tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post5830453424604390199..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: “साधना शब्दों की” (चर्चा मंच-1017)अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger52125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-37139037754280378612012-09-30T10:31:36.200+05:302012-09-30T10:31:36.200+05:30बहुत ही सुन्दर चर्चा, सुन्दर सूत्रों से सजी।बहुत ही सुन्दर चर्चा, सुन्दर सूत्रों से सजी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69848581687123995162012-09-30T00:38:47.245+05:302012-09-30T00:38:47.245+05:30बहुत बढ़िया लिंक दिए गये
सभी रचनाएँ एक से बढ़ कर ...बहुत बढ़िया लिंक दिए गये <br />सभी रचनाएँ एक से बढ़ कर एक है <br />बाबाजी के बारे में जो भी मिला सही लगा <br />आदरणीय कोदूराम दलित जी के बारे में संकलन प्रस्तुत करने हेतु आभार <br />बहुत बढ़िया लगी <br />आदरणीय रविकर जी एवं अरुण जी की कुंडलियाँ<br />चर्चा को अलंकृत कर दिया आदरणीय वीरेंद्र शर्मा जी तथा आदरणीय सुशील जी <br />की चर्चा रोचक लगी <br />हार्दिक बधाई<br />UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-71751381381866691692012-09-30T00:33:31.295+05:302012-09-30T00:33:31.295+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20577537445076713602012-09-29T23:52:13.948+05:302012-09-29T23:52:13.948+05:30कृपया स्पैम बोक्स देखें !कमसे कम बारह टिपण्णी और म...कृपया स्पैम बोक्स देखें !कमसे कम बारह टिपण्णी और मिलेंगी .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18918434473449284322012-09-29T23:50:21.010+05:302012-09-29T23:50:21.010+05:30माधव भाई खुद से साक्षात्कार बढ़िया है .वर्तनी की अ...माधव भाई खुद से साक्षात्कार बढ़िया है .वर्तनी की अशुद्धियों को सुधारें .जहां बिंदी ज़रूरी हो लगाएं .<br /><br />अगस्त की बीमारी से माधव अब उबर चुके है(हैं )....."हैं " स्वास्थ्य दिन पर दिन ठीक हो रहा है , वजन भी बढ़ रहा है. कुल मिला जुलाकर सुखद सन्देश है . एक दिन माधव के स्कुल(स्कूल )...."स्कूल " गया था . इनकी दोनों मैडम अनुराधा मैडम और लीलू मैडम से मिला . माधव पर चर्चा की . सब ठीक ठाक है.<br /><br />कल मैंने माधव का इंटरव्यू किया , उसके कुछ अंश पेश है(हैं ).....हैं <br />१. सवाल - आपका नाम -<br /> माधव- माधव राय<br />२. सवाल -आप कहा (कहाँ )रहते है (हैं ) ........कहाँ ......हैं <br /> माधव - दिल्ली<br />३. सवाल - स्कुल का नाम<br /> माधव - मोंट फोर्ट सीनियर सेकेंदरी(सैकेंडरी ) स्कुल , अशोक विहार दिल्ली <br /><br /><br />४. सवाल - आप अपनी फैमिली के बारे के कुछ बताए(बताएं ).....बताएं <br /><br /> माधव - मेरी फैमिली मे(में ) मम्मी है(हैं ).......में .......हैं ,पापा है(हैं ).....हैं .बाकी मेरे दो भाई है राघव <br /> भैया और अनुष . दो दीदी है(हैं ) - वर्षा दीदी और ऋतू दीदी .बाकी <br /> <br /> लोग भी है जैसे बाबा , माई, बुआ , नाना ,नानी , मामा<br />५. सवाल - आपको मम्मी पापा के अलावा और किन लोगों से ज्यादा <br /> लगाव है.<br /> माधव - सभी से है पर खास लगाव है मामा से, अनुष से ,ऋतू दीदी से <br />६. सवाल - आपको खाने मे क्या पसंद है<br /> माधव- चावल दाल,मैगी <br />७.सवाल -आपका पसंदीदा फल<br /> माधव- केला<br />८. सवाल - पसंदीदा मिठाई<br /> माधव- लड्डू<br />९. सवाल - पसंदीदा रेस्तरां<br /> माधव - मैकडोनाल्ड<br />१०. सवाल - आपका पसदीदा घूमने की जगह<br /> माधव - दिल्ली मे (में )....