tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post5277759642491646939..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: गंगे ! : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1424 अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-87121292384743698212022-11-09T19:59:07.645+05:302022-11-09T19:59:07.645+05:30वाह बहुत सुंदर इतना आकर्षक-मनमोहक सा चर्चा प्रस्तु...वाह बहुत सुंदर इतना आकर्षक-मनमोहक सा चर्चा प्रस्तुति Bharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42932150155259847042013-11-09T20:40:49.623+05:302013-11-09T20:40:49.623+05:30धन्यवाद... मयंक जी....
धन्यवाद... मयंक जी.... <br />Vijay K Shrotryiahttps://www.blogger.com/profile/03827025219585517128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-27654130119593221462013-11-09T18:13:39.909+05:302013-11-09T18:13:39.909+05:30गुरु जी प्रणाम
राजीव जी बहुत बढ़िया सूत्र संकलन
म...गुरु जी प्रणाम <br />राजीव जी बहुत बढ़िया सूत्र संकलन <br />मेरी रचना को मयंक कोना में स्थान मिला धन्यवाद Guzarishhttps://www.blogger.com/profile/11205127840621066197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90573018734747378782013-11-09T16:18:55.700+05:302013-11-09T16:18:55.700+05:30राजीव जी, बहुत श्रम से लगायी चर्चा, बधाई व बहुत बह...राजीव जी, बहुत श्रम से लगायी चर्चा, बधाई व बहुत बहुत आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-17666082570232670862013-11-09T15:26:10.874+05:302013-11-09T15:26:10.874+05:30sundar charcha say saja manch....meri rachna ko sh...sundar charcha say saja manch....meri rachna ko shamil karne kay liye shukriya Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-67158487893194454952013-11-09T14:10:28.971+05:302013-11-09T14:10:28.971+05:30मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद.मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-44420813161397914512013-11-09T14:02:39.523+05:302013-11-09T14:02:39.523+05:30बहुत सुन्दर लिंक संयोजन...आभार बहुत सुन्दर लिंक संयोजन...आभार Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-73479756331660575242013-11-09T13:13:31.929+05:302013-11-09T13:13:31.929+05:30सुन्दर प्रस्तुति!
आभार!सुन्दर प्रस्तुति!<br />आभार!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90143968533848275022013-11-09T12:13:57.553+05:302013-11-09T12:13:57.553+05:30राजीव कुमार झा जी शानदार उम्दा चर्चा हेतु बधाई ,मु...राजीव कुमार झा जी शानदार उम्दा चर्चा हेतु बधाई ,मुझे भी शामिल किया तहे दिल से आभार आपका. Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18796538709203676492013-11-09T12:09:42.753+05:302013-11-09T12:09:42.753+05:30बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78534408860591472072013-11-09T11:07:36.001+05:302013-11-09T11:07:36.001+05:30बढ़िया प्रस्तुतीकरण है भाई राजीव जी-
शुभकामनायें शन...बढ़िया प्रस्तुतीकरण है भाई राजीव जी-<br />शुभकामनायें शनिवारीय चर्चा पर-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52825264786269595012013-11-09T10:24:24.481+05:302013-11-09T10:24:24.481+05:30बहुत सुन्दर , विस्तृत व अच्छी चर्चा
हम सबकी रचनाओ...बहुत सुन्दर , विस्तृत व अच्छी चर्चा <br />हम सबकी रचनाओं को स्थान देने हेतु , राजीव भाई व चर्चा मंच को धन्यवाद आशीष अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/05326902845770449131noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42691106830328465842013-11-09T08:54:34.606+05:302013-11-09T08:54:34.606+05:30बहुत सुंदर चर्चा !
