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रविवार, दिसंबर 25, 2022

"अटल होते आज अगर" (चर्चा अंक-4630)

 मित्रों।

दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह के

रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।

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देखिए जाते हुए साल के कुछ लिंक-

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अटल होते आज अगर (कविता) 

पीर पंजाल का नाम होता 

पञ्चालधारा  पर्वत माला? 

पी ओ के के होता भारत में, 

गिलगिट पर फहराता तिरंगा निराला? 

अटल होते आज अगर 

रग रग हिन्दू मेरा परिचय, 

भारत का वेद वाक्य होता 

सत्य सनातन  ही 

देश का अभिनव साक्ष्य होता.

कवि ब्रजेन्द्र नाथ जी ने  अपनी उपरोक्त रचना में 

पूर्व प्रधानमन्त्री भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेई 

जी का भावपूर्ण स्मरण किया है।

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"जीवन देती धूप"  

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फिर से कुहरा छा गयाआसमान में आज।

आवाजाही थम गयीपिछड़ गये सब काज।।

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खग-मृगकोयल-काग कोसुख देती है धूप।

उपवन और बसन्त कायह सवाँरती रूप।। 

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अनावृत प्रतिबिम्ब 

सारा अंतरिक्ष अपनी जगह रहता है यथावत्, 
बस दिन के उजाले में हम उन्हें देख नहीं पाते, 
दिगंत में जा कर, मेलों का क्या लगते उठते रहते हैं साल भर, अंतरतम के खेल का होता नहीं पटाक्षेप,उपरोक्त रचना में कवि सान्तनु सान्याल ने जीवन शैली को बहुत चतुराई से शब्द दिये हैं।

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रे ! मन 

बंधन हैं सामाजिक
 मन के बन्ध नहीं दीखते 
क्यों भटके मन बैरागी 
भ्रम में जीना छोड़ रे मन 
बन जा तू सन्यासी 

रे मन ! चल तू एकाकी ! 
दिल्ली निवासी कवयित्री संगीता स्वरूप
अपने मनोभावों को शब्दों में बहुत कुशलता से पिरो देतीं हैं।
उनकी उपरोक्त रचना इसका जीवन्त प्रमाण है।

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वाह रे ! सर्दी 

हाड़   कँपाती   ठंड   में,  खींचेंगे   सब  कान।
गीजर अपने स्वास्थ्य का,रखना थोड़ा ध्यान।।

मूँगफली   कहने   लगी , सुन   ले   ए  बादाम।
करती हूँ  कम  दाम  में,तुझ-सा  ही  मैं काम।।

कवि ओंकार सिंह विवेक जी ने 
हाड़ कँपाती सर्दी पर सुन्दर दोहे पेरस्तुत किये हैं। 

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अरूप 

वह जो अरूप है भीतर 

अकारण सुख है 

उसकी मुस्कान थिर है 

चिर बसंत छाया रहता है उसके इर्दगिर्द 

अनहद राग बजता है अहर्निश 

कवयित्री अनीता जी की यह रचना भी

पाठकों को सोचने पर विवश करेगी।

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कह दो किसी से प्यार है कह दो किसी से प्यार है कर भी दो इज़हार कब तलक छलती रहोगी कह भी दो इक बार प्यार के इजहार पर कवि राहुल उपाध्याय ने ढाई अक्षर के इस शब्द को जिया है,किन्तु सच पूछा जाये तोप्यार हमेशा आधा-अधूरा ही रहता है क्योंकि प्यार का तो पहला ही अक्षर आधा होता है।

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चर्चा के अन्त में देखिए

कुछ और लिंक-

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ले के आयेगा नव-वर्ष चैनो-अमन

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पड़ने वाले नये साल के हैं कदम!

स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!

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कोई खुशहाल है. कोई बेहाल है,

अब तो मेहमान कुछ दिन का ये साल है,

ले के आयेगा नव-वर्ष चैनो-अमन!

स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!

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दिल (मानव हृदय) के बारे में रोचक तथ्य || Amazing Facts About Human Heart || 

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केवल अपेक्षा तुमसे आशा लता सक्सेना

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इच्छाधारी हवलदार और पंगानाथ | मनोज कॉमिक्स | विनय प्रभाकर 

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आज के लिए बस इतना ही...।

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6 टिप्‍पणियां:

  1. रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा। मेरी पोस्ट को भी चर्चा में शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर प्रस्तुति 👌👌

    मेरी लिंक को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी सुधि रचनाकारों एवं मंच संचालकों को "मैरी क्रिसमस !" !
    आदरणीय डॉ साहब बहुत उम्दा संकलन ,
    प्रणाम ! जय भारती !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर रचनाओं से सजा आज का चर्चा मंच, इस श्रमसाध्य कार्य के लिए हृदयतल से नमन सर, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई 🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर चर्चा. आभार.

    जवाब देंहटाएं

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