में ....- इंडिया गेट , रेल म्यूजियम <br /> दिल्ली से बाहर -डलहौजी , जिम कार्बेट<br />११.सवाल - आपके कुछ शौक भी है(हैं ).... ?<br /> माधव - जी हाँ , मुझे स्विम्मिंग बहुत पसंद है .<br />१२.सवाल - आपको मम्मी ज्यादा प्यार करती है(हैं ) या पापा ?<br /> माधव- दोनों<br />१३. सवाल - पसंदीदा टी वी प्रोग्राम<br /> माधव - छोटा भीम <br />१४. सवाल - पसंदीदा खिलौना <br /> माधव - कोई भी ऑटोमोबाइल (जैसे कार जीप , बाइक)<br />१५. सवाल - फेवरेट फिल्म <br /> माधव - कार (CARS)virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-48061085034877296442012-09-29T19:48:47.144+05:302012-09-29T19:48:47.144+05:30बहुत खूबसूरत चर्चा बहुत खूबसूरत चर्चा Nirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-90244055076538151682012-09-29T18:46:15.593+05:302012-09-29T18:46:15.593+05:30आज का सूरज
अब कैसे खुल गये रास्ते कहने के
सुबह स...आज का सूरज<br /><br />अब कैसे खुल गये रास्ते कहने के <br />सुबह से बंद क्यों चल रहे थे?<br />गूगल गुगली कर रहा होगासुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-70164672845350785202012-09-29T18:41:25.302+05:302012-09-29T18:41:25.302+05:30 सीख रहा हूँ-
दुनिया के मसलों का
हिन्दुस्तानी हल... सीख रहा हूँ-<br /> दुनिया के मसलों का <br />हिन्दुस्तानी हल दो ।।<br /><br />फेल हो जाना है मतलब !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-77502135342150605172012-09-29T18:36:22.544+05:302012-09-29T18:36:22.544+05:30* चेहरा बदलना चाहिये *
कातिलों से डर कर न घर मे...* चेहरा बदलना चाहिये * <br /><br />कातिलों से डर कर न घर में छुपना चाहिये<br />बहुत सुंदर !<br /> <br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-50190526917284772362012-09-29T18:33:09.617+05:302012-09-29T18:33:09.617+05:30उत्पीडित नित हो रही,
शिष्टता और शालीनता सड़कों पर...उत्पीडित नित हो रही, <br />शिष्टता और शालीनता सड़कों पर, <br />नीलाम हो गए सदाचार,समादर,<br />भडुआ,गद्र्दार बाजारों में !........गद्दार /ग़दर -दार ?<br /><br />विश्व-बंधुत्व की लत लगी ऐसी,<br />सत्ता के इन रसूकदारों को, <br />सबल बना रहे स्विट्जरलैंड को, <br />स्वदेश खडा लाचारों में ! <br /><br />परचेत साहब बहुत मौजू रचना ,देश की अनदेखी परदेस के साथ वफादारी करने वालों पर कटाक्ष खुलकर अभिव्यक्त हुआ है रचना में .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16291649659637910302012-09-29T18:21:01.590+05:302012-09-29T18:21:01.590+05:30
इक अजीब सा इदराक लिए आँखों में -
वो तकता है मेरी...<br /><br />इक अजीब सा इदराक लिए आँखों में -<br />वो तकता है मेरी शख्सियत, <br />आईना कोई आदमक़द<br />कर जाए मजरूह <br />अन्दर तक, <br />उसकी <br />मासूम नज़र में हैं न जाने कैसी कशिश,<br />अपने आप उठ जाते हैं दुआओं के <br />लिए बंधे हाथ, कोई अमीक़<br />फ़लसफ़ा नहीं यहाँ पर,<br />उन नमनाक <br />आँखों में <br />अक्सर दिखाई देती है ज़िन्दगी अपनी, <br />चाह कर भी उसे नजरअंदाज़ <br />करना है मुश्किल, वो <br />अहसास जो <br />मुझे <br />ले जाती है बहोत(बहुत ) दूर, ईंट पत्थरों से बने...........बहुत <br />,,इबादतगाह हैं जहाँ, महज रस्म <br />अदायगी, मेरी मंज़िल में <br />बसते हैं सिर्फ़ वो <br />लोग, जिन्हें<br />मुहोब्बत ..........मोहब्बत <br />के सिवा कुछ भी मालूम नहीं, वो मासूम <br />चेहरे जो इंसानियत के अलावा कुछ <br />नहीं जानते - - <br /><br />बढ़िया काव्यात्मक प्रस्तुति अभिनव शिल्प लिए ........virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-61372236335456287942012-09-29T18:13:39.893+05:302012-09-29T18:13:39.893+05:30सब कुछ गूगलमय
