tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post5421996183347656606..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: बीबी मइके भेज, ढूँढ़ता नइकी कोयल-चर्चा मंच 1023अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger54125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-51684603347457381572012-10-06T13:24:32.143+05:302012-10-06T13:24:32.143+05:30आदरणीय रविकर सर आपको प्रणाम बेहद सुन्दर चर्चा है आ...आदरणीय रविकर सर आपको प्रणाम बेहद सुन्दर चर्चा है आज की , मेरी रचना को स्थान दिया हार्दिक आभार. अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20534931703243710372012-10-06T13:21:53.823+05:302012-10-06T13:21:53.823+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-13842561651585851072012-10-06T13:19:44.355+05:302012-10-06T13:19:44.355+05:30 शुक्रिया सुशिल सर शुक्रिया सुशिल सरअरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-28133917882773049392012-10-06T10:43:30.922+05:302012-10-06T10:43:30.922+05:30फ्राइडे छुट्टी थी ,इसलिए इस चर्चा में ना आ पाया.रव...फ्राइडे छुट्टी थी ,इसलिए इस चर्चा में ना आ पाया.रविकर जी की सुचना मिली थी,इसलिए आज मोहब्बत नामा की पोस्ट शामिल किये जाने के लिए शुक्रिया अदा करने आ पाया हूँ.इन दो दिनों में दोनों ब्लोग्स की पोस्ट्स शामिल किया जाना यक़ीनन मेरे लिए सम्मान की बात है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11687562436927833964noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18310686847342713372012-10-05T21:17:02.416+05:302012-10-05T21:17:02.416+05:30 एक बांध सब्र का ...
सदा
sada-srijan
सुंदर रचना... एक बांध सब्र का ...<br />सदा <br />sada-srijan<br /><br />सुंदर रचना !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8265754566364802392012-10-05T21:14:41.441+05:302012-10-05T21:14:41.441+05:30पागल आशिक हूँ मैं दिलजला दिल का
"अनंत" अ... पागल आशिक हूँ मैं दिलजला दिल का<br />"अनंत" अरुन शर्मा <br />दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की )<br /><br />आदमी फिर भी है भला दिल का :)सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-2394280222086380632012-10-05T21:11:51.203+05:302012-10-05T21:11:51.203+05:30"संगीत बदल जाते हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्... "संगीत बदल जाते हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')<br /> उच्चारण <br />खूबसूरत रचना !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-29759760120782145382012-10-05T21:09:16.295+05:302012-10-05T21:09:16.295+05:30मनु बिटिया : जन्म-दिवस की शुभकामनायें-
जन्मदिन पर ...मनु बिटिया : जन्म-दिवस की शुभकामनायें-<br />जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाऎं !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-59543834035640884992012-10-05T19:26:54.206+05:302012-10-05T19:26:54.206+05:30ताँका
1-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
ये तांका लिखने वालों...ताँका<br />1-डॉ ज्योत्स्ना शर्मा<br /><br />ये तांका लिखने वालों को पहले यह बतलाना चाहिए यह तांका है क्या ?तांका शब्द प्रयोग क्यों ?हम यह<br /><br /> बात पाठक के नाते जानना चाहते हैं .क्योंकि या तो वह तांका लिखकर अपने पास रख लेतीं जब<br /><br /> ब्लॉग पे डाल ही दिया है तो अब वह ब्लॉग की संपत्ति हो गई .<br /><br />क्या ये व्यक्ति प्रेम का टाँका है ?संबंधों का टाँका हैं ?या जोड़ना है टाँका लगाकर किसी चीज़ को किसी <br /><br />और चीज़ के साथ .<br /><br />किसी से टाँका लग गया या टाँका फिट हो गया भी शब्द प्रयोग है .<br /><br />हाइकु एक स्वीकृत छंद था .क्या यह उसी में टाँका लगाके आगे बढ़ाया गया है उसी का विस्तार है लेखिका <br /><br />कृपया यह बतलाएं .हमारी जिज्ञासा का शमन करे .<br /><br />वैसे भाव जगत बड़ा व्याकुल और विस्तृत है टांकों का (तांका का ).<br /><br />बधाई .<br /> त्रिवेणी<br />ताँका<br /> डॉ ज्योत्स्ना शर्मा<br />1<br />सुनो हो तुम<br />तुम से भिन्न मेरी<br />कहाँ व्याप्ति<br />जो तुम हो समय<br />संग मैं तुम्हारी गति<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-70895634047049398232012-10-05T18:46:28.894+05:302012-10-05T18:46:28.894+05:30बहुत बढ़िया लिंक सजाया है....सब पढ़ने की कोशिश क...बहुत बढ़िया लिंक सजाया है....सब पढ़ने की कोशिश कर रही हूं..मेरी कविता शामिल करने के लिए धन्यवादरश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-89291963342814330202012-10-05T16:33:27.598+05:302012-10-05T16:33:27.598+05:30हर उम्र में सबके लिए ज़रूरी है अच्छी नींद
Virendra...हर उम्र में सबके लिए ज़रूरी है अच्छी नींद<br />Virendra Kumar Sharma<br />ram ram bhai<br /><br />कैसे पता <br />चलता है<br />नींद जो <br />आई थी<br />सुंदर नींद थी<br />वो आती है<br />जिसके पास<br />वो तो सो <br />जाता है<br />फिर उसको<br />ये बात<br />कौन उठा के<br />बता पाता है?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-41987475462023800612012-10-05T16:31:49.121+05:302012-10-05T16:31:49.121+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48199569254552249082012-10-05T14:58:58.732+05:302012-10-05T14:58:58.732+05:30JEE BHAI JEE-JEE BHAI JEE-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78011929263689092172012-10-05T14:14:45.607+05:302012-10-05T14:14:45.607+05:30बहुत बढिया चर्चा
सभी लिंक एक से बढ़कर एक..
