शीर्षक पंक्ति: आदरणीय डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
रविवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है। आइए पढ़ते हैं आज की चंद चुनिंदा रचनाएँ-
ग़ज़ल "दिल मिला नहीं होता" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
एक तरफ थी करतल ध्वनि,
दूजे गड़गड़ाहट यान की।
वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत,
भारत के सम्मान की।।
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पहले असफल रहे पर कोशिश करते रहे
कभी सफलता की कोशिश से
मुंह ना मोड़ा हमारे वैज्ञानिकों ने
पर असफल हुए विक्रम की असफल कोशिश में
सॉफ्ट लेंडिग ना कर पाए थे चन्द्र पर।
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गिड़गिड़ाए
उम्मीद के परिंदे
उजड़ने के वक्त!
बेरहमी से
काट दिया उसने
दिल का वो दरख़्त!!
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रज के हर कण-कणमें बरसो
मृदु गुंजन कर आंगन में बरसो
चंचल मुख आंचल में बरसो
नन्हे-नन्हे करतल में बरसो
बरसो सावन मनभर बरसो....
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तभी एक सहायक ने आ कर अंदर चलने को कहा ! ऑपरेशन कक्ष में हल्की आवाज में, जगजीत सिंह द्वारा गाई गई राम धुन गूंज रही थी, तभी त्यागमूर्ति जी की आवाज आई, आइए शर्मा जी, कैसे हैं ! मैंने अभिवादन किया और कहा कि ठीक हूँ ! तभी जैसे कुछ घटा ! अचानक मैंने महसूस किया कि मैं खुद को तनाव रहित पा रहा हूँ ! किसी भी तरह की कोई घबराहट नहीं ! कोई चिंता नहीं ! एक हल्कापन ! कुछ ही क़दमों में आए इस बदलाव को साफ़ तौर पर महसूस कर मैं विस्मित सा रह गया ! ऐसा, कैसे, क्या हुआ, समझ नहीं पा सका ! पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि सारी घबराहट कुछ पलों में ही तिरोहित हो गई हो ! **********
वीडियो-फोटो बनते देख गुस्सा हुआ बाघ | Angry tiger watching video-photo being made |
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पढ़ते-पढ़ते उसे ऐसा लगा जैसे उसके गालों पर गरम-गरम नमी ढुलक रही है। उसने झट से अपनी हथेलियों से अपने आँसू पोंछे और डायरी बंद कर दी। वह डायरी लेकर अपने बेडरूम में आ गई। बेडरूम की बालकनी का दरवाजा खोलकर भोर की छिटकती लाली को निहारने लगी।*****फिर मिलेंगे।
रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी।
कविताओं का उत्तम चयन ।
जवाब देंहटाएंआभार सहित।
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंThanks for the link
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