मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बाल गीत/ डॉ. नागेश पांडेय 'संजय' -
फूलों का स्कूल
फूलों का स्कूल खुला है,
फूलो का स्कूल।
बगिया में ही क्लास लगी है,
खूब पढ़ेंगे, आस जगी है।
साफ-सफाई खूब चकाचक,
नहीं जरा-सी धूल...
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'जो चुनाव सॉफ्टवेयर को मैनिपुलेट करेगा
वही तय करेगा कि देश पर शासन कौन करेगा' :
आईटी एक्सपर्ट रूवॉफ ------ :
ध्रुव गुप्त / गिरीश मालवीय
क्रांति स्वर पर विजय राज बली माथुर
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हिन्दी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता अभियान:
गंगा में मिलिहें डूब कर नहइहें...
अम्मा से मिलिहें त खुलकर बतिअइहें...
PAWAN VIJAY
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वैधानिक चेतावनी -
यह अप्रैल फूल नहीं है ।
अभी - अभी अपुष्ट सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि शिव तांडव सेना के माननीय रविन्द्र रिलेक्सो गायकवाड़ ने देश की जनता से वादा किया है कि वे अबसे पैरों में कभी चप्पल या जूते नहीं पहिनेंगे । देश का सबसे ज्वलंत मंदिर - मस्जिद का मुद्दा सुलझा लिया गया है । विवादित जगह पर ड्यूप्लेक्स बनवा दिया जाएगा । नीचे की मंज़िल पर मंदिर और ऊपर के हिस्से में मस्जिद का निर्माण होगा । श्रद्धालु पहले मंदिर जाएंगे उसके पश्चात उनका मस्जिद में इबादत करना अनिवार्य होगा, ऐसा नहीं करने वालों को दंडस्वरूप निर्मल बाबा के प्रवचन सुबह - शाम सुनवाए जाएंगे ...
कुमाउँनी चेली पर शेफाली पाण्डे
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निर्मल वर्मा जन्मतिथि विशेष -
मन के भीतर की खोज में:
डॉ. जयकृष्ण मिश्र 'अमन'
नवोत्पल पर Shreesh K. Pathak
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Reliance Jio 4G
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Masters Tech पर
Info Tech Hindi
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ज़िंदगी कम है क्या कि मौत की कमी होगी
दुबारा इश्क़ की दुनिया हरी भरी होगी
वो मिल भी जाए तो क्या अब मुझे ख़ुशी होगी...
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वक्त का मरहम
है जन्म अनिश्चित मृत्यु शाश्वत सत्य है ,
नहीं कुछ भी स्थिर सब अनित्य है।
जैसा जिसका भोग है रहता है वह साथ।
जाने की बेला में चल देता है पैदा कर निर्वात...
मन के वातायन पर
Jayanti Prasad Sharma
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चाहत उम्मीद की ...
सोचता हूँ फज़ूल है
उम्मीद की चाह रखना ...
कई बार गहरा दर्द दे जाती हैं ...
टुकड़ा टुकड़ा मौत से अच्छा है
खुदकशी कर लेना ...
Digamber Naswa
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कोई शर्त होती नहीं प्यार में
पूरब और पश्चिम फिल्म का एक गीत मुझे जीवन के हर क्षेत्र में याद आता है – कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया ......। लड़की के रूप में जन्म लिया और पिताजी ने लड़के की तरह पाला, बस यही प्यार की पहली शर्त लगा दी गयी। हम बड़े गर्व के साथ कहते रहे कि हमारा बचपन लड़कों की तरह बीता लेकिन आज लगता है कि यह तो एक शर्त ही हो गयी...
smt. Ajit Gupta
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मिलिये 'मगन'जी से,
जो 'नेपाली'जी बन गये...
मुक्ताकाश....पर आनन्द वर्धन ओझा
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
इस अंक में क्रांतिस्वर की पोस्ट को स्थान देने के लिए आदरणीय शास्त्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रविवारीय अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंविस्तृत सूत्र ... आभार मुझे शामिल करने का ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा आज की ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंआभारी हूँ मान्यवर
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की सभी प्रस्तुतियाँ बहुत सुन्दर हैं ! मेरी रचना को यहाँ स्थान देके के लिए अाभार
जवाब देंहटाएंसादर
मंजु मिश्रा
www.manukavya.wordpress.com