शालिनी...बहुत बढिया चर्चा<br />सभी लिंक एक से बढ़कर एक..<br /><br />शालिनी जी को पढ़ा, उनकी बात में वाकई दम है।<br />लेकिन कुछ लोग विरोध करेंगे, क्योंकि ज्ञान कम है।<br /><br />महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/18051207879771385090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5907275832585176862012-10-05T11:26:18.793+05:302012-10-05T11:26:18.793+05:30बेहतरीन प्रस्तुति।बेहतरीन प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-54925490536764295522012-10-05T11:04:22.976+05:302012-10-05T11:04:22.976+05:30badhiya charha hai kafi pathaniy link mile ...badhiya charha hai kafi pathaniy link mile ...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-59553062392152870172012-10-05T10:57:11.100+05:302012-10-05T10:57:11.100+05:30वाह रविकर जी बढ़ियावाह रविकर जी बढ़ियाKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-25437068810726651942012-10-05T10:27:08.175+05:302012-10-05T10:27:08.175+05:30बहुत अच्छे लिंक्स !बहुत अच्छे लिंक्स !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-65178926755030539492012-10-05T10:00:41.329+05:302012-10-05T10:00:41.329+05:30वीरू भाई पर..........
सोया घोड़े बेचकर ,जाग मुसाफि...वीरू भाई पर..........<br /><br />सोया घोड़े बेचकर ,जाग मुसाफिर जाग |<br />चुरा गठरिया हाय रे,चोर जाय ना भाग ||<br /><br />मेरी निद्रा तुझे मिले,ऐसा कर दे राम |<br />मैं जागूँ सो जाय तू , निपटें मेरे काम ||<br /><br />नींद न आये रात भर , लगा प्रेम का रोग |<br />दिल सचमुच खो जाय गर,छोड़ा ना हठयोग ||<br /><br />गीत गज़ल में नींद का,जैसा करें प्रयोग |<br />किंतु नींद भरपूर लें, और भगायें रोग ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-71959314094674986762012-10-05T09:55:34.417+05:302012-10-05T09:55:34.417+05:30 परिश्रम का सुखद परिणाम बहुत सुन्दर चर्चा बहुत बधा... परिश्रम का सुखद परिणाम बहुत सुन्दर चर्चा बहुत बधाई रविकर भाई Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-39645148446534520092012-10-05T09:21:45.879+05:302012-10-05T09:21:45.879+05:30 अरविन्द की पार्टी :क्या अलग है इसमें -कुछ नहीं
शा... अरविन्द की पार्टी :क्या अलग है इसमें -कुछ नहीं<br />शालिनी कौशिक<br />! कौशल ! <br /><br />राजनीति जब हम<br />घर में करते हैं<br />कार्यस्थल में<br />करते हैं <br />बाजार में करते हैं<br />अपनों से करते हैं<br />परायों से करते हैं<br />सबकुछ जायज <br />मानकर करते <br />चले जाते हैं<br />बस देश के <br />लिये राजनीति<br />की भाषा और<br />परिभाषा को <br />केवल क्यों अलग<br />बनाते हैं ?सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-25497400447409522382012-10-05T09:14:50.585+05:302012-10-05T09:14:50.585+05:30ओ अँधियारे के चाँद पर.............
पूनम-मावस दृष्...ओ अँधियारे के चाँद पर.............<br /><br />पूनम-मावस दृष्टि-भ्रम,धूप-छाँव का खेल |<br />चाँद कहे जीवन अरे! है सुख-दुख का मेल ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-45431224852336903262012-10-05T09:10:48.215+05:302012-10-05T09:10:48.215+05:30 ओ अंधियारे के चाँद
Madhushaalaa
सुंदर चाँद ... ओ अंधियारे के चाँद<br /> Madhushaalaa <br /><br />सुंदर चाँद <br />शर्मा गया होगा<br />कुछ भी नहीं <br />कह पाया होगा<br />कविता बस पढ़ <br />चला गया होगा !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-42129301980095096972012-10-05T09:07:11.876+05:302012-10-05T09:07:11.876+05:30 ओ भाव मेरे !
त्रिवेणी
ताँका
डॉ ज्योत्स्ना शर्मा ... ओ भाव मेरे !<br /> त्रिवेणी<br />ताँका<br />डॉ ज्योत्स्ना शर्मा <br />बहुत सुंदर !!<br />एक से बढ़कर एक !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-78080610348797119222012-10-05T09:03:58.743+05:302012-10-05T09:03:58.743+05:30 Roshi: नारी
Roshi
Roshi
बहुत सुंदर सच्चाई है
त... Roshi: नारी<br />Roshi <br />Roshi<br /><br />बहुत सुंदर सच्चाई है<br />त्याग की प्रतिमूर्ति है<br />पति बच्चों के मन में<br />सम्पूर्णता से समाई है<br />कह नहीं पायें भी हों <br />लेकिन हाव भाव से <br />ये बात बहुत बार <br />सबने मिलकर बताई है !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com