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शुक्रवार, सितंबर 30, 2016

"उत्तराखण्ड की महिमा" (चर्चा अंक-2481)

मित्रों 
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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एक गीत - 

यह ऋषियों की भूमि - 

तपोभूमि उत्तराखण्ड की महिमा पर 

यह ऋषियों की भूमि यहाँ की कथा निराली है | 
गंगा की जलधार यहाँ सोने की प्याली है | 
हरिद्वार ,कनखल ,बद्री केदार यहीं मिलते , 
फूलों की घाटी में मोहक फूल यहीं खिलते , 
नीलकंठ पर्वत की कैसी छवि सोनाली है... 
जयकृष्ण राय तुषार 
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"मेरे मंजुल भाव" 

मेरी श्रीमती का जन्मदिन 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

मंजुल माला के लिए, लाया सुमन समेट।
श्रीमती का जन्मदिन, दूँगा उनको भेंट।।
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यज्ञ-हवन करके करूँ, विधना से फरियाद।
सजनी के संसार में, कभी न हो अवसाद।।
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उपवन में मंगल रहे, खिलें खुशी के फूल।
ग्रह और नक्षत्र सब, रहें सदा अनुकूल।।
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उम्र हुई है आपकी, पूरे बासठ साल।
लेकिन अब भी मोरनी, जैसी ही है चाल।।
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जितना दाता ने दिया, करो उसे उपभोग।
जब तक है यह जिन्दगी, तब तक रहो निरोग।।
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भरे हुए हैं हृदय में, मेरे मंजुल भाव।
अन्त समय तक भी रहे, सखाभाव-समभाव।।
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साधारण आहार से, सभी लोग हैं पुष्ट।
अपनी चादर में हुए, परिवारी सन्तुष्ट।।
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बेटे भी शालीन हैं, बहुएँ मिलीं कुलीन।
किलकारी की गूँज में, रहते हम तल्लीन।। 
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परजीवी 

इस जिन्दगी का लाभ क्या
जो भार हुई स्वयं के लिए
हद यदि पार न की होती
भार जिन्दगी न होती... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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श्रद्धा से करते श्राद्ध हम 

आते है याद बहुत 
नमन करते हम उन्हें 
छोड़ कर जो चले गए दूर 
हमसे सदा सदा के लिए 
थे जो कभी हमारे अपने ..  
Ocean of Bliss पर 
Rekha Joshi 
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लिखा है मैंने एक आखिरी प्रेम गीत... 

ज़िन्दगी की रात में लिखा है मैंने , 
एक आखिरी प्रेम गीत। 
अगर सुनाई दे तुम्हें ,  
तो सुन लेना... 
नयी उड़ान + पर Upasna Siag 
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सुमित जी की पुत्री अदिति के जन्मदिन पर 
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... चरित्र-नाशिनी इंजेक्शन लगवा लिया। अब लड़के वालों की स्थिति उस डॉक्टर जैसी हो गयी है जो उस लड़की को तलाश रहे हैं जिसने इंजेक्शन नहीं लगवाया हो। सारे ही होटल और क्लबों के रजिस्टर चेक किये जा रहे हैं लेकिन सफलता हाथ नहीं आ रही। सोचो ऐसा हो जाएगा तो क्या होगा? जो समाज केवल लड़की के चरित्र को देखता है और लड़के को पवित्र मानता है, ऐसे समाज में तेजी से परिवर्तन आ रहा है, इसलिये चरित्र की ऐसी दोहरी व्याख्या करना बन्द कीजिये नहीं तो परिणाम घातक होंगे। 
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भारत ने 10 मिनट में पाकिस्तान को धोया  

 भारत  की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अंतरराष्ट्रीय मंच से मात्र 10 मिनट में पाकिस्तान को दुनिया के सामने एक बार फिर बेनकाब कर दिया। अपने उद्बोधन में श्रीमती स्वराज ने बड़ी स्पष्टता के साथ पाकिस्तान और भारत में अंतर स्थापित कर दिया। उनके भाषण की खासियत रही कि उन्होंने पहले भारत के वर्तमान और भविष्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। सबको बताया कि भारत किस प्रकार विश्व कल्याण के मार्ग पर अग्रसर है। उसके बाद उन्होंने बताया कि विश्व शांति में एक देश (पाकिस्तान) किस प्रकार खतरनाक सिद्ध हो रहा है। यह देश आतंक ही बोता है, आतंक ही उगाता है और आतंक ही बेचता है। आतंक को पालना इसका शौक हो गया है। भारत के साथ ही पेरिस, न्यूयोर्क, ढाका, इंस्ताबुल, ब्रूसेल और काबुल में हुए आतंकी धमाकों जिक्र करके विदेश मंत्री ने दुनिया को बताने की कोशिश की कि पाकिस्तान सिर्फ भारत के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि पाकिस्तान में पैदा हो रहा आतंकवाद दुनिया को बर्बाद कर देगा... 
अपना पंचू 
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गीत  

"रास्तों को नापकर बढ़े चलो-बढ़े चलो"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

कारवाँ गुजर रहारास्तों को नापकर।
मंजिलें बुला रहींबढ़े चलो-बढ़े चलो!
है कठिन बहुत डगरचलना देख-भालकर,
धूप चिलचिला रहीबढ़े चलो-बढ़े चलो!!

दलदलों में धँस न जाना, रास्ते सपाट हैं
ज़लज़लों में फँस न जाना, आँधियाँ विराट हैं,
रेत के समन्दरों कोकुशलता से पार कर,
धूप चिलचिला रहीबढ़े चलो-बढ़े चलो... 

गुरुवार, सितंबर 29, 2016

चर्चा - 2480

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 
भगतसिंह के समर्थक भी शायद भगतसिंह को नहीं समझ पाये | ज्यादातर लोगों के लिए भगतसिंह और सुभाषचन्द्र गाँधी के खिलाफ बोलने के लिए हथियार मात्र हैं | अगर गांधी अहिंसावादी थे तो भगतसिंह भी अहिंसा को मानते होंगे तभी उन्होंने असेम्बली में नकली बम्ब फैंका लेकिन लोगों के लिए आज उनके विचारों से महत्त्वपूर्ण उनकी पगड़ी और उनकी पिस्तौल है | भगतसिंह जैसे महान व्यक्तित्व को समझने के लिए उनके पिस्तौल को प्रे रखकर उनके विचारों को समझना, अपनाना होगा यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है |
धन्यवाद 

बुधवार, सितंबर 28, 2016

तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले: चर्चा मंच 2479


तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले 

रविकर 
जब धाक धाकड़ आदमी छल से जमाना सीख ले |
सारा जमाना नाम धन-दौलत कमाना सीख ले |
ईमान रिश्ते दीन दुख जब बेंच खाना सीख ले |
तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले || 

खाया-पिया कुछ नहीं……..  

गिलास तोडा बारह-आना 

haresh Kumar 

मुस्लिम महिलाओं को भी मिले 

तीन तलाक का अधिकार 

Shalini Kaushik 

छत्तीसगढ़ की ब्रांड एम्बेसडर 

पंडवानी गायिका तीजनबाई - 

विनोद साव 

विनोद साव 

पटरि‍यों सी जिंदगी 

रश्मि शर्मा 

संवेदनहीनता की इन्तहां 

Veena Sethi 

कबीरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीर , 

पाछै लागै हरि फिरै ,कहत कबीर कबीर। 

Virendra Kumar Sharma 

दोहे 

"निज पुरुखों को याद" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक