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रविवार, फ़रवरी 19, 2017

"उजड़े चमन को सजा लीजिए" (चर्चा अंक-2595)

मित्रों 
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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 डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' के ब्लॉग 

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किस्मत 

इस दुनिया में बात एक ही मुझको सच्ची लगती है  
अपनी सबसे बुरी ग़ैर की किस्मत अच्छी लगती है... 
Sudhinama पर sadhana vaid 
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गीत 

नयन हँसें और दर्पण रोए 
देख सखी वीराने में 
पागलपन अब हार गया
खुद को कुछ समझाने में ... 
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मुक्तक 

"उजड़े चमन को सजा लीजिए" 

आपका ब्लॉग
प्यार की गन्ध का कुछ मजा लीजिए।
साज खुशियों के अब तो बजा लीजिए।
जिन्दगी को जियो रोज उन्मुक्त हो,
अपने उजड़े चमन को सजा लीजिए।। 
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707 

सब तो न किताबें कहतीं हैं..... 
भावना सक्सैना 
इतिहास गवाह तो होता है घटनाओं का 
लेकिन सारा कब कलम लिखा करती हैं
जो उत्कीर्ण पाषाणों मेंसब तो न किताबें कहतीं हैं
सत्ताएँ सारी ही स्वविवेक सेपक्षपात करती हैं...  
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जाग तू जनता जाग...! 

(जागर) -  
हे… जाग रे जाग! बिना मास्टरों का स्कूल मा जाग! 
बिना डॉक्टरों का अस्पताल मा जाग! 
बांजा पड़ी खेती-बाड़ी में जाग!
 खंडर हव्यां कुड़ों में जाग! 
बेरोजगार नोनी-नोन्यालों का फ्यूचर में जाग! 
लालबत्ती-दायित्यधारियों का हूटर में जाग! 
पराबेट स्कूलों की फीस में जाग! 
पराबेट हास्पिटलों की तीस में जाग... 
Mahendra S. Rana 
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संस्कार 

आज की पीढ़ी हो रही बेलगाम संस्कार हीन | 
भव्य शहर संस्कार हैं विदेशी अपने नहीं | 
है महां मूर्ख संस्कार न जानता पिछड़ जाता | 
संस्कार मिले माता और पिता से है भाग्यशाली... 
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Akanksha पर Asha Saxena 
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बात ग़ज़ल की ---- 

डा श्याम गुप्त .... 

सृजन मंच ऑनलाइन
 ( -----कविता व शायरी ---- कविता, काव्य या साहित्य किसी विशेष, कालखंड, भाषा, देश या संस्कृति से बंधित नहीं होते | मानव जब मात्र मानव था जहां जाति, देश, वर्ण, काल, भाषा, संस्कृति से कोई सम्बन्ध नहीं था तब भी प्रकृति के रोमांच, भय, आशा-निराशा, सुख-दुःख आदि का अकेले में अथवा अन्य से सम्प्रेषण- शब्दहीन इंगितों, अर्थहीन उच्चारण स्वरों में करता होगा... 
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खजुराहो की तलाश में 

जाने किस खजुराहो की तलाश में 
भटकती है मन की मीन
 कि एक घूँट की प्यास से लडती है 
प्रतिदिन... 
एक प्रयास पर vandana gupta  
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प्यार ही जीवन 

प्यार ही जिंदगी है,  
प्यार ही हर रंग है, 
प्यार ही मंदिर है, 
प्यार ही देवता है , 
पर आज इस प्यार से 
महरूम है प्यार... 
aashaye पर garima 
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बेनकाब हो जाये 

Image result for नकाब
शहर में इंकलाब हो जाए 
गॉँव भी आबताब हो जाए 
लोग जब बंदगी करे दिल से 
हर नियत मेहराब हो जाए... 
shashi purwar 
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देते हो धोखा ... 

देते हो धोखा महफ़िल में क्या शर्म नहीं बाक़ी दिल में  
ज़ंग-आलूदा हैं सब छुरियां वो बात नहीं अब क़ातिल में... 
Suresh Swapnil  
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जो है सो है ! 

मेरी भावनायें... पर रश्मि प्रभा.
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भगवान सब देखता है 

लघु कथा 
 मंदिर से लौट कर दादी ने कहा --"क्या कल युग आ गया है, चोर भगवान को भी नहीं छोड़ते।' नन्हें राहुल ने पूछा - "क्या हुआ दादी ?' "रात को मंदिर में चोरी हो गई, भगवान के सारे गहने चले गए ।' " अरे दादी , चोरों को भी और कोई नहीं मिला,चोरी भी की तो भगवान के गहनों की...बेवकूफ कहीं के,अब तो वह जरूर पकड़े जाएगे ।' दादी ने चौंक कर पूछा --"वो कैसे... 
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प्रकाशित संपादकों के लिए 

एक अप्रकाशित व्यंग्य 

परसों जब मैं अपने ब्लॉग नास्तिक TheAtheist की अपनी एक पोस्ट ‘मनुवाद, इलीटवाद और न्याय’ के पृष्ठ पर गया तो देखा कि उसमें पाठकों के सवालों व राजेंद्र यादव के जवाबों से संबंधित लिंक काम नहीं कर रहा। क्लिक किया तो पता लगा कि संबंधित साइट देशकाल डॉट कॉम से यह स्तंभ ही ग़ायब है, मेरी अन्य कई रचनाएं भी ग़ायब हैं। एक व्यंग्य मौजूद है लेकिन उसमें से भी नाम ग़ायब है। यह मेरे साथ किसी न किसी रुप में चलता ही रहता है। इस बारे में अलग से लिखूंगा। * *बहरहाल, व्यंग्य यहां लगा रहा हूं... 
Sanjay Grover 
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निरपेक्षता का ‘सुमन भाष्य’ 

शुरु में ही साफ-साफ जान लीजिए, यह आलेख अम्बरीश कुमार पर बिलकुल ही नहीं है। मैं उन्हें नहीं जानता। पहचानता भी नहीं। आज तक शकल नहीं देखी। हाँ नाम जरूर सुना, पढ़ा है... 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
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7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रविवारीय अंक। आभार 'उलूक' का सूत्र 'रात का गंजा दिन का अंधा ‘उलूक’
    बस रायता फैला रखा है' को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये।

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  2. aabhaar ji !achchi charchaa !!"5th पिल्लर करप्शन किल्लर", "लेखक-विश्लेषक", पीताम्बर दत्त शर्मा ! वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे ! link -www.pitamberduttsharma.blogspot.com मोबाईल न. + 9414657511

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  3. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा चर्चा |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर रविवारीय चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यबाद।

    जवाब देंहटाएं

  6. Sarthak charcha. Meri rachna ko sammilit karne ke liye apka hardik aabhar Shastri ji.

    जवाब देंहटाएं

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