शुभम दोस्तो
सितम्बर महीने की
आखिरी गुज़ारिश
आज के चर्चामंच 1384 पर
'' गुज़ारिश खाटू श्याम से ''
लेकर आई हूँ
मैं
सरिता भाटिया
आइये बढिए चर्चा की तरफ
पार्टी की थूक
टीस
![](http://4.bp.blogspot.com/-3_efXr2IHTM/Uka8Kahd0pI/AAAAAAAAG_M/rJXEiMezIMw/s1600/index.jpg)
बिना किरण
दर्पण काला काला क्यों?
दिल के जज्बात
काठमांडू की ओर
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धूम्रपान की लत
मर्ज जो अच्छा नहीं होता
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छोटी सी जिंदगी
झरने लगे हैं पुष्प हर श्रृंगार के
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महीने के दिन
नरेंद्र मोदी का भाषण
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भविष्य का बचपन
खंडित साँसें
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सुबह के लोग
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
शुभविदा
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"मयंक का कोना"
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मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक
बुरा नहीं समझा जाता है
समय के साथ बहुत सी आदतें
आदमी की बदलती चली जाती हैं
सड़क पर चलते चलते
किसी जमाने में गर्दन
पीछे को बहुत बार अपने आप मुड़ जाती है ...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
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मेरे सीने पे अलाव ही लगाकर देखो...अहमद नदीम क़ासमी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi955npigBAo0tXxZf1idcCo-xy8EibrDeQ-lLdNX8eqBCFy1YR520mL0AnYxOnPzy12JkPMacIHO3NpM9vOd-cR_y-BiT0DrpxRcyD0yht1eZT6BiO5Mz44Ix_E_2vU3XuNNW6QZKnEz4/s320/%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%A6+%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%AE+%E0%A4%95%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80.jpg)
किस क़दर सर्द है यह रात-अंधेरे ने कहा मेरे दुशमन तो हज़ारों हैं...
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
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नैनोनाइफ़ जिसमें न कोई चीरा है न चाक़ू,
सिर्फ बिजली की ताकत (विद्युत ऊर्जा ,
विद्युत धारा ),Electric current का इस्तेमाल किया जाता है।आपका ब्लॉगपरVirendra Kumar Sharma
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खो गए सभी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2TCzuCLvlf6Gt-SWTD0VwYAp21zWrwRpx-VitzNFRLhcQSylxGtloWDIHavulvrYw7IHP3M3LbNQ_Xws4M0z-hhiXD4sSYUq7WH_GtlCe9-uJiEN2xq_92paAkdJjFy759ncJfoiYaF0/s400/439.jpg)
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
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बचपन की यादें
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiOGbS4e99QTozS9kfYYjOCetz7yEpFvcfJ8PxdORx7m9B-inJlUInac7VMzzZStM_FJQ9j01h7IL-Hf0s9qXSsIF90dccM7BeRndjukO3I1XRrobXBSut7LMf-ts2okGqDDyvraPaHoaM/s400/Presentation2.jpg)
हायकु गुलशन..*HAIKU GULSHAN
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सीमा रेखा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBAOFGf3YGfRW3FEASVts7a8EXtILXi-EMFR3Eys2s0LyJwqXv1gBSbJzBAdMYg8pXrR-3pgngmhMwnxnb7rISHwo0k_FsNov5FLWcFjj7MLE-29DXTg88L2agtixt3yMb6sRQ9uR6eQ7B/s400/suraksha1.jpg)
मर्यादा की सीमा रेखा जिसने किया अनदेखा निकल गया वह सुरक्षा के दायरे से इतिहास गवाह है अमर्यादित हँसी ने महाभारत का लेख रचा लक्षमण रेखा लाँघते ही सिया हर ली गईं महाविद्वान रावण स्वर्ण खान का नृप अमर्यादित सोच ने ही उसे विनाश के कगार पर पहुँचाया भाई की रक्षिता शूर्पनखा मर्यादा उसने न गँवाई होती जग में उसकी न हँसाई होती प्रकृति नियम पर चलती तभी दिन के बाद रात ढलती पौ फटते ही खगों की चहचह...
मधुर गुंजन
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भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .
नवाज शरीफ ने वैसे ''देहाती औरत ''शब्द नहीं कहा किन्तु यदि उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री जी को देहाती औरत कहा है तो उन्होंने उनकी सही पहचान की है देहात में औरत जितनी ईमानदारी और मेहनत से काम कर अपने घर व् खेत के लिए काम करती है वैसे शहरी औरत कर ही नहीं सकती क्योंकि यहाँ वह दूसरों के लिए काम करती है और देहाती औरत अपने घर व् खेत के लिए काम करती है . साथ ही औरत शब्द का उच्चारण उनके लिए करना उनके सम्मान को बढ़ाना ही है क्योंकि ये कहा भी गया है की अगर औरत में आदमी के गुण आ जाएँ तो वह कुलटा हो जाती है और अगर आदमी में औरत के गुण आ जाएँ तो वह देवत्व पा जाता है...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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"30 सितम्बर दादी जी का जन्मदिवस"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjMOUPrAgAkd7oLNPYFWN52t5ZVMsvE6y6-o7iPQUgw_k-deWKcqjgRUpvX7cVDnwKVwgnKBUsO3OdkLO_DTHDHS3TibBwywsA9_Qghj94Y78hccMRthhXbDg2CTj7feichyKWybHASII/s640/dadi_B.day.jpg)
काग़ज़ की नाव
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मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर....
