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गुरुवार, अप्रैल 13, 2017

चर्चा - 2618

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 
चलते हैं चर्चा की ओर 

खेतों में बिरुओं पर जब, बालियाँ सुहानी आती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं।।

सोंधी-सोंधी महक उड़ रही, गाँवों के गलियारों में,
खुशियों की भरमार हो रही, आँगन में, चौबारों में,
बैसाखी आने पर रौनक, चेहरों पर आ जाती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं...
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8 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    आज की प्रस्तुति देखकर
    दिल बाग बाग हो गया
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. उम्दा लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
    आपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर सार्थक सूत्र ! मेरी रचना, 'तुम्हीं से मिलने का बस इंतज़ार रखते हैं', को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर गुरुवारीय अंक। आभार दिलबाग जी 'उलूक' के सूत्र को भी स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. चर्चामंच की प्रविष्टियाँ देख कर अच्छा लगता है.
    यहाँ पर हिंदीसक्सेस डॉट कॉम की प्रविष्टियाँ न देखकर ऐसा लगता है जैसे ब्लागर मित्रों ने hindisuccess.com को पढना बंद कर दिया है.

    जवाब देंहटाएं

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