मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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हर वर्ष फागुन में आती होली
हर बार नए रंग लाती होली।
कभी गुब्बारे कभी गुलाल
कहीं कोई पिचकारी लाल
सबको रंग रंग जाती होली...
युवाम पर gurpreet singh Butter
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1.
होली कहती
खेलो रंग गुलाल
भूलो मलाल!
2.
जागा फागुन
एक साल के बाद,
खिलखिलाता!
3....
डॉ. जेन्नी शबनम
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होली त्यौहार ही ऐसा है जो निकृष्ट पल के उदासीन माहौल में भी अपनी खनक छेड़ देता है। उदास पलो के भाव इस फागुनी बयार के झोंके में विलीन हो जाते है। मन पर छाये सुसुप्ता के भाव में रंगों की महक एक नए उत्साह और उमंग का संचार कर देता है। फागुन के पलाश की दहक आसपास के मंजर को उत्साह के ताप से भर देती है। मन में जमे उदासी की बर्फ अब इसकी ऊष्मा में पिघल कर रंगों के बयार के साथ घुल मिल गया है। ।।।।।आखिर होली है...
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गुलाल उड़ा मन ही मन रंगा पगला मन ! ..
रंग से मिल गलबहियाँ डाल हँसे गुलाल ! ..
रंग बरसा होली के रंग से रंगी धरा भी ! ..
फागुन संग पवन खेले रंग उड़े गुलाल ! ...
रंग अबीर सजधज के आये मनाओ होली !
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Kailash Sharma
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खेले प्रकृति रंगीन फूलों संग धरा से होली
सूरज चन्दा स्वर्ण रजत रंग घोलें
झील में सूरज खेले वसुधा संग होली
भोर की लाली उड़ा गुलाल लाल हुआ
क्षितिज रवि रंग में मैं तो डालूँगी कन्हैया
जो आएगा रंग डालूँगी फेंकूँगी रं
ग उड़ाऊँगी गुलाल सुख वारूंगी धरूँगी...
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सरिता मेरा नाम है ,बढ़ती हूँ निष्काम।
मोदी की जय बोल दो , बोलो जय श्री राम...
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देशनामा पर Khushdeep Sehgal
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डाल झुकीं तरुणी के तन सी
फ़ागुन के गुन प्रेमी जाने, बेसुध तन अरु मन बौराना
या जोगी पहचाने फ़ागुन , हर गोपी संग दिखते कान्हा
रात गये नज़दीक जुनहैया,दूर प्रिया इत मन अकुलाना
सोचे जोगीरा शशिधर आए ,भक्ति - भांग पिये मस्ताना...
इश्क-प्रीत-लव पर Girish Billore
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रविवारीय चर्चा प्रस्तुति को एक दिन पहले देखना अच्छा लगा
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteमेरे ब्लाग को चर्चामंच पर जगह देने के लिए धन्यवाद और साथ ही होली की शुभकामनाएँ, रूपचन्द्र जी
ReplyDeleteशुभ प्रभात
ReplyDeleteभाई दूज का टीका स्वीकारें
आभार
सादर
इस चर्चा की कढ़ी (लिंक)----- की सही वर्तनी ----इस चर्चा की कड़ी (लिंक)
ReplyDeleteआदरणीय शास्त्री जी को होली की मुबारकवाद सहित मेरे ब्लाग पोस्ट को इस अंक में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteआज सजा चर्चा मंच होली के रंगों से |उम्दा लिंक्स |
ReplyDeleteमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद शास्त्री जी |
होली की शुभ कामनाएं |
होली की शुभकामनाएं । सुन्दर मंगलवारीय चर्चा अंक । आभार 'उलूक' के सूत्र 'ठैरा ठैरी.. को स्थान देने के लिये।
ReplyDeleteबहुत रोचक चर्चा. होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें शास्त्री जी ! बहुत ही सुन्दर रंग बिरंगी चर्चा ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी !
ReplyDeletemeri rachnao ko sthan dene ke liye haardik aabhar :) holi ki haardik badhayi
ReplyDeleteAabhar aapka sadar .... Holi ki anant shubhkamnaye
ReplyDeleteविनम्र आभार चयनित लिंक्स के रचनाकारों को नमन
ReplyDeleteहोली की बधाई ... सुन्दर चर्चा ...
ReplyDeleteHoli ki dheron shubhkamanyen! mere blog ka link charcha mei shamil karne ke liye dhnywaad.Bahut rang birange link nazar aa rahe hain...blogs ko jode rakhne mei aapka yeh prayaas sarahniy hai.Aabhaar..Sadar.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर होली विशेषांक चर्चा में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
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