मित्रों
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बालगीत
"प्रकाश का पुंज हमारा सूरज"
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देश को रहा गर्व है
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मुसीबत राह में आई
मिले हमदर्द भी हरदम
मधुर गुंजन पर
ऋता शेखर 'मधु'
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रमेशराज के
देशभक्ति के बालगीत
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प्रेम
आज तुम्हारा चित्र हाथ में क्या आया
गुजरा कल फिर से यादों में जीवन्त हो उठा...
अन्तर्गगन पर
धीरेन्द्र अस्थाना
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आशंका में लिपटा अभिनन्दन
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी
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तू नशे में था -
*तू नशे में था *
*तेरे घर की आबरू *
*नीलाम हो गई -*
*तू नशे में था *
*तेरी ड्योढ़ी बदनाम हो गई ...
udaya veer singh
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न हो उदास ऐ सनम
झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव
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कार्टून :-
एक अवार्ड तो इस ग़रीब का भी बनता है
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बदस्तूर...........अच्युत शुक्ल
मेरे इश्क़ का मसला ये तमाम हुआ,
मैं तो बदनाम सरेआम हुआ...
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सप्ताहांत नहीं मासांत के लिए फिल्म बनाइये
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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गुठली
चूसकर फेंकी गई जामुन की एक गुठली
नरम मिट्टी में पनाह पा गई,
नन्ही-सी गुठली से अंकुर फूटा,
बारिश के पानी ने उसे सींचा,
हवा ने उसे दुलराया.
धीरे-धीरे एक पौधा,
फिर पेड़ बन गई...
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सबके अपने युद्ध अकेले
और स्वयं ही लड़ने पड़ते,
सहने पड़ते, कहने पड़ते, करने पड़ते,
वह सब कुछ भी,
जो न चाहे कभी अन्यथा...
Praveen Pandey
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अवमूल्यन किसका हुआ है
कविता मंच पर
Upchar और प्रयोग
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कविता
"अब बसन्त आने वाला है"
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वे जड़े ढूंढ रहे हैं
गणतंत्र दिवस अपनी उपादेयता बताकर चले गया, मेरे अंदर कई पात्र खलबली मचाने लगे हैं। देश के गण का तन्त्र और देश के मन की जड़े दोनों को खोद-खोदकर ढूंढने का ढोंग कर रही हूँ। जी हाँ हम ढोंग ही करते हैं। देश के प्रतीक के रूप में अपने ध्वज के समक्ष जब सल्यूट करने को हाथ उठते हैं तब उसके तंत्र की ओर ध्यान ही नहीं जाता...
smt. Ajit Gupta
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत सारे सुन्दर सूत्रों के साथ सजी आज की रविवारीय चर्चा में 'उलूक' के सूत्र 'बधाई है बधाई है बधाई है बधाई है' और 'बिना झंडे के लोग लावारिस हो रहे हैं' को स्थान देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सारे सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की सुन्दर रविवारीय चर्चा। मेरी रचना "जाड़े अब जा रे" को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
लाजबाव चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सारे सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की सुन्दर रविवारीय चर्चा। मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यबाद शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएं