tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post5621674816164173851..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: "टूटे पत्तों- सी जिन्दगी की कड़ियाँ" (चर्चा मंच-1578)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48893245985182525512014-04-13T07:15:31.351+05:302014-04-13T07:15:31.351+05:30सुन्दर चर्चा।सुन्दर चर्चा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-68251872207144450492014-04-11T10:58:09.763+05:302014-04-11T10:58:09.763+05:30आभार आपकी सद्य टिप्पणियों का चर्चा मंच में हमें नि...आभार आपकी सद्य टिप्पणियों का चर्चा मंच में हमें निरंतर बनाये रहने का। भावपूर्ण काव्यात्मक पुष्पांजलि शब्दांजलि दी है आपने अलवेला को। <br />"सूखे हुए छुहारे, किसको लुभायेंगे अब" <br />स्व. अलबेला खत्री जी को श्रद्धाजलि<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-73585047904568684152014-04-11T10:54:00.192+05:302014-04-11T10:54:00.192+05:30लेफ्टीयों के रक्त रंगी हाथ आजकल बिलकुल खाली हैं ,
...लेफ्टीयों के रक्त रंगी हाथ आजकल बिलकुल खाली हैं ,<br /><br />चलो उनके हाथ कुछ तो आया। <br />--<br />विकास पुरुष का चेहरा <br />सुप्रीम कोर्ट की नजरों में <br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-7452679299138886262014-04-11T10:49:22.631+05:302014-04-11T10:49:22.631+05:30सुन्दर सशक्त भाव बोध प्रबंध की रचना
स्वागत है तु...सुन्दर सशक्त भाव बोध प्रबंध की रचना <br /><br />स्वागत है तुम्हारा ओ छद्मवेषधारियों <br />मर्मस्थान पर चोट करना मुझे भी आता है <br />मगर <br />नहीं करती पलटवार <br />क्योंकि जानती हूँ ये भी एक सत्य <br />कि <br />नकारात्मकता ही उत्तम सृजन की वाहक होती है <br />इसलिए <br /><br />स्वागत है तुम्हारा ओ छद्मवेषधारियों ....<br />ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-57270906275877694742014-04-11T10:39:36.219+05:302014-04-11T10:39:36.219+05:30"आगे शरीर का क्या होगा, यह तो भविष्य ही बताये..."आगे शरीर का क्या होगा, यह तो भविष्य ही बतायेगा, पर इस सम तापमान ने मन पर एक विशेष प्रभाव डाला है। मन कहीं अधिक संतुलित और सम हो गया, क्रोध कम हो गया। अब दृष्टिगत असहजता विकार नहीं लाती है अपितु समाधान ढूढ़ने में तत्पर हो जाती है।समत्वता आच्छादित है, स्थितिप्रज्ञता की छिटकी सुगन्ध दे गया बंगलुरू। "<br /><br />"वाहनों की गति पैदल के समकक्ष हो गयी, साथ ही वाहनों की अधिकता पैदल यात्रियों की संरक्षा को भयग्रस्त कर बैठी। बाधित यातायात ने औरों की तरह मुझे भी दो गुण सिखाये, धैर्य और अनुशासन। धैर्य इसलिये कि झल्लाने से वाहन उड़ने नहीं लगेगा, अनुशासन इसलिये कि वह तोड़ने से आर्थिक दण्ड और लम्बे जाम। पाँच वर्षों में तो विश्चय ही कुछ माह ट्रैफिक सिग्नल पर बिताये हैं मैंने, पर इन दो गुणों की महत्ता समझने के लिये वह तर्पण भी स्वीकार है जीवन को।"<br /><br />"जिस तरह धूप में रहने से उसके प्रति सहनशीलता विकसित हो जाती है, उसी प्रकार आधुनिकता के प्रति भी सहनशीलता विकसित हो गयी है। आधुनिक परिवेश देखकर अब मन भ्रमित नहीं होता है। जहाँ आधुनिकता के सकारात्मक पक्ष के उपयोग का महत्व और क्रियाविधि समझ आ गयी है, वहीं फ़ैशन आदि अन्य नकारात्मक पक्षों को महत्व न देना भी बंगलुरू से ही सीखा है।"<br /><br />बंगलुरु शहर एक रिपोर्ताज़ प्रवीण जी की ज़ुबानी बेंगलुरु का सच्चा रोज़नामचा रहा। चैन्नई प्रवास के दौरान हम भी छटे छमाही चलाए आते थे अपने एक मित्र के यहां डेरा डालने। हालाकि की नीयत अब भी मुंबई से भी आने की रहती है आये भी हैं एक आदि बार। पकड़ता है यह शहर कॉस्मोपोलिटन याद आता है यहां का जेकफ्रूट ठेलों मेलों में बिकता। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-76374211476049412432014-04-11T10:27:26.439+05:302014-04-11T10:27:26.439+05:30श्रद्धांजलि विनम्र !
