सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक आदरणीया अनीता जी की रचना से)
हां ज़िन्दगी एक सफर ही तो है
आज यहां कल वहां
शाम तक बेटी के साथ मुम्बई में थी और अभी ट्रेन में हूं और ये प्रस्तुति मै सफर के दौरान ही आती जाती नेटवर्क के साथ बड़ी मुश्किल से बना रही हूं तो आज आधी अधुरी प्रस्तुति से ही काम चलानी होगी ।
तो पेश है कुछ रचनाएं
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(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
ये मौसम की मार, हमेशा खुश हो कर सहते हैं,
दोपहरी में क्लान्त पथिक को, छाया देते रहते हैं,
सूरज की भट्टी में तपकर, कंचन से हो जाते हैं।
लू के गर्म थपेड़े खाकर भी, हँसते-मुस्काते हैं।।
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उछल-कूद करते मस्ती में, गिरगिट और गिलहरी भी,
वासन्ती आभास कराती, गरमी की दोपहरी भी,
प्यारे-प्यारे सुमन प्यार से, आपस में बतियाते हैं।
लू के गर्म थपेड़े खाकर भी, हँसते-मुस्काते हैं।।
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जीवन एक यात्रा है, इसका अर्थ हुआ कि इस यात्रा का कोई उद्देश्य भी होगा और कोई लक्ष्य भी अवश्य होगा। जैसे यदि हमें कश्मीर की यात्रा पर जाना है तो हमारा लक्ष्य है कश्मीर और उद्देश्य है कश्मीर की सुंदरता को देखकर आनंदित होना।यदि हमारे जीवन का उद्देश्य भी इस जगत की सुंदरता को देखकर आनंदित होना बन जाए तो लक्ष्य तो पहले से ही प्राप्त
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मुझे अटल विश्वास है खुद पर
मैं सब कर सकता हूँ
अपाहिज हूँ पर इतना भी नहीं
कि कुछ ना कर पाऊँ
गोपाल जी पर भरोसा है मेरा
संबल कोई और सहारा ना मुझे
जिस दिन कुछ कर ना पाउंगा
जीवन की आस ना रहेगी मुझ को
ईश्वर की साधना में मन को लगा कर
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कहानी | प्रेम न बारी उपजे, प्रेम न हाट बिकाए |डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह | पहला अंतरा
उसकी उम्र यही कोई अट्ठारह-उन्नीस साल की रही होगी। अपनी सहेलियों के साथ बैठी हंस रही थी, खिलखिला रही थी। एकदम मस्तमौला जीव दिख रही थी। हाथ-हिला कर बात करना और बीच-बीच में अपनी कुर्सी से उठ-उठ पड़ना मेरे सहित वहां मौजूद सभी का ध्यान खींच रहा था। इसका अनुभव मुझे तब हुआ जब मेरे पास वाली मेज पर बैठी महिला ने कुढ़ कर कहा,‘******
मौन स्पर्श - -
में,
वो अलौकिक अनुभूति उड़ा ले जाती है
सप्त गगन के उस पार, पुनर्जन्म
का एहसास होता है हिय के
स्पंदन में, एक अद्भुत
सा रोमांच छुपा
रहता है आज
भी उस
उड़ते
हुए चुम्बन में !
आज बस इतना ही
आपका दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
पठनीय लिंकों से सजी लाजवाब चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को भी चर्चा में सम्मिलित करने हेतु धन्यवाद एवं आभार कामिनी सिन्हा जी !
सुप्रभात ! बैसाखी के पर्व की सभी रचनाकारों व पाठकों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ ! पठनीय रचनाओं से सजा अंक, बहुत बहुत आभार कामिनी जी !
जवाब देंहटाएंपठनीय सूत्रों से सजी सुंदर प्रस्तुति। बैसाखी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
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