फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

रविवार, फ़रवरी 28, 2010

“होली के रंग! चर्चा के संग!!” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-78
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का
"चर्चा मंच" सजाते हैं-  
सभी ब्लॉगर्स को “होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!”
निवेदन यह  है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/

में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे
चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।


होली के रंग!

चर्चा के संग!!
होली के ग्रह ब्‍लॉगरों पर उल्‍टा पुल्‍टा प्रभाव छोडेंगे ...        बुरा न मानो होली है !!urmi sangita
GULDASTE - E - SHAYARI
उड़न तश्तरी ....

ऑपरेशन कनखजूरा
sameer
ताऊ डॉट इन……
ताऊ पहेली tau cow
ज़िन्दगी
    किससे करें बरजोरी........कैसे खेलें होली ?

वीर बहुटी
हज़ल - हज़ल *होली की आप सब को हार्दिक शुभकामनायें

Vyom ke Paar...व्योम के पार 
छलक छलक जाएँ बदरा से रंग
alp nirmala
मसि-कागद 
मुँह में भांग की गोली है.. भीगी हर इक चोली है..(बुरा ना मानो होली है.. पोल तुम्हारी खोली हैmashal copy
काव्य-तरंग
होली की शुभकामनाए - रानीविशाल

ललितडॉटकॉम
मिले ब्लागर होली में-------कवि योगेन्द्र मौदगिल--अभनपुर में........(ललित शर्मा)

अंतर्मंथन
बस हमने बचपन में कभी होली नहीं खेली--जानते हैं क्यों --
   डॉ. टी.एस.दराल
पराया देश
लोगो के पास बहुत समय है नफ़रत के लिये, अरे कुछ समय तो निकालो प्यार के लिये भी...
  राज भाटिया
मुसाफिर हूँ यारों 
पूर्णागिरी – जहाँ सती की नाभि गिरी थी -  नीरज जाट


प्रकाम्या
Holi-group
आज सुबह कुहरे में कार का एक्सीडेण्ट हो गया!
आपकी दुआओं से मैं सही सलामत हूँ!
कल होलीकोत्सव का अवकाश रहेगा!
अगली चर्चा 2 मार्च को करूँगा!
सवको रंग भरी होली की राम-राम!
गुस्ताखी माफ करें।
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

शनिवार, फ़रवरी 27, 2010

“'बुरा ना मानो…..होली है!” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-77
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का
"चर्चा मंच" सजाते हैं-  
सभी ब्लॉगर्स को “होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!”

निवेदन यह  है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/

में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे
चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।

मसि-कागद

'बुरा ना मानो होली है.. पोल तुम्हारी खोली है' - part-1----- दीपक 'मशाल' - आज की रात.. होना है जो.. वो होने दो... अरे नहीं नहीं भाई, रात को कुछ नहीं होने वाला.. वो तो असल में आज ज़रा मस्ती के मूड में आ गया हूँ.. अब आप सोचेंगे ...
ताऊ डॉट इन

ताऊ पहेली - 63 - होली पर्व पर आपको हार्दिक बधाई एवम शुभकामनाएं! होली के इस पावन और सोहाद्र वर्धक पर्व पर रामप्यारी मैम ने होली के रंग अपने स्टुडेंट्स के साथ खेले. सभी ...
कर्मनाशा

होली : हम - तुम - *पाँच छोटी शीर्षकहीन कवितायें* * गुझिया में यह जो भर गई है मिठास इसका उत्स है तुम्हारे ही आसपास। * * आज से शुरु हो गया है मेरा अवकाश आज से बढ़ गया है ...
लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`

आ प सभी को " हो ली की भी , बहुत बहुत शुभ कामनाएं " - *आज होली के पर्व पर कुछ बातें , समाज से जुडी ,* * मनोमंथन - सी , मेरे मन में , उभरीं हैं * *और सोचा, आप सब के संग साझा करूं .* * * * एक ग़ज़ल : " सुफेद रंगों...
ashokvichar

