सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
शीर्षक और भूमिका आदरणीया अनुराधा जी की रचना से
यह जीवन की रीत पुरानी,मानो या मत मानो।
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दोहे "प्रतिज्ञा-दिवस (PROMISE-DAY)"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
वचन तोड़ने का कभी, मत करना तुम पाप।
बार-बार मिलती नहीं, प्रणय-प्रीत की थाप।।
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बेमन से देना नहीं, वचन किसी को मित्र।
जिसमें तुम रँग भर सको, वही बनाना चित्र।।
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अलविदा कहने का वक्त आ ही गया आखिर.. मेरे साथ रह कर तुम भी मेरी खामोशी के आदी हो गए थे । अक्सर हवा की सरसराहट तो कभी गाड़ियों के हॉर्न कम से कम मेरे साथ तुम्हें भी अहसास करवाते
रहते कि दिन की गतिविधियां चल रहीं हैं कहीं न कहीं ।'वीक-एण्ड' पर मैं बच्चों के साथ अपने मौन का आवरण उतार फेंकती तो तुम भी मेरी ही तरह व्यस्त और मुखर हो कर चंचल हो जाते ।
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पलाशी हवा है
खिली धूप महकी
धरा इंद्रधनुषी सुहानी हुई है
लदी डाल बॉरें सुनहरा है गेहूँ
सरसों सजीली धरा हो चली है
लदे फूल टेसू, खिले बाग उपवन
अल्हड़ महकती हवा हो चली है
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आदिम ध्रुव तारा की तरह कुछ स्मृतियां
जीवित रह जाती हैं उत्तरी आकाश में,
दूरस्थ प्रेम, नज़दीक आना चाहता
है पुनः मधुमास में, मध्य रात
की निस्तब्धता चीर कर
उतरना चाहते हैं सभी
मृत नक्षत्र, पुरातन
छत के ऊपर,------------------------टूट-टूट कर बिखर रहीं हूँ...
लावा अंतस में बहता था,
जला न कोई पापी।
आग लगाई औरों ने थी,
हरपल धरणी काँपी।
लाज गठरिया मिलकर लूटी,
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जो लिखा है ख़त में उस पैगाम की बातें करो ..
सुंदर चर्चा। सभी लिंक्स शानदार।
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत आभार @कामिनी सिन्हा जी।
सुप्रभात 🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति🙏
सादर आभार.......
सुंदर चर्चा सूत्र … आभार मेरी ग़ज़ल को शामिल कारने के लिए …
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण सूत्रों से सुसज्जित बहुत सुन्दर और श्रमसाध्य चर्चा । बेहतरीन सूत्रों के साथ मेरे सृजन को सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार कामिनी जी! सादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंमुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार, सभी रचनाएँ अद्वितीय हैं, नमन सह।
जवाब देंहटाएंसुंदर और सार्थक चर्चा, मेरे लेख को स्थान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति। मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात, पठनीय सूत्रों से सजी सुंदर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंआप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पठनीय संकलन !
जवाब देंहटाएंबहुत बढियां चर्चा ऊ
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