मित्रों
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
मुदित मन से आ रहा नव वर्ष है
हास है, उल्लास है, उत्कर्ष है
मुदित मन से आ रहा नव वर्ष है !
हो रहा है अवतरण नव वर्ष का
और है अवसान बीते साल का...
Sudhinama पर
sadhana vaid
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प्रतियोगिता झूठ बोलने की ही हो रही है
हर तरफ आज के दिन पूरे देश में
किसी एक झूठे के बड़े झूठ ने ही जीतना है
झूठों में सबसे बड़े झूठे को मिलना है ईनाम
किसी नामी बेनामी झूठे ने ही खुश हो कर
अन्त में उछलना है कूदना है झूठे ने ही...
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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नए साल में नए गुल खिलें,
नई हो महक नया रंग हो ...
नव वर्ष सभी के लिए सुख,
शांति और समृद्धि ले के आए ...
सब को बहुत बहुत मंगल-कामनाएं ...
नए सालमें नए गुलखिलें,
नई हो महक नया रंग हो
यूंही खिल रही हो ये चांदनी
यूंही हर फिज़ां में उमंग हो...
Digamber Naswa
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धीर वीर बलजीत का ऊँचा सदा हो माथ।।
शेरगढ़ संस्कृत विद्यालय का एक वीर।
दे रहा है आज हर अपनों को हरा पीर...
स्व रचना पर
Girijashankar Tiwari
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धा धिन धिन धा ...
एक शहर रो रहा है सुबह की आस में
जरूरी तो नहीं कि हर बार
सूरज का निकलना ही साबित करे
मुर्गे ने बांग दे दी है
यहाँ नग्न हैं परछाइयों के रेखाचित्र
समय एक अंधी लाश पर सवार ढो रहा है
वृतचित्र नहीं धोये जाते अब...
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अँगूठा महात्म
आज समाचार आया कि साहेब ने अँगूठा छाप की परिभाषा बदल दी है. यह अनेकों बदलती परिभाषाओं की कड़ी में एक और कदम है. बताया गया कि पहले अँगूठा छाप का मतलब अनपढ़ होता था और आज जमाना बदल गया है. मितरों, अब यह आपका अँगूठा आपकी पहचान होगा....
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Welcome 2017
"आज कोई नवगीत लिखूँ."
मन कहता इस नववर्ष पर, आज कोई नवगीत लिखूँ
भूल के सारे द्वेष सभी से, अपने मन का राग लिखूँ....
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी
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जिंदगी में जरूर अपनाये
ये तीन नियम !
जिंदगी में हम अक्सर देखते हैं कि दूर से सुन्दर दिखाई देने वाली चीज़े अक्सर पास से देखने पर वैसी नही रह जाती हैं। कोई भी व्यक्ति , वस्तु अथवा घटना करीब आते आते अलग दिखाई देने लगते हैं। खूबियों के साथ साथ खामियां भी नज़र आने लगती हैं। और साथ ही साथ मेहनत भी नज़र आने लगती है। आपकी जिंदगी में कुछ लोग अक्सर ऐसे होंगे जो आपको केवल काम पड़ने पर ही याद करते होंगे...
Manoj Kumar
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700
आजीवन पिया को समर्थन लिखूँगी
प्रेम को अपना समर्पण लिखूँगी l
निज आलिंगन से जिसने जीवन सँवारा
प्रेम से तृप्त करके अतृप्त मन को दुलारा l
उसे आशाओं स्वप्नों का दर्पण लिखूँगी
प्रेम को अपना समर्पण लिखूँगी...
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नासिरा शर्मा के उपन्यास
'शाल्मली’ के बहाने
स्त्री विमर्श पर चर्चा
रोहिणी अग्रवाल
Shabdankan पर
Bharat Tiwari
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क्यों लिखते हो
क्यों लिखते हो ?
गूगल आभार
किसी नदी, तालाब और कुएं को
लिखना है तो मुझे लिखो
क्यों लिखते हो ?
अपरिचित या किसी जुदा साथी को
लिखना है तो मुझे लिखो...
प्रभात
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साल बदल रहा है...
मैं क्या जानूँ की कौन सी तारीख है,
क्या पता कि साल बदल रहा है...