अंग्रेजों की जमीन पर हिंदी के फूल खिले - -डॉ. अशोक प्रियरंजन हिंदी भाषा और साहित्य से विदेशी भूमि भी आलोकित हो रही है। अंग्रेजी के लिए जाने जाना वाले इंग्लैंड तक में हिंदी के फूल खिल रहे हैं। यूरो...
काव्य-तरंग

आया अलबेला त्यौहार रंगीला होली का [होली गीत] - आया अलबेला त्यौहार रंगीला होली का गोरी खेल रही है खेल, आँख मिचोली का लपट झपट कर निकली घर से मुख घूँघट पट में छुपाए लाख जतन कर प्रियतम खोजे प्रि...
शिल्पकार के मुख से

रंग रंगीले रसिया के छल से भीगी नव-चोली -------------हो्ली है------ललित शर्मा - होली के अवसर प्रकाशन के लिए एक गीत लिखा था, जब ब्लाग जगत पे फगुनाहट की आहट हुयी तो उसे भेज दिया सम्मानित कराने के लिए, ...........चलो लगे हाथ बहती गंगा में...
नन्हा मन

होली है भई होली है - होली है भई होली है रंग रंगीली होली है। नहीं बडा न कोई छोटा हम सारे हमजोली हैं । लाल हरे और नीले पीले देखो रंग कितने चमकीले नभ में देखो नई छटा है रंगी आज घन...
नवगीत की पाठशाला

प्रत्यंचा टूट गई - प्रत्यंचा टूट गई छूट गए फूलों के वाण ऋतुओं के गंध कलश छलक गए रेशमी हवाओं की रस्सियाँ भाँजता बटरोही वसंत वन-बगीचों में झाँकता कोयल के पैने संधान अंध कूप में ...
नन्हें सुमन

"कम्प्यूटर" - ** * * *यह मेरा कम्प्यूटर प्यारा,* *इसमें ज्ञान भरा है सारा।* ** *भइया इससे नेट चलाते,* *नई-नई बातें बतलाते।* *यह प्रश्नों का उत्तर देता,* *पल भर में गणना कर...
नया ठौर

इस मक़बूलियत पर भारत नहीं है फ़िदा - अंग्रेजी अख़बार `द हिंदू' के पहले पेज पर जब पढ़ा कि कतर के शाही परिवार ने मक़बूल फिदा हुसैन को वहां की नागरिकता देने की पेशकश की है, तो लगा कि मकबूल इस पे...
प्रतिभा की दुनिया ...!!!

फूले ढेर पलाश तो लगा होली है - फूले ढेर पलाश तो लगा होली है मचने लगा धमाल तो लगा होली है, गोरी हुई उदास तो लगा होली है पलकों पे सजी आस तो लगा होली है...
नव-सृजन

होली त्यौहार की बधाई - *होली के शुभ अवसर पर,* *उल्लास और उमंग से,* *हो आपका दिन रंगीन !* ** ***==होली त्यौहार की बधाई=
हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर

हिन्दी साहित्य संगम जबलपुर के आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकारों, चित्रकारों और संगीतज्ञों की बहुआयामी गोष्ठी (भाग- एक) - *दिनांक पाँच फरवरी २०१० को संध्या सात बजे संस्कारधानी जबलपुर की अनेक गण्यमान हस्तियों ने " विसुलोक " में आयोजित बहुआयामी गोष्ठी को एक "अविस्मरणीय - निशा " ...
मयंक
“एक शाम मदन ‘विरक्त’ के नाम” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”) - *होली के अवसर पर “महाराजा अग्रसेन समाचार” पत्र के सम्पादक “मदन ‘विरक्त” दिल्ली से खटीमा पधारे! * *[image: 23042009317]** इनके सम्मान में डॉ.रूपचन्द्र शा...
ज्योतिष की सार्थकता
किसी मन्त्र जाप,उपासना अथवा कर्मकांड इत्यादि का हमे सही लाभ क्यों नहीं प्राप्त होता ? - ऎसी स्थिति स्वभावत: किसी के भी मन को असमंजस में डाल देती है कि मन्त्र-तन्त्र, कर्मकांड,भक्ति,पूजा-उपासना इत्यादि की एक जैसी ही प्रक्रिया का अवलम्बन करने पर...
अविनाश वाचस्पति