सहमत जो भी आपने इस नेक पुरुष...श्रद्धांजलि विनम्र !<br /><br />सहमत जो भी आपने इस नेक पुरुष के विषय में लिखा है :<br /><br /><br />कल अचानक फेस बुक पर मिली खबर से दिल झन्न हो उठा कि हमारे प्यारे दुलारे नेक इंसान अलबेला जी हम सब को विलखता सोचता छोड़ इस नश्वर संसार से विदा हो गए कुछ दिनों से फेफड़ों में इंफेक्शन से परेशान थे और सूरत के नानपुरा स्थित महावीर कॉमा अस्प्ताल में कॉमा में अंतिम साँसे ले सब कुछ छोड़ चले !<br />अलबेला खत्री जी एक महान हास्य कलाकार थे जो करीब २६ वर्षों से ६००० मंचो पर भारत तथा भारत के बाहर मंचन कर चुके थे वे एक हास्य कलाकार के साथ , कविता लेखन , कहानी और लेख लेखन , अभिनय , गीतों की धुन बनाने में भी माहिर थे और अपने गीत गायन से मन जीत लेने वाले भी थे कोई अहं नहीं था एक सादगी भरे मिलनसार इंसान थे इन्हे टीपा और बागेश्वरी पुरस्कार भी मिल चुका है , इनकी रचनाओं का रसास्वादन इन के ब्लॉग पर भी लिया जा सकता है http://albelakhari.blogspot.in/<br /><br />आज के युग में किसी को हँसाना कितना कठिन कार्य है लेकिन वे ये दवा आजीवन बांटते रहे एक महान हास्य कलाकार जहां जिससे मिलते उसके दिल में घर कर लेते कुछ दिनों से जब से हम ओपन बुक्स आन लाईन मंच पर मिले बातें दिलों की सांझा होती रहीं बड़ा आनंद आता था एक अजब मिठास और अब यादें ही यादें सूनापन , एक रिक्त स्थान। . प्रभु उनकी आत्मा को शान्ति दे और उनके करीबी जन को ये दुःख सहने की शक्ति। .<br />भ्रमर ५<br /><br /><br />दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊंvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5906288389186517982014-04-11T10:23:41.411+05:302014-04-11T10:23:41.411+05:30हर शैर अपना अर्थ और भाव लिए मक्ते का विस्तार लिए ख...हर शैर अपना अर्थ और भाव लिए मक्ते का विस्तार लिए खूबसूरत ग़ज़ल कही है :<br /><br />मेरी साँसों में तुम बसी हो क्या<br />पूजता हूँ जिसे वही हो क्या <br /><br />थक गया, ढूंढता रहा तुमको <br />नम हुई आँख की नमी हो क्या<br /><br />धूप सी तुम खिली रही मन में<br />इश्क में मोम सी जली हो क्या<br /><br />राज दिल का,कहो, जरा खुलकर <br />मौन संवाद की धनी हो क्या<br /><br />आज खामोश हो गयी कितनी<br />मुझसे मिलकर भी अनमनी हो क्या<br /><br />लोग कहते है बंदगी मेरी <br />प्रेम ,पूजा,अदायगी हो क्या<br /><br />दर्द बहने लगा नदी बनकर<br />पार सागर बनी खड़ी हो क्या<br /><br />जिंदगी, जादुई इबारत हो<br />राग शब्दो भरी गनी हो क्या<br /><br />गंध बनकर सजा हुआ माथे<br />पाक चन्दन में भी ढली हो क्या <br />-------- शशि पुरवार<br /><br />चर्चा भी बेहतरीन सजाई है शास्त्रीजी ने ,बधाई सेतु संयोजन और समन्वयन के लिए। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-49466488754458906682014-04-10T23:18:37.742+05:302014-04-10T23:18:37.742+05:30bahut sundar charcha , sabhi link acche lage , mu...bahut sundar charcha , sabhi link acche lage , mujhse sthan dene hetu abhaar chacha ji shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-85751883757098346522014-04-10T22:15:24.536+05:302014-04-10T22:15:24.536+05:30बहुत बढ़िया चर्चा....सुंदर लिंक्स.....अलबेला जी ...बहुत बढ़िया चर्चा....सुंदर लिंक्स.....अलबेला जी को श्रद़धांजलि....आपकी रचना बहुत अच्छी लगी शास्त्री जी...मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार....रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48915252199938715512014-04-10T18:55:54.736+05:302014-04-10T18:55:54.736+05:30यादें बनी रहेंगी सदा सदा ....यादें बनी रहेंगी सदा सदा ....Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79733759986497549892014-04-10T18:54:52.595+05:302014-04-10T18:54:52.595+05:30आदरणीय शास्त्री जी बहुत ही बढ़िया चर्चा अच्छे लिंक्...आदरणीय शास्त्री जी बहुत ही बढ़िया चर्चा अच्छे लिंक्स ..प्यारे अलबेला जी की श्रद्धांजलि में लिखी आप की रचना मन को छू गयी ये नश्वर देह और मर्त्य संसार ..सब धरा का धरा रह जाना है कल ..मेरी रचना अलबेला जी को श्रद्धांजलि को भी आप ने स्थान दिया यादें बानी रहेंगी <br />भ्रमर ५ Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-81233811773337903492014-04-10T13:55:50.881+05:302014-04-10T13:55:50.881+05:30sarthak v sundar charcha .sarthak v sundar charcha .Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-31482963933307855302014-04-10T09:00:14.945+05:302014-04-10T09:00:14.945+05:30बढ़िया चर्चा सूत्र व प्रस्तुति बेहतर ,मेरे सूत्र क...बढ़िया चर्चा सूत्र व प्रस्तुति बेहतर ,मेरे सूत्र को स्थान देने हेतु आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !आशीष अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/05326902845770449131noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-8782718788698021782014-04-10T07:34:00.466+05:302014-04-10T07:34:00.466+05:30सुंदर चर्चा सुंदर सूत्रों के साथ। 'उलूक' क...सुंदर चर्चा सुंदर सूत्रों के साथ। 'उलूक' का सूत्र 'कभी किसी बेखुदी में ऐसा भी हो जाता है' को स्थान देने के लिये आभार ।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com