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गुरुवार, जून 15, 2023

'चार दिनों के बाद ही, अलग हो गये द्वार' (चर्चा अंक 4668)

 शीर्षक पंक्ति:आदरणीय डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक' जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। पढ़िए कुछ पसंदीदा रचनाएँ-

दोहे "मुखिया का अधिकार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

मतलब के सम्बन्ध हैं, झूठे माया-मोह।
लालच के कारण उगी, मन में ऊहापोह।।
--
सूख गया दिल का कुआँ, नहीं रहा अब प्यार।
चार दिनों के बाद ही, अलग हो गये द्वार।।

*****

सालगिरह

अब ढोलक की बारी  आई

गीत हुए महिलाओं के मन में सोचे गीत गाए

हवा में उड़ जाने का बहाना लिया

हुआ समापन सालगिरह का।

*****

समर कैम्प

"यह तो झोके हैं पवन के

हैं यह घुंघरू जीवन के

यह तो सुर है चमन के

खो न जाऐ

तारे ज़मीन पर

*****

७१८. तुम्हारा घुलना

अच्छा नहीं लगा देखकर,

तुम घुली रहा करो मुझमें,

चाहे सुबह हो या शाम,

दिन हो या रात.

*****

मन पाए विश्राम जहाँ


एक दिन वह वृक्ष होगा 

आस्था के पुष्प धारे, 

दे सहारा  पंछियों को

रात-दिन जो गीत गायें !

*****

बन जाओ फिर काले बादल

झुलस गये पेङ पौधे

गर्म हवाओं से

ठूठ रहा खङा निहारता

जीने की आस लिए

बरस जाओ फिर इक.बार

भर कर गहरे रंग

बन जाओ फिर काले बादल

*****

अहं अनन्तं स्वप्नं पश्यामि - -

पुनर्जीवित हों सभी सुप्त

इच्छाएं जागृत हों स्वप्न

जो नदी तट ने ग्रास

किए श्रावणी

अझर वृष्टि

पूर्व,

*****

शान्ति निकेतन, सोनाझुरी- हाट और बाउल_गीत

बाउल के दो वर्ग हैं: तपस्वी बाउल जो पारिवारिक जीवन को अस्वीकार करते हैं और बाउल जो अपने परिवारों के साथ रहते हैं। तपस्वी बाउल पारिवारिक जीवन और समाज का त्याग करते हैं और भिक्षा पर जीवित रहते हैं। उनका कोई पक्का ठिकाना नहीं है, वे एक अखाड़े से दूसरे अखाड़े में चले जाते हैं ।
*****

यामिनी


जो सत्य की पहली किरण को

अपना सर्वस्व समर्पित करने हेतु

रात भर अंधकार से जूझती है।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

6 टिप्‍पणियां:

  1. उपयोगी लिंकों के साथ सुन्दर प्रस्तुति।
    आपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात !

    एक-एक कर सभी लिंक्स पर चक्कर लगाया,
    कहीं मुस्कान तो कहीं गंभीरता ने दिल को लुभाया,

    आभार 'मन पाये विश्राम जहां' को भी आज के इस शानदार अंक में शामिल करने के लिए रवींद्र जी !

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्‍छी चर्चा प्रस्‍तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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