हिन्‍दी ब्‍लॉगर - होली पर बोलें सिर्फ प्रेम प्‍यार की बोली (अविनाश वाचस्‍पति) - रंगों से भर लें वाणी की पिचकारी जिसमें हो मिठास जमाने की सारी बरखा हो रंग की कामना हो संग की मचा रहे हुड़दंग ज्‍यों भंग हो पी ली शब्‍दों के रंग बिखेरते रह...
Tech Prévue: तकनीक दृष्टा

Windows 7 अब और पायरेटड नहीं - Chew WGA 0.9 - Chew-WGA को Windows 6.1.x Operating systems के built-in सुरक्षा प्रणालियों की सुरक्षा स्तर को... [यह लेख का सारांश है, पूरा पढ़ने के लिए फ़ीड प्रविष्टी शीर्...
इयत्ता
चाहिए कुछ भी नहीं - चाहिए कुछ भी नहीं तुमसे मुझे न सांसों की सरगम न आने की आहट न धुंध खयालों का न अहसास रहगुजर सा शहनाई भी नहीं रानाई भी नहीं परछाई भी नहीं तनहाई भी नहीं रुसवाई ...
ताऊजी डॉट कॉम

फ़र्रुखाबादी जीनियस विजेता (196) : श्री यशवंत मेहता "फ़कीरा" - नमस्कार बहनों और भाईयो. रामप्यारी पहेली कमेटी की तरफ़ से मैं समीरलाल "समीर" यानि कि "उडनतश्तरी" फ़र्रुखाबादी सवाल का जवाब देने के लिये आचार्यश्री यानि कि ह...
युवा दखल

आपका घर गच्ची वाला है - *( देवास के हमारे साथी सौरभ का यह लेख युवा दख़ल के ताज़ा अंक में प्रकाशित है। होली की मस्तियों के बीच उम्मीद करता हूं आप इन्हें भी नहीं भुलेंगे!)* *पूरे क...
मेरी डायरी
प्रिया शर्मा की कविता - यह कविता जयपुर से प्रिया शर्मा ने भेजी है। यह उनका पहला प्रयास है, इसलिए इसमें हो सकता है कि कहीं कच्चापन नजर आए, लेकिन यह रचना एक संभावना जगाती है। चलना स...
अंतर्मंथन
बस हमने बचपन में कभी होली नहीं खेली--जानते हैं क्यों --- - वक्त बदल जाता है । हालात बदल जाते हैं। और कई बातें , कई रिवाजें वक्त की परतों के नीचे दब कर रह जाती हैं। ऐसा ही है , होली मनाना । जी हाँ , होली अलग अलग राज्...
समाचार:- एक पहलु यह भी
मिशन भारतीय त्यौहार बचाओ - होली, दीवाली वो भारतीय त्यौहार है जो त्यौहार के साथ-साथ भारत की परम्परा और संस्कृति के अनेको रंग अपने अन्दर समेटे हुए है. यही कारण है की स्कूल के समय से ही...
पराया देश
लोगो के पास बहुत समय है नफ़रत के लिये, अरे कुछ समय तो निकालो प्यार के लिये भी... - होली की आप को ओर आप के परिवार को बहुत बहुत बधाई, सब खुब खेले होली ओर सही ओर पबित्रता बनी रहे होली की इस तरह से खेले, ओर होली के रंगो मै नफ़रत ओर दुशमी के र...
उच्चारण
“रंगों का मौसम आया है” *[image: image]** * *गली-गली में कृष्ण-कन्हैया, * *खेल रहे हैं जम कर होली! * *रंगों का मौसम आया है, * *थिरक रही है हँसी ठिठोली!! * * * *राधारानी ओढ़ चुनरिय...
स्वप्न(dream)
हम तो ऐसे ही कहेंगे जी "गज्जल" - हम तो ऐसे ही कहेंगे जी "गज्जल" (होली के अवसर पर विशेष ) टोकरी ये भर गई , कविताओं सेसुनलो फिरता हूँ गधे-सा लाद कर देर से बैठा हूँ इस उम्मीद मेंमैं सुनाऊं औ...
एक प्रयास
 श्याम संग खेलें होली - कान्हा ओ कान्हा कहाँ छुपा है श्याम सांवरिया ढूँढ रही है राधा बावरिया होली की धूम मची है तुझको राधा खोज रही है अबीर गुलाल लिए खडी है तेरे लिए ही जोगन बनी है म...
काव्यशास्त्र : भाग 4
आचार्य भामह -- आचार्य परशुराम राय आचार्य भामह का काल निर्णय भी अन्य पूर्ववर्ती आचार्यों की तरह विवादों के घेरे में रहा है। आचार्य भरतमुनि के बाद प्रथम आचार्य भामह ही हैं जिनका काव्यशास्त्र पर ग्रंथ उपलब्ध है। आचार्य भामह के काल निर्णय के विवाद को… 

