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Friday, December 18, 2009

"दिल है कि मानता नही" (चर्चा मंच)

चर्चा मंचः प्रवेशांक

मित्रों!
काफी दिनों से "चर्चा हिन्दी चिट्ठों की में" आपके चिट्ठों को चर्चा के लिए प्रस्तुत कर रहा था। आप सबके स्नेह से मुझे बल मिला और स्वतन्त्ररूप से चर्चा करने के लिए यह "चर्चा मंच" तैयार कर लिया।
यह आपका सबका ही मंच है। आशा ही नही अपितु विश्वास भी है कि आपका प्यार पूर्ववत् मुझे मिलता रहेगा।
ब्लॉग वाणी और चिट्ठा-जगत को हार्दिक धन्यवाद के साथ- आपके आशीर्वाद का आकांक्षी
अब आज का "चर्चा मंच" सजाता हूँ-

PRAKAMYA में पढ़िए लड़की होने की वेदना!


*लड़की की इच्छा क्या है ,
बस इक पानी का बुलबुला है
बनना चाहती है बहुत कुछ,
करना चाहती है बहुत कुछ !
जाना चाहती हैं यहाँ वहां,
देखना चाहती है सारा जहाँ कल्पन...

ताऊ डॉट इन में पढ़िए ब्लॉग जगत के ताऊ की शादी का क्या राज था?
"राज ब्लागर के पिछले जन्म के"
खुशदीप ने उगलवाया ताऊ की शादी का राज -
पिछले अंक मे आपने पढा था कि खुशदीप ने ताऊ को
पिछले जन्म में ले जाकर सवाल पूछना शुरु किया.
ताऊ अब अपने पिछले जन्म मे जब वो
झंडू सियार था वहां पहुंच गया. अब...

वीर बहुटी में आज छपी है
निर्मला कपिला जी की खूबसूरत गज़ल-
- *कई दिन से बच्चे आये हुये हैं
कुछ अधिक नया लिख नहीं पा रही।
ये छोटी सी गज़ल जिसे प्राण भाई साहिब ने संवारा है
उनके आशीर्वाद से
आपके सामने प्रस्तुत कर रही हू...

ज़िंदगी के मेले में श्री बी.एस. पाबला जी ने दी है
एक आवश्यक तकनीकी सूचना-
हैकरों ने ट्विटर को बनाया निशाना,
अपने कब्जे में ले किया DNS में बदलाव -
पिछली बार जब फेसबुक व ब्लॉगस्पॉट पर
हैकिंग हमला हुआ था तो
उसके बाद गूगल जैसी दिग्गज वेब साईट्स
अक्सर ऐसा कुछ होने पर
कहती रही हैं कि ताज़ा स्थिति के लिए ट्...

दिनेश दधीचि जी ने तो शीत के माध्यम से
बहुत सुन्दर सन्देश दिया है-
बर्फ़ के ख़िलाफ़ धूप ज़रा मुझ तक आने दो -
धूप ज़रा मुझ तक आने दो !
सुनो, शीत से काँप रहा हूँ तन बाँहों से ढाँप रहा हूँ
कैसे राहत मिल सकती है
सूरज से मैं भाँप रहा हूँ ।
नहीं मूँगफली भुनी हुई, बस थोड़...

मनोरमा में श्यामल सुमन जी की
सलाह तो मान ही लीजिए-
वही बात कहो -
वो कहे रात अगर दिन को नहीं

रात कहो लबों पे आ के जो रूक जाये वही बात कहो
हैं राज दिल में कई कहना जिसे मुश्किल है
छलक पड़े जो ये आँखों से तो सौगात कहो ...

मसि-कागद जी अपनी पोस्ट में
सभ्यता के गुण-दोष को उजागर कर रहे हैं-
आस्तीन के सांप... -
आधुनिकता के इस दौर में
पाश्चात्य सभ्यता के अनुगमन कि
होड़ में.. हम दौड़ रहे हैं... अंधी दौड़ में...
बहुत आगे,
मगर पदचिन्हों पर किसी के..
हर बदलते पल के साथ, ...

bhartimayank वाली श्रीमती अमर भारती
एक पुराने लज़ीज़ व्यञ्जन को
बनाने की विधि समझा रहीं हैं-


"अँदरसा, पूरनपोली या पिटव्वा" (अमर भारती) -
* * *आज प्र**स्तुत है- अँदरसाः
* * * *पूर्वी उत्तर प्रदेश में "पिटव्वा",
* *पश्चिमी उत्तर प्रदेश में "अँदरसा * *
और सामान्यतः इसे
"पूरनपोली" के नाम से जाना जात...

