मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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701-
नए साल से दो बातें
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
दो बूँद भी
प्यार मिला है
मुझको जिनसे
उनको
भर-भर गागर देना ।
सुख-दु:ख में
जो साथ रहे
परछाई बन
सुख के
सातों सागर देना...
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नया साल आया,
मुबारक घड़ी है
यकीनन नज़र में चमक आरज़ी है
महज़ चार दिन की यहाँ चाँदनी है
जिधर देखिए हाय तौबा मची है
हथेली पे सरसों भला कब उगी है...
Himkar Shyam
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जीवन को साकार करें...
अति बुरी होती है
साँसों की हो या संयम की
विचलन की हो या विभोर की
प्रेम की हो...
डॉ. जेन्नी शबनम
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रबी की बुआई पर नहीं नोटबंदी का असर
8 नवंबर को काले धन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के वास्ते जब केन्द्र सरकार ने 500 और एक हज़ार रूपये के नोट को चलन से बाहर करने का फ़ैसला किया तो दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं, एक तो वह, जो नोटबंदी के समर्थन में थीं। दूसरी प्रतिक्रियाः आलोचनात्मक कम और निंदात्मक ज्यादा थी। इसमें सियासी तबके के अलावा एक धड़ा ऐसा भी था जो मीडिया का हिस्सा है और प्रधानमंत्री मोदी के हर काम में नुक्स निकालने के लिए छिद्रान्वेषण की हद तक...
गुस्ताख़ पर
Manjit Thakur
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कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!!
भाग-33
कविता मैं लिख दूंगी
कहानी तुम लिख लेना..
मैं तुम्हारे लम्हो को जी लुंगी,
तुम मेरी जिंदगी जी लेना..
'आहुति' पर
Sushma Verma
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नया साल आया है
नया साल ले आ गया धवल सलोना प्रात
गया वर्ष लिखता रहा अनुभव के अनुपात...
मधुर गुंजन पर
ऋता शेखर 'मधु'
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एक गीत :
नए वर्ष की नई सुबह में
नए वर्ष की नई सुबह में ,
आओ मिल कर लिखें कहानी,
ना राजा हो ,
ना हो रानी...
आपका ब्लॉग पर
आनन्द पाठक
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एक नए दिन की शुरुआत ....
मुबारक़ हो
इस साल सब लोग खूब अच्छा-अच्छा सोचें ,
अच्छा-अच्छा करें ,
किसी को भी पलभर के लिए
दुःख का सामना न करना पड़े ,
ईश्वर से यही प्रार्थना है...
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अनोखे स्वतंत्र्य सेनानी
बलजी- भूरजी शेखावत
ज्ञान दर्पण पर
Ratan singh shekhawat
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कविता के नामवरी प्रतिमान :
कितना अर्थ, कितना अनर्थ -
सुशील कुमार
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उम्मीद के टोकरे में होकर सवार
आया नववर्ष मेरे द्वार
तो क्या हुआ मुझे रीतना था ,
रीत गयी वक्त ने जीतना था ,
जीत गया एक नामालूम ,
बेवजह सा सपना था टूटना था ...
vandana gupta
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"सर्वोच्च-न्यायालय ,क़ानून और वो "
पीताम्बर दत्त शर्मा
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गत्यावरोध
Akanksha पर
Asha Saxena
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दिल की चाहत
हँस के हम
अपना हर दर्द छिपा लेते है
हमे प्यार है तुमसे
ये बात हम
अपनी निग़ाहों से भी बचा लेते हैं...
प्यार पर
Rewa tibrewal
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कार्टून :-
समाजवाद बबुआ हुमहुमा के आई
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नया साल कुछ ऐसा हो
नया साल में नयी चीजे हो
भारत से भूख गरीबी दूर हो
पेप्सी कोला बंद हो
बर्गर पीजा बंद हो
सब लोग भारतीय भोजन करे
महँगाई घटे बेतन बढे
लोगो में भाईचारा हो ...
aashaye पर
garima
सुन्दर मंगलवारीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंक्या
जवाब देंहटाएंबात है जी !वाह !बहुत ही खूबसूरत रचनाएँ सम्मलित करीं हैं जी आपने रूप जी सुन्दर मंगलवारीय चर्चा।!!
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
बहुत खूबसूरत चर्चा .......नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..........हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा ,नव वर्ष आप सबको मगल्मय हो
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर..... नव वर्ष मंगलमय हो
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बहुत ही अच्छे लिंक्स एक साथ देखने को मिलते है जगह जगह भटकने की बजाय आपके के इस चर्चा मंच पर आकर सबको एक साथ देखने का अवसर मिल जाता है इससे समय की भी बचत होती है।
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी आपको को इसके लिए धन्यवाद।