मनोज 
करण समस्तीपुरी
खुशदीप जी ..झेलिये ना फागीस्म..
बाकी बाद में देखेंगे..
  बवाल : सर पर टोपी डाल ब्लाग पर बैठे हैं समीर लाल ..हो तेरा क्या कहना...  अपनत्व : तुम्हें अपना बनाने कि कसम खाई है ..खाई है वी वर्मा.: आँखों में उसका चेहरा जब थोड़ा सा धुन्धलाये छम से वो आ जाए छम  से आ जाए. रंजना (रंजू) : प्यार

काव्य मंजूषा

'अदा'

फाग गीत -४-चौताल --खोजे सजनवाँ होली में ........
फागुनी रंग में सरोबार अपनी पिछली पोस्ट बालम मोर गदेलवा, मोहे नीको न लागे नैहरवा और उलारा-न देबयकजरवा तोहके और के क्रम में आज फाग राग की एक और विधा चौताल का गायन प्रस्तुत है.फगुआ गायनमें विशेष कर चौताल ( अर्द्ध तीनताल,दादरा,कहरवाऔर फिर अर्द्ध तीनताल ) का
  
मा पलायनम !
डॉ. मनोज मिश्र
होलिया में भर गया रंगों का पीपा , कौन भंगिया के कहां पे टीपा …फ़िर हम बनाए टैण टैनेन ………
   पिछले दिनों जो सब हुआ उसको एक दम धना धन गोली मारते हुए हमने सोचा कि कुछ अपना और आप सबका भी मूड बनाया जाए ..सो धर दिया आपकी टीपों पर वही टप टप टपाक ..यानि टैण टैनेन   दीपक के मसि कागद पर दीपक की कान खिंचाई चालू आहे   निर्मला कपिला said...
झा जी सुनिन
अजय कुमार झा

फाग-छंद ( संकलित ) - 1
घनानंद (राग केदारौ) फाग-रंग चढ़ गया है इन दिनों सब पर ! नदा कर चुप बैठा हूँ, ये ओरहन सुनना ठीक नहीं । अपना कौन-सा रंग है ख़ालिस कि रंगूँ उससे ! सो परिपाटी का रंग चढ़ा रहा हूँ । मेरा उद्यम इतना ही है कि जिन कवियों के नाम आप यहाँ देखेंगे, उनकी रचनाओं से
सच्चा शरणम्
हिमांशु । Himanshu
अमेरिकन साम्राज्यवाद : अंतिम भाग
प्रस्तुतकर्ता Suman लेबल: सत्य नारायण ठाकुर
महायुद्ध
यूरोप में लड़ी गयी दो लड़ाइयों को विश्वयुद्ध संज्ञा दी जाती है- प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध। किंतु ज्यादा सही बात यह है कि दुनियां का प्रथम महायुद्ध सं0 रा0 अमेरिका ने पश्चिमी गोलार्द्ध में शुरू किया। यह युद्ध लातिन अमेेरिका कब्जाने के लिये स्पेन से लड़ा गया। स्पेन-अमेरिका युद्ध 1898 हुआ, जिसमें जीर्णशीर्ण स्पेन का राजतंत्र हार गया। फिर तो लातिन अमेरिका में यूरोप का प्रभाव घटता गया और वह धीरे-धीरे पूरी तरह सं0 रा0 अमेरिका के प्रभाव में आ गया। इसने प्रशांत महासागर के हवाई द्वीप पर कब्जा किया और फिलीपींस को भी दबाया। इस तरह पश्चिमी गोलार्द्ध से यूरो को निकाल बाहर कर अमेरिका ने उसे अपना गलियारा बनाया।
……..
सरस पायस