श्री गगन शर्मा जी Alag sa को -
उस्ताद बिस्मिल्ला खां को
बालाजी का आशीर्वाद प्राप्त था. -
उस्ताद बिसमिल्ला खां,
संगीत की दुनिया का एक बेमिसाल फनकार,
सुरों का बादशाह।
जिन्होंने सिर्फ शादी-ब्याह के मौकों पर बजने वाली
शहनाई को एक बुलंद ऊंचाई तक...

Albelakhatri.com
सुना रहे हैं नये रूप में पुरानी बात-
इसलिए लोग कहते हैं कि
गरजने वाले बरसते नहीं हैं -
गरजना बादल की उकताई और चिल्लाहट है
बरसना बादल का मदमाना और मुसकाहट है
बादल जब तक बादलों से टकराता है,
बेचारा बोर होता है लेकिन बादल जब बादली से...

saMVAdGhar संवादघर में छपी है शानदार गज़लें
लेकिन इन्हें बता रहे हैं-

कुछ खुरदुरी-सी दो ग़ज़लें/
लगभग बुरी-सी दो ग़ज़लें - *ग़ज़ल*
जोकि ये समझ रहे हैं मुझे कुछ पता नहीं है
उन्हें जाके ये बता दो उन्हें ख़ुद पता नहीं है
यूंही ख्वाहमख्वाह ही डरके कोई बात मान लेना
इसे तुम हया न सम...

ज़िन्दगी को श्रीमती वन्दना गुप्ता ने
एक नवगीत से सजाया है-
कहाँ सजाऊँ इसे -
तेरे रूप के सागर में
उछलती -मचलती
लहरों सी चंचल चितवन
जब तिरछी होकर
नयन बाण चलाती है
ह्रदय बिंध- बिंध जाता है
धडकनें सुरों के सागर पर
प्रेम राग बरसाती हैं के...
--
आज के चर्चा मंच में केवल 11 चिट्ठों की चर्चा ही लगा पाया हूँ!
शुभकामनाओं सहित-

45 comments:

  1. उपहार देने की शुरुआत ग्यारह से ही होती है .. यह क्रमश: इक्कीस,इंक्यावन और एक सौ एक तक पहुंचे ..यह शुभकामना ।

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  2. बढिया प्रयास है....शुभकामनाएं।

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  3. वाह अच्‍छी शुरूआत है .. बिल्‍कुल अलग रूप में .. बहुत शुभकामनाएं !!

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  4. अरे वाह शास्त्री जी ,
    हमें भी और आपको भी बधाई ...और आपको शुभकामना भी ...

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  5. wah bhaut achcha laga dekhkar....shubhkaamnayen

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  6. बहुत बढिया प्रयास......
    शुभकामनाऎँ!!!!!!

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  7. बहुत बधाई इस सार्थक प्रयास के लिए एवं अनन्त शुभकामनाएँ.

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  8. आप चिटठा चर्चा तो कर रहे थे उस साझे ब्लॉग पर -यह अनावश्यक नहीं लगता ?

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  9. संतुलित चर्चा। ग्यारह भी कम नहीं होते शास्त्री जी। बहुत खूब।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman. blogspot. com

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  10. bahut accha laga yaha sab ko saath main padh kar....

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  11. बेहतरीन शुरुआत से आपने चर्चा मंच की महफ़िल सजाई
    हमारी पोस्ट ने भी इस चर्चा में थोड़ी सी जगह पाई !
    आपने सबको लड़की की वेदना की अनुभूति कराई
    नवीन ब्लॉग के नूतन मंच के लिए आपको ढेरों बधाई !

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  12. शास्त्री जी 11 की बोहनी अच्छी है। उम्मीद करते हैं यह पहले चरण में 111 फिर इसके आगे 1011 तक तो पहुंच ही जाए। 11 हजार हम फिलहाल इसलिए नहीं कहेंगे क्योंकि इतने चिट्ठे ही नहीं हंै अभी हिन्दी ब्लाग जगत में।

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  13. waah waah !

    ye hui na baat !

    ab zyaada mazaa aya chacrcha ka ........

    charcha munch ke liye shubh kaamnayen !

