आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर
खेतों में बिरुओं पर जब, बालियाँ सुहानी आती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं।।
सोंधी-सोंधी महक उड़ रही, गाँवों के गलियारों में,
खुशियों की भरमार हो रही, आँगन में, चौबारों में,
बैसाखी आने पर रौनक, चेहरों पर आ जाती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआज की प्रस्तुति देखकर
दिल बाग बाग हो गया
आभार
सादर
उम्दा लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
सुन्दर सार्थक सूत्र ! मेरी रचना, 'तुम्हीं से मिलने का बस इंतज़ार रखते हैं', को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर गुरुवारीय अंक। आभार दिलबाग जी 'उलूक' के सूत्र को भी स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
चर्चामंच की प्रविष्टियाँ देख कर अच्छा लगता है.
जवाब देंहटाएंयहाँ पर हिंदीसक्सेस डॉट कॉम की प्रविष्टियाँ न देखकर ऐसा लगता है जैसे ब्लागर मित्रों ने hindisuccess.com को पढना बंद कर दिया है.
बढ़िया लिंक्स....
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
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