हो... हो... होली है : अरविंद राज का एक बालगीत - हो... हो... होली है ! मन में तरंग है, तन में उमंग है । धरती रंगीली है, अंबर सतरंग है । रंगों में रँगी हुई मस्तों की टोली है । होली है... हो... ह...
कार्टून- सस्ते से क्या फायेदा..

Posted by shekhar hada

रंगों के पर्व होली की 
शुभकामनाओं के साथ-
आज की चर्चा को यहीं पर विराम देता हूँ!
Kajal Kumar's Cartoons
काजल कुमार के कार्टून
कार्टून:- वाह ! भौत अच्छा बजट है...


झूठ बोलती हैं सुषमा स्वराज !

Posted by IRFAN

शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010

“होली का आया त्यौहार” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-76
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का
"चर्चा मंच" सजाते हैं-  
लगता है आज की प्रातः की चर्चा अधिकांश ब्लॉगरों को पसन्द नही आई मगर में क्या करूँ!

चिट्ठाजगत जो बोलता है वही तो मैंने उजागर किया है !   
अब पुराने रंग-ढंग से आज की चरचा शुरू करता हूँ-
निवेदन यह  है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/

में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे
चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।


ताऊ डॉट इन

"खाये वो जूते तेरी गली में सनम" - सभी देवियों और सज्जनों को रमलू सियार की रामराम. सोचता हूं कि जंगल की कुछ असलियत से आपको वाकिफ़ करवा ही दूं आज. अब बस बहुत हो गया. आजकल चारों तरफ़ बडा शोरग...
*होशोहवास/HOSHOHAWAS*

होली की ढेर सारी शुभकामनाएं!!! -
ताऊजी डॉट कॉम

खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (196) : आयोजक उडनतश्तरी - बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका आयोजक के बतौर हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते हैं कि अब खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी क...
सरस पायस

हो... हो... होली है : अरविंद राज का एक बालगीत - हो... हो... होली है ! मन में तरंग है, तन में उमंग है । धरती रंगीली है, अंबर सतरंग है । रंगों में रँगी हुई मस्तों की टोली है । होली है... हो... ह...
उच्चारण

“होली का आया त्यौहार” - *[image: IMG_0889 - Copy (2)] प्राची गुझिया बना रही है, दादी पूड़ी बेल रही है।** **[image: IMG_0889] कभी-कभी पिचकारी लेकर, रंगों से वह खेल रही है।। ...
अंतर्मंथन

जाने कहाँ खो गई खुशबू गुलाबों की --- - आज सारा देश लुप्त होते जा रहे बाघों के लिए चिंतित है। होना भी चाहिए । आखिर वन्य जीवन हमारी धरोहर है। लेकिन हम इसे अपने ही हाथों नष्ट किये जा रहे हैं। इंसान ...
सोचा ना था....

दुआ की कीमत - फरवरी की शुरुवात में ही हम अजमेर गए...वैसे हमारा १० दिनों का लम्बा प्लान था.....अजमेर पहुँचकर अपने भाई के दोस्त के घर पर फ्रेश हुए....फिर मशहूरअजमेर शरीफ (...
नन्हा मन

जब खेलने आए बच्चे - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ - नमस्कार बच्चो , आपके लिए *रामेश्वरम कम्बोज हिमांशु* जी नें अपनी कुछ बहुत ही प्यारी-प्यारी बाल-कविताएं लिख भेजी हैं , जिन्हें हम एक-एक कर आपको पढवाएंगे । पढि...
शिल्पकार के मुख से

चंदू घर के अन्दर ही नगाड़े पीटने लग गया है.! होली है-भाई होली है "ललित शर्मा " - परसों होली है, नंगाड़ों की मधुर ताल वातावरण कों होली मय कर रही है. कल शाम कों हमारे घर में नगाड़ों की आवाज सुनाई दी. तबियत नासाज होने के कारण मैं सोया हुआ..
नुक्कड़