प्रोफ़ेसरी अपनी जगै है और कविता अपन...सब कुछ गूगलमय<br /><br />प्रोफ़ेसरी अपनी जगै है और कविता अपनी जगै। कविता तो भई वई है जिसमे लय होय, तुक होय और देखने - पढ़ने में एक अच्छी - सी लुक होय। <br /><br />हिन्दी विभाग है तो ठीक है।<br />बाकी के प्रोफेसर कविता कैसे लिख रहे हैं?<br />आर टी आई लगानी पडे़गी अब तो !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10537759220531387732012-09-29T18:13:14.502+05:302012-09-29T18:13:14.502+05:30मैं सबसे प्रेम करता हूँ मुझे स्नेह भाता है
नहीं को...मैं सबसे प्रेम करता हूँ मुझे स्नेह भाता है<br />नहीं कोई मेरा दुश्मन सभी से अच्छा नाता है<br />सही हों पग सही हो पथ सही गन्तव्य सही जो जग<br />मैं इतना सोच सकता हूँ मुझे जीवन सुहाता है<br /><br />बहुत बढ़िया बहुत सशक्त सम्प्रेषण लिए है यह रचना .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-58756778662387393842012-09-29T16:30:59.085+05:302012-09-29T16:30:59.085+05:30अच्छे लिंक्स उत्कृष्ट प्रस्तुति ...आभार अच्छे लिंक्स उत्कृष्ट प्रस्तुति ...आभार सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-82592772708227143752012-09-29T13:09:39.702+05:302012-09-29T13:09:39.702+05:30सुंदर चर्चा.........
सुंदर चर्चा.........<br />दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18088853223290991302012-09-29T12:28:44.718+05:302012-09-29T12:28:44.718+05:30अच्छे लिंक्स
सुंदर चर्चाअच्छे लिंक्स <br />सुंदर चर्चामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-16508752918097901652012-09-29T10:53:31.069+05:302012-09-29T10:53:31.069+05:30उपयोगी लिंक्स .
उत्कृष्ट प्रस्तुति.
आभार .उपयोगी लिंक्स .<br /><br />उत्कृष्ट प्रस्तुति.<br /><br />आभार .DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-10963250008600492642012-09-29T10:50:37.416+05:302012-09-29T10:50:37.416+05:30बहुत बढ़िया सर। उम्मीद है आज रात तक आपके सुझाए सभी...बहुत बढ़िया सर। उम्मीद है आज रात तक आपके सुझाए सभी लिंक्स देख - पढ़ लूँगा। आपके और आपकी टीम के प्रति आभार, मेरी पोस्ट को यहाँ हिन्दी ब्लॉगिंग की बनती हुई दुनिया में सबके साथ साझा करने के लिए।siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-27097136159129530772012-09-29T09:49:48.131+05:302012-09-29T09:49:48.131+05:30बेहतरीन सूत्र बेहतरीन चर्चा खूब सज रहा है चर्चामंच...बेहतरीन सूत्र बेहतरीन चर्चा खूब सज रहा है चर्चामंच बधाई आपको Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-5490643048150808552012-09-29T09:46:07.206+05:302012-09-29T09:46:07.206+05:30बहुत सुंदर चर्चा के साथ सुंदर लिंक्स उपलब्ध कराये ...बहुत सुंदर चर्चा के साथ सुंदर लिंक्स उपलब्ध कराये गए |<br />मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार |<br />-प्रदीप कुमार साहनीकाव्य संसारhttps://www.blogger.com/profile/01544084782046012575noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-24011062290110938032012-09-29T09:35:54.014+05:302012-09-29T09:35:54.014+05:30इस चर्चा के लिए आभार शास्त्री जी !