चर्चाकारा -----------वऩ्दना गुप्ता |
बिखरे मोती कुछ तो लोग कहेंगे ..... - ओढ़ रखी थी जब तक खामोशी लोग तब पर्त- दर - पर्त कुरेदा करते थे .... आज जब खामोशी ने तोड़ दिए हैं मौन के घुँघरू लोग अब उसे... |
रिश्ते भी देह बदलते हैं... ओम आर्य at मौन के खाली घर में... ओम आर्य - *घर लौटता हूँ तो तुम्हारी यादें, उसकी बाहों में खो जाती है वैसे तो मुझे याद है कि नहीं रहती इस शहर में अब तुम पर फिर भी धडकनों को न जाने क्या शौक है रुक जाने का अचानक से और दिल भी बहाने बना लेता है कि तुम ज... ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- posted by knkayastha@gmail.com (knkayastha) at नशा सा चढ़ा है... - 12 hours ago posted by दिलीप at दिल की कलम से... |
‘‘अच्छा साहित्यकार बनने से पहले अच्छा व्यक्ति बनना बहुत जरूरी है’’-बाबा नागार्जुन। (डा. रूपचन्द्र शास्त्री ‘‘मयंक’’) posted by डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक at मयंक |
एक हरा पत्ता बैठा था कोमलसी शाख पर , एक बूंद गिरी उस पर , वो कुम्हला गया , वो सुख गया , क्यों ? वो बूंद मेरे अश्ककी थी , जब वादा करके भी तुम ना आये .... posted by प्रीति टेलर at जिंदगी : जियो हर पल - |
जा उद्धो जा... मत कर जिरह.. Author: अनामिका की सदाये...... | Source: अनामिका की सदाये... हे उद्धो ... मत जिरह करो उस छलिया की जिसने भ्रमर रूप रख हम संग प्रीत बढाई और अब हमारी हर रात पर पत्थर फैंक कर जाता है ... मन को जख्मी करता है .. हमारे अंतस पर उसी का पहरा है. |
तुम हमारी पोल मत खोलो...हम तुम्हारी नही खोलेगें.... Author: परमजीत सिँह बाली | Source: इंकलाब जब से सुना है कि बाबरी मस्जिद के दोषीयों को राहत दे दी गई है.....मन मे अजीब सी हलचल मची हुई है.....सोचता हूँ... कही सब पार्टियां इस नीति पर तो नही चल रही कि तुम हमारे दोष मत देखो ......फिर हम तुम्हारे दोष भी नही देखेगें।तुम गोधरा के लिए बवाल मत मचाना हम ८४ के दंगे पर चुप्पी साध कर बैठे रहेगें।अफ्ज़ल को फाँसी की बात ज्यादा जोर दे कर नही उठाएगें...।आज जो नकसलवाद सिर उठाए हँस रहा है.....इसे शुरू होते ही ना दबाने के क्या कारण हैं ?.......यह सब भी ठीक वैसे ही चल रहा है जैसे कभी पंजाब में चल रहा थ .. |
मनोज काव्य शास्त्र-१६ :: आचार्य मम्मट - *आचार्य मम्मट* *- आचार्य परशुराम राय* भारतीय काव्यशास्त्र में आचार्य मम्मट का योगदान अद्वितीय है। इन्हें विद्वत्समाज 'वाग्देवतावतार' मानता है। इनका काल ... |
काव्य मंजूषा जाईये आप कहाँ जायेंगे...ये नज़र लौट के फिर आएगी... - आजकल गानों से ही काम चलाइये.... इनदिनों इतनी ज्यादा व्यस्त हूँ कि ये भी नहीं बता सकूँगी कि कितनी व्यस्त हूँ ... कमेन्ट भी नहीं कर पा रही हूँ, आपलोग प्लीज बु... |
किस्सा-कहानी मेरी पसंद.... - मेरे हमराह मेरा साया है और तुम कह रहे हो, तन्हा हूँ मैं ने सिर्फ एक सच कहा लेकिन यूं लगा जैसे इक तमाशा हूँ ****************************** आंधी से टूट जाने.. |
ना चाहूँ इस कदर......... Author: Shekhar Kumawat | Source: काव्य 'वाणी' ना दिखा पाउँगा दर्द- ए- दिल किसी को | ना सुना पाउँगा जज्बात-ए-जिगर किसी को | |
विकसित होता भारत देखो ! Author: पी.सी.गोदियाल | Source: अंधड़ ! अटल, सोनिया, एपीजे, मनमोहन और प्रतिभा-रत देखो, लालू, मुलायम, ममता , येचुरी, प्रकाश-वृंदा कारत देखो ! संतरी देखो, मंत्री देखो, अफसर, प्रशासक सेवारत देखो, आओ दिखाएँ तुमको अपना,विकसित होता भारत देखो !! |
देशनामा एक सवाल का जवाब दीजिए...खुशदीप - देश में भारी बहस छिड़ी है...आतंकवाद को पीछे छोड़ते हुए माओवाद देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है...लेकिन हमारी सरकार तय ही नहीं कर पा ... |
SPANDAN हिंगलिश रिश्ते - रिश्तों का बाजार गरम है पर उनका अहसास नरम है हर रिश्ते का दाम अलग है हर तरह का माल उपलब्ध है कभी हाईट तो कभी रूप कम है जहाँ पिता की इनकम कम है सा... |
भारत-ब्रिगेड मुक्तिका: .....डरे रहे. --संजीव 'सलिल' - मुक्तिका .....डरे रहे. संजीव 'सलिल' * हम डरे-डरे रहे. तुम डरे-डरे रहे. दूरियों को दूर कर निडर हुए, खरे रहे. हौसलों के वृक्ष पा लगन-जल हरे रहे. रिक्त हुए जो.. |
ताऊजी डॉट कॉम प्रिय ब्लागर मित्रगणों, आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में श्री विनोद कुमार पांडेय की रचना पढिये. लेखक परिचय :- नाम-विनोद कुमार पांडेय जन्मस्थान: वाराणसी ... |
सरस पायस आओ, नाचें ता-ता-थइया : श्याम सखा श्याम का बालगीत - आओ, नाचें ता-ता-थइया! बादल भइया, बादल भइया, आओ, नाचें ता-ता-थइया! बंद पड़ी दादुर की टर-टर, बहे पसीना झर-झर-झर-झर! बछिया ढूँढ रही है मइया! बादल भइया, बादल ... |
मसि-कागद छमिया(लघुकथा)---------------------->>>दीपक 'मशाल' - नए शहर में पहले दिन बाज़ार से कुछ खरीदने गई थी रमा.... कि तेज धूप में अचानक सड़क पर गिरते उस लड़के को देख वो भी अपनी स्कूटी ले उसकी तरफ बढ़ गई. १०-१२ लोग ... |
दोस्तों! अभी तबियत पूरी तरह ठीक नही है! इसलिए "चर्चा मंच" में चर्चा करने के नाम पर केवल औपचारिकता ही निभा रही हूँ! |
अन्त में यह कार्टूनिस्ट की कलम से निकली संयुक्त अरब अमीरात भारत से साढ़े तीन घंटे की हवाई दूरी पर है, लगभग इतनी ही देर में सीधी हवाई सेवा से दिल्ली व त्रिवेंद्रम की दूरी तय की जा स.. -0-0-0-0-0-0-0- अरे वाह! यह कार्टून कितना बढ़िया है? -------------------------------------------------------------------------------------------------------- |