"चर्चा मंच" अंक-8
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं-
"समीर लाल जी "चिट्ठाजगत" तीन दिन से बन्द क्यों है?
प्रिय मित्रो ! कुछ दिन पहले मैंने सभी हास्य लेखकों से अनुरोध किया था कि वे star one पर चल रहे
laughter ke phatke में शामिल होने के लिए अपनी स्क्रिप्ट भे...
"अलबेला जी अभी आपका ड्राफ्ट यहाँ नही पहुँचा है।"
चिट्ठा चर्चा में 22 दिसम्बर की चर्चा में तरकश डाट काम को प्रतिष्ठित मंथन -
दक्षिण एशिया पुरस्कार 2009 मिलने की जानकारी दी गई थी. दूसरे दिन की चर्चा में यह...
"बहुत-बहुत बधाई हो! क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएँ!"
अनिश्चितता में.... - ट्रेन धडधडाती हुई प्लेटफार्म से आ लगी थी।
ट्रेन के आते ही लोगों की गहमागहमी अचानक ही बढ़ गई थी।
यहाँ से वहां लाल यूनिफार्म में दौड़ते कुली , डिब्बे में जगह...
"कहानी में सत्य-कथा जैसा आनन्द मिला!"
"जाते हुए वर्ष को बहुत ही गरिमामय और भाव-भीनी विदाई!"
हमारे सोचने से क्या होता है?
इन्डोनेशिया की एक औक्टॉपस की प्रजाति तो ऐसा बिल्कुल नहीं सोचती।
वे नारियल के कटोरीनुमा खोल इकट्ठा करते हैं।
अब अष्टभुज हैं तो अप...
"विचित्र जानकारी"
*यार "क्रिस" यूं कब तलक तुम, ज़रा भी टस से "मस" नहीं होगे !
गिरजे की वीरान दीवारों पर, इसी तरह 'जस के तस' रहोगे !!
ज़माना गया,जब परोपकार की खातिर,
महापुरुष ख...
"MERI X-MAS"
पिछली पोस्ट में मैंने शादियों में होने वाले फ़िज़ूल खर्चे और दिखावे पर एक सवाल उठाया था।
करीब तीस ब्लोगर साथियों ने अपने विचार प्रकट करते हुए अपनी सहमति ज़ाहि...
"समाज को चेताने वाली पोस्ट।"
सांसद श्री नवीन जिंदल ने रचा एक और इतिहास अब देश में रात को भी
विशाल ध्वजदंड पर फहराया जा सकेगा राष्ट्रीय ध्वज गृह मंत्रालय ने श्री जिंदल के प्रस्ताव क...
"सार्थक पहल!"
नमस्कार , पंकज मिश्रा आपके साथ …कल अचानक तो नही मेरे नम्बर भेजने के बाद
ब्लाग जगत के बादशाह ……आप तो समझ ही गये होगे कौन? नही समझे अरे भई...
"सुर सुरीला किन्तु तन से हो गये बेडौल हैं।
कण्ठ से हैं फूटते, सुन्दर सजीले बोल हैं।।"
जी हां, कल *डॉक्टर अरविंद मिश्र* की पोस्ट बड़ी चर्चित रही....
जैसे अदाकारा ,शायरा वैसे ब्लागरा/चिट्ठाकारा क्यों नहीं?...
ब्लॉगर बिरादरी ने खुल कर इस पर अपनी ...
उसने पुकारा मुझको - कल का दिन मेरी ज़िन्दगी का वो दिन था जब मैं ज़िन्दगी के करीब था वो जिससे मैंने मिलना चाहा इक नज़र देखना चाहा लाखों पैगाम भेजे मिन्नतें की सदके किये मगर ये सोच..
"इसका उत्तर हम हिन्दी वाले क्या दे सकते है?"
दुनियाभर के समाजों में हर अच्छी शुरूआत के लिए शगुन-विचार करने का रिवाज है। बोल-चाल की हिन्दी में इसे सगुन बिचारना या सगुन-बांचना भी कहते हैं। नया काम मंगल बेला में हो जाए, ऐसे कार्य जो पुण्य प्राप्ति की आकांक्षा रखकर किये जाने हैं, उनके संबंध में शुभाशुभ सोचकर ही कोई निर्णय लिया जाए, यही सारी बातें आदिकाल से शगुन-विचार के तहत आती रही हैं। शगुन का एक अन्य रूप शकुन भी हिन्दी में खूब प्रचलित है। इसके सगुन, शगुन, सुगन, सुगुन जैसे देसी रूपों के अलावा शकुन जैसा शुद्ध तत्सम रूप व्यवहार में हैं। शकुन या शकुन्तला जैसे नाम जहां स्त्रियों में होते हैं वहीं इससे सुगनचंद या सगुनचंद जैसे पुरुषवाची नाम भी प्रचलित हैं। शगुनिया हिन्दी में उस पुरोहित को कहते हैं जो पोथी-जंत्री बांच कर शुभकार्य के मुहूर्त निकाल कर रोजी चलाता है। ये तमाम रूप बने हैं संस्कृत के शकुनः से जिसका मतलब है शुभ लक्षण, अवसर आदि। शकुन में निषेधात्मक अ उपसर्ग लगने से अपशकुन शब्द बनता है जिसका अर्थ बुरा समय, खराब संकेत, अशुभ लक्षण आदि होता है। शकुन का प्राकृत रूप होता है सगुणु जिससे बना शगुन।
"समस्त देशवासियों को क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएँ!"
अब कुछ और चिट्ठे भी देख लें-
- . . आज़ादी के बाद नए नए शब्द गड़े जाने लगे नयी नयी वस्तुए प्रयोग में आने लगी वनस्पति घी प्रचलन में आ गया .
नागरिको को जनता के रूप में शब्द प्रचलित होने ...
डा. कलाम और अनुष्का - * आज आपको अनुष्का के बारे में बताते हैं. अनुष्का लखनऊ के लामार्टिनियर गल्र्स स्कूल में पढऩेवाली एक बच्ची है. आम बच्चों की तरह वो भी उन लोगों से मिलना चाहत..
आत्महत्या मत कर बेटी , ये जिंदगी ईश्वर ने जीने के लिये दी हैं - रुचिका के केस के बारे मे पता नहीं था । दो दिन पहले जब इस केस का फैसला आया तो पता लगा कि एक लड़की / बच्ची थी रुचिका उम्र मात्र १४ वर्ष , एक उभरती टेनिस कि खि...
ईसा जयंती: शुभ कामनायें!! - ईसा-जयंती के इस पावन पर्व पर आप सब को ईश्वर की असीम आशिष प्राप्त हो! राजमहलों में जन्म लेने के बदले जिस तरह से प्रभु ईसा ने एक गरीब के घर में और वह भी ...
पसन्द करें - कौन सी मछली खायेंगे - इस चिट्ठी में कोवलम अन्तर्राष्ट्रीय समुद्र तट की चर्चा है। त्रिवेन्दम में हम केटीडीसी के होटेल में ठहरे थे। इस होटल के सामने के समुद्र तट का नाम 'समुद्र'...
सर्दी कम, सब्जी कम अर्जुन प्रसाद पटेल अपनी मड़ई पर नहीं थे। पिछली उस पोस्ट में मैने लिखा था कि वे सब्जियों की क्यारियां बनाते-रखवाली करते दिन में भी वही..
हाथ तो ऐसे जोड़े हैं, जैसे नोबेल प्राइज लेकर स्वदेश लौटे हैं । - छेड़छाड़ के आरोपी पूर्व-डीजीपी को छह माह की जेल चंडीगढ़। सीबीआई की एक विशेष कोर्ट ने उन्नीस साल पहले एक किशोरी से छेड़छाड़ करने के मामले में हरियाणा के प...
प्रिंटर की धूल और मोटी रोटियाँ ... - प्रिंट लेने को प्रिंटर ऑन करता हूँ और पाता हूँ कि उस पर धूल नहीं है ....अचानक मन में हथौड़ा बजता है- अम्माँ गाँव वापस चली गईं! मायके से श्रीमती जी का आना उ...