डगर डगर तम नगर नगर घर घर,
दर दर आडम्बर कर कृपाण अब धारण कर
युग रचो नया, नव संवत्सर
मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर.......
मीठा भी गप्प,कड़वा भी गप्प पर निर्दोष दीक्षित
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"अमर भारती जिन्दाबाद"
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"मयंक का कोना"
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मुड़ मुड़ के देखना एक उम्र तक
बुरा नहीं समझा जाता है
समय के साथ बहुत सी आदतें
आदमी की बदलती चली जाती हैं
सड़क पर चलते चलते
किसी जमाने में गर्दन
पीछे को बहुत बार अपने आप मुड़ जाती है ...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
मेरे सीने पे अलाव ही लगाकर देखो...अहमद नदीम क़ासमी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi955npigBAo0tXxZf1idcCo-xy8EibrDeQ-lLdNX8eqBCFy1YR520mL0AnYxOnPzy12JkPMacIHO3NpM9vOd-cR_y-BiT0DrpxRcyD0yht1eZT6BiO5Mz44Ix_E_2vU3XuNNW6QZKnEz4/s320/%E0%A4%85%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%A6+%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%AE+%E0%A4%95%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80.jpg)
किस क़दर सर्द है यह रात-अंधेरे ने कहा मेरे दुशमन तो हज़ारों हैं...
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
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नैनोनाइफ़ जिसमें न कोई चीरा है न चाक़ू,
सिर्फ बिजली की ताकत (विद्युत ऊर्जा ,
विद्युत धारा ),Electric current का इस्तेमाल किया जाता है।आपका ब्लॉगपरVirendra Kumar Sharma
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खो गए सभी
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2TCzuCLvlf6Gt-SWTD0VwYAp21zWrwRpx-VitzNFRLhcQSylxGtloWDIHavulvrYw7IHP3M3LbNQ_Xws4M0z-hhiXD4sSYUq7WH_GtlCe9-uJiEN2xq_92paAkdJjFy759ncJfoiYaF0/s400/439.jpg)
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
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बचपन की यादें
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiOGbS4e99QTozS9kfYYjOCetz7yEpFvcfJ8PxdORx7m9B-inJlUInac7VMzzZStM_FJQ9j01h7IL-Hf0s9qXSsIF90dccM7BeRndjukO3I1XRrobXBSut7LMf-ts2okGqDDyvraPaHoaM/s400/Presentation2.jpg)
हायकु गुलशन..*HAIKU GULSHAN
--
सीमा रेखा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBAOFGf3YGfRW3FEASVts7a8EXtILXi-EMFR3Eys2s0LyJwqXv1gBSbJzBAdMYg8pXrR-3pgngmhMwnxnb7rISHwo0k_FsNov5FLWcFjj7MLE-29DXTg88L2agtixt3yMb6sRQ9uR6eQ7B/s400/suraksha1.jpg)
मर्यादा की सीमा रेखा जिसने किया अनदेखा निकल गया वह सुरक्षा के दायरे से इतिहास गवाह है अमर्यादित हँसी ने महाभारत का लेख रचा लक्षमण रेखा लाँघते ही सिया हर ली गईं महाविद्वान रावण स्वर्ण खान का नृप अमर्यादित सोच ने ही उसे विनाश के कगार पर पहुँचाया भाई की रक्षिता शूर्पनखा मर्यादा उसने न गँवाई होती जग में उसकी न हँसाई होती प्रकृति नियम पर चलती तभी दिन के बाद रात ढलती पौ फटते ही खगों की चहचह...
मधुर गुंजन
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भारत के रत्न मान पायें भारत के बाहर .
नवाज शरीफ ने वैसे ''देहाती औरत ''शब्द नहीं कहा किन्तु यदि उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री जी को देहाती औरत कहा है तो उन्होंने उनकी सही पहचान की है देहात में औरत जितनी ईमानदारी और मेहनत से काम कर अपने घर व् खेत के लिए काम करती है वैसे शहरी औरत कर ही नहीं सकती क्योंकि यहाँ वह दूसरों के लिए काम करती है और देहाती औरत अपने घर व् खेत के लिए काम करती है . साथ ही औरत शब्द का उच्चारण उनके लिए करना उनके सम्मान को बढ़ाना ही है क्योंकि ये कहा भी गया है की अगर औरत में आदमी के गुण आ जाएँ तो वह कुलटा हो जाती है और अगर आदमी में औरत के गुण आ जाएँ तो वह देवत्व पा जाता है...
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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"30 सितम्बर दादी जी का जन्मदिवस"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjMOUPrAgAkd7oLNPYFWN52t5ZVMsvE6y6-o7iPQUgw_k-deWKcqjgRUpvX7cVDnwKVwgnKBUsO3OdkLO_DTHDHS3TibBwywsA9_Qghj94Y78hccMRthhXbDg2CTj7feichyKWybHASII/s640/dadi_B.day.jpg)
काग़ज़ की नाव
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मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर....
डगर डगर तम नगर नगर घर घर,
दर दर आडम्बर कर कृपाण अब धारण कर
युग रचो नया, नव संवत्सर
मेरे प्रियवर ओ मेरे प्रियवर.......
मीठा भी गप्प,कड़वा भी गप्प पर निर्दोष दीक्षित
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"अमर भारती जिन्दाबाद"
तुमसे है उपवन आबाद।
अमर भारती जिन्दाबाद।।
तुम हमको प्राणों से प्यारी,
गुलशन की तुम हो फुलवारी,
तुम हो जीवन का उन्माद।
अमर भारती जिन्दाबाद।।
उच्चारण