हरिगीतिका छंद
नौ माह तक माँ राह ताकी आह होंठो में दफन।
दो साल तक दुद्धू पिला शिशु-लात खाई आदतन।
माँ बुद्धि विद्या पुष्टता हित नित्य नव करती जतन ।
फिर राह ताके प्रौढ़ माँ पर द्वार पर ओढ़े कफन।।
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535. तुम भी न बस कमाल हो...
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मन उस पार पहुँच जाता है......डॉ. पूर्णिमा शर्मा
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कार्टून :- अर्थशास्त्र Ver 0.1
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बढ़िया सतरंगी चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार
जवाब देंहटाएंसर आज की चर्चा बढ़िया है |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
Happy Valentines day
जवाब देंहटाएंHappy Valentines sms
Happy Valentine's Day Messages And SMS 2017