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  14. ये अच्छा किया आपने. इस बहाने आपकी चर्चा का लाभ रोजाना मिला करेगा. बहुत बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  15. चर्चा....?
    आपके ब्लॉग पर ....!
    हार्दिक स्वागत
    हमारा भी
    ख़याल रखिये गुरु

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  16. ग्यारह ही सही, चर्चाएँ जरूरी हैं। आप महत्व का काम कर रहे हैं। आभार!

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  17. बहुत खूब शास्त्री जी . बधाई और शुभकामनाये !

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  18. बढ़िया शुरुआत है शास्त्रीजी।
    हमारा तो सुझाव है, रोज़ ग्यारह ही रखें तो मज़ा है। अपनी रेटिंग देखने के चक्कर में आपकी चर्चा हिट हो जाया करेगी।
    वैसे कई लोग कोसेंगे भी:)

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  19. शास्त्री जी, चर्चा मंच एक सार्थक शुरूआत है। हमारी आशा है कि यह ब्लॉग जगत में एक सार्थक भूमिका निभाएगा।
    --------
    जिसपर है दुनिया को नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
    बलात्कार पीडिता जिन्दा लाश को क्यों नहीं मृत्यु का अधिकार?

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  20. स्वागतम, शास्त्री जी ..आज हमारे पास दो चर्चा मंच हो गया ...एक चर्चा मंच और चर्चा हिन्दी चिट्ठो की "

    पंकज मिश्रा

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  21. बहुत बधाई इस सार्थक प्रयास के लिए एवं अनन्त शुभकामनाएँ....

    http://lekhnee.blogspot.com/

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  22. badhiya hai shastri ji....
    charcha karne k liye acha sthan hai yeh...

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  23. shastri ji

    sabse pahle to hardik badhayi...........aap aise hi naye naye karya karte rahein aur sabko prerit karte rahein............bahut hi sundar banaya hai aur charcha bhi bahut hi badhiya lagayi hain......badhayi.

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  24. जाते वर्ष,और नाई आहटों को खूबसूरत तोहफा दिया है आपने, बधाई .........आपकी चर्चा अलग-सी होती है

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  25. ११ हमारे यहाँ शुभ अंक माना जाता है आशा है कि इसमें अब जल्दी ही वृद्धि होगी। बधाई आपको...

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  26. बहुत ही अच्छी शुरुआत.....अजित जी की तरह मुझे भी लगा की अगर टॉप ११ की चर्चा रोज़ हो तो क्या बुरा है....

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  27. एक और बहुत अच्छी शुरुवात!

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  28. बहुत बहुत शुभकामनायें..

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  29. यह चर्चा हर जगह चर्चा का विषय बने।
    शुभकामनाएं।

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  30. प्रवेशांक बना है धमाकांक
    यही है चर्चा का सूचकांक

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  31. बहुत बढ़िया। नई शुरुआत और नएपन के लिए बधाई। यह मंच प्रगति करे , यही कमना है।

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  32. बढिया प्रयास है....शुभकामनाएं!!!!!!!!!!!!!!

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  33. अजित वडनेरकर जी के सुझाव से सहमत...

    जय हिंद...

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  34. एक और चर्चा ब्लाग का स्वागत है। उन ब्लागों की चर्चा दरकार है जिनकी अन्य चर्चाओं में चर्चा नहीं होती पर पठनीय हैं।

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  35. बधाई शास्त्रीजी।
    चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी की राय से सहमति।

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  36. अच्छी चर्चा। बधाई। नचे मंच का स्वागत।

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  37. This comment has been removed by the author.

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  38. बहुत बहुत स्वागत है ।

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  39. परिवर्तत स्वरुप में 11 के शुभांक से नया प्रयास सार्थक हो. शुभकामनाएँ....

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  40. शास्त्री जी !! बहुत खुशी हुवी की आपकी आज की पोस्ट की बदौलत मै आज चर्चामंच की इस शुरूआती पोस्ट को देख पाई... आपको बधाई चर्चामंच के एक वर्ष पूर्ण करने के लिए |

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  41. आपके इस ऐतिहासिक चिट्ठे की चर्चा कल सोमवार (30-03-2015) को "चित्तचोर बने, चित्रचोर नहीं" (चर्चा - 1933) पर भी होगी, सूचनार्थ :D

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"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

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