />समझो कोई ग़रीब फँसा है शिकार मेंvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-83294379512991511322013-01-21T11:59:42.846+05:302013-01-21T11:59:42.846+05:30बढ़िया चर्चा है मित्रवर-
शुभकामनायें-बढ़िया चर्चा है मित्रवर-<br />शुभकामनायें-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18621167925488593052013-01-21T11:57:41.369+05:302013-01-21T11:57:41.369+05:30बेहतरीन चर्चाबेहतरीन चर्चाvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44645884479320341522013-01-21T11:45:33.934+05:302013-01-21T11:45:33.934+05:30बढिया लिंक्स
अच्छी चर्चाबढिया लिंक्स<br />अच्छी चर्चामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-82868697339116090712013-01-21T11:38:10.901+05:302013-01-21T11:38:10.901+05:30बढ़िया लिंक्स संयोजन हेतु बधाई गाफिल जी
बढ़िया लिंक्स संयोजन हेतु बधाई गाफिल जी<br />Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-72183514268785069472013-01-21T11:18:36.454+05:302013-01-21T11:18:36.454+05:30काँपीराइट काँन्टेँट पर एक प्रश्न के उत्तर को वोट क...काँपीराइट काँन्टेँट पर एक प्रश्न के उत्तर को वोट करे आपका वोट चाहिए आप किससे सहमत हैँ ।<br /><br />दोस्तो पता नही क्यो कई लोग कहते<br />हैँ कि वो ये कार्य ज्ञान फैलाने के<br />लिए कर रहे हैँ बडी मेहनत कर रहे हैँ<br />अनपढ अनजान लोग की सेवा कर रहे<br />हैँ उन्हे रास्ता दिखा रहेँ हैँ लेकिन<br />जब उसके ज्ञान को अपना कहकर दुसरे<br />भी बाँटने लगते हैँ तो क्यो पहले वालेँ<br />को बुरा लगता हैँ ये तो मुझे<br />पता नही क्योँकि दुसरा भी तो वही<br />कर रहा हैँ जो पहले वाले कर रहेँ थे<br />यदी उसने अपने नाम से<br />ही सही ज्ञान बाँटा तो पहले वाले<br />क्योँ दुःख क्योँ होता हैँ<br />क्योकि दुसरा तो एक तरह से<br />देखा जायेँ तो पहले वाले<br />का ही लक्ष्य पुरा कर रहा हैँ<br />यदी पहले वाले को दुःख या गम<br />हो रहा हैँ तो इसका एक ही मतलब हैँ<br />कि इसके पिछे उसका अपना स्वार्थ<br />जुडा हुआ हैँ जो कि प्रत्यक्ष<br />या अप्रत्यक्ष रुप से दिख रहा हैँ<br />अथवा नहीँ दिख रहा होगा इसपर<br />निचे मैने एक छोटा गणित के माध्यम<br />से परिभाषित कर रहा हुँ आप यह<br />बताऐ कि आप अन्त मेँ निकले किस<br />परिणाम से सहमत हैँ आपके<br />सकारात्मक नकारात्मक<br />सभी विचारोँ का स्वागत हैँ ।<br />आप किससे सहमत हैँ<br />काँन्टेँट निर्माण + पोस्टिँग =<br />ज्ञान का फैलाव<br />काँन्टेँट काँपी + पोस्टिँग =ज्ञान<br />का फैलाव<br />इसलिए यदी आप<br />काँन्टेँट काँपी +<br />पोस्टिँग=चोरी या दोहन<br />अथवा दुःख<br />मानते हैँ तो अर्थ<br />सीमित स्थान व्यक्ति+काँन्टेँट<br />निर्माण=निजी ज्ञान<br />सीमित स्थान व्यक्ति+काँन्टेँट<br />निर्माण+काँन्टेँट पोस्टिँग =अन्य<br />उद्देश्य जैसे पोपुलर होना अपने आप<br />को बडा साबित करना<br />अतः परिणाम<br />काँन्टेँट काँपी + काँन्टेट पोस्टिँग =<br />ज्ञान का फैलाव =निस्वार्थ कार्य<br />इसलिए<br />काँन्टेँट र्निमान+काँन्टेँट पोस्टिँग<br />+सीमित =स्वार्थ भरे उद्देश्य =<br />ज्ञान का सिमीत फैलाव = पिँजडे मे<br />कैद पंछी<br />अतः<br />ज्ञान का फैलाव vs ज्ञान<br />का सीमित फैलाव =ज्ञान का फैलाव<br />यानि अच्छा हैँ<br />पिँजडे मेँ बंद पंक्षी vs खुला ज्ञान<br />फैलाने वाला पंक्षी =उडता पंक्षी<br />अर्थात<br />काँन्टेँट निर्माण+काँन्टेँट पोस्टिँग<br />vs काँन्टेँट काँपी +काँन्टेँट<br />पोस्टिँग=काँन्टेँट काँपी +काँन्टेँट<br />पोस्टिँग कही ज्यादा अच्छा और<br />निस्वार्थ ज्ञान फैलाने हैँ<br />जो कि ,काँन्टेँट र्निमाण +सिमीत<br />+पोस्टिँग , से नही समझे<br />तो दुबारा अवलोकन कर लेँ ।<br />निचोड ! काँन्टेँट निर्माण<br />+पोस्टिँग +सिमीत =ज्ञान को एक<br />पंछी की तरह कैद कर<br />लोगो को दिखाना ।<br />काँन्टेँट काँपी + पोस्टिँग =ज्ञान<br />का निस्वार्थ फैलाव ।<br />अतः आपका क्या पसंद हैँ<br />1 ... काँन्टेँट निर्माण + पोस्टिँग+<br />सिमीत<br />व्यक्ति या अधिकार=स्वार्थ भरे<br />उद्देश्य<br />ज्ञान को पिँजडे मेँ कैद कर<br />लोगो को दिखाना<br />या<br />2 .. काँन्टेँट निर्माण+पोस्टिँग=<br />ज्ञान का फैलाव , कोइ स्वार्थ नही<br />वोट करे ..आपका वरुण ।<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07358539338823945647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39181217897419972022013-01-21T11:13:16.121+05:302013-01-21T11:13:16.121+05:30वाह अलग तरह की प्रस्तुतिवाह अलग तरह की प्रस्तुतिKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-31858762296540174632013-01-21T10:53:15.797+05:302013-01-21T10:53:15.797+05:30आभार गुरुदेव श्री यह स्नेह यूँ ही बनाये रखें. सादर...आभार गुरुदेव श्री यह स्नेह यूँ ही बनाये रखें. सादर अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-15420797237606796442013-01-21T10:48:43.520+05:302013-01-21T10:48:43.520+05:30आदरणीय ग़ाफिल सर प्रणाम, 1 से लेकर २५ लिंक्स और सबक...आदरणीय ग़ाफिल सर प्रणाम, 1 से लेकर २५ लिंक्स और सबके सब सुन्दर रूप में संयोजित, अच्छे पाठनीय सूत्र मेरी रचना को स्थान देने हेतु अनेक-अनेक धन्यवाद. सादर अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-19241318342240130392013-01-21T10:41:02.600+05:302013-01-21T10:41:02.600+05:30achchhe lage links...shukriya.achchhe lage links...shukriya.शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.com