स्नेहिल अभिवादन।
हैदराबाद में हुआ महिला डॉक्टर का गैंग रेप और बर्बर क़त्ल एक बार फिर हमें विचलित कर रहा है। क़ानून के ख़ौफ़ का अपराधियों में आख़िर क्यों असर नहीं हो रहा है? गवाहों को धमकाना आम बात है,डरे हुए गवाह क़ानून की मदद करने की बजाय अपराधियों की मंशा के अनुरूप व्यवहार करते हैं तो परिणाम होता है असामाजिक तत्त्वों के हौसले बढ़ना। न्याय में देरी समाज में अपराधों के पनपने का मुख्य कारण है। हालाँकि चार आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है क्योंकि जनता का दवाब बहुत अधिक था।
आइये पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
-अनीता सैनी
हैदराबाद में हुआ महिला डॉक्टर का गैंग रेप और बर्बर क़त्ल एक बार फिर हमें विचलित कर रहा है। क़ानून के ख़ौफ़ का अपराधियों में आख़िर क्यों असर नहीं हो रहा है? गवाहों को धमकाना आम बात है,डरे हुए गवाह क़ानून की मदद करने की बजाय अपराधियों की मंशा के अनुरूप व्यवहार करते हैं तो परिणाम होता है असामाजिक तत्त्वों के हौसले बढ़ना। न्याय में देरी समाज में अपराधों के पनपने का मुख्य कारण है। हालाँकि चार आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है क्योंकि जनता का दवाब बहुत अधिक था।
आइये पढ़ते हैं मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ-
-अनीता सैनी
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हवा
को
काटती हुई
जंक लगी
सदियों पुरानी
शिवाजी
को
काटती हुई
जंक लगी
सदियों पुरानी
शिवाजी
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नज़दीकियाँ
नज़दीकियाँ
ये घड़ी रुकी रहे
रात जाए अब ठहर,
दीवानगी का ये ख़याल
बेताबियों को भा गया।
देखने चकोर चाँद को
नदी के तीर आ गया। ....
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मित्रों,
अडोल्फ हिटलर का जन्म आस्ट्रिया के
वॉन नामक स्थान पर 20 अप्रैल 1889 को हुआ।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा लिंज नामक स्थान पर हुई।
पिता की मृत्यु के पश्चात् 17 वर्ष की अवस्था में वे वियना चले गए।
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नही जानती किसी की नजर में , अहमियत मेरी ।
मैं जानती हूँ अपने घर में , हैसियत मेरी ।।
ओस का कतरा नहीं , जो टूट कर बिखर जाऊँ ।
कमजोर भी इतनी नहीं , यूं ही उपेक्षित की जाऊँ ।। **
रात्रि के आठ बजने वाले हैं,
आज सुबह उठने में देर हुई.
उठते ही पहले की तरह मन उत्साह व शक्ति से भरा नहीं था.
नींद जैसे पूरी न हुई हो,
या फिर नींद पूरी नहीं है यह भाव अथवा विचार..
उसने स्वयं ही नींद को मृत्यु की निशानी मानकर
सम्मान देना बन्द कर दिया था.
सम्मान देना बन्द कर दिया था.
अश्क़ों की हथेली पे दामन के ख़्वाब सजा के आया हूँ
मैं अपनी वफ़ा के सूरज की इक रात बना के आया हूँ
नादान हवाएं क्यों इसको इक प्यार का मौसम समझ रहीं
मैं अहले-जहां के सीनों में तूफान उठा के आया हूँ
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आये थे तेरे शहर में मेहमान की तरह,
लौटे हैं तेरे शहर से अनजान की तरह !
तुम क्या जानों आशिक़
कैसे दिल को समझाते हैं,
दिल टूटने पर आँसुओं की
बारिश से भींग जाते हैं,
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रोनित रॉय : जान तेरे नाम से अदालत तक
ग्यारह अक्टूबर को भारतीय सिनेमा के
महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिवस पड़ता है
जिसकी चर्चा सारे भारतीय मीडिया में होती है
लेकिन इसी दिन एक और कलाकार का जन्म हुआ था
जिसकी चर्चा कम-से-कम उसके जन्मदिवस पर होती हुई तो मैंने नहीं देखी ।
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रोनित रॉय : जान तेरे नाम से अदालत तक
ग्यारह अक्टूबर को भारतीय सिनेमा के
महानायक अमिताभ बच्चन का जन्मदिवस पड़ता है
जिसकी चर्चा सारे भारतीय मीडिया में होती है
लेकिन इसी दिन एक और कलाकार का जन्म हुआ था
जिसकी चर्चा कम-से-कम उसके जन्मदिवस पर होती हुई तो मैंने नहीं देखी ।
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हमारा सम्पूर्ण धर्म-कर्म वैज्ञानिक तथ्यों से भरा पड़ा है।
वेद और ग्रंथो में जो भी व्रत उपवास और धर्मकर्म बनाये गए हैं
उसके पीछे बहुत गूढ़ रहस्य छिपा हुआ है
जिसे अब विज्ञान भी मानने लगा है।
व्रत, उपवास, तप, यज्ञ और विभिन्न संस्कारों में वैज्ञानिक तथ्य छुपे हुए हैं।
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जी हा हम आपके दीवाने तो है , आवारा नहीं
तुम्हे हमारा मोह नहीं, और हमें जिस्म का
सौदागर है हम इश्क़ के
चाहने से नहीं मिलेगे
बंजारे है हम इश्क़ के
इश्क़ के बाजार में ही मिलेंगे…
सप्तरंगी इंद्रधनुष,
खुश्बुएं हजार किस्म,
भिन्न रूप-आकार लिए,
खिलती हूँ,खिलखिलाती हूँ,
प्रकृति के फूलों की महक सी,
मनमोहक बनके दिलों में समाती हूँ,
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आज का सफ़र यहीं तक
कल फिर मिलेंगे
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- अनीता सैनी