अंग्रेजी का तिलिस्म तोड़ने की लीला - वैसे तो साइबर वर्ल्ड सभी काम अंग्रेजी भाषा में होते है लेकिन अगर ये सभी काम अपनी भारतीय भाषा में हो तो इसका अलग ही महत्व होगा। इसी सुविधा को ध्यान में रखते ह...
कवितायें : जसवीर अरोड़ा - यूनिफार्म एक-सी वर्दी पहने हुए सड़क पर मार्च करती भीड़ के लोगों से मुझे डर लगता है। चाहे वह केसरिया वाले साधु हों चाहे आर्मी के जवान चाहे श्वेत साड़ी वाली...
समकालीन कविता पर एक ज़रूरी किताब - अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक आशुतोष कुमार आज के आलोचकों में प्रमुख हैं। हिंदी के निरंतर जर्जर होते जा रहे आलोचना ढाँचे में आशुतोष ने...
एक साल बीत गया..... - आज पिछली पोस्टों को देखते हुए अचानक ही पहली पोस्ट पर गई तो चौंक पड़ी. २ दिसंबर २००८. यानी मुझे ब्लॉग जगत से जुड़े एक साल से भी ज्यादा हो गया!!!! लगता ही नह...
अन्तर सोहिल जी ने पूछा है कि.... - अन्तर सोहिल..... पढा है कि आपके वहां तो -30 से -35 डिग्री टेम्प्रेचर हो गया है। आप वहां के बारे में कुछ बतायेंगें तो मेहरबानी होगी। आप लोग कैसे सब काम करत...
उत्सव बना झमेला - *खुशी अफसोस में बदल गई * मेरे छोटे भाई की शादी तय हो गई थी। 12 फरवरी को शादी और 14 को रिसेप्सन ओ भी बिना लड़की देखे। कि शादी ही तो करनी है। लड़की से करनी है..
जिम्मेदारी का अहसास उस दिन पहली बार हुआ!!!सायकिल चलाना सीखने के बाद अब मेरे पंख लग गए थे. कुछ महीनो बाद सायकिल मैं अच्छे से चला सकता था. कभी छोटे भाई को बैठा कर चलाने का प्रयास भी कर लिया करता था. स्कुल में सबको पता चल गया था कि मैं अब सायकिल चलाना सीख गया हूँ.
और ये रहा आज का कार्टून!
आज के लिए बस इतना ही!
बढिया चर्चा .. आपको क्रिसमस की बहुत बहुत बधाई !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और रोचक चर्चा ........
ReplyDeleteवाह ! वाह !
बहुत खूब !
बढ़िया प्रस्तुति.. बधाई !
ReplyDelete"समस्त देशवासियों को क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएँ!"
प्रकाम्या
बहुत बढिया शाश्त्री जी. क्रिशमश की रामराम.
ReplyDeleteरामराम.
आपको बड़ादिन व नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDelete"समीर लाल जी "चिट्ठाजगत" तीन दिन से बन्द क्यों है?
ReplyDelete-तकनीकी समस्या है एवं चिट्ठाजगत टीम को ज्ञात है. जल्द ही वापस आ रहा है.
तब तक आप इस चिट्ठाचर्चा मंच से यह उत्कृष्ट कार्य कर लिंक प्रदान करते रहें..बहुत जरुरत है.
वैसे ब्लॉगवाणी ठीक कार्य कर रहा है.
क्रिसमस एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसादर
समीर लाल
बहुत खूब!
ReplyDeleteआपको नए साल की मुबारकबाद।
ReplyDeletehamesha ki tarah lajawaab charcha........chirstmas ki shubhkamnayein.
ReplyDeleteचर्चा का आनंद बढ़ता जा रहा है!
ReplyDeleteGoa in Hindi
ReplyDeleteMean Sea Level in Hindi
Independence Day in Hindi
Swachh Bharat Abhiyan
Aadhar Card in Hindi