चर्चामंच

मंगलवार, अक्टूबर 25, 2022

"जल गई दीपों की अवली" (चर्चा अंक-4591)

 मित्रों!

मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।

हमारे चर्चा के सहयोगी

शायद दीपावली में व्यस्त होंगे।

इसलिए आज कुछ लिंक मैं प्रस्तुत कर रहा हूँ।

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जल गई दीपों की अवली  सज गई है द्वार और देहली शक्ति का संचार कर गई दीपमालिका मंगल कर गई उर मधुर स्पर्श कर गई 

BHARTI DAS 

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दोहे 

"अन्नकूट त्यौहार" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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आया गोवर्धन दिवस, अन्नकूट त्यौहार।

गौ पालन कर कीजिए, अपने पर उपकार।।

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गोवर्धन का पर्व ये, देता है सन्देश।

गोबर के उपयोग से, पावन हो परिवेश।।

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कुछ मुक्तक दीपावली पर  पर्व दीपावली का मनाते चलें प्यार सबके दिलों में जगाते चलें ये अँधेरे हैं इतने घने भी नहीं हौसलों से दि्ये हम जलाते चलें 

आपका ब्लॉग आनन्द पाठक

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बिरला गान 

समय ने सफ़ाई से छला उसे 

उस सरल-हृदय ने मान लिया 

कि गृहस्थ औरतों का क़लम से

दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं। 

गूँगी गुड़िया 

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दीपावली की रौनक़ क्या कहिये ! 

बाज़ारों की रौनक़ क्या कहिये ! 
काफ़िले रोशनी के क्या कहिये! 
खुशियों की दस्तक क्या कहिये! 
खुशहाली की मन्नत क्या कहिये ! 

नमस्ते namaste 

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मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ अर्चना गुप्ता का गीत रात सुहानी दीवाली की आई है..

साहित्यिक मुरादाबाद 

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दीपावली 

आज लक्ष्मी पूजन है
आपके घर में भी एक स्त्री है 
जो प्रतीक है हर देवी का
पिछले पंद्रह दिनों से
आपके घर को झाड़पौछकर 
रसोई में आपके पसंदीदा व्यंजन बनाकर
वो भी कर रही है तैयारी 

मेरे मन का एक कोना 

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मां लक्ष्मी का ऐसा आशीर्वाद हुआ । 

#अन्धकार सब समाप्त हुआ ,

सब दुखों का नाश हुआ ,

सुख समृद्धि का वास हुआ ,

मां #लक्ष्मी का ऐसा #आशीर्वाद हुआ। 

मेरी अभिVयक्ति 

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अतः शीघ्रता कर 

रात भर, अंधियारों से लड़कर,
जरा सा, थक चला!
शीघ्रता कर, इक दीप और जला!

कविता "जीवन कलश" 

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दीवाली दोहा दीवाली की रौनकें, दिल  में  भरतीं प्यार। खुशियाँ हैं धनवान घर, निर्धन हैं लाचार। -आकिब जावेद

आवाज सुख़न ए अदब 

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दीपावली पूजन - 

आज रात गहन अन्धकार अमावस का

घर घर दीप जले देहरी रौशन करने को

लक्ष्मी देवी के पूजन करने को

घर का कौना कौना चमकाने को | 

Akanksha -asha.blog spot.com 

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अंग्रेजी साहित्य के लिए दिए जाने वाले जे सी बी प्राइज़ फॉर लिटरेचर की शॉर्ट लिस्ट हुई जारी 

वर्ष  2022 के जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटेरेचर (JCB Prize for Literature) की शॉर्ट लिस्ट अक्टूबर 21, 2022 को जारी कर दी गयी। शॉर्ट लिस्ट में आने वाली रचनाओं के नाम जे सी बी प्राइज़ फॉर लिटरेचर की साहित्यिक निदेशिका मीता कपूर (Mita Kapur) द्वारा घोषित किये गए जिसे जे सी बी प्राइज़ फॉर लिटरेचर के ट्विटर पर साझा किया गया था। 

एक बुक जर्नल 

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गीत "होली, ईद-दिवाली में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

16 अक्तूबर, 2016 को
निम्न गीत लिखा था,
परन्तु इस गीत की कुछ पंक्तियों में
थोड़ा बदलाव करके
बहुत से लोगों ने इस गीत को
अपने नाम से यू-ट्यूब पर
लगा दिया है।
देश के धन को देश में रखना,
बहा न देना नाली में।
मिट्टी के ही दिये जलाना,

अबकी बार दिवाली में।।
--

गीत "नीड़ को नन्हें दियों से जगमगायें" 

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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रोशनी का पर्व है, दीपक जलायें।

नीड़ को नन्हें दियों से जगमगायें।।

--

बातियाँ नन्हें दियों की कह रहीं,

वेदना का ताप हँसकर सह रहीं,

तम मिटाकर, हम उजाले को बुलायें।

नीड़ को नन्हें दियों से जगमगायें।।

--

आज के लिए बस इतना ही!

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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' पर अक्टूबर 25, 2022
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3 टिप्‍पणियां:

  1. एक बुक जर्नल25 अक्टूबर 2022 को 10:07 am बजे

    रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा। हमारी पोस्ट को चर्चालिंक में स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
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  2. दीपक कुमार भानरे25 अक्टूबर 2022 को 11:04 pm बजे

    आदरणीय शास्त्री सर मेरी इस प्रविष्टि् "मां लक्ष्मी का ऐसा हुआ आशीर्वाद " के लिंक की चर्चा आज के इस अंक में शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद ।
    सभी संकलित रचनाएं बहुत उम्दा है , सभी आदरणीय को बधाइयां एवं दीपावली की अनेकों शुभकामनाएं । सादर ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
      जवाब दें
  3. Akib javed 26 अक्टूबर 2022 को 10:37 am बजे

    हमारी पोस्ट को चर्चालिंक में स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
      जवाब दें
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