इस चर्चा के लिए आभार शास्त्री जी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-47083192737485522052012-09-29T09:31:51.074+05:302012-09-29T09:31:51.074+05:30निगम जी संगीत में भी लोक संगीत पहले आया है शास्त्र...निगम जी संगीत में भी लोक संगीत पहले आया है शास्त्र बद्ध बाद में हुआ है .संत कवि सारे जन कवि ही तो थे लोक के जन जन के कवि थे .फनेश्वर नाथ रेणु लिखे "मैला अंचल "और रहे सजे धजे .<br /><br />दलित जी की रचनाएं आपके ब्लॉग पे जब तक पढ़ें को मिल जातीं हैं .बढ़िया पोस्ट लगाईं है लोक साहित्य की छींट लिए. <br /><br />रेणु’ से ‘दलित’ तक<br /><br />-पं. दानेश्वर शर्माएक था ‘रेणु’ और दूसरा था ‘दलित’ | दोनों का सम्बंध जमीन से था | रेणु का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले के औराही हिम्गना गाँव में हुआ | दलित का जन्म छत्तीसगढ़ के अर्जुंदा टिकरी गाँव में हुआ | दोनों ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े…virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18695795186426940182012-09-29T09:31:23.356+05:302012-09-29T09:31:23.356+05:30कलम विरासत में मिली , हुई जिंदगी धन्य
और भला क्या ...कलम विरासत में मिली , हुई जिंदगी धन्य<br />और भला क्या चाहिये , तन मन है चैतन्य<br />तन मन है चैतन्य , करूँ नित साहित सेवा<br />भाव श्वाँस बन जाय,मिले नित शब्द-कलेवा<br />रहे आखरी साँस तलक , लिखने की आदत<br />गर्व स्वयं पर करूँ ,मिली है कलम विरासत ||अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-84569064536704994682012-09-29T09:25:23.507+05:302012-09-29T09:25:23.507+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69109043555511596222012-09-29T09:14:40.680+05:302012-09-29T09:14:40.680+05:30डॉ राजेन्द्र तेला "निरंतर" जी -
यूँ ही...डॉ राजेन्द्र तेला "निरंतर" जी -<br /><br /><br />यूँ ही मिल गया कोई<br />चलते चलते<br />दिल में चिराग लिए<br />देखा जो अन्धेरा उसने<br />दिल में मेरे<br />चिराग मुझे थमा दिया<br />हो गया मैं भी रोशन<br />उसके इस कारनामे से<br />खुश हो कर<br />जब पूछा मैंने उससे<br />तुम्हारे दिल का क्या होगा<br />बड़ी शिद्दत से वो<br />कहने लगे<br />जिसको चिराग <br />समझा तुमने<br />वो चिराग नहीं<br />मोहब्बत है मेरी<br />जब तक जलती रहेगी<br />शमा मोहब्बत की दिल में<br />तुम्हारे<br />यूँ ही रोशन करती<br />रहेगी<br />ज़िन्दगी तुम्हारी-रचना अच्छी लाये हो लेकिन घर के घर में ही रहते हो ,घर से बाहर भी निकला कीजिए .एक शैर आपकी खिदमत में -<br /><br />कुछ लोग इस तरह जिंदगानी के सफर में हैं ,<br /><br />दिन रात चल रहें हैं ,मगर घर के घर में हैं .इतना बढ़िया लिख रहें हैं लेकिन एक एक दो दो टिपण्णी लिए बैठें हैं आप जैसे कई लोग और .जानतें हैं क्यों .आप घर से बाहर नहीं निकलते .किसी और के ब्लॉग पे भी दस्तक दीजिए .ये अपना ही दुनिया है अपने ही लोग हैं .<br /><br />ब्लॉग जगत में शब्द कृपणता ठीक नहीं .<br /><br />खुले मन से होता है यहाँ सबका स्वागत ,<br /><br />ये अपनों की दुनिया है ,ब्लोगिंग की दुनिया .<br /><br />यहाँ कोई अपना है ,न कोई पराया ,<br /><br />ये सपनों की दुनिया है ,परिंदों की दुनिया .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com