मुझे तो तुम्हारी आँखों के
बदलते अंदाज़ याद रहते है...
'आहुति' पर
Sushma Verma
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समय चक्र हूँ आऊंगा, लौट तुम्हारे गाँव ।।
न मैं बीता हूँ कभी , नया बरस क्या मीत ?
बँटवारा तुमने किया, यही तुम्हारी रीत ।।
पंख नहीं मेरे कोई, कहाँ हैं मेरे पाँव -
समय चक्र हूँ आऊंगा, लौट तुम्हारे गाँव ।।
एक सिंहासन के लिए, मत कर गहन प्रयास
सहज राज मिल जाएगा, दिल में रहे मिठास
जिनके मन कुंठा भरी, जले भरम की आग
ऐसे सहचर त्यागिये - न रखिये अनुराग ।।
नए वर्ष की मंगल कामनाएं
बँटवारा तुमने किया, यही तुम्हारी रीत ।।
पंख नहीं मेरे कोई, कहाँ हैं मेरे पाँव -
समय चक्र हूँ आऊंगा, लौट तुम्हारे गाँव ।।
एक सिंहासन के लिए, मत कर गहन प्रयास
सहज राज मिल जाएगा, दिल में रहे मिठास
जिनके मन कुंठा भरी, जले भरम की आग
ऐसे सहचर त्यागिये - न रखिये अनुराग ।।
नए वर्ष की मंगल कामनाएं
गिरीश बिल्लोरे मुकुल
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वह साल गया, यह साल चला.....
हरिवंशराय बच्चन
मित्रों ने हर्ष-बधाई दी
मित्रों को हर्ष-बधाई दी
उत्तर भेजा, उत्तर आया
'नूतन प्रकाश', 'नूतन प्रभात' इत्यादि
शब्द कुछ दिन गूंजे फिर मंद पडे,
फिर लुप्त हुए फिर अपनी गति से काल चला;
वह साल गया, यह साल चला...
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंनूतनवर्षाभिनन्दन
आभार
सादर
आने वाला वर्ष चर्चा मंच परिवार के लिए अति आनन्दमयी , अच्छे स्वास्थ्य , शांति एवं ख़ुशियों से भरा हो ... यही कामना है मेरी ... सुंदर चर्चा आज की .... आभार मुझे भी शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएंआभार आपका। आप सभी को नए वर्ष की मंगल कामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ! मेरी रचना को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका आभार ..
जवाब देंहटाएंनव वर्ष २०१७ की हार्दिक शुभकामनायें!नया साल मुबारक हो!💐💐
बहुत सुंदर चर्चा सूत्र.मुझे भी शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएं !
नववर्ष मंगलमय हो सभी चर्चाकारों, चिट्ठाकारों पाठको के लिये सपरिवार शुभ हो नया साल । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'आओ खेलें झूठ सच खेलना भी कोई खेलना है' को आज की चर्चा में जगह देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंनववर्ष मंगलमय हो सभी चर्चाकारों, चिट्ठाकारों पाठको के लिये सपरिवार शुभ हो नया साल । बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंनूतन वर्षाभिनंदन के साथ साल के प्रथम दिवस की बहुत सुन्दर चर्चा ! मेरी रचना को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी ! सभी मित्रों, बंधु बांधवों एवं पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंनए साल से सजी सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी साथियाें का्े नववर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं
उम्दा चर्चा और लिंक्स |
जवाब देंहटाएंसभी हिंदी प्रेमी ब्लॉगरों, साहित्यकारों, रचनाकारों और चर्चामंच के व्यवस्थापकों को नूतन वर्ष की मंगलकामनाएं...!
जवाब देंहटाएंआज अचानक इधर आगमन हुआ, मन प्रसन्न हो गया। भांति-भांति की सामग्री, साहित्य की तमाम विधाएं.. एक ही स्थान पर उपलब्ध.. वाह। सभी को साधुवाद..!
अनुरोध है एक बार मेरी ब्लॉग वेबसाइट
Hindi e-Tools || हिंदी ई-टूल्स का भी अवलोकन करें।
धन्यवाद
आभार मयंक जी मेरी रचना को यहाँ सम्मिलित करने हेतु
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