हिन्‍दी ब्‍लॉगरों से राय चाहिये - क्‍या नुक्‍कड़ को वेबसाइट बना देना चाहिए (अविनाश वाचस्‍पति) - नुक्‍कड़ को वेबसाइट बना लें आपकी क्‍या राय है कृपया बतला दें ? अगर हां कहेंगे तो सोच लें इसका व्‍यय उठाना होगा साफ कहता हूं जेब से नहीं लगायेंगे विज्ञापन ...
Dr. Smt. ajit gupta

दोहती का जन्‍मदिन है, आशीष दीजिए - दिनांक 28 फरवरी को हमारी दोहिती 'मिहिका' उर्फ चीयां का प्रथम जन्‍मदिन है। हम तो उसे आशीष देने आज ही पुणे जा रहे हैं। उसके लिए एक गीत लिखा है आप भी पढ़िए और ...
मसि-कागद

आज लौट के आया हूँ तो ब्लॉगवुड में एक और नए नाम से आपका परिचय करा देता हूँ..-------->>>>दीपक 'मशाल' - आज लौट के आया हूँ तो ब्लॉगवुड में एक और नए नाम, अपने अज़ीज़ से आपका परिचय करा देता हूँ.. :) नाम है* संजय कुमार जी* और बाकी परिचय आप स्वयं इस लिंक पर जाकर देख...
मानवीय सरोकार

मौसम चुहुल मसखरी वाला - हास्य       -डॉ०डंडा लखनवी    गली    देखिए   घाट देखिए। रंगबिरंगी    हाट    देखिए।। मौसम चुहुल-मसखरी  वाला, आज   हुआ  स्टार्ट  देखिए।। इनको  जनस...
JHAROKHA

पैगाम - *ख्वाबों में ही छलनी हो, गया जिगर जिसका*** *वही तो जिगर हमारा है, वहीं तो जिकर हमारा है।*** * * *खयालों के धागे बुनते बुनते, कुछ बिगड़े कुछ सूत बने।*** ...
मेरी भावनायें...

