मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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फ़रेब सीरत के ...
मुद्द'आ यूं मिटा तमाशों में दब गई आह ढोल-ताशों में
सोज़े-तकरीर हुस्न खो बैठा तल्ख़ तन्क़ीदो-इफ़्तिराशों में ...
साझा आसमान पर
Suresh Swapnil
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तलाश ...
तलाश ... शब्द तो छोटा हैं पर इसका सफ़र, इसकी तलब, ख़त्म नहीं होती जब तक ये पूरी न हो ... कई बार तो पूरी उम्र बीत जाती है और ज़िन्दगी लौट के उसी लम्हे पे आ आती है जहाँ खड़ा होता है जुदाई का बेशर्म लम्हा ... ढीठता के साथ ...
उम्र के अनगिनत हादसों की भीड़ मेंदो जोड़ी आँखों की तलाशवक़्त के ठीक उसी लम्हे पे ले जाती हैजहाँ छोड़ गईं थीं तुमवापस ना लौटने के लिए
उस लम्हे के बाद सेतुम तो हमेशा के लिए जवान रह गईं
पर मैं ...
उम्र के अनगिनत हादसों की भीड़ मेंदो जोड़ी आँखों की तलाशवक़्त के ठीक उसी लम्हे पे ले जाती हैजहाँ छोड़ गईं थीं तुमवापस ना लौटने के लिए
उस लम्हे के बाद सेतुम तो हमेशा के लिए जवान रह गईं
पर मैं ...
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प्रश्न क्या करे नचिकेता ?
क्यों बैठे हो द्वार से सटकर ?
तीन दिवस से हठकर ...
Mera avyakta पर
--राम किशोर उपाध्याय
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ओ बसंती उन्मत पवन
ओ बसंती उन्मत पवन महसूस कर दर्दे चमन
निहार जरा कातर नयन फिर बढ़ाना तुम कदम
तू निडर मगरूर है मद में ही अपने चूर है
तू लाचार ना मजबूर है फिर क्यों जमीं से दूर है...
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वुमेन डे" न मनाना पड़े...!
लीजिये ये इक निर्धारित किया गया है,
स्त्री के लिए,कहते है कि,
स्त्रियों के सम्मान के लिए ये दिन चुना गया है...
पर मैं आज तक समझ नही पायी,
कि क्या सच में किसी दिन की जरुरत पड़ती है,
स्त्री को सम्मान देने के लिए..
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
ATI Sundar chacha Munch links
जवाब देंहटाएंand thank you so much dear sir Roopchand Shastri ji
my post link
active life
ATI Sundar chacha Munch links
जवाब देंहटाएंand thank you so much dear sir Roopchand Shastri ji
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हमेशा की तरह एक सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा संयोजन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंचाचा जी नमस्कार, ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरन्तर आपका स्नेह और आशीष मिलता है।
जवाब देंहटाएंआपके शुभ जीवान की आकांक्षी
सुंदर है आज कि चर्चा ... आभार मुझे भी शामिल करने का ...
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