शीर्षक पंक्ति: आदरणीय ओंकार जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
जनवरी माह की द्वितीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आइए पढ़ते हैं चंद चुनिंदा रचनाएँ-
सामायिक विषयों, ज्वलंत मुद्दों पर आदरणीय डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी का सृजन अनवरत गतिमान है। देश,समाज के समक्ष मुद्दों पर पढ़िए उनका संदेशपरक सृजन-
गीत "ताना-बाना" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मैंने असफलता का मुंह देखा
जब भी अन्देखा किया उन का
मुझे ही कष्ट भोगना पड़ा|
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हालातों से उत्पन्न तल्ख़ियों को बयां करते ओजस्वी गीत का रसानंद लीजिए जिसे रचा है आदरणीय सतीश सक्सेना जी ने-
अरे चीथड़ों कब जागोगे -सतीश सक्सेना
तुमको धांसू न्यूज़ सुनाकर
प्रेस मीडिया नोट कमाये !'
तुमको भरमाने की खातिर
चोर को साहूकार बताये !
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आदरणीय ओंकार जी की कविताओं के विषय नितांत मौलिक होते हैं। अनदेखे अति सामान्य समझे जाने वाले विषय पर भी गंभीर बात हो सकती है-
तुमने भी वही मैसेज भेजा,
जो किसी और ने भेजा था,
पहले लिफ़ाफ़े एक जैसे होते थे,
अब मैसेज एक जैसे होते हैं.
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आदरणीय शांतनु सान्याल जी ने काव्य की बड़ी सुंदर रसधारा बहा दी है जिसमें रसिक पाठक भाव विभोर होकर गोते लगाते हैं-
सर्दियों में धूप हमें बड़ी प्यारी लगती है। आदरणीया डॉ.(सुश्री) शरद सिंह जी रचना ने मनमोहक बिंब प्रस्तुत किए गए हैं-
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सामाजिक परिवेश में अनेक विसंगतियाँ व्याप्त हैं। आदरणीया साधना वैद जी का दृष्टिकोण पढ़िए उनकी कहानी में-
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पढ़िए आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव जी की एक मर्मस्पर्शी लघुकथा जो रिश्ते की तल्ख़ी बयान करती हुई हमारी संवेदना को झकझोरती है -
"तितलियाँ नहीं दीमक कहिए, जिन्हें गुनना नहीं बस... सहायिका को जमीन खरीदकर उसपर घर बनवाकर देने के बाद वो कहती है कि क्या ईंट निकालकर खायें!"
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ज्वलंत विषयों पर सारगर्भित लेख प्रस्तुत करते हैं आदरणीय प्रमोद जोशी जी-
फिर मिलेंगे।
रवीन्द्र सिंह यादव
सुन्दर समीक्षा के साथ अच्छी चर्चा प्रस्तुत की है आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी ने। एतदर्थ बहुत-बहुत बधाई स्वीकार करें।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंसराहनीय रचनाओं से सजा चर्चा अंक!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद
पठनीय सूत्रों का संकलन । आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक दिये आपने, आभार रचना पसंद करने के लिए रवींद्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! अपनी पोस्ट की लिंक यहाँ देख कर अपार हर्ष हुआ ! आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार रवीन्द्र जी ! सादर वन्दे ! सभी मित्रों एवं पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं !
जवाब देंहटाएंमुग्ध करता अंक, सभी को नव वर्ष की अनगिनत शुभकामनाएं, मुझे शामिल करने हेतु हृदय तल से असंख्य आभार आपका । सभी रचनाएँ असाधारण हैं ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना संकलन
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक प्रस्तुति !
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जवाब देंहटाएंhttps://www.youtube.com/watch?v=ov2cskLqk6s&t=573s
बढियां संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन रचनाओं का |मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
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