tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post8264889054451361013..comments2024-03-27T10:08:49.186+05:30Comments on चर्चामंच: शब्द-सृजन-19 'मुखौटा'(चर्चा अंक-3690) अमर भारती शास्त्रीhttp://www.blogger.com/profile/10791859282057681154noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-64727171400550592452020-05-05T23:29:10.128+05:302020-05-05T23:29:10.128+05:30मुखौटे पर बहुत शानदार भूमिका शानदार प्रस्तुति।
सभी...मुखौटे पर बहुत शानदार भूमिका शानदार प्रस्तुति।<br />सभी रचनाएं बहुत ही आकर्षक ,हृदय स्पर्शी।<br />सभी रचनाकारों को बधाई।<br />मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20693619159663026342020-05-04T14:25:01.927+05:302020-05-04T14:25:01.927+05:30बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने क...बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-75417440903308288692020-05-04T07:27:40.266+05:302020-05-04T07:27:40.266+05:30शब्द-सृजन की अत्यंत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति अनी...शब्द-सृजन की अत्यंत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति अनीता जी ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-18917742538538567762020-05-03T19:04:09.411+05:302020-05-03T19:04:09.411+05:30आज के समाज के बाशिंदों के असली चेहरों पर लगे छद्म ...आज के समाज के बाशिंदों के असली चेहरों पर लगे छद्म मुखौटों की पड़ताल करती सुन्दर प्रस्तुति ! मेरी दोनों रचनाओं को आज के अंक में स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-15983883535606086912020-05-03T14:40:33.089+05:302020-05-03T14:40:33.089+05:30मनभावन चर्चा प्रस्तुति, मुखौटे के कई रुप दर्शित हु...मनभावन चर्चा प्रस्तुति, मुखौटे के कई रुप दर्शित हुयेBharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-69352484187038756772020-05-03T14:21:17.532+05:302020-05-03T14:21:17.532+05:30शब्द-सृजन के विषय 'मुखौटा' पर बहुत सुंदर स...शब्द-सृजन के विषय 'मुखौटा' पर बहुत सुंदर सृजन हुआ जिसमें विभिन्न दृष्टिकोण उभरे हैं विचार-मंथन के लिए।मुखौटे के महत्त्व को स्पष्ट करती प्रभावी भूमिका। <br /><br />सभी सहभागी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ। <br /><br />मेरी रचना सम्मिलित करने हेतु बहुत-बहुत आभार अनीता जी। <br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-52518152135286747202020-05-03T12:52:31.929+05:302020-05-03T12:52:31.929+05:30" मुखौटे " को परिभाषित करता बेहतरीन भूमि..." मुखौटे " को परिभाषित करता बेहतरीन भूमिका के साथ शब्द -सृजन का सुंदर अंक ,सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार अनीता जी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-17100312735822223712020-05-03T10:50:15.470+05:302020-05-03T10:50:15.470+05:30अब तो कई मुखौटे वाले अपनी असली सूरत भी भूल जाते है...अब तो कई मुखौटे वाले अपनी असली सूरत भी भूल जाते है, नशा होता है मुखौटे का भी<br />बहुत अच्छी प्रस्तुतिकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-79923056066594619752020-05-03T10:05:13.926+05:302020-05-03T10:05:13.926+05:30आज एक-एक चेहरा कई-कई मुखौटे रखने लगा है आज एक-एक चेहरा कई-कई मुखौटे रखने लगा है गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-70256746596850255582020-05-03T09:56:09.094+05:302020-05-03T09:56:09.094+05:30शब्द सृजन-19 के अंक में मुखौटा पर पठनीय लिंकों के ...शब्द सृजन-19 के अंक में मुखौटा पर पठनीय लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।<br />आपका आभार अनीता सैनी जी।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5137307154008006972.post-20091762371350791982020-05-03T05:41:05.347+05:302020-05-03T05:41:05.347+05:30मुखौटे के प्रति मेरा आकर्षण ' मेरा नाम जोकर...<br /> मुखौटे के प्रति मेरा आकर्षण ' मेरा नाम जोकर' के पात्र राजू से हुआ । अपने दर्द को छिपाकर रंगमंच पर औरों के मनोरंजन के लिए मुस्कुराना कोई बुरी बात नहीं। लेकिन, इस सभ्य समाज में ऐसे तथाकथित जेंटलमैन हैं जो अपने मनोरंजन के लिए औरों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहते हैं। उनका यह बनावटी चेहरा समाज के विकास के लिए अत्यंत घातक होता है। परंतु यह तय है कि एक न एक दिन ऐसे लोग बेनक़ाब होंगे और मुखौटे के हटते ही उनका सच हर कोई जान लेगा।<br /> शब्द अधारित सुंदर चर्चा युक्त भूमिका और प्रस्तुति । मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका अत्यंत आभार। प्रणाम। <br />व्याकुल पथिकhttps://www.blogger.com/profile/16185111518269961224noreply@blogger.com