होली की शुभकामनायें - रंग प्यार का रंग आशीष का रंग हमारी भाषा का रंग हमारे देश का रंग हमारे कर्मठ जवानों का रंग हमारी आन-बान-शान का रंग हमारे संस्कारों का .... आओ हम अपनी नफरत...
मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay.
तुम हमारे बच्चो को ओर हमे मारो हम तुम्हारे बच्चो को ओर तुम्हे मारेगे.... - कई दिनो से दिमाग मै कुछ आ ही नही रहा लिखने के लिये, बहुत सोचा लेकिन लगता था दिमाग दवाईयां खा खा खा कर बेकार हो गया.... तभी आज बाबा लंगोटान्नद जी दोपहर को म...
हिंदी का शृंगार
"रंग" और "रँग" में से किसमें डूबें? - सभी लोग होली के रंग में डूबे हैं! तन से न सही मन से तो डूबे ही हैं! चलिए होली के इस रंग के बहाने ही "हिंदी का शृंगार" किया जाए! आज इन दो शब्दों पर च...
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
क्या प्रभात शुंगलू जी ने मकबूल फिदा हुसैन द्वारा बनाये गये चित्र देखे भी हैं? - जी नहीं. उनके ब्लाग का एक लेख जो शब्दश: नीचे दिया जा रहा है, गौर फरमायें.प्रभात जी का मूल लेख इस साइट पर छपा है.. *"हुसैन, तुम माफी मत मांगना* ...
वीर बहुटी
सच्ची साधना [कहानी] - *सच्ची साधना* कल आपने पढा कि शिवदास अपनी जिम्मेदारियों से भाग कर साधु बन गया और 20-25 साल बाद वो साधु के वेश मे अपने गाँव लौटता है। उसका मन साधु के रूप मे ...
अंधड़ !
नफरत दिल में बसाने से फायदा क्या ! - *दर्द जुबाँ पे लाने से फायदा क्या, अश्रुओ को पलकों में छुपाने से फायदा क्या ! अब-जब धडकने बंद हो ही गई तो, खंजर को जिगर पर चुभाने से फायदा क्या !! ताउम्र को...
ज़िन्दगी
कैसे खेलें होरी - तिरछी चितवन सुर्ख कपोल भीगे अधर प्रिये कैसे प्रवेश करूँ ह्रदय में पहरे तुमने बिठा रखे हैं चितवन बांकी बींध रही है किस रंग से तुम्हें सजाऊँ कपोल सुर्ख किये हु...
ह्रदय पुष्प
होली है - होली है ढीठ गोपाल यशोदा के लाल ने  ग्वालिन संग करी बरजोरी। आवत देख के राह में घेर के  बाँह गही औ दई झकझोरी। भाल अबीर सों लाल कियौ और  पकड़ उठाइ के नाँद में ब...
गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष
ललित शर्मा जी का आभार .. आप सबों को भी एक जानकारी दे दूं !! - काफी दिनों से अपने ब्‍लॉग का टेम्‍प्‍लेट बदलकर इसे नया रूप देने की मेरी इच्‍छा हो रही थी। चार पांच दिन पूर्व मैने वह कर भी डाला, फिर गूगल को छान मारते हुए हे...
घुघूतीबासूती
 वह गोबर होली वर्ष था !.......घुघूती बासूती - कहाँ कहाँ खेली, कैसी कैसी तो होली जैसी हमने खेली वैसी ही हो ली होली जहाँ जहाँ गए हम संग हो ली होली तेरी, मेरी, उसकी हम सबकी होली। होली का दिन आता है तो उसके...
"हिन्दी भारत"
विश्व पटल पर हिंदी : अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी - विश्व पटल पर हिंदी हिंदी विभाग, चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ इन दिनों जब देश में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिसमें देश-विदेश के लोग भारतीय संस्कृति के ...
सचिन ने नहीं बेलिन्डा क्लार्क ने लगाया पहला एकदिवसीय दोहरा शतक
Feb 26, 2010 | Author: HARI SHARMA | Source: हरि शर्मा - नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे
इस फोटो को ध्यान से देखिये ये क्रिकेट की मशहूर खिलाडी बेलिंडा क्लार्क है जिन्होने १९९७ के महिला क्रिकेट विश्व कप मे चेन्नई मे २२९ रन नाबाद बनाये थे और इस तरह एक दिवसीय क्रिकेट का पहला दोहरा शतक लगाने वाली बल्लेबाज बनी. अब जब सचिन तेन्दुलकर ने ये उपलब्धि हासिल कर ली है तो मीडिया यही राग गा रहा है ... [read more]
0 CommentsView blog reactions
'युवा~Yuva' ब्लॉग ''ताका-झाँकी'' में परिवर्तित
Feb 26, 2010 | Author: Amit Kumar | Source: युवा~Yuva
'युवा~Yuva' ब्लॉग 1 मार्च, 2010 शुभ होली के दिन से ताका-झाँकी में परिवर्तित हो गया है. कृपया नई पोस्ट के लिए अब "ताका-झाँकी" ( http://tak-jhank.blogspot.com/) ब्लॉग पर पधारें. यदि आप भी इस सामुदायिक (Community) ब्लॉग पर लिखना चाहते हैं तो हमें amitky86@rediffmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं. आपकी अ ... [read more]

