मित्रों!
प्रस्तुत है
मार्च के अन्तिम बृहस्पतिवार की चर्चा!
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आया पावन मंगलकारी
श्री रामचंद्र का जन्म दिवस
हे प्रेरणाओं के प्रकाश पुंज
हर लो धरती से अज्ञान तमस.
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"माता का वरदान"
व्रत-तप-पूजन के लिए, आते हैं नवरात।
माँ को मत बिसराइए, बदलेंगे हालात।।
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मुरादाबाद मंडल के कुरकावली (जनपद संभल )निवासी साहित्यकार त्यागी अशोका कृष्णम् के नौ दोहे माता के हर रूप में, ममता का भंडार। कृष्णम् बच्चों को सदा, करती लाड़ दुलार।।1।। मातृशक्ति का जो करें, जन, मन से गुणगान। चाकर बन उनके रहें, सुख के सब सामान।।2।। भक्तों को जगदंबिका, होती कोमल फूल। दुष्टों को चुभती मगर, जैसे घातक शूल।।3।।
साहित्यिक मुरादाबाद--
मात्र मात्राओं का खेल है ... एक वैज्ञानिक का नज़रिया ... समीक्षा १
मात्रमात्राओंकाखेलहै #निवेदिन *कविता में विज्ञान और विज्ञान में कविता देखने वाले डॉ. विनोद तिवारी भौतिक विज्ञान के शोध कर्ता और काव्यालय https://kaavyaalaya.org/ के सम्पादक हैं जिन की ईमेल द्वारा भेजी चिट्ठी पढ़ने के बाद साँझा किये बिना नहीं रह सकी |भौतिकी में शोध कार्य के लिये उन्हें प्राइड आफ इंडिया पुरस्कार, अमरीका सरकार का पदक, और लाइफ-टाइम-एचीवमेंट पुरस्कार मिल चुके हैं एवं कई बरसों से Boulder, Colorado; USA में रहते हैं | Sunehra Ehsaas--
करें नव वर्ष का स्वागत, तहेदिल से सभी मिलके।
ये सृष्टि हंस रही है आज,अभिनंदन में खिलखिल के।
सजी है भोर सिंदूरी अवनि से दूर अंबर तक,
पहन कर किरण पैजनियाँ उतरती आज हो रुनझुन।
झुकी हैं बाग में डाली भरी गदराई कलियों से,
झरें मकरंद, भौरों की सुखद आमद करे गुनगुन॥
फलेंगे और फूलेंगे, कुसुम बन भाव हर दिल के।
करें नव वर्ष का स्वागत, तहेदिल से सभी मिल के॥
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टहटह लाल माँग, कजरा, गजरा, बिन्दी, चूड़ी, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र, मन्दिर-महलों के लगभग सभी प्रमुख द्वारस्तंभों पर अंकित सोलह शृंगारों के दृश्य से कुछ ही चीजें कम धारण किए,
बुजुर्गों को और सभी मनपसंद चीजें धूल-धूसरित होने छोड़ जाते हैं, बेटे भी विदा होते हैं••• आधारित पूरी रचना पढ़ते-पढ़ते नायिका फफ़क पड़ी।
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किताब परिचय: मौत का विलाप | सुरेन्द्र मोहन पाठक | साहित्य विमर्श प्रकाशन
एक बुक जर्नल--
मुझे तुमसे कुछ ना चाहिए तुमसे कुछ ना चाहिए प्यार के सिवाय
जीवन बहुत सीधा साधा
कोई जीवन की रंगीनिया नहीं |
सीधा साधा है यह तो |
मुझे सादगी से लगाव है
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बरसों से हम और आप कितने उदास हैं
बरसों से हम और आप कितने उदास हैं
रह के भी दूर-दूर हम इतने पास हैं
घर से गए जो आप तो घर घर लगा नहीं
आएँगे इक दिन आप फिर ये मेरी आस है
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अग्निशिखा--
गोडाण! नाम सुनकर आप कहेंगे यह किस चिड़िया का नाम है। यह उस चिड़िया का नाम है, जिसके नाम-ओ- निशां मिट जाने को हैं। सदियों से सताई जा रही चिड़िया। कुदरती शर्मिली, लेकिन कण्ठ खोलती, तो पूरा गांव सुनता। कभी भारत भर में गूंजने वाला इस गगनभेर का स्वर अब केवल जैसलमेर के धोरों में गाहे-बगाहे सुनाई देता है।Bahut-kuch--
सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि जब भी धर्म और आस्था की बात आती है हीन मानसिकता वाले कुछ पुरुष अपनी इस दुर्भावना को बड़ी दक्षता के साथ श्रद्धा और भक्ति के मुखौटे के नीचे छिपा कर देवी माँ की पूजा अर्चना आराधना में डूबे दिखाई देते हैं ! नवरात्र के आरम्भ होते ही देवी की पूजा आराधना का पर्व आरम्भ हो जाता है जिसे प्राय: अधिकांश सनातन धर्मावलम्बियों के यहाँ बड़े विधि विधान से मनाया जाता है ! पहले ये पर्व बिना विशेष आडम्बर एवं दिखावे के घरेलू स्तर पर श्रद्धा भाव से मना लिया जाता था लेकिन इधर कुछ समय से फिल्मों एवं दूरदर्शन के प्रभाव के कारण इन छोटे छोटे अनुष्ठानों में भी बहुत अधिक आडम्बर और प्रदर्शन की प्रवृत्ति का समावेश हो गया है !
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यह एक किस्सागो के जीवन का किस्सा है, जिसको उनकी ही जुबानी सुनने के लिए साक्षात्कार कर्ता तो निमित मात्र है. 25 नवम्बर 2022 की एक दोस्ताना शाम को किस्सागो सुभाष पंत जी के आवास पर ही बतियाने के लिए पहुंच जाने का प्रतिफल. उस वक्त ऐसी कोई योजना तो दूर, ख्वाब भी नहीं था कि किसी माह भर की समस्त पोस्ट्स को एक रचनाकार पर केंद्रित करते हुए ब्लाग पर विशेषांक भी निकाला जा सकता है. तब भी बातचीत को रिकार्ड यह सोच के कर लिया था कि इसका कोई सार्थक उपयोग किया जाएगा.
मेरा मानना है कि कथाकार सुभाष पंत से यह बातचीत इस ब्लाग के लिए ही नहीं हिंदी साहित्य की दुनिया के लिए एक तोहफा है. लिखो यहां वहां
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राजस्थान दिवस 2023 || Rajasthan Day 30 March ||
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गीत "'रूप' बदलता जाता है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आज के लिए बस इतना ही...!
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रामनवमी पर्व पर सुंदर रचनाओं के साथ साथ विविध रचनाओं से सजा सुंदर अंक। मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय। सभी को रामनवमी की हार्दिक बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! सदा की तरह विविधरंगी सुंदर प्रस्तुति !!
जवाब देंहटाएंभय प्रगट क्रपाला
जवाब देंहटाएंदीनदयाला कौशल्या हितकारी
राम जन्मोत्सव की सभी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।
चर्चामंच में मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।
वन्दन के संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद
सुंदर चर्चा अंक आदरणीय सर,आप सभी को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंरामनवमी के पावन अवसर पर आज की इस विशिष्ट चर्चा में आपने मेरी ब्लॉग पोस्ट को भी सम्मिलित किया आपकी हृदय से आभारी हूँ शास्त्री जी ! सभी लिंक्स बहुत ही सुन्दर एवं पठनीय ! हार्दिक धन्यवाद सहित सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआप सबको रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏❤️
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआभार सर मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर प्रस्तुत श्री त्यागी अशोका कृष्णन जी के दोहे यहां प्रस्तुत करने के लिए आपका हृदय से आभार ।
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