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गुरुवार, अगस्त 31, 2017

चर्चा - 2713

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 
चलते हैं चर्चा की ओर

बुधवार, अगस्त 30, 2017

"गम है उसको भुला रहे हैं" (चर्चा अंक-2712)


विधाता छंद 

रविकर 
यहाँ आनंद आभासी मगर हर व्यक्ति चाहे है।
दुखों का है गहन अनुभव हृदय रविकर कराहे है।
मिलेगी जिंदगी में कामयाबी किन्तु उसको ही-


जिसे विश्वास खुद पर, जो लिए मजबूत बाँहे है।।

गुरु: उच्च का नहीं....... 

विष्णु बैरागी  

बिद्रूप चेहरे 

पुरुषोत्तम पाण्डेय 
 जाले -  

मखमल जैसी वीर बहूटी----। 

डा0 हेमंत कुमार  

पाती प्रेम की 

डॉ. अपर्णा त्रिपाठी 

वह लबों पर थी ग़ज़ल सी आई  

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’  

पति परमेश्वर  

(लघु कथा) 
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi  

हथेलियों पर चाँद !!  

तिश्नगी पर आशीष नैथाऩी 

मंगलवार, अगस्त 29, 2017

कई सरकार खूंटी पर, रखी थी टांग डेरे में-: चर्चामंच 2711


कई सरकार खूंटी पर, रखी थी टांग डेरे में- 
रविकर 
कई सरकार खूंटी पर, रखी थी टांग डेरे में।
अधिकतर भक्त दुर्जन के रहे अबतक अंधेरे में।
जयतु जय जांच अधिकारी, अदालत की सदा जय जय
चमत्कारी बलात्कारी पड़ा है आज फेरे में।

माँ सामने खड़ी है मचल जाइए हुजूर ... 

बहरों का है शहर ये संभल जाइए हुजूर 
क्यों कह रहे हैं अपनी गज़ल जाइए हुजूर... 
स्वप्न मेरे ...पर Digamber Naswa 


बादल राजा 

(बरसात पर 10 हाइकु) 

1. 
ओ मेघ राजा 
अब तो बरस जा 
भगा दे गर्मी! 
2. 
बदली रानी 
झूम-झूम बरसी 
नाचती गाती! 
3. ... 
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम 

किताबों की दुनिया - 140 

नीरज गोस्वामी 



जिन्दगी और पत्थर 

देखा है उनको निर्जीव हाथी को पूजते हुये। 
देखा था कल हाथी को महावत से जूझते हुये... 
कविता मंच पर Himanshu Mittra  


पति परमेश्वर 

सोनू आज तुमने फिर आने में देर कर दी ,देखो सारे बर्तन जूठे पड़ें है ,सारा घर फैला पड़ा है ,कितना काम है ।''मीना ने सोनू के घर के अंदर दाखिल होते ही बोलना शुरू कर दिया ,लेकिन सोनू चुपचाप आँखे झुकाए किचेन में जा कर बर्तन मांजने लगी ,तभी मीना ने उसके मुख की ओर ध्यान से देखा ,उसका पूरा मुहं सूज रहा था ,उसकी बाहों और गर्दन पर भी लाल नीले निशान साफ़ दिखाई दे रहे थे । ''आज फिर अपने आदमी से पिट कर आई है ''... 
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi 






बड़े आराम से यह कहा जा सकता है कि लालू मुलायम मायावती से लेकर जातिवादी राजनीति करते अपनी व्यक्तिगत दुकान चलाने वाले आरक्षण पैरोकारों से लेकर नवोदित "हार्दिक पटेल" जैसे लोगों तक की रैलियों में जो विशाल भीड़ उमड़ती है,वह भाड़े की होती है...  
संवेदना संसार पर रंजना  

चुप की छाया 

रश्मि शर्मा