सुधि पाठकों!
बुधवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
बालकविता
"चिड़ियारानी मुझको रोज जगाती हो"
( डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjIflr60HYnNtxJ5NMjgx-2xEOu5KZjSWZGQwBf_7N4wB9rDRdHGlmaMYNwV49KPnSUqHCnEt8pjIw2oFZOi5UeMTmoQQX485M5hytxgQhyphenhyphent1RAHhkBTof8EF4UlWMj0_bvfekXrdNIXn5-/s640/-%25291.jpg)
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दोहे
"ओवरलोडिंग"
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
गाड़ी में भरना नहीं ,कभी अधिकतम भार ।
मोबाइल से मत कभी, चालक करना प्यार...
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ओ हेलो !!! . .
मी टू पर एक नज़्म
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgAoXV2vAr2xqVZhZrCcerf1zcvGczVxm1EkiKLoIwKL8j9xawQNZ7bqrKsqu3XOhGbaYNI8Odgs027OudQ16VoMxCa_isDhnZUa1r42leUANtVm_UjQR1tiL9C-6cBpatg0ECFB8THJSw/s320/17-01-11-11-17-48-863_deco.jpg)
लड़कों से" ओ हैलो!!!
लड़की अगर हंस के बोल दी
तो क्या समझते हो
तुम्हारे जाल में फंस गयी ??
पहले डिनर फिर पिक्चर
और फिर.....
क्या समझते क्या हो
तुम अपने आपको...
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कुछ अनकही
कुछ मुलाकातों का सिलसिला चला
कुछ बातों का सिलसिला चला
कुछ कदम हम साथ चले
संग कुछ मीठे एहसास चले...
anuradha chauhan at
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मीठा खट्टा
एक मच्छर दूसरा तिलचट्टा है,
एक सिल है तो दूसरा बट्टा है...
एक सिल है तो दूसरा बट्टा है...
मेरी दुनिया पर
Vimal Shukla
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अपना हिसाब फरेबी लिखते हैं
ये वो लोग हैं जो बाजार खरीदते हैं।
ना कभी हारते हैं ना कभी जीतते हैं...
अन्तर्गगन पर
धीरेन्द्र अस्थाना
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मिली है ज़िन्दगी तुझको....
कुँवर बेचैन
ये लफ़्ज़ आईने हैं मत इन्हें उछाल के चल,
अदब की राह मिली है तो देखभाल के चल ।
कहे जो तुझसे उसे सुन, अमल भी कर उस पर,
ग़ज़ल की बात है उसको न ऐसे टाल के चल...
अदब की राह मिली है तो देखभाल के चल ।
कहे जो तुझसे उसे सुन, अमल भी कर उस पर,
ग़ज़ल की बात है उसको न ऐसे टाल के चल...
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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मृत्यु से बड़ी शांति कभी नही
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhyW-bZmvpoTfwZUiUNIXQP6NYYFPo_1Ml93_EgpUZSZSeZ__PHXSRAyPPTNvff4coYO9Pn9mG4Z06jz7pTQlizZkN54_umkZUIaS3QIHAIbmtr0F7HbCAXlZQhj9nZ8zykJMHk3Mm8szE-/s320/FB_IMG_1540788024757.jpg)
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चाँद पर दाग
सब कहते चाँद में है दाग
पर मेरा सोच ऐसा नहीं
चंद्रमा पर छाया आ जाती है
वही नजर आती है जब तब
कभी सोचती हूँ लगा है काजल का
टीका है माथे पर नजर न लग जाए
माँ ने अपने बेटे को सजाया है
सुन्दरता पर नजर न टिक पाए
तभी काला दाग लगाया है |
पर मेरा सोच ऐसा नहीं
चंद्रमा पर छाया आ जाती है
वही नजर आती है जब तब
कभी सोचती हूँ लगा है काजल का
टीका है माथे पर नजर न लग जाए
माँ ने अपने बेटे को सजाया है
सुन्दरता पर नजर न टिक पाए
तभी काला दाग लगाया है |
Akanksha पर
Asha Saxena
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मंदिर तो आज बना लें
पर दंगों से डर लगता है
सरोकारनामा पर
Dayanand Pandey
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