मित्रों।
दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह के
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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देखिए जाते हुए साल के कुछ लिंक-
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पीर पंजाल का नाम होता
पञ्चालधारा पर्वत माला?
पी ओ के के होता भारत में,
गिलगिट पर फहराता तिरंगा निराला?
अटल होते आज अगर
रग रग हिन्दू मेरा परिचय,
भारत का वेद वाक्य होता
सत्य सनातन ही
देश का अभिनव साक्ष्य होता.
कवि ब्रजेन्द्र नाथ जी ने अपनी उपरोक्त रचना में
पूर्व प्रधानमन्त्री भारतरत्न अटल बिहारी बाजपेई
जी का भावपूर्ण स्मरण किया है।
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फिर से कुहरा छा गया, आसमान में आज।
आवाजाही थम गयी, पिछड़ गये सब काज।।
खग-मृग, कोयल-काग को, सुख देती है धूप।
उपवन और बसन्त का, यह सवाँरती रूप।।
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वह जो अरूप है भीतर
अकारण सुख है
उसकी मुस्कान थिर है
चिर बसंत छाया रहता है उसके इर्दगिर्द
अनहद राग बजता है अहर्निश
कवयित्री अनीता जी की यह रचना भी
पाठकों को सोचने पर विवश करेगी।
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कह दो किसी से प्यार है कह दो किसी से प्यार है कर भी दो इज़हार कब तलक छलती रहोगी कह भी दो इक बार प्यार के इजहार पर कवि राहुल उपाध्याय ने ढाई अक्षर के इस शब्द को जिया है,किन्तु सच पूछा जाये तोप्यार हमेशा आधा-अधूरा ही रहता है क्योंकि प्यार का तो पहला ही अक्षर आधा होता है।
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चर्चा के अन्त में देखिए
कुछ और लिंक-
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पड़ने वाले नये साल के हैं कदम!
स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!
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कोई खुशहाल है. कोई बेहाल है,
अब तो मेहमान कुछ दिन का ये साल है,
ले के आयेगा नव-वर्ष चैनो-अमन!
स्वागतम्! स्वागतम्!! स्वागतम्!!!
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दिल (मानव हृदय) के बारे में रोचक तथ्य || Amazing Facts About Human Heart ||
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केवल अपेक्षा तुमसे आशा लता सक्सेना
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इच्छाधारी हवलदार और पंगानाथ | मनोज कॉमिक्स | विनय प्रभाकर
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आज के लिए बस इतना ही...।
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रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा। मेरी पोस्ट को भी चर्चा में शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति 👌👌
जवाब देंहटाएंमेरी लिंक को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।
सभी सुधि रचनाकारों एवं मंच संचालकों को "मैरी क्रिसमस !" !
जवाब देंहटाएंआदरणीय डॉ साहब बहुत उम्दा संकलन ,
प्रणाम ! जय भारती !
बहुत ही सुन्दर रचनाओं से सजा आज का चर्चा मंच, इस श्रमसाध्य कार्य के लिए हृदयतल से नमन सर, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई 🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा. आभार.
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