शीर्षक पंक्ति: आदरणीया आशा लता सक्सेना जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
आज देश अपने महान सपूतों को शिद्दत से याद कर रहा है।
कोटि-कोटि नमन।
गुरुवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आइए पढ़ते हैं आज की चुनिंदा रचनाएँ-
आदरणीय रूपचन्द्र शास्त्री जी की सामयिक दोहावली में विश्व कल्याण का संदेश-
दोहे "सबको देते प्रेरणा, माता के नवरूप" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
अभ्यागत को देखकर, होना नहीं उदास।
करो प्रेम से आरती, रक्खो व्रत-उपवास।।
जीवन की परिस्थितियों-विसंगतियों पर प्रकाश डालती आदरणीया आशा लता सक्सेना जी की रचना-
जिसने दी शिक्षा अधूरी तुम्हें
उसने यह तो बताया होगा
गाड़ी के दो पहिये होते हैं
दोनों को साथ ही रहना है स्वेछा से।
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मेहनतकश लोगों की दशा पर मर्मस्पर्शी रचना आदरणीया अनीता जी की-
वही ख़ुदा उनमें भी बसता है उतना ही
चंद निवालों के लिए दिन-रात खटते हैं
कभी देखा भी है पसीना बहाते उनको
अपने हाथों से नई इमारतें गढ़ते
जा बसें उनमें ख़्वाब भी नहीं आये जिनको
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कोमल एहसासात का सफ़र आदरणीया शैल सिंह जी की रचना में बड़ी ख़ूबसूरती के साथ उभरा है-
ईश्क़ में टूटकर बिखर जाना अगर ईश्क़ है
तोड़कर सरहदें जिद्द की एकबार
बता जाओ आकर हो ख़फ़ा क्यूँ बेज़ार
ख़यालों में हुई तेरे बावरी मशहूर हो गई मैं
राह देखते अपलक थककर चूर-चूर हो गई मैं ।
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आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना में एकाकी यात्री का मर्म जीवन-दर्शन के नए आयाम प्रस्तुत करता है-
चढ़ीं मुँडेर
पीत पुष्प लताएँ
अमवा बौरे
कुहके कोयलिया
मनवा तड़पाए।
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आदरणीय विश्वमोहन जी प्रस्तुत कर रहे हैं एक सारगर्भित पुस्तक समीक्षा-
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पढ़िए विश्व जल-दिवस पर आदरणीया रेखा श्रीवास्तव जी का गहन चिंतन-
घरों में नलों के ठीक न होने पर उनसे टपकता हुआ पानी सिर्फ और सिर्फ पानी की बर्बादी को दिखाता है जिसके लिए हम जिम्मेदार हैं। इस तरह से बहते हुए।*****रवीन्द्र सिंह यादव
रंग रंग के रंग भरे अंक की शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई, रवीन्द्रजी.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत आभार @रवीन्द्र सिंह यादव जी।
वीर शहीदों को नमन। बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। आभार।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! जल दिवस, पुस्तक समीक्षा और भी अनेक विविध विषयों पर आधारित विविधरंगी चर्चा! आभार मुझे भी आज के अंक में शामिल करने हेतु रवींद्र जी!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रवीन्द्र जी मेरी रचना को इस अंक में स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
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