0 CommentsView blog reactions
लागल झुलनिया के धक्का बलम कलकत्ता निकरि गए …
Feb 26, 2010 | Author: padmsingh | Source: पद्मावलि
हाँ तो भईया भंग कर रंग जमा हो चकाचक फिर लो पान चबाय ऐसा झटका लगे जिया पे पुनर्जनम होई जाय ……… केवल पान खाने से ?? और नहीं तो क्या……. होली है कि जानती नहीं और तमन्ना है कि मानती नहीं होली भी मनानी है और मेहमानों को होली मिलन भी करवाना है …. मंहगाई इतनी कि पान खाने से ही पुनर्जनम [...] [read more]
CommentsView blog reactions
गप्प: बदरी काका - भाग दो
Feb 26, 2010 | Author: Ashok Pande | Source: कबाड़खाना
(पिछली किस्त से जारी)गोपाल के जापान जाने या ना जाने से थान सिंह को तो बहुत फर्क नहीं पड़ा लेकिन गोपाल की जापान यात्रा के तमाम किस्सों को उसके नए चेलों ने सारे शहर को सुनाया और दम ठोक कर घोषणा की कि बदरी काका की गप्पें अब पुराने जमाने कि बातें हो चुकी हैं।गोपाल के जापान हो आने की खबर को बदरी काका ... [read more]
1 CommentView blog reactions
यूँ आरंभ हुआ होलिका-दहन व होली
Feb 26, 2010 | Author: KK Yadava | Source: उत्सव के रंग
होली भारतीय समाज का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसका लोग बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग रूपों में होली मनाई जाती है। रबी की फसल की कटाई के बाद वसन्त पर्व में मादकता के अनुभवों के बीच मनाया जाने वाला यह पर्व उत्साह और उल्लास का परिचायक है। अबीर-गुलाल व रंगों के ब ... [read more]
0 CommentsView blog reactions
होली का तरही मुशायरा :- सनम की गली में आज किसकी बारी है, और किसकी हो सकती है बर्थडे बाय के सिवा । तो आज एकल काव्‍य पाठ सुनिये प्रकाश अर्श का ।
Feb 26, 2010 | Author: पंकज सुबीर | Source: सुबीर संवाद सेवा
नोट : सूचना मिली है कि होली को देखते हुए सरकार ने अखंड भारतमंडल में सनम की गली में जाने पर लगा प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर दी है । सो अब सब आराम से आये जाएं कोई राकेने वाला नहीं है । [read more]
25 CommentsView blog reactions
वस्तु का प्रचार या स्त्री का .......
Feb 26, 2010 | Author: देवेश प्रताप | Source: विचारों का दर्पण
देवेश प्रताप [read more]
9 CommentsView blog reactions
कार्टून:- ये बाबा भी ब्लागरों की बातें करता है...
Feb 26, 2010 | Author: काजल कुमार Kajal Kumar | Source: Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून
23 CommentsView blog reactions
क्या प्रभात शुंगलू जी ने मकबूल फिदा हुसैन द्वारा बनाये गये चित्र देखे भी हैं?
Feb 25, 2010 | Author: भारतीय नागरिक - Indian Citizen | Source: भारतीय नागरिक - Indian Citizen
जी नहीं. उनके ब्लाग का एक लेख जो शब्दश: नीचे दिया जा रहा है, गौर फरमायें.प्रभात जी का मूल लेख इस साइट पर छपा है.. [read more]
कोई बड़ा गुल खिलाने की तैयारी में अमर सिंह
सियासत के सुपर स्टार ठाकुर साहबः 1समाजवादी पार्टी के आला ओहदेदार रहे सांसद ठाकुर अमर सिंह के कदम रफ्ता-रफ्ता जिस दिशा में बढ़ रहे हैं, सबसे ज्यादा सपा के भीतर बेचैनी गहराती जा रही है। काश, ऐसा न होता तो उत्तर प्रदेश के निकट भविष्य के विधानसभा चुनावों में

चिट्ठानामा
मुंहफट
Union Budget 2010-11
Today the seasoned Congress leader and
UPA government’s
finance minister
Sri Pranab Da
presented the much-anticipated
Union Budget
2010-11.
Now it is the time for
him to receive
both praise and
brickbat from
several quarters.
India is a big country
Amar Singh's Official Blog
A.Singh
होलियाए दोहे
होली तो अब सामने खेलेंगे सब रंग।मँहगाई ऐसी बढ़ी फीका हुआ उमंग।।पैसा निकले हाथ से ज्यों मुट्ठी से रेत।रंग दिखे ना आस की सूखे हैं सब खेत।।एक रंग आतंक का दूजा भ्रष्टाचार।सभी सुरक्षा संग ले चलती है सरकार।।मौसम और इन्सान का बदला खूब स्वभाव।है वसंत पतझड़ भरा
मनोरमा
श्यामल सुमन
आज की चर्चा में इतना ही….!