उल्लूक का
फसल तो होती है किसान...बहुत सुंदर चर्चा !<br />उल्लूक का <br />फसल तो होती है किसान ध्यान दे जरूरी नहीं होता है<br />दिखाई दिया आभार !<br />वीरेंद्र जी की टिप्पणी के लिये पुन : आभार !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-17480473833301658332013-11-09T08:50:50.145+05:302013-11-09T08:50:50.145+05:30(१)
बारी बारी से करें, दरबारी स्तुतिगान |
गरिमा से...(१)<br />बारी बारी से करें, दरबारी स्तुतिगान |<br />गरिमा से गणतंत्र की, खेल रहे नादान |<br /><br />खेल रहे नादान, अधिकतर गलतबयानी |<br />खानदान वरदान, सयानी रविकर रानी |<br /><br />कई पालतू सिंह, पाय के मनसबदारी । <br />जी हुजूर आदाब, बजाते कुल- दरबारी । <br /><br />बहुत ज़ोरदार कोड़ा लगा दिया नकली सिंह को ,शहज़ादा सलीम को।<br /><br />बहुत ज़ोरदार कोड़ा लगा दिया नकली सिंह को ,शहज़ादा सलीम को। <br /><br />कुलकी रीत सदा चली आई ,<br /><br />प्राण जाए पर सीट (कुर्सी )न जाई। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85392362066314641002013-11-09T08:46:47.660+05:302013-11-09T08:46:47.660+05:30एक सी होती है
हर कविता की आत्मा
आदर्शों को पालने क...एक सी होती है<br />हर कविता की आत्मा<br />आदर्शों को पालने की चाह<br />और न पा सकने की विवशता<br />पर उम्मीद से भरी उसकी आँखें<br />नहीं थकतीं... तो नहीं ही थकतीं !<br /><br />जीवन<br /><br />मन के एक अँधेरे सूने<br />गह्वर के तल में<br />घनी गुल्म लताओं के घेरे के पीछे<br />किसी एकांत कोने में<br /> कभी अचानक.. विधु की आभा<br /> एक पल के लिए<br />जगती तल पर स्थित कोई<br />फूल हो जैसे !<br /><br />गीत<br /><br />न सुलाए मोद में जो<br />गीत वह जो प्राण भर दे,<br />युग-युगों से सुप्त उर में<br /><br />सुन्दर भाव कणिकाएं और एक साबुत कविता। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-88322291867268615822013-11-09T08:43:12.782+05:302013-11-09T08:43:12.782+05:30प्लेट-फॉर्म बिन आ रहे, प्लेटफॉर्म पर लोग
है चुनाव...प्लेट-फॉर्म बिन आ रहे, प्लेटफॉर्म पर लोग <br />है चुनाव बन जायेगा, इस पर भी आयोग <br />यमक अलंकार का सुन्दर प्रयोग। जब एक शब्द किसी पद में एक से ज्यादा बार आये और हर बार नया अर्थ लाये राहुल गांधी की तरह एक आयामी न हो तब यमक अलंकार होता है। <br /><br />जैसे "सोनिया" का सोनिया- भाषण झूठ का पुलिंदा था मनरेगा को लेकर सारे आंकड़े झूठे पिरोये गए थे।सन्दर्भ छत्तीस गढ़ में सोनिया।<br /><br />प्रयोगात्मक यमकीय दोहे:<br />संजीव <br />#<br />रखें नोटबुक निज नहीं, कलम माँगते रोज <br />नोट कर रहे नोट पर, क्यों करिये कुछ खोज <br />#<br />प्लेट-फॉर्म बिन आ रहे, प्लेटफॉर्म पर लोग <br />है चुनाव बन जायेगा, इस पर भी आयोग <br />#<br />हुई गर्ल्स हड़ताल क्यों?, पूरी कर दो माँग <br />'माँग भरो' है माँग तो, कौन अड़ाये टाँग?<br />#<br />एग्रीगेट* कर लीजिये, एग्रीगेट का आप <br />देयक तब ही बनेगा, जब हो पूरी माप <br /> #<br />फेस न करते फेस को, छिपते फिरते नित्य<br />बुक न करे बुक फोकटिया, पाठक सलिल अनित्य <br /><br />#<br />सर! प्राइज़ किसको मिला, अब तो खोलें राज<br />सरप्राइज़ हो खत्म तो, करें शेष जो काज <br /><br /><br />* एग्रीगेट = योग, गिट्टीvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13832418007699848642013-11-09T08:43:03.784+05:302013-11-09T08:43:03.784+05:30नायाब संकलन में अपना लिखा पढ़ना बहुत अच्छा लगा।
ब...नायाब संकलन में अपना लिखा पढ़ना बहुत अच्छा लगा। <br />बहुत आभार !<br />वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90395078455049013712013-11-09T08:34:15.414+05:302013-11-09T08:34:15.414+05:30सन 1877 ई. में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत के 1882 ई. ...सन 1877 ई. में टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत के 1882 ई. में आस्ट्रेलिया की टीम ने एक टेस्ट मैच खेलने के इंग्लैंड का दौरा किया। ओवल में हुए इस रोमांचक टेस्ट मैच में इंग्लैंड को जीतने के लिए चौथी पारी में केवल 85 रन बनाने थे। इंग्लैंड की टीम ने 7 विकेट खोकर 75 रन बना लिए, लेकिन अंतिम 3 खिलाड़ी मात्र 2 रन जोड़कर आउट हो गए। आस्ट्रेलिया ने ये मैच 7 रन से जीत लिया। इंग्लैंड की टीम की हार से इंग्लैंड के समर्थक इतने नाराज़ हुए कि इंग्लैंड के एक अखबार में इंग्लैंड क्रिकेट की मौत पर शोक सन्देश तक लिख दिया गया कि<br /><br />आस्ट्रेलिया की टीम इंग्लिश क्रिकेट को दफनाकर उसके अवशेष अपने साथ आस्ट्रेलिया ले गई। <br /><br />दरअसल हुआ ये था कि कुछ क्रिकेट प्रशंसक महिलाओं ने इस टेस्ट मैच में प्रयोग की गई बेल्स (गिल्ली) को जलाकर उसकी राख (एशेज) को एक डिब्बी में रखकर आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान को भेंट कर दिया था। <br /><br />तब से लेकर आज तक इस राख (एशेज) को हासिल करने के नाम पर आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच "एशेज" नाम से टेस्ट श्रृंखला (सीरीज) का आयोजन होता है। <br /><br />रोचक दिलचस्प।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-35592071072386194492013-11-09T08:31:55.952+05:302013-11-09T08:31:55.952+05:30अब्र तुझको क्या मिलेगा यूँ समंदर पे बरस के
देख नदि...अब्र तुझको क्या मिलेगा यूँ समंदर पे बरस के<br />देख नदियाँ आज सहरा में सिमटती जा रही हैं<br /><br />वाह बहुत सशक्त बिम्ब और अर्थ की धार है।<br /><br />देख कर अखबार माएं क्यों सिहरती जा रही हैं<br />राजेश कुमारी<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-77158898740839786052013-11-09T08:28:34.297+05:302013-11-09T08:28:34.297+05:30अच्छा बिम्ब है
कुकुरमुत्ते भी तो
उगाये नहीं जात...अच्छा बिम्ब है <br /><br />कुकुरमुत्ते भी तो <br />उगाये नहीं जाते हैं <br />उग आते हैं अपने आप <br />कब कहाँ उग जायें <br />किसी को भी <br />पता नहीं होता है <br />पर कुछ कुकुरमुत्ते <br />मशरूम हो जाते हैं <br /><br />शब्दों की फसल काटते हैं कुछ लोग <br /><br />और संसद में घुसके देश के लिए खतरा बन जाते हैं। <br /><br />--<br />फसल तो होती है किसान ध्यान दे जरूरी नहीं होता है<br />ना कहीं खेत होता है ना ही कहीं रेत होती है <br />ना किसी तरह की खाद की <br />और ना ही पानी की कभी कहीं जरूरत होती है <br />फिर भी कुछ ना कुछ उगता रहता है....<br />उल्लूक टाईम्स पर सुशील कुमार जोशी<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48559496177659507442013-11-09T08:25:03.475+05:302013-11-09T08:25:03.475+05:30हाँ इस उलटे झाड़ का बीज ऊपर है स्व्यं परमात्मा है...हाँ इस उलटे झाड़ का बीज ऊपर है स्व्यं परमात्मा है। बहुत सुन्दर भावानुवाद सहज सुभाउ। <br /><br />चार दिवसीय छट पर्व को आपने पञ्चआयामीय बना दिया। <br /><br />--<br />छठ पर्व<br /><br />ॐ ..प्रीतम साक्षात्कार ..ॐ पर सरिता भाटिया <br />--<br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-47279220472908564062013-11-09T08:19:45.368+05:302013-11-09T08:19:45.368+05:30हाँ इस उलटे झाड़ का बीज ऊपर है स्व्यं परमात्मा है...हाँ इस उलटे झाड़ का बीज ऊपर है स्व्यं परमात्मा है। बहुत सुन्दर भावानुवाद सहज सुभाउ। <br /><br /><br />श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद <br /><br />Kashish - My Poetry पर Kailash Sharmavirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13079242312056516212013-11-09T08:12:26.142+05:302013-11-09T08:12:26.142+05:30हो गयी अन्धेर नगरी और चौपट राज है
लूटते आनन्द काने...हो गयी अन्धेर नगरी और चौपट राज है<br />लूटते आनन्द काने, विश्व के अनुभाग में<br /><br />वाह राजनीतिक व्यंग्य विडंबन भी। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-14534056190795615842013-11-09T08:08:48.393+05:302013-11-09T08:08:48.393+05:30बढ़ रहे हैं आज जंगल, कंकरीटों के यहाँ
खेत घटते जा ...बढ़ रहे हैं आज जंगल, कंकरीटों के यहाँ<br />खेत घटते जा रहे हैं, उर्वरा भूभाग में...<br /><br />पर्यावरण सचेत प्रस्तुति। <br /><br />--<br />"ग़ज़ल-खेत घटते जा रहे हैं"<br /><br />आम, जामुन, नीम सारे, जल गये हैं आग में<br />कुछ कँटीले पेड़ अब तो, रह गये हैं बाग में<br /><br />सुमन तो मुरझा गये, अब सिर्फ काँटे ही बचे,<br />प्रीत पहले सी नहीं, अब तो रही अनुराग में<br /><br />बढ़ रहे हैं आज जंगल, कंकरीटों के यहाँ<br />खेत घटते जा रहे हैं, उर्वरा भूभाग में...<br />उच्चारण<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-31939348257794774922013-11-09T07:58:00.290+05:302013-11-09T07:58:00.290+05:30राजीव भाई बेहद श्रम करके सजाई है आपने चर्चा। सेतु...राजीव भाई बेहद श्रम करके सजाई है आपने चर्चा। सेतुओं का रंग निराला है विविधता और नवीनता दोनों